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मोदी सरकार की कुशल रणनीति से गलवान में बुरी तरह मात खाने के बाद भी नहीं सुधर रहा ड्रैगन, पेंटागन की रिपोर्ट : विवादित क्षेत्र में चीन ने बड़ा गांव बनाया

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुशल रणनीति से गलवान में बुरी तरह मात खाने के बाद भी ड्रैगन नहीं सुधर रहा है। गलवान में पटखनी खाए चीन की बौखलाहट और बढ़ गई है। अब वह लद्दाख के लेकर तवांग तक दबाव बढ़ाने में लगा हुआ है। चीन के सरकारी मीडिया ने लिखा है कि सर्दी में झड़पें हो सकती हैं। ऐसे में वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर रसद सामग्री की आपूर्ती मजबूत कर रहा है। इस बीच अमेरिकी रक्षा विभाग, पेंटागन की एक रिपोर्ट में अरुणाचल प्रदेश सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे एक विवादित क्षेत्र में चीन द्वारा एक बड़ा गांव निर्मित करने की बात कही गई है।चीन ने हर हिमाकत का करारा जवाब मिलेगा
सर्दियों में चीन को लेकर आशंका पहले ही व्यक्त की जा रही थी और अब अभ्यास के उसने खुद ही इस बात का ऐलान कर दिया है। पीएलए डेली ने लिखा है कि शिनजियांग सैन्य कमान के तहत सैनिकों ने 5300 मीटर की ऊंचाई पर कठोर प्रशिक्षण लिया है। हालांकि चीन की हर चाल के चौकन्नी भारतीय सेना ने पहले ही चीनियों के लिए पूरा इंतजाम कर रखा है। बात सैनिकों की सुविधा की हो या सैन्य साजो-सामान की। चीन ने कोई भी हिमाकत की तो लद्दाख से बाराहोती और बाराहोती के तवांग तक उसे करारा जवाब मिलेगा।सीमा पर स्थिति अस्थिर, तत्काल कार्रवाई के लिए तैयार : रक्षा मंत्री
इधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि सीमा पर स्थिति अस्थिर है। हमें संक्षिप्त सूचना पर ही तत्काल कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए। इससे पूर्व भारतीय वायुसेना के कमांडर्स कांफ्रेंस में राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं के समन्वय पर जोर दिया। इस मौके पर उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं की सुरक्षा पर भी मंथन किया गया।चीन ने सीमा पर साजो-सामान बढ़ाया, हर हरकत पर हमारी नजर
सिक्किम से अरुणाचल प्रदेश तक सीमा कुरक्षा की जिम्मेवारी संभाल रहे सेना के एक अधिकारी के मुताबिक तीन सप्ताह पहले ही चीनियों की हरकतों के सतर्क कर दिया था। यह सही है कि चीन ने सीमा पर साजो-सामान बढ़ाया है। इसे देखते हुए हम भी पूरी तरह के तैयार हैं। चीनियों की हर हरकत पर हमारी नजर है।

संप्रभुता तथा अखंडता की हिफाजत के लिए हर कदम उठाएंगे
उधर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत अपनी सुरक्षा पर प्रभाव डालने वाले सभी घटनाक्रमों पर निरंतर नजर रखता है और अपनी संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता की हिफाजत के लिए सभी आवश्यक कदम उठाता है। बागची ने पेंटागन की रिपोर्ट पर एक सवाल का जवाब देते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत ने भी चीन से लगे सीमावर्ती इलाकों में सड़कों और पुलों के निर्माण सहित बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी लाई है।भारत ने अपनी जमीन पर अवैध कब्जे कभी स्वीकार नहीं करेगा
बागची ने कहा कि हमने अमेरिकी संसद को सौंपी गई अमेरिका के रक्षा विभाग की रिपोर्ट का संज्ञान लिया है, जो भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में, खासतौर पर पूर्वी सेक्टर में चीनी पक्ष द्वारा निर्माण गतिविधियों का भी संदर्भ देती है। बागची के मुताबिक हमने पहले भी कहा था कि चीन ने दशकों पहले अवैध रूप से कब्जा किए गए इलाकों सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में पिछले कई वर्षों में निर्माण गतिविधियां की हैं। बागची ने कहा कि भारत ने अपनी जमीन पर इस तरह के अवैध कब्जे को ना तो कभी स्वीकार किया है और ना ही उसने चीन के अनुचित दावों को स्वीकार किया है।क्या कहा था पेंटागन की रिपोर्ट में
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी रक्षा विभाग ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में कहा है कि चीन ने तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पूर्वी सेक्टर में भारत के अरूणाचल प्रदेश के बीच विवादित क्षेत्र में आम लोगों के लिए 100 घरों वाला एक बड़ा गांव निर्मित किया है। ऊपरी सुबनसिरी जिले में विवादित सीमा से लगा यह गांव एक ऐसा इलाका है जिस पर 1959 में असम राइफल्स की एक चौकी पर कब्जा करने के बाद पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया था। पिछले साल पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बाद भारत ने अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर अपनी संपूर्ण सैन्य तैयारियां बढ़ा दी हैं।

 

 

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