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किसान नेताओं को दीप सिद्धू की फिर धमकी, आंदोलन जमीन बचाने के लिए नहीं, सियासत के लिए हो रहा है

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26 जनवरी को लाल किले में उपद्रव के बाद पंजाबी फिल्मों के अभिनेता और सिंगर दीप सिद्धू गिरफ्तारी के डर से भागा फिर रहा है। वीडियो जारी कर जहां किसान नेताओं को धमकी दे रहा है, वहीं अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए घड़ियाली आंसू बहा रहा है। दीप सिद्धू ने रविवार शाम को सोशल मीडिया पर लाइव किया और रोते हुए कहा कि सब ने मेरा साथ छोड़ कर मुझे गद्दार बता दिया। अगर एजेंट होता तो खेतों में ऐसे भागता नहीं फिरता। कहीं रिजोर्ट और बड़े होटलों में होता। मैं सब कुछ छोड़कर सड़कों पर भटकने को मजबूर हूं।

दीप सिद्धू ने किसान नेताओं को धमकी देते हुए कहा कि मैं बहुत कुछ जानता हूं लेकिन, इस समय बोलना नहीं चाहता। मुझे पुलिस के पकड़े जाने का कोई डर नहीं है। बाहर आकर सबका हिसाब चुकता करूंगा। तुम लोगों ने एक शरीफ इंसान को पकड़कर गद्दार बना दिया। जबकि, लाल किले में लाखों की संख्या में लोग पहुंचे थे। किसान नेता भी शामिल थे। दीप ने कहा कि लोग कह रहे हैं कि दीप भाग गया तो ऐसे हालात में क्या मैं लड़ूं। लोग अफवाह उड़ा रहे हैं कि दीप सिद्धू मुंबई भाग गया। जबकि वे देख लो खेत में इस हालत में बैठे हैं। किन्नू खाकर गुजारा कर रहा हूं। रोटी को तरस रहा हूं।

दीप ने किसान नेताओं पर आरोप लगाया कि वे जमीन बचाने के लिए नहीं, बल्कि सियासत करने के लिए वहां बैठे हैं। मुझे सियासत नहीं आती इसलिए फंसा दिया। मैं तो तुम्हारे साथ पंजाब के अस्तित्व की लड़ाई समझकर जुड़ा था। दीप ने ये स्वीकार किया है कि दो दिन पहले वह पटियाला गया था, जहां पंजाब पुलिस ने उसे पकड़ने की कोशिश की। लेकिन, वह बच गया था। दीप ने कहा कि वह अभी भी सिंधू बॉर्डर के पास कहीं खेतों में बैठा है।

इससे पहले दीप सिद्धू का एक और वीडियो सामने आया था जिसमें उसने किसान नेताओं के बारे में कहा था कि अगर मैं चाहूं तो कई खुलासे कर सकता हूं, लेकिन ये समय नहीं है। लेकिन मैं सच को सामने रखूंगा, एक-एक बात सामने रखूंगा। आप लोग क्या समझ के बैठो हो? आप गद्दारी का सर्टिफिकेट बांट रहे हो.. मैं आपके हक की खातिर लड़ रहा हूं.. अगर मैं परते खोलने पर आ गया तो ना फिर भागने का रास्ता नहीं मिलेगा।’

गौरतलब है कि प्रदर्शनकारी किसानों की गणतंत्र दिवस के मौके पर निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान जमकर हिंसा हुई थी। प्रदर्शनकारियों ने लाल किले की प्राचीर पर जाकर निशान साहिब का झंडा भी फहरा दिया था। इसके बाद किसान नेताओं ने अपना पल्ला झाड़ते हुए उपद्रव के लिए दीप सिद्धू को जिम्मेदार बताया था। 

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