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मोदी राज में भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत: देश में कई साल रह सकता है 9 प्रतिशत का ग्रोथ रेट

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। मोदी राज में विकास की स्थिति यह है कि देश में कई साल तक 9 प्रतिशत का ग्रोथ रेट रह सकता है। राजस्थान के उदयपुर जिले में जी20 अध्यक्षता के तहत आयोजित पहली शेरपा बैठक में आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा कि भारत कई वर्षों तक 9 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि 2030 के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि दुनिया लगातार उच्च वृद्धि दर हासिल करे। सान्याल ने कहा कि भारत की प्रति व्यक्ति आय केवल 2,200 अमेरिकी डॉलर है और यह कई वर्षों की उच्च वृद्धि दर के बाद हासिल की गई है। विशेष रूप से दक्षिणी गोलार्ध में एसडीजी हासिल करने के लिए जीडीपी विकास दर को बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

आइए देखते हैं देश की अर्थव्यवस्था और विकास पर विभिन्न रेटिंग एजेंसियों का क्या कहना है…

अगले साल जी-20 में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होगा भारत
भारत अगले साल जी-20 में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होगा। रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने कहा है कि राजकोष के स्तर पर भारत का मजबूत रुख बरकरार है और आने वाले समय में राजस्व के साथ कर्ज के स्थिर होने के मामले में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष क्रिश्चियन डी गुजमैन ने कहा कि देश की वित्तीय प्रणाली मजबूत बनी हुई है। उन्होंने कहा कि हमारा अनुमान है कि भारत अगले साल जी-20 में तीव्र आर्थिक वृद्धि हासिल करने वाला देश होगा। मूडीज ने 2022 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान का 7.0 प्रतिशत, 2023 में 4.8 और 2024 में 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। जबकि मूडीज ने जी-20 अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि दर 2023 में 1.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।

देश में मंदी की आशंका नहीं, छह से सात प्रतिशत रहेगी वृद्धि दर- राजीव कुमार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। दुनियाभर में मंदी की आशंकाओं के बीच नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि भारत में इसका कोई असर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका, यूरोप, जापान और चीन की अर्थव्यवस्थाएं नीचे आ रही हैं। ऐसे में यह स्थिति आने वाले महीनों में वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर ले जा सकती है। लेकिन उन्होंने साफ कहा कि अनिश्चित वैश्विक परिस्थितियों से भारतीय अर्थव्यवस्था प्रभावित तो जरूर हो सकती है, लेकिन 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था छह से सात प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि अच्छी बात यह है कि भारत में मंदी की ऐसी कोई आशंका नहीं है, क्योंकि भले ही हमारी वृद्धि वैश्विक परिस्थितियों से नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती है, इसके बावजूद 2023-24 में हम 6-7 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज करने में कामयाब रहेंगे।”

विकास दर 6- 7 प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद- पीएचडीसीसीआई
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। देश के लिए अच्छी खबर यह है कि मौजूदा वित्त वर्ष में विकास दर 6- 7 प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद है। उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था छह से सात प्रतिशत की दर से आगे बढ़ सकती है। पीएचडीसीसीआई के नए अध्यक्ष साकेत डालमिया ने कहा कि उत्पादन में तेजी आई है और देश में मजबूत मांग है। डालमिया ने यह भी कहा कि उद्योग मंडल ने अपने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कृषि और रसायनों जैसे 75 संभावित उत्पादों की पहचान की है, ताकि वर्ष 2027 तक 750 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिल सके।

दुनियाभर में मंदी के बीच सिर्फ भारत से उम्मीद- आईएमएफ
अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने मंगलवार, 11 अक्तूबर को जारी आउटलुक रिपोर्ट में कहा है कि दुनियाभर में मंदी के बीच सिर्फ भारत से उम्मीद है। दैनिक जागरण के अनुसार आईएमएफ के एक अधिकारी ने कहा कि आज हर किसी देश की आर्थिक विकास के मामले में धीमी गति हो रही है, लेकिन भारत पर इसका प्रभाव नहीं पड़ा है और अन्य देशों की तुलना में भारत बेहतर स्थान पर है। आईएमएफ अधिकारी ने कहा कि इस साल या अगले साल वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए जिम्मेदार अमेरिका, यूरोपीय यूनियन और चीन सहित कई देश मंदी की चपेट में आ जाएंगे। जबकि भारत में स्थिति अन्य देशों की तुलना में अच्छी रहेगी। आईएमएफ ने चीन की विकास दर 3.2 प्रतिशथ रहने का अनुमान जताया है।

आईएमएफ को भरोसा, वैश्विक अर्थव्यवस्था की अगुवाई करेगा भारत
इसके पहले आईएमएफ ने कहा था कि भारत की अगुवाई में दक्षिण एशिया वैश्विक वृद्धि का केंद्र बनने की दिशा में बढ़ रहा है और 2040 तक वृद्धि में इसका अकेले एक-तिहाई योगदान हो सकता है। आईएमएफ के हालिया शोध दस्तावेज में कहा गया कि बुनियादी ढांचे में सुधार और युवा कार्यबल का सफलतापूर्वक लाभ उठाकर यह 2040 तक वैश्विक वृद्धि में एक तिहाई योगदान दे सकता है। आईएमएफ की एशिया एवं प्रशांत विभाग की उप निदेशक एनी मेरी गुलडे वोल्फ ने कहा कि हम दक्षिण एशिया को वैश्विक वृद्धि केंद्र के रूप में आगे बढ़ता हुए देख रहे हैं।

सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था के तौर पर उभरेगा भारत
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अगले साल 2023 में ग्लोबल इकोनॉमी ग्रोथ कम होने से वैश्विक मंदी की आशंका जतायी है। हालांकि भारत के लिए अच्छी खबर यह है कि तामाम चुनौतियों के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन बेहतर रहेगा। 2022-23 में भारत सात प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था के तौर पर उभरेगा। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा कि निश्चित ही ऐसा माहौल बनने जा रहा है जहां दुनियाभर के कई देशों को कम वृद्धि का सामना करना पड़ेगा बल्कि वे मंदी में भी जा सकते हैं। लेकिन भारत पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। संजीव सान्याल ने कहा कि ऐसे हालात में भारत का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहेगा, वह चालू वित्त वर्ष में बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच सात प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर के साथ सबसे मजबूत रहेगी।

देश की विकास दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान
देश के लिए अच्छी खबर यह है कि मौजूदा वित्त वर्ष में विकास दर 7 प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर कायम रखा है। रेटिंग एजेंसी ने बुधवार को कहा कि मांग बढ़ने के साथ वृद्धि दर के 7.2 प्रतिशत पर आने का अनुमान है। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि हम 2022-23 में जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने के अनुमान को बरकरार रख रहे हैं। इसका कारण मांग बढ़ने से होटल जैसे संपर्क गहन क्षेत्रों में पुनरुद्धार और सार्वजनिक एवं निजी पूंजी व्यय में वृद्धि है। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड संख्या में दैनिक जीएसटी ई-वे बिल से पता चलता है कि बाजार में भरोसा बढ़ा है।

विकास दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान- मुख्य आर्थिक सलाहकार
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था सात प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। मुंबई में आयोजित ग्लोबल फिनटेक फेस्ट को संबोधित करते हुए नागेश्वरन ने कहा कि भारत ने हाल ही में ब्रिटेन को पीछे छोड़कर दुनिया की पांचवी बड़ी आर्थिक शक्ति बना है। यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है लेकिन वास्तव में यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में और एक दशक तक भारत की आर्थिक विकास दर सात प्रतिशत के आसपास रह सकती है।

ADB को भी सात प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद
एशियाई विकास बैंक- (एडीबी-ADB) को भी सात प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है। एशियन डेवलपमेंट बैंक ने अपनी फ्लैगशिप एडीओ रिपोर्ट में कहा है कि जीडीपी ग्रोथ वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 7 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन की अर्थव्यवस्था 2022-23 में 3.3 प्रतिशत की दर से विस्तार करेगी।

एशिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था है भारत- मार्गन स्टेनली
ब्रोकरेज फर्म मार्गन स्टेनली के अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि 2022-23 में भारत एशिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बनकर उभर सकता है। मार्गन स्टेनली के अनुसार 2022-23 में भारत की विकास दर का औसत सात प्रतिशत रह सकता है। मोदी सरकार की और से पिछले कुछ सालों में की गई आर्थिक नीति सुधारों, युवा कार्यबल और कारोबारी निवेश से भारत मजबूत घरेलू मांग उत्पन्न करने की स्थिति में है। इससे अर्थव्यवस्था में मजबूती बनी हुई है। मार्गन स्टेनली ने अनुमान जताया है कि 2022-23 में एशियाई और वैश्विक विकास में भारत का योगदान 28 प्रतिशत और 22 प्रतिशत रह सकता है।

7.1 प्रतिशत रह सकती है जीडीपी ग्रोथ- केयरएज रेटिंग्‍स
मोदी सरकार की नीतियों के कारण वित्त वर्ष 2022-23 में अर्थव्‍यवस्‍था की विकास दर 7.1 प्रतिशत रह सकती है। केयरएज रेटिंग्‍स की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार के चलते वित्तवर्ष 2023 की शुरुआत बेहतर हुई है। जीएसटी कलेक्‍शन, ई-वे बिल रजिस्‍ट्रेशन और क्रेडिट ग्रोथ जैसे कई हाई फ्रिक्‍वेंसी इकोनॉमिक इंडिकेटर्स का पहले चार महीने में प्रदर्शन दमदार रहा है। इससे 2022-23 में अर्थव्‍यवस्‍था की विकास दर 7.1 प्रतिशत रह सकती है।

जीडीपी ग्रोथ 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान- आरबीआई
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा है कि वित्त वर्ष 2023 में भारत की जीडीपी विकास दर 7.2 प्रतिशत रह सकती है। रिजर्व बैंक ने कहा है कि अप्रैल-जून तिमाही के दौरान भारत की जीडीपी ग्रोथ 16.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इकनॉमिक टाइम्स के अनुसार अर्थशास्त्रियों के एक सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में 14-15 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि सबसे बुरा समय खत्म हो गया है। 10 अर्थशास्त्रियों के सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 23 की वृद्धि दर 7.2-7.6 प्रतिशत के बीच आंकी गई। HDFC के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ के अनुसार पहली तिमाही में जारी हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स बताते हैं कि वैश्विक प्रतिकूलताओं के बावजूद आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है।

पहली छमाही में जीडीपी ग्रोथ 7-8 प्रतिशत रहने का अनुमान
मोदी सरकार की नीतियों की वजह से वित्त वर्ष 23 की पहली छमाही में जीडीपी ग्रोथ 7-8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। देश के ज्यादातर मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (CEO) का मानना है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में अर्थव्यवस्था 7-8 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के एक सर्वे के अनुसार 57 प्रतिशत CEO का मानना है कि सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 7 से 8 प्रतिशत के बीच रहेगी। CII के सर्वे में देशभर के 136 CEO ने भाग लिया। CII CEOs पोल नतीजे स्पष्ट रूप से भारतीय उद्योग के लचीलेपन के साथ घरेलू और निर्यात दोनों पर सकारात्मक व्यावसायिक दृष्टिकोण को प्रदर्शित करते हैं। सर्वे के दौरान इंडिया इंक के सीईओ का यह भी मानना था कि इस दौरान उनकी कंपनी में रोजगार सृजन की संभावनाएं भी बेहतर रहेंगी।

सबसे तेजी से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था- यूएन
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में भी कहा गया है कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण दुनियाभर में पड़े नकारात्मक असर के बाद भी भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख इकोनॉमी बना रहेगा। संयुक्त राष्ट्र ने ग्लोबल इकोनॉमी की स्थिति पर जारी अपनी हालिया रिपोर्ट में वर्ष 2022 में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। जबकि रिपोर्ट में वैश्विक अर्थव्यवस्था के वर्ष 2022 में 3.1 प्रतिशत की दर से वृद्धि करने का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि इस मामले में भारत कुछ बेहतर स्थिति में है।

सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में शामिल रहेगा भारत- केपीएमजी
ग्लोबल कंसल्टिंग फर्म केपीएमजी ने कहा कि वर्ष 2022 में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में भारत शामिल रहेगा। वित्त वर्ष 2022-23 में 7.7 प्रतिशत रह सकती है। केपीएमजी का कहना है कि भारत सरकार की मौजूदा नीतियां आर्थिक रफ्तार को आगे भी बढ़ाए रखेंगी। इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर फोकस और इस क्षेत्र में किए जा रहे निवेश से न सिर्फ विकास दर में तेजी आएगी, बल्कि बेरोजगारी भी घटेगी। केपीएमजी के अुसार, कोरोना के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की रिकवरी रेट बढ़ी है। आर्थिक सुधार के मोर्चे पर आगे बढ़ने और मांग में तेजी की वजह से मोबिलिटी इंडेक्स, डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन, बिजली की मांग सभी में उछाल दर्ज किया जा रहा है।

मौजूदा वित्त वर्ष में 7.4 प्रतिशत रह सकता है भारत का जीडीपी
उद्योग संगठन फिक्की ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में देश की जीडीपी वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रह सकती है। ताजा आर्थिक परिदृश्य सर्वेक्षण रिपोर्ट में फिक्की ने चालू वित्त वर्ष में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है, लेकिन वृद्धि से जुड़े जोखिमों को लेकर सतर्क भी किया गया है। फिक्की आर्थिक आउटलुक सर्वेक्षण ने इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर के लिए विकास दर 5.9 प्रतिशत और 8.5 प्रतिशत के साथ कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए 3.3 प्रतिशत विकास का अनुमान लगाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस-यूक्रेन के बीच जारी लड़ाई के कारण कीमतें वैश्विक आर्थिक पुनरुद्धार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई हैं। आर्थिक परिदृश्य सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक वर्ष 2022 की दूसरी छमाही में ब्याज दरें बढ़ाने का सिलसिला शुरू कर सकता है।

9.2 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रही है भारतीय अर्थव्यवस्था- नीति आयोग
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 9.2 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है और आने वाले वर्षों में भी यह तेजी बरकरार रहने की उम्मीद है। ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारत आज अभूतपूर्व स्तर के आर्थिक विकास और तकनीकी बदलावों को देख रहा है। अर्थव्यवस्था 9.2 प्रतिशत की दर से ग्रोथ कर रही है और आने वाले वर्षों में भी ग्रोथ की यह रफ्तार बरकरार रहने की उम्मीद है। इसके साथ हम दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में तीव्र आर्थिक ग्रोथ हासिल करने वाले देशों में से एक हैं।’’ अमिताभ कांत ने कहा कि देश ने दक्षता को अधिकतम करने के लिए कई उपाय किए हैं, जिसमें जीएसटी, इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, कॉरपोरेट करों को कम करना शामिल हैं। उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इससे अगले पांच साल में देश के उत्पादन में 520 अरब डॉलर का इजाफा होगा और भारत ग्लोबल सप्लाई चेन का हिस्सा बनेगा।

भारत के नाम होगी सदी, 10 साल में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था- डेलॉय
डेलॉय के वैश्विक सीईओ पुनित रंजन ने कहा है कि भारत 2022 में तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होगी। इसकी वृद्धि दर 8-9 प्रतिशत रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि हालांकि कोरोना संक्रमण आर्थिक विकास के रास्ते में रोड़ा है, लेकिन भारत महामारी से निपट ले तो यह सदी उसके नाम होगी क्योंकि आर्थिक लय उसके पक्ष में है। डेलॉय सीईओ ने कहा कि भारत अगर कोरोना से निपट ले तो मुझे भरोसा है कि वह बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के विकास के मामले में दूसरों का नेतृत्व करेगा। खास बात है कि अगले 10 वर्षों में 6-7 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। आकार के मामले में यह दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं में तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा।

एशिया की दूसरी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत
भारत वर्ष 2030 तक जापान को पीछे छोड़कर एशिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। आईएचएस मार्किट ने अपनी ताजा रिपोर्ट में दावा किया कि वर्ष 2030 तक भारतीय अर्थव्यवस्था ब्रिटेन और जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरे पायदान पर पहुंच जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक भारत की जीडीपी 2030 में बढ़कर 84 खरब डॉलर होने का अनुमान है, जो फिलहाल 27 खरब डॉलर है। वर्ष 2030 तक भारत की जीडीपी की साइज जर्मनी और ब्रिटेन से ज्यादा होकर अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यस्था बन सकती है। आईएचएस मार्किट ने दावा किया कि कुल मिलाकर भारतीय अर्थव्यवस्था का भविष्य मजबूत और स्थिर दिख रहा है, जिससे अगले एक दशक तक यह सबसे तेज बढ़ती जीडीपी वाला देश बना रहेगा।

8.2 प्रतिशत रहेगी विकास दर- बैंक ऑफ अमेरिका
अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी बैंक ऑफ अमेरिका ने कहा है कि अगले वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान भारत की विकास दर 8.2 प्रतिशत रहेगी। बैंक ऑफ अमेरिका ने अपने अनुमान में कहा है कि अगले वर्ष भारत में चीजें सामान्य होंगी और ग्रोथ रेट रफ्तार पकड़ेगी। बैंक का कहना है कि उपभोग बढ़ने से ग्रोथ को प्रोत्साहन मिलेगा।

9.8 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था- गोल्डमैन सैक्स
ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विस कंपनी गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में दुनिया की सबसे तेज अर्थव्यवस्था के रूप में भारत सबसे आगे रहेगा। विकास दर के मामले में अमेरिका और चीन को पीछे छोड़ते हुए देश के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2022-23 में यह बढ़कर 9.8 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। 

आर्थिक वृद्धि दर 9.5 फीसदी रहने का अनुमान-एसएंडपी
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि 2022-23 में यह 7 प्रतिशत रह सकती है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के निदेशक (सॉवरेन) एंड्रयू वुड ने कहा कि महामारी के संदर्भ में भारत की बाह्य स्थिति मजबूत हुई है। देश ने रिकॉर्ड गति से विदेशी मुद्रा भंडार जुटाया है।

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