साल 2021 का गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेस, गोरखपुर को दिया जाएगा। रविवार 18 जून, 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में निर्णायक मंडल ने वर्ष 2021 के गांधी शांति पुरस्कार के लिए गीता प्रेस, गोरखपुर का चयन किया है। यह पुरस्कार गीता प्रेस, गोरखपुर को अहिंसक और अन्य गांधीवादी आदर्शों के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र में परिवर्तन लाने में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने शांति और सामाजिक सद्भाव के गांधीवादी आदर्शों को बढ़ावा देने में गीता प्रेस के योगदान को याद करते हुए कहा कि गीता प्रेस को अपनी स्थापना के सौ वर्ष पूरे होने पर गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जाना संस्थान द्वारा सामुदायिक सेवा में किए गए कार्यों की सराहना करना है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट संदेश में लिखा, “मैं गीता प्रेस, गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार 2021 से सम्मानित किए जाने पर बधाई देता हूं। लोगों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन को आगे बढ़ाने की दिशा में उन्होंने पिछले 100 वर्षों में सराहनीय कार्य किये हैं।”
I congratulate Gita Press, Gorakhpur on being conferred the Gandhi Peace Prize 2021. They have done commendable work over the last 100 years towards furthering social and cultural transformations among the people. @GitaPress https://t.co/B9DmkE9AvS
— Narendra Modi (@narendramodi) June 18, 2023
गीता प्रेस ने इसी साल 100 वर्ष पूरे किए हैं। वर्ष 1923 में 29 अप्रैल को स्थापित गीता प्रेस विश्व में सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है। इसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ पुस्तकों का प्रकाशन किया है। इनमें 16.21 करोड़ श्रीमद भगवद गीता पुस्तकें शामिल हैं। गीता प्रेस की एक बड़ी बात यह भी है कि इसने कभी भी अपने प्रकाशनों के लिए विज्ञापन नहीं लिए।
गांधी शांति पुरस्कार भारत सरकार द्वारा स्थापित एक वार्षिक पुरस्कार है। वर्ष 1995 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर उनके आदर्शों के प्रति श्रद्धांजलि स्वरूप इस पुरस्कार की स्थापना की गई थी। यह पुरस्कार राष्ट्रीयता, नस्ल, भाषा, जाति, पंथ या लिंग के भेदभाव के बगैर सभी व्यक्तियों के लिए खुला है। पुरस्कार में एक करोड़ रुपए की राशि, एक प्रशस्ति पत्र, एक पट्टिका और एक उत्कृष्ट पारंपरिक हस्तकला कृति प्रदान की जाती है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के गीता प्रेस को वर्ष 2021 का गांधी शांति पुरस्का’ प्रदान किए जाने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा, ‘भारत के सनातन धर्म के धार्मिक साहित्य का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र, गोरखपुर स्थित गीता प्रेस को वर्ष 2021 का ‘गांधी शांति पुरस्कार’ प्राप्त होने पर हृदय से बधाई। स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर मिला यह पुरस्कार गीता प्रेस के धार्मिक साहित्य को एक नई उड़ान देगा। इसके लिए आदरणीय प्रधानमंत्री जी का हार्दिक आभार।’
भारत के सनातन धर्म के धार्मिक साहित्य का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र, गोरखपुर स्थित गीता प्रेस को वर्ष 2021 का ‘गांधी शांति पुरस्कार’ प्राप्त होने पर हृदय से बधाई।
स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर मिला यह पुरस्कार गीता प्रेस के धार्मिक साहित्य को एक नई उड़ान देगा।
इसके लिए आदरणीय…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 18, 2023
हाल के वर्षों में 2019 में ओमान के सुल्तान कबूस बिन सैद अल सैद और 2020 में बांग्लादेश के बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान को गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। पूर्व पुरस्कार विजेताओं में इसरो, रामकृष्ण मिशन, बांग्लादेश के ग्रामीण बैंक, विवेकानंद केंद्र (कन्याकुमारी), अक्षय पात्र (बेंगलुरु), एकल अभियान ट्रस्ट (भारत) और सुलभ इंटरनेशनल (नई दिल्ली) जैसे संगठन शामिल हैं।
यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले विशिष्ट व्यक्तियों में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. नेल्सन मंडेला, तंजानिया के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जूलियस न्येरेरे, श्रीलंका के सर्वोदय श्रमदान आंदोलन के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. ए.टी. अरियारत्ने, जर्मनी के डॉ. गेरहार्ड फिशर, बाबा आमटे, आयरलैंड के डॉ. जॉन ह्यूम, चेकोस्लोवाकिया के पूर्व राष्ट्रपति वाक्लेव हवेल, दक्षिण अफ्रीका के आर्कबिशप डेसमंड टूटू, चंडी प्रसाद भट्ट और जापान के योही ससाकावा शामिल हैं।