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चीन में बढ़ते कोरोना के ख़तरों को देखते हुए भारत अलर्ट, पीएम मोदी ने की समीक्षा बैठक, स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने की गाइडलाइन पालन करने की अपील

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चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों से पूरी दुनिया में दहशत का माहौल है। भारत में भी ओमिक्रोन के नये वैरिएंट बीएफ-7 के चार मामले सामने आने के बाद महामारी से निपटने के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत में कोरोना की स्थिति को लेकर करीब डेढ़ घंटे तक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इस बीच यूपी, दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब और तमिलनाडु ने भी कोरोना पर समीक्षा बैठकें की हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बैठक के बाद लोगों से गाइडलाइन पालन करने की अपील की। राज्यसभा और लोकसभा में भी इसे लेकर सावधानी बरतने की अपील की गई।

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार (22 दिसंबर, 2022) को हुई उच्च स्तरीय वर्चुअल समीक्षा बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी परमेश्वरन अय्यर समेत अन्य लोग शामिल थे। प्रधानमंत्री मोदी की कोरोना पर समीक्षा बैठक के बाद अब राज्यों के लिए नई एडवाइजरी और गाइडलाइंस जारी हो सकती है। इस एडवाइजरी में नए साल के जश्न में भीड़ कम करने और 7 दिन के अंदर क्वारंटीन और टेस्टिंग की तैयारी पूरी कर लेने के निर्देश मिल सकते हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने कहा कि जापान, चीन, दक्षिण कोरिया समेत कई देशों में कोरोना के केसों और मौतों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय कोरोना से खराब होती स्थिति को देखते हुए पहले से ही कदम उठाना शुरू कर चुकी है। तकनीकी सहायता के अलावा भारत सरकार ने एनडीआरएफ, आयुष्मान योजना और अन्य सरकारी योजनाओं के जरिए कोरोना का सामना करने की तैयारी की है। राज्यों को कोविड से बचाव के लिए मदद दी जा रही है। उन्हें जीनोम सीक्वेंसिंग बढ़ाकर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की सलाह दी गई है।

स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यसभा में भी कोरोना की स्थिति पर बयान दिया। मांडविया ने कहा कि हमने कोविड पर कोई राजनीति नहीं की है। देशभर के बड़े अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं और चलाए जा रहे हैं। हमने देश में पर्याप्त मात्रा में दवाओं की समीक्षा की है। मनसुख मांडविया ने आगे बताया कि हमने अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर विदेश से भारत आने वाले लोगों की रैंडम आरटीपीसीआर जांच करना शुरू कर दिया है। हम महामारी से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं और उचित कदम उठा रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ये भी कहा कि कोरोना की वैश्विक स्थिति पर हम नजर बनाए हुए हैं और उसी के हिसाब से कदम उठा रहे हैं। राज्यों को सलाह दी जाती है कि वे कोविड-19 के नए वेरिएंट की समय पर पहचान करने के लिए जीनोम-सीक्वेंसिंग बढ़ाएं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रबंधन में स्वास्थ्य विभाग काफी सक्रिय रहा है। केंद्र सरकार ने महामारी के खिलाफ लड़ाई में राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान की है। अब तक 220 करोड़ कोविड वैक्सीन की डोज दी जा चुकी हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हम चीन में कोविड की स्थिति पर नजर रख रहे हैं। हम दुनिया की फार्मेसी हैं और उस रूप में हमेशा दूसरे देशों की मदद की है। हमें अभी ट्रैवल एडवाइजरी जारी करना है, लेकिन लोगों को उस देश में स्थानीय दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए जहां वे रह रहे हैं।

गौरतलब है कि पिछले छह महीनों के दौरान देश में BF-7 ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट के चार मामले दर्ज किए गए। कोविड का यह वैरिएंट चीन में संक्रमण के मौजूदा उछाल के लिए जिम्मेदार है। जानकारी के मुताबिक, देश में इस वक्त कोविड-19 के 10 अलग-अलग वैरिएंट मौजूद है, जिनमें BF-7 नवीनतम है। पड़ोसी देश चीन में संक्रमण की स्थिति में तेजी देखते हुए, केंद्र सरकार ने हवाईअड्डों पर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की रैंडम सैंपलिंग शुरू कर दी है। अमेरिका, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, फ्रांस सहित विभिन्न देशों में कोरोना संक्रमण के मामलों की रफ्तार तेज देखी जा रही है।

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