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डबल इंजन सरकारों का कमाल: PM Modi की गारंटी पूरी होने के साथ खत्म हुआ दो दशकों का विवाद, अब ERCP से पूर्वी राजस्थान में दस लोकसभा सीटों पर बीजेपी को मिलेगा फायदा

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों के दौरान नारा दिया था- मोदी की गारंटी, यानि हर गारंटी पूरी होने की गारंटी। डबल इंजन सरकारों के हाथ मिला लेने से दो दशकों से उलझा विवाद कुछ घंटे में ही सुलझ गया और चुनाव के दौरान दी पीएम मोदी की एक और गारंटी पूरी हो गई। राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच ईआरसीपी प्रोजेक्ट पर एमओयू होने से अब दोनों राज्यों की प्यासी धरा को अगले तीन-चार दशक तक पानी मिल सकेगा। इस प्रोजेक्ट के तहत पार्वती-कालीसिंध और चंबल नदियां आपस में जोड़ी जाएंगी। इससे दोनों राज्यों के 26 जिलों की 5.80 हेक्टेयर खेतिहर जमीन को भी सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा।

तीन नदियां जुड़ेंगी, परियोजना के लिए 90% राशि केंद्र देगा
जल बंटवारे को लेकर करीब दो दशक से राजस्थान व एमपी के बीच विवाद के चलते चुनावी मुद्दा रही पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) का हल दोनों राज्यों में डबल इंजन की सरकार बनने से निकल आया है। यह संभव हुआ केंद्र सरकार की पहल पर। पीएम मोदी ने चुनाव में ईआरपीसी के लिए वादा किया था। उनके निर्देश पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के दखल दिया और एमपी के सीएम मोहन यादव जयपुर आए और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की। इसके बाद शेखावत के बुलावे पर दोनों राज्यों के अफसरों के साथ दोनों सीएम दिल्ली पहुंचे, जहां एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। हस्ताक्षर संशोधित प्रोजेक्ट पर हुए हैं, जिसे केंद्र की नदी जोड़ो परियोजना में शामिल किया गया है। यह प्रोजेक्ट अब पार्वती-कालीसिंध-चम्बल पूर्वी राजस्थान नहर लिंक परियोजना (पीकेसी-ईआरसीपी) के रूप में आकार लेगा। इसके लिए 90% राशि केंद्र देगा।भाजपा ने किया था चुनाव में वादा, पीएम मोदी की गारंटी पूरी
भाजपा की ओर से पीएम मोदी ने विधानसभा चुनाव में सरकार बनने पर ईआरसीपी को लेकर जल्द काम करने का वादा किया था। दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकार बनते ही पीएम मोदी की दी हुई एक और गारंटी पूरी होने पर मुहर लग गई है। कांग्रेस ने ईआरसीपी वाले क्षेत्रों में यात्राएं भी निकाली थीं, हालांकि पार्टी को इसका कोई फायदा नहीं मिल पाया। अब जब लोकसभा चुनाव में दो माह का ही समय रह गया है तो भाजपा सरकार ने इसका एमओयू कर इस दिशा में आगे बढ़ना शुरू किया है, ताकि उसे चुनाव में लाभ मिल सके। काबिले गौर है कि राजस्थान में पिछले दो लोकसभा चुनाव से कांग्रेस को 25 में से एक भी सीट पर जीत नहीं मिल पाई है। मोदी लहर के चलते पिछले दोनों लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का सूपड़ासाफ हुआ है।ईआरसीपी पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के लिए बनेगी जीवनदायिनी
विधानसभा चुनाव का रण जीतने के बाद भाजपा ने लोकसभा चुनाव में जीत का रास्ता तलाशना शुरू कर दिया है। इसके लिए भाजपा ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) का बड़ा दांव चला है। इसमें सबसे ज्यादा इलाका पूर्वी राजस्थान का है। इन 13 जिलों में नौ लोकसभा सीटें कवर हो रही है। इनमें जयपुर ग्रामीण, दौसा, अलवर, भरतपुर, टोंक-सवाईमाधोपुर, अजमेर, बारां- झालावाड़, कोटा-बूंदी, धौलपुर-करौली शामिल हैं। कैबिनेट मंत्री और इस क्षेत्र से बीजेपी के विधायक किरोड़ी लाल मीणा के मुताबिक ईआरसीपी का मूर्त रूप लेना मेरे लिए सपना साकार होने जैसा है। जब मैं सवाईमाधोपुर से सांसद था, तब से पूर्वी राजस्थान के लिए ऐसी जीवनदायिनी परियोजना लाने की बात हुई थी। अब इसे पीएम मोदी ने पूरा कर दिखाया है।डबल इंजन सरकारों के हाथ जुड़ने से राजस्थान को ये लाभ
राजस्थान में अन्नदाताओं को 2.80 लाख हेक्टेयर में सिंचाई का पानी मिल सकेगा। इसमें 80 हजार हेक्टेयर पूर्व सिंचित क्षेत्र और 2 लाख हेक्टेयर नया क्षेत्र शामिल है। इसके अलावा 25 लाख किसान परिवारों को सिंचाई का पानी और राज्य की 40% आबादी को पेयजल मिल सकेगा। केंद्र ने पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना को ईआरसीपी से जोड़ने के प्रस्ताव को प्राथमिकता वाली लिंक परियोजना में शामिल किया। इस परियोजना से 32 बांध भरे जा सकेंगे। इनमें रामगढ़ बैराज, महलपुर बैराज, नवनैरा बैराज, मेज बैराज, राठौड़ बैराज, डूंगरी बांध के साथ ही पूर्वनिर्मित 26 बांधों का पुनरोद्धार होगा।अटलजी के नदी जोड़ प्रोजेक्ट में शामिल था, अब जाकर पूरा हुआ
वर्ष 2004 में अटलजी के समय नदियां जोड़ने के लिए जो प्रस्ताव बने तो देश में 30 लिंक चिह्नित हुए थे। उनमें राजस्थान-एमपी के बीच पार्वती, कालीसिंध व चंबल को जोड़ना भी शामिल था। लेकिन दोनों राज्यों के बीच सहमति नहीं बन पाई थी। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के मुताबिक इस परियोजना को लेकर पिछली गहलोत सरकार ने सिर्फ सियासत की। जो डीपीआर बनवाई, उसमें सिर्फ 3 जिलों को 525 एमसीएम पानी मिलना था। दस जिले वंचित रख दिए थे। अब दोनों राज्यों के 13-13 जिलों को 2400-2400 एमसीएम पानी मिलेगा। उन्होंने कहा कि मैंने सितंबर 2023 में लोगों से कहा था- आप भाजपा की सरकार लाओ, मैं ईआरसीपी दूंगा। जनता-जनार्दन के आशीर्वाद से अब यह स्वर्णिम दिन आ गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि ईआरसीपी राजस्थान और मध्य प्रदेश की महत्वाकांक्षी परियोजना है। पीएम की इच्छा शक्ति का परिणाम है कि अब ये ऐतिहासिक दिन आया है। 

 

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