अब यह पूरी तरह खुलासा हो गया है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी अमेरिकी अरबपति जार्ज सोरोस और डीप स्टेट के साथ मिलकर भारत विरोधी षड्यंत्रों को अंजाम देने में लिप्त हैं! कड़ी से कड़ी जोड़ने पर स्पष्ट होता है कि कैसे राहुल गांधी के परिवार से जुड़ी एनजीओ, कांग्रेस के युवराज के खास सलाहकार विदेशों से भारत विरोध के नाम पर करोड़ों की फंडिंग ले रहे हैं। डीप स्टेट की करतूतों की कलई तो भाजपा ने ही अपने एक्स अकाउंट पर खोलकर रख दी है। जहां तक सोरोस और राहुल गांधी के संबंधों का सवाल है तो सोशल मीडिया पर इनकी घनिष्ठता के कई प्रमाण बिखरे हैं। इनसे साफ पता चलता है कि लोकसभा से लेकर विधानसभाओं में हार-दर-हार झेल रहे कांग्रेस के ‘कर्ताधर्ता’ राहुल गांधी अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए कितने निचले स्तर तक गिर गए हैं! राहुल अभी तक तो विदेशों में जाकर भारत और मोदी सरकार की बुराई करके देश को नीचा दिखाने के कोशिश किया करते थे। लेकिन अब उनपर साफ-साफ देश के साथ ‘गद्दारी’ करने के आरोप लगे हैं। दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लगातार तीसरी बार सत्ता में आना राहुल एंड कंपनी को हजम नहीं हो रहा है। उनके यह भी गले नहीं उतर रहा है कि पिछले एक दशक में भारत लगातार दुनिया में तेजी से एक शक्ति के तौर पर स्थापित हो रहा है। देश ने हर क्षेत्र में अपने प्रदर्शन में गुणात्मक सुधार किया है।
राहुल गांधी भारत विरोधी ‘कॉकस’ के त्रिकोण के केंद्र बिंदु बने
पीएम मोदी के दूरदर्शी विजन से भारत की बढ़ती आर्थिक और सामरिक ताकत को रोकने के लिए समय-समय पर विदेशी साजिश होती रही है। देश की अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने लिए विदेशी एजेंसी और संगठन सक्रिय रहे हैं। जॉर्ज सोरोस (George soros) जैसे लोगों की मदद से भारत की आर्थिक ताकत को कमजोर करने के लिए कई फर्जी और भ्रमित करने वाले रिपोर्ट जारी किए जाते हैं। अब इसका खुलासा हो रहा है कि राहुल गांधी भी सोरोस जैसे भारत विरोधी साजिशकर्ताओं और ओसीसीआरपी जैसे संगठनों के लिए टूल का काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं इस संगठन की फर्जी रिपोर्टों के आधार पर राहुल गांधी देश में प्रेस कॉंन्फ्रेंस कर मोदी सरकार को घेरने की असफल कोशिशें करते हैं। अभी कुछ दिन पहले यह भी उजागर हुआ था कि राहुल गांधी भारत विरोधी ‘कॉकस’ के त्रिकोण के केंद्र बिंदु बन गए हैं। इसमें एक तरफ संयुक्त राज्य अमेरिका में बैठे जॉर्ज सोरोस और अमेरिका की कुछ एजेंसियों के साथ उनके फाउंडेशन है, त्रिकोण के दूसरी तरफ नीदरलैंड की राजधानी एम्स्टर्डम से संचालित संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) नामक एक समाचार पोर्टल है और त्रिकोण के तीसरे कोने में सबसे महत्वपूर्ण खुद राहुल गांधी हैं। ये मिलकर महान भारत के साथ उच्चतम स्तर की गद्दारी को अंजाम देने की साजिशों में लगे हुए हैं।
Big Expose:
1. यह खुलासा गांधी परिवार, जॉर्ज सोरोस और डीप स्टेट के बीच चल रही साठगांठ को उजागर कर देगा। यही नहीं, यह खुलासा भारतीय राजनीति में भूचाल लाने में सक्षम है और चल रहे किसान आंदोलन की सच्चाई को सबके सामने लाने में सक्षम है।
अब चलिए, इस थ्रेड को पढ़ते हैं:
— Vijay Patel🇮🇳 (@vijaygajera) December 18, 2024
एनजीओ राजीव गांधी फाउंडेशन के सीईओ भी हैं महाजन
राहुल गांधी के गुर्गे कहें या मुख्य सलाहकार विजय महाजन और योगेंद्र यादव जैसे कई लोग हैं, जो इन नापाक साजिशों में उनसे साथ जुड़े हैं। विजय महाजन राहुल गांधी के मुख्य सलाहकार और गांधी परिवार के निजी एनजीओ राजीव गांधी फाउंडेशन के सीईओ हैं। विजय महाजन निजी कंपनी BASIX के संस्थापक भी हैं। एक्यूमेन फंड बेसिक्स कृषि समृद्धि लिमिटेड में भागीदार और निवेशक है, जो बेसिक्स की सहायक कंपनियों में से एक है।
4. Now, here is the most explosive twist.
Andrea Soros Colombel is co-founder and investor of Acumen Funds!
She is the daughter of George Soros and a board member of the Open Society Foundation! pic.twitter.com/G24rlEYM2w
— Vijay Patel🇮🇳 (@vijaygajera) December 17, 2024
गांधी परिवार और सोरोस और उसकी बेटी के बीच सीधे वित्तीय संबंध
अब, यहां सबसे विस्फोटक मोड़ है। एंड्रिया सोरोस कोलोम्बेल एक्यूमेन फंड्स के सह-संस्थापक और निवेशक हैं! वह जॉर्ज सोरोस की बेटी और ओपन सोसाइटी फाउंडेशन की बोर्ड सदस्य हैं! क्या आप इस पर विश्वास कर सकते हैं कि सोरोस गांधी परिवार के सीईओ और राहुल गांधी के मुख्य सलाहकार विजय महाजन के प्रत्यक्ष भागीदार हैं! ये गांधी परिवार और सोरोस के बीच सीधे वित्तीय संबंध हैं!
राहुल की मेकओवर पीआर यात्रा ‘भारत जोड़ो’ का मास्टरमाइंड है महाजन
सोरोस के पार्टनर विजय महाजन राहुल गांधी की मेकओवर पीआर यात्रा भारत जोड़ो यात्रा के पीछे के मास्टरमाइंड हैं। योगेन्द्र यादव उनके दाहिने हाथ हैं। तो आप सोरोस के साथी, विजय महाजन के दाहिने हाथ को किसान विरोध के पीछे के मास्टरमाइंड में से एक के रूप में पाएंगे। इससे यह भी साफ हो गया है कि कैसे कांग्रेस से जुड़े लोग खुद को किसान नेता बताकर कांग्रेस से अपना संबंध छिपाकर किसान विरोध प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाते हैं।
11. Shockingly, PRADAN has received more than Rs.596 crores of foreign funding in the last 12 years—yes, a massive Rs. 596 crores!
Funders are the Ford Foundation, Bill Gates, and Agri monopolist Monsanto. pic.twitter.com/ELYLaWQ4Qr
— Vijay Patel🇮🇳 (@vijaygajera) December 17, 2024
PRADAN को 12 वर्षों में 596 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी फंडिंग
हैरतअंगेज तथ्य यह है कि विजय महाजन सिर्फ सोरोस के ही पार्टनर नहीं हैं! उनकी सीआईए-संबद्ध फोर्ड फाउंडेशन के साथ भी साझेदारी है। 1982 में फोर्ड फाउंडेशन के एक अधिकारी, दीप जोशी ने एक अन्य सह-संस्थापक, विजय महाजन के साथ एक प्रशिक्षण एनजीओ, PRADAN की सह-स्थापना की थी! चौंकाने वाली बात यह है कि PRADAN को पिछले 12 वर्षों में 596 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी फंडिंग प्राप्त हुई है!
अब, आइए विजय महाजन और मोहम्मद यूनुस पर वापस आते हैं। वे दोनों फोर्ड फाउंडेशन के उत्पाद हैं। जब विजय महाजन के ‘फोर्ड भाई’ मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश में कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, तो विजय महाजन और फोर्ड फाउंडेशन के पूर्व ट्रस्टी नारायण मूर्ति ने उनका समर्थन करने के लिए एक पत्र पर हस्ताक्षर किए।
दिलचस्प बात यह है कि विजय महाजन और डॉ. जी.के. जयराम (इन्फोसिस के पहले अध्यक्ष) ने अप्रैल 2010 में कांग्रेस नेतृत्व के लिए एक प्रशिक्षण संस्थान, जवाहरलाल नेहरू लीडरशिप इंस्टीट्यूट (जेएनएलआई) शुरू किया था।
आईपीएसएमएफ, जो जुबैर से लेकर आरफा और द कारवां से लेकर आर्टिकल 14 तक को फंड करता है, इंफोसिस के मालिक और उसके दोस्तों द्वारा फंड किया जाता है। इसमें सबसे दिलचस्प बात यह है कि रुक्मिणी बनर्जी, आईपीएसएमएफ के संस्थापक ट्रस्टियों में से एक, विजय महाजन के फोर्ड-वित्त पोषित एनजीओ की उपाध्यक्ष भी हैं!
1982 में, फोर्ड फाउंडेशन के एक अधिकारी दीप जोशी ने एक अन्य सह-संस्थापक, विजय महाजन के साथ एक प्रशिक्षण एनजीओ, PRADAN की सह-स्थापना की थी। उन्हें सीआईए-संबद्ध फोर्ड फाउंडेशन और अन्य अमेरिकी कंपनियों द्वारा अपने एनजीओ के माध्यम से लगातार वित्त पोषित किया जाता है। बता दें कि इस वित्त पोषण की रकम करोड़ों में है!
विजय महाजन ने एक और कंपनी, BASIX की स्थापना की। काबिलेगौर तथ्य यह है कि यह न केवल फोर्ड फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित है, बल्कि इसके साथ भागीदार भी है।
विजय महाजन जैसे लोग किसानों को भड़काते हैं, लेकिन छिपाते हैं कि वे बायर जैसी विदेशी एग्रोकेमिकल कंपनियों के लिए काम करते हैं। विजय महाजन और योगेन्द्र यादव बहुत करीब से काम करते हैं और उनका दावा है कि वे अपने एनजीओ के माध्यम से किसानों के लिए काम करते हैं। लेकिन क्या किसानों को पता है कि कृषि रसायन और बीज की दिग्गज कंपनी मोनसेंटो भी विजय महाजन के एनजीओ को फंड देती है?
विजय महाजन के बच्चे स्विट्जरलैंड जैसे देशों में अपनी जिंदगी का आनंद लेते हैं, लेकिन वे आम किसानों को मरने के लिए सड़क पर फेंक देते हैं।फोर्ड फाउंडेशन अपने मनोवैज्ञानिक युद्ध को चलाने और अपने व्यावसायिक लाभों के लिए सीआईए की शाखा है।
यहाँ CIA का एक टॉप-सीक्रेट दस्तावेज लीक हुआ है। इसके मुताबिक, बीजेपी 2010 से ही अमेरिकी खुफिया एजेंसी की निगरानी में है। बड़ा सवाल उठता है कि कांग्रेस या अन्य राजनीतिक दल क्यो नहीं! जबकि उस समय तो भारत में कांग्रेस गठबंधन ही सत्ता में था। यदि आप इसकी और गहरे से पड़ताल करेंगे तो पाएंगे कि विजय महाजन के माध्यम से सीआईए-संबद्ध फोर्ड फाउंडेशन गांधी परिवार, उसके एनजीओ और कांग्रेस नेताओं के लिए उसके प्रशिक्षण केंद्र का प्रबंधन करता है।
इतना ही नहीं, वामपंथियों और इस्लामवादियों के पूरे शीर्ष नेतृत्व का प्रबंधन भी फोर्ड फाउंडेशन से जुड़े लोगों के एक ही समूह द्वारा किया जाता है। यह अकाट्य सत्य है कि कम्युनिस्टों और इस्लामवादियों के कैडरों को भी यह नहीं पता है कि फोर्ड फाउंडेशन अपने नेताओं को कैसे प्रबंधित करता है।फ्रांसीसी मीडिया ने आज ही उजागर किया है कि कैसे अमेरिका के डीट स्टेट ने मोदी सरकार और अडानी के खिलाफ ओसीसीआरपी को वित्त पोषित किया और हथियार बनाया। इनमें भी आपको वही नाम मिलेंगे, जैसे द फोर्ड फाउंडेशन, रॉकफेलर फाउंडेशन और ओपन सोसाइटी फाउंडेशन, जो विजय महाजन के एनजीओ को भी फंड देते हैं!
भारत विरोधी साजिशकर्ता ओसीसीआरपी जैसे संगठनों के लिए टूल
पीएम मोदी के दूरदर्शी विजन से भारत की बढ़ती आर्थिक और सामरिक ताकत को रोकने के लिए समय-समय पर विदेशी साजिश होती रही है। देश की अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने लिए विदेशी एजेंसी और संगठन सक्रिय रहे हैं। जॉर्ज सोरोस (George soros) जैसे लोगों की मदद से भारत की आर्थिक ताकत को कमजोर करने के लिए कई फर्जी और भ्रमित करने वाले रिपोर्ट जारी किए जाते हैं। अब इसका खुलासा हो रहा है कि राहुल गांधी भी सोरोस जैसे भारत विरोधी साजिशकर्ताओं और ओसीसीआरपी जैसे संगठनों के लिए टूल का काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं इस संगठन की फर्जी रिपोर्टों के आधार पर राहुल गांधी देश में प्रेस कॉंन्फ्रेंस कर मोदी सरकार को घेरने की असफल कोशिशें करते हैं।
नीदरलैंड की OCCRP, भारत विरोधी जॉर्ज सोरेस और राहुल का कनेक्शन
इस तरह की एक साजिश का खुलासा एक फ्रेंच पब्लिकेशन ने किया है। उसने अपनी खोजी रिपोर्ट के आधार पर बताया है कि ऑर्गेनाइज्ड क्राईम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) किस तरह से भारत विरोधी गतिविधियों में संलग्न है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि OCCRP को अमेरिका से फॉरेन फंडिंग मिलती है और इसका सीधा कनेक्शन भारत विरोधी अमेरिकी अरबपति कारोबारी जॉर्ज सोरोस के साथ है। OCCRP की स्थापना पत्रकार ड्रू सुलिवन और पॉल राडू ने 2006-07 में की थी। सुलिवन सेंटर फॉर इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग (CIR) के संपादक के रूप में कार्यरत थे और राडू ने शुरुआती रोमानियाई केंद्र के साथ काम किया था।
क्या है OCCRP और कैसे, किसकी फंडिंग से करता है काम
• कहने के लिए तो आर्गनाइज्ड क्राइम ऐंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट पर काम करता है।
• OCCRP का दावा है कि दुनिया भर में उसके पास पत्रकारों का नेटवर्क है, जो उसके लिए मनचाहा काम करते हैं।
• OCCRP खुद को स्वतंत्र संगठन बताता है, लेकिन वह चलता कैसे है, इसको लेकर वह विवादों में रहा है।
• यह सर्वविदित है कि अमेरिकी सरकार और अमेरिकी एजेंसियों से उसे भारी फंड मिलता है। अब इसको लेकर वह सवालों के घेरे में है।
• फ्रेंच अखबार मीडिया पार्ट ने 2 दिसंबर को एक खोजी आर्टिकल में संगठन की पोल खोली है।
• इस आर्टिकल में OCCRP के बारे में कहा गया है कि उसके और अमेरिकी एजेंसियों के बीच गुप्त संबंध हैं। OCCRP के नीति नियंता अमेरिकी एजेंसियों के इशारे पर चलते हैं।
• फ्रांसीसी अखबार ने खुलासा किया कि अमेरिकी सरकार ने OCCRP को ‘वेनेजुएला में भ्रष्टाचार का खुलासा करने और उससे लड़ने’ के लिए 1,73,324 डॉलर दिए। वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की अमेरिकी सरकार से दुश्मनी जगजाहिर है।
ओसीसीआरपी में भारत की वैक्सीन के खिलाफ लेख, राहुल ने की प्रेस कांफ्रेंस
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी किस तरह जॉर्ज सोरोस और ओसीसीआरपी के आदेश का पालन करते हैं, इसके एक नहीं कई उदाहरण हैं। मिसाल के तौर पर “जुलाई 2021 में, जब कोविड का प्रभाव विश्व स्तर पर देखा जा रहा था, तब ओसीसीआरपी ने एक लेख प्रकाशित किया कि ब्राजील ने भारत के कोवैक्सिन कोविड-19 वैक्सीन के लिए 324 मिलियन डॉलर के अनुबंध से हाथ खींच लिया। भारत उस समय कई देशों को वैक्सीन दे रहा था। इस तरह की रिपोर्ट भारत और उसकी वैक्सीन की इमेज खराब करने की अंतर्राष्ट्रीय साजिश का हिस्सा थी। दिलचस्प तथ्य यह है कि ब्राजील में वैक्सीन रद्द होने की बात एक महीने से अधिक समय से सार्वजनिक होने के बावजूद OCCRP ने जुलाई, 2021 को अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की और अगले ही दिन राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। दरअसल, ओसीसीआरपी आदेश देती है और राहुल गांधी उसका पालन करते हैं।” इस रिपोर्ट के तुरंत बाद और इसे आधार बनाते हुए राहुल और कांग्रेस पार्टी ने भारत सरकार के साथ-साथ वैक्सीन पर भी हमला बोला था।
OCCRP के माध्यम से राहुल गांधी और जॉर्ज सोरोस को कठपुतली
यहां इस बात का प्रमाण दिया गया है कि यह विदेशी समर्थित नेटवर्क किस प्रकार भारत के हितों को कमजोर कर रहा है। कड़ी से कड़ी जोड़ने पर साफ पता चलता है कि राहुल गांधी कैसे देश के खिलाफ विदेशी साजिशकर्ताओं के हाथ की कठपुतली बने हुए हैं। यह स्पष्ट पैटर्न दिखाता है कि कैसे राहुल गांधी न केवल राष्ट्रीय हितों को खतरे में डाल रहे हैं, बल्कि उन ताकतों के साथ भी सहयोग कर रहे हैं जो अपने राजनीतिक लाभ के लिए भारत की संप्रभुता को अस्थिर करना चाहते हैं। राहुल के विदेशी कनेक्शन के कुछ उदाहरण…
- सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन द्वारा भारी वित्त पोषित OCCRP, विश्व स्तर पर भारत विरोधी कहानियों को आगे बढ़ाता है।
- सोरोस फाउंडेशन के वीपी सलिल शेट्टी ने राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में हिस्सा लिया था। इस पर राहुल के विदेशी संबंधों पर सवाल भी उठे थे।
- ओसीसीआरपी से सीधे संबंध रखने वाले एक प्रमुख कांग्रेस फंडराइज़र, आनंद मैग्नाले ने शारजील इमाम (दिल्ली दंगों के आरोपी) को चीनी फंड दिया।
- राहुल गांधी की बार-बार की जाने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस आसानी से भारत पर हमला करने वाली ओसीसीआरपी की रिपोर्टों के अनुरूप हो जाती हैं।
- पेगासस स्पाइवेयर: OCCRP 18 जुलाई, 2021 को प्रकाशित हुआ, राहुल 19 जुलाई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
- नेशनल हेराल्ड: ओसीसीआरपी ने वैध जांच को खारिज कर दिया, राहुल को निर्दोष बताया और भारत की न्यायिक प्रक्रियाओं को कमजोर किया।
- राहुल गांधी ओसीसीआरपी के भारत विरोधी एजेंडे का समर्थन करना जारी रखते हैं, जिससे भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा और अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच रहा है।
सोरोस-OCCRP की दोस्ती पर फ्रेंच अखबार ने रिपोर्ट में किया खुलासा
फ्रेंच मीडिया पार्ट की एक हालिया रिपोर्ट से पता चला है कि अरबपति सोरोस ने डू सुलिवन द्वारा स्थापित ओसीसीआरपी को वित्त पोषित किया। “2023 में OCCRP पत्रकारों को भेजे गए एक ईमेल में, सुलिवन ने स्वीकार किया कि यह “ज्यादातर सच” था कि उनके एनजीओ ने अमेरिका के खिलाफ स्टोरी नहीं बनाई। क्योंकि इसके सभी बजट का भुगतान वाशिंगटन और जॉर्ज सोरोस द्वारा स्थापित ओपन सोसाइटी फ़ाउंडेशन द्वारा किया गया था। ड्रू सुलिवन (OCCRP के को-फाउंडर) ने लिखा: ‘जॉन (गोएट्स, जर्मन टेलीविजन NDR के रिपोर्टर) यह प्रचार कर रहे हैं कि OCCRP के किसी कर्मचारी या सदस्य ने उन्हें बताया कि OCCRP अमेरिका पर स्टोरी नहीं करता। यह आपकी राय है और ठीक है और शुरुआत के वर्षों में यह ज्यादातर सही था। क्योंकि हम अमेरिकी सरकार या सोरोस के पैसे का इस्तेमाल अमेरिका पर स्टोरीज के लिए नहीं कर सकते थे।जॉर्ज सोरोस का भारत के विरोध से ये है कनेक्शन
• मीडिया पार्ट की रिपोर्ट के मुताबिक OCCRP की फंडिंग का बड़ा हिस्सा ओपन सोसाइटी फाउंडेशन से आता है। यह फाउंडेशन भारत विरोध के लिए कांग्रेस को फंडिंग करता है।
• ओपन सोसाइटी फाउंडेशन जॉर्ज सोरोस का है. ऐसे में OCCRP को करीब 70 पर्सेंट फंड सोरोस से आता है।
• अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस अपनी भारत और मोदी विरोधी बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं ।
Super Explosive investigative thread.
Exposing Deep state toolkit behind the recent attack on Adani.
When India was sleeping on November 21st, a few people were awake and waiting for the toolkit!
1. Let me show you the timeline of this toolkit. pic.twitter.com/Du8EJzEqiz
— Vijay Patel🇮🇳 (@vijaygajera) December 3, 2024
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर संसद में सुधांशु त्रिवेदी ने उठाए सवाल
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता और सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पिछले 3 साल में संसद का सत्र शुरू होते ही भारत के सामरिक, आर्थिक और सामाजिक हित के खिलाफ रिपोर्ट जारी की जाती रही है। संबित पात्रा ने गुरुवार को विपक्ष के नेता राहुल गांधी को “उच्चतम दर्जे का गद्दार” बताते हुए विपक्ष पर तीखा हमला बोला। हिंडनबर्ग की भ्रामक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए बीजेपी सांसद ने कहा कि 22 जुलाई से 9 अगस्त के बीच संसद का मानसून सत्र हुआ और 10 अगस्त को हिडनबर्ग की रिपोर्ट आई। 25 नवंबर से वर्तमान सत्र शुरू हुआ और 20 नवंबर को एक अमेरिकी कोर्ट में अटॉर्नी की रिपोर्ट जारी हुई। क्या यह एक महज संयोग है? बीजेपी सांसद ने कहा कि 20 जुलाई 2023 को संसद का सत्र की शुरुआत होने वाली थी और 19 जुलाई को मणिपुर का वीडियो सामने आया। क्या यह सब महज एक संयोग ही था। बीजेपी सांसद ने एक के बाद कई रिपोर्ट का जिक्र कर भारत को अस्थिर करने की साजिश का जिक्र किया।
विगत तीन वर्षों से जब जब भारत की संसद का सत्र प्रारंभ होता है ठीक उसी समय विदेश में कोई ना कोई ऐसी रिपोर्ट आती है जो भारत की आर्थिक सामाजिक या किसी अन्य व्यवस्था पर आघात करती हुई दिखती है।
अब इस प्रकार की जानकारियां आयी है कि यह विदेश से वित्त पोषित एक व्यवस्थित भारत विरोधी… pic.twitter.com/fEKn3vYM68— Dr. Sudhanshu Trivedi (@SudhanshuTrived) December 5, 2024
सुधांशु त्रिवेदी ने पूछा यह संयोग है या प्रयोग?
बीजेपी सांसद ने कहा कि किसानों को लेकर रिपोर्ट आयी 3 फरवरी 2021 को और बजट सत्र की शुरुआत हुई थी 29 जनवरी 2021 से।
• पेगासस रिपोर्ट आती है 18 जुलाई 2021 को और मानसून की शुरुआत होती है 19 जुलाई 2021 से।
• 31 जनवरी 2023 से भारत का बजट सत्र शुरू होता है और 24 जनवरी 2023 को हिडंनबर्ग की रिपोर्ट सामने आयी।
• जनवरी 2023 में संसद के सत्र की शुरुआत होती है और 17 जनवरी 2023 को बीबीसी की तरफ से डॉक्यूमेंट्री लायी जाती है।
• 20 जुलाई 2023 को भारत के सांसद का सत्र शुरू होता है और मणिपुर हिंसा का वीडियो 19 जुलाई को सामने आता है। सत्र शुरू होने के ठीक एक दिन पहले।
• 10 मई 2024 को कोविड वैक्सीन को लेकर एक रिपोर्ट छपती है. जिस समय भारत में आम चुनाव हो रहे होते हैं।
• वर्तमान सत्र 25 नवंबर से शुरू होता है और 20 नवंबर को अमेरिकन कोर्ट के अटॉर्नी की भारत के एक बिजनेस हाउस के संदर्भ में रिपोर्ट आती है।
BJP National Spokesperson Dr. @sambitswaraj addresses press conference at BJP HQ, New Delhi. https://t.co/80uMU02KWZ
— BJP (@BJP4India) December 5, 2024
देश तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं ‘देशद्रोही’ राहुल गांधी- पात्रा
कांग्रेस पार्टी लगातार संसद में अडानी के मुद्दे को लेकर अवरोध डालने में लगी हुई है। इसी बीच बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी राहुल गांधी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि आप सब देख रहे हैं कि संसद में क्या हो रहा है। देश की अर्थव्यवस्था को खराब करने की कोशिश की जा रही है। भारत के शोयर मार्कट को टारगेट किया जा रहा है। भारत के उघोगपति को टारगेट किया जा रहा है। कुछ ताकतें भारत को तोड़ने की कोशिश में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी संसद के सदस्य है। एलओपी राहुल गांधी देशदोही हैं। जॉर्ज सोरोस ओपेन सोसाइटी को फंडिंग करते है। ये देश के खिलाफ प्रोपगेंडा फैलाते हैं। यह मुद्दा गंभीर हैं। देश की एकता और संप्रभुता का मुद्दा है। कुछ ताकतें भारत को तोड़ना चाहती हैं। फ्रेंच न्यूज पेपर मीडिया ने इसका खुलासा किया है। राहुल गांधी भी जॉर्ज सोरोस से मिलें हुए हैं।
Let’s take a look at the Rajiv Gandhi Foundation (RGF)—a key vehicle for the Congress party, chaired by Sonia Gandhi. Has it been using foreign funds to push anti-national agendas? Well, in 2007-08, RGF partnered with the Human Rights Law Network (HRLN), an organization that… pic.twitter.com/sT9nQ5sLhx
— BJP (@BJP4India) December 15, 2024
भाजपा के एक्स हैंडल ने अमेरिकी ‘डीप स्टेट’ की पोल खोलकर रख दी
भाजपा के एक्स हैंडल ने अमेरिकी ‘डीप स्टेट’ पर हमला करते हुए 16 भागों वाला ‘थ्रेड’ पोस्ट किया, क्योंकि उसने भारत और मोदी सरकार के खिलाफ जंग छेड़ दी है। भाजपा के पोस्ट में अमेरिकी विदेश विभाग पर यह आरोप भी लगाया गया है कि वह इस षड्यंत्रकारी नेटवर्क को बढ़ावा दे रहा है। पोस्ट में कहा गया था कि ‘इस एजेंडा के पीछे हमेशा अमेरिकी विदेश विभाग का हाथ रहा है… ‘डीप स्टेट’ का मकसद भारत में अस्थिरता फैलाना है। फ्रांसीसी खोजी मीडिया ग्रुप ‘मीडियापार्ट’ ने उजागर कर दिया है कि ‘ओसीसीआरपी’ (ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट) को अमेरिकी विदेश विभाग के ‘यूएस-एड’ से पैसे मिलते हैं… वास्तव में, ‘ओसीसीआरपी’ की 50% फंडिंग अमेरिकी विदेश विभाग से ही आती है। पोस्ट में पेगासस विवाद, अदाणी समूह के बारे में कई खुलासों आदि का जिक्र किया गया है और ‘डीप स्टेट’ की जॉर्ज सोरोस का भी उल्लेख है। याद रहे कि ‘मीडियापार्ट’ वह धुर वामपंथी फ्रांसीसी मंच है, जिसने भारत के राफेल सौदे की खोजी रिपोर्टिंग की थी और कांग्रेस पार्टी तथा मोदी-आलोचकों को उन पर हमला करने का मसाला मुहैया कराया था। दरअसल, यह भारत और मोदी सरकार को बदनाम करने की फ्रांसीसी वामपंथी चौकड़ी की चाल है। ‘मीडियापार्ट का खुलासा यह बताता है कि अमेरिकी विदेश विभाग न केवल दुनियाभर में खोजी पत्रकारिता को पैसे दे रहा है (अघोषित रूप से) बल्कि प्रमुख पदों पर नियुक्तियों और मुद्दों पर वीटो भी लगा रहा है।
आइए, अब एक और थ्रेड से राहुल गांधी, उनके मुख्य सलाहकार विजय महाजन और उनको सोरोस के माध्यम से फंडिंग का खुलासा करते हैं। यह थ्रेड विजय पटेल @vijaygajera ने बनाया है।
Extremely Important Thread.
The person in the red circle is one of the most powerful in Indian politics, but I bet very few people know who he is!
This Investigative thread is going to be the biggest expose of this year.
1. Read this Explosive thread now.👇 pic.twitter.com/KzI6YJ4919
— Vijay Patel🇮🇳 (@vijaygajera) December 3, 2024
उपरोक्त फोटो में दिखाई दे रहा शख्स कांग्रेस राजनीति में सबसे शक्तिशाली लोगों में से एक है। लेकिन इसको बहुत कम लोग जानते हैं कि वह कौन है! इस इन्वेस्टिगेटिव थ्रेड में बहुत बड़ा खुलासा होने वाला है। इसका नाम विजय महाजन है।
यह राहुल गांधी का मुख्य सलाहकार और गांधी परिवार के निजी एनजीओ राजीव गांधी फाउंडेशन का सीईओ है। यह राहुल गांधी की मेकओवर पीआर यात्रा भारत जोड़ो यात्रा के पीछे का मास्टरमाइंड भी है। योगेन्द्र यादव इसका दाहिना हाथ है।
किसानों के विरोध प्रदर्शन की सत्ता परिवर्तन योजना के पीछे योगेन्द्र यादव और विजय महाजन भी हैं। आज भारत जोड़ो अभियान के महासचिव नदीम खान का फेसबुक पोस्ट पढ़िए, जो उसने बांग्लादेश में यूनुस के सत्ता परिवर्तन के बाद पोस्ट किया था।
जी हां, ये वही नदीम खान है, जिसको दो दिन पहले दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था और इस्लामवादी और कम्युनिस्ट उसको मानवाधिकार रक्षक बताकर उसका समर्थन कर रहे हैं। वह इस्लामवादी और लेफ्ट-लिबरल इकोसिस्टम के साथ बहुत करीबी से काम करता है।
डीप स्टेट और इस्लामिक रेडिकल फ्रंट के साथ कनेक्शन
पिछले साल 2023 में राहुल गांधी एक हफ्ते के अमेरिका दौरे पर जिन लोगों से मिले, जिन लोगों ने उनके कार्यक्रम को कोआर्डिनेट किया और आयोजक थे, उनके आतंकवादी संगठनों से कनेक्शन के संकेत मिले। इसी तरह अमेरिकी अरबपति डीप स्टेट एजेंट जार्ज सोरोस से नजदीकी संबंध रखने वाली सुनीता विश्वनाथ के साथ ही अन्य लोगों के साथ राहुल गांधी की बैठक भी चिंता पैदा करने वाली है। जार्ज सोरोस ने खुलेआम मोदी सरकार को हटाने के लिए फंड देने की बात कही थी। आखिर राहुल गांधी अमेरिका में देश विरोधी लोगों से क्यों मिले थे? इससे ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी दस साल से सत्ता से बेदखल होने की वजह से बौखला गए हैं और सत्ता के लिए किसी भी हद तक गिर सकते हैं।
राहुल गांधी के लिए बनी विशेष वेबसाइट में संपर्क सूची बदल गया
राहुल गांधी के अमेरिका दौरे से पहले एक विशेष वेबसाइट बनाई गई ताकि लोग पंजीकरण करा सकें और राहुल के साथ एनआरआई की बातचीत कार्यक्रम में भाग ले सकें। इस वेबसाइट में कुछ संपर्क सूची दी गई थी लेकिन जब लोगों ने पंजीकरण कराया तो संपर्क सूची कुछ और हो गई। जिसमें ज्यादातर मुस्लिम सुमदाय के लोग थे।
भारत विरोधी इस्लामिक देश से जुड़े संगठन थे आयोजक
ऐसा लगता है कि राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा और कार्यक्रम पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों और इस्लामिक देश के डीप स्टेट से जुड़े संगठनों द्वारा आयोजित किए गए थे। इन संगठनों को उनके भारत विरोधी रुख के लिए जाना जाता है और उनका कश्मीर में आतंकवाद का समर्थन करने का इतिहास रहा है।
कोआर्डिनेटर तंजीम अंसारी का पाकिस्तानी इमाम जवाद अहमद से जुड़ाव
राहुल के कार्यक्रम का एक कोआर्डिनेटर तंजीम अंसारी न्यूजर्सी के मुस्लिम समुदाय (MCNJ) की आउटरीच समिति के अमीर के रूप में कार्य करता है। MCNJ का नेतृत्व पाकिस्तान में जन्मे इमाम जवाद अहमद कर रहे हैं, जो उत्तरी अमेरिका के इस्लामिक सर्कल (ICNA) के परियोजना निदेशक के रूप में भी काम करते हैं।
यह संस्था सैयद सलाहुद्दीन जैसे आतंकवादियों का करती है महिमामंडन
ICNA पाकिस्तान के जमात-ए-इस्लामी (JeI) से जुड़ा एक कट्टरपंथी इस्लामवादी संगठन है। इस संगठन का कट्टरपंथी और आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध हैं। वे भारत से कश्मीर को अलग करने के लिए हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन जैसे आतंकवादियों का महिमामंडन करते हैं।
सिमी के संस्थापक भी रह चुका ICNA के सदस्य
एक और कोआर्डिनेटर मोहम्मद असलम, मुस्लिम सेंटर ऑफ़ ग्रेटर प्रिंसटन (MCGP) के सदस्य हैं, जो ICNA के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है। प्रतिबंधित कट्टरपंथी समूह सिमी (भारत में आतंकवादी संगठन) के संस्थापक आईसीएनए के सदस्य भी थे। जस्टिस फॉर आल, मानव संसाधन विकास, आजाद कश्मीर, भारत बचाओ, भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद ये सभी कट्टरपंथी इस्लामवादी संगठन ICNA और पाकिस्तान की जमात-ए-इस्लामी की छत्रछाया में ही काम करते हैं।
IAMC भारत विरोध के लिए कई हथकंडे अपनाती है
मिन्हाज खान जिन्होंने यह कहा था कि वे इस आयोजन के लिए कोआर्डिनेट कर रहे थे, भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद (IAMC ) के साथ संबंध रखते हैं। IAMC एक भारत विरोधी पैरवी समूह है जो मानवाधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता के बहाने भारत में सांप्रदायिक अशांति फैलाने के लिए फर्जी समाचार साझा करके भारत को लगातार निशाना बनाता है।
IAMC ने भारत के खिलाफ लॉबी करने के लिए दिए थे 55 हजार डॉलर
वर्ष 2013-14 में जब डॉ. मनमोहन सिंह सरकार सत्ता में थी, IAMC ने एक अमेरिकी लॉबिंग फर्म को नियुक्त किया और उन्हें संयुक्त राज्य अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) में भारत के खिलाफ लॉबी करने के लिए 55,000 अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया।
केविड के नाम पर जुटाए लाखों रुपये कहां गए?
IAMC के कार्यकारी निदेशक रशीद अहमद एक अन्य जमात फ्रंट, इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (IMANA) से भी जुड़े हैं, जिसने भारत की प्रतिष्ठा का लाभ उठाते हुए भारत की मदद के नाम पर कोविड काल के दौरान लाखों जुटाए और सारे पैसे खा गए और गोलमाल कर दिया।
IMANA का लश्कर और हिजबुल से संबंध चिंता पैदा करने वाली
IMANA कथित तौर पर पाकिस्तानी सशस्त्र बलों और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी समूहों के दोनों सेवानिवृत्त अधिकारियों के साथ संबंध बनाए रखता है। इनमें आपस में कनेक्शन चिंता पैदा करने वाली है। अब जरा सोचिए कि कोविड रिलीफ फंड कहां गया होगा?
ISNA कनाडा ने हिजबुल मुजाहिदीन को दिया था फंड
IAMC और ICNA जैसे संगठन जमात और मुस्लिम ब्रदरहुड (MB) से भी संबंध रखते हैं। IMANA के सदस्य मुस्लिम ब्रदरहुड का मोर्चा एमबी फ्रंट इस्लामिक सोसाइटी ऑफ नॉर्थ अमेरिका (ISNA) का हिस्सा रहे हैं। 2017 में ISNA कनाडा को हिजबुल मुजाहिदीन के ‘चैरिटी’ विंग के वित्तपोषण के लिए कनाडा राजस्व एजेंसी ने आरोप लगाया और मामला चलाया गया था।
सुनीता विश्वनाथ का पाकिस्तानी आतंकी समूहों से संबंध
अमेरिका दौरे पर राहुल गांधी को सुनीता विश्वनाथ के साथ बैठक में शामिल होते देखे गए। सुनीता विश्वनाथ हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स (एचएफएचआर) की सह-संस्थापक हैं और इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (आईएएमसी) जैसे संगठनों के साथ कई कार्यक्रमों की सह-मेजबानी करती हैं, जिनके पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों से संबंध हैं। सुनीता विश्वनाथ कोई और नहीं बल्कि खालिस्तानी, किसान विरोध के दौरान वैश्विक स्तर पर हिंदुओं का अपमान करने की कोशिश करने वाले हिंदू विरोधी सम्मेलन ‘ग्लोबल डिसमैनलिंग हिंदुत्व’ की आयोजक थीं। इस कार्यक्रम में नए कृषि कानूनों के बारे में भी एक सत्र था।
जॉर्ज सोरोस की प्रतिनिधि के रूप में काम करती हैं सुनीता विश्वनाथ
सुनीता विश्वनाथ सोरोस रिप्रोडक्टिव हेल्थ एंड राइट्स फेलोशिप की पूर्व-एसोसिएट निदेशक भी थीं। उनके अन्य संगठन वुमन फॉर अफगान वीमेन (डब्ल्यूएडब्ल्यू) को सोरोस ओपन सोसाइटी फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित किया जाता है। सुनीता विश्वनाथ और कुछ नहीं बल्कि जॉर्ज सोरोस की प्रतिनिधि के रूप में काम करती हैं। अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस वही व्यक्ति है जिसने विपक्षी नेताओं, थिंक टैंकों, पत्रकारों, वकीलों और कार्यकर्ताओं के एक नेटवर्क के माध्यम से भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने के लिए फंड देने की प्रतिबद्धता जताई है। इससे समझा जा सकता है कि राहुल गांधी अडानी का नाम क्यों लेते हैं।
हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स के नाम पर हिंदू विरोध
हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स (HFHR) देखने से एक हिंदू संगठन लग सकता है, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC) और हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स अन्य कट्टरपंथी मोर्चों के साथ मिलकर काम करते हैं। HFHR की पॉलिसी डायरेक्टर रिया चक्रवर्ती हैं।
मनमोहन सिंह की बेटी अमृत सिंह जॉर्ज सोरोस की संस्था में
इसमें कोई संदेह नहीं है कि पूरी कांग्रेस जॉर्ज सोरोस के या तो अधीन है या उनके लिए काम कर रही है। एक उदाहरण देखें- पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बेटी अमृत सिंह जॉर्ज सोरोस की ओपन सोसाइटी जस्टिस इनिशिएटिव के लिए काम करती हैं।
देशद्रोही और कट्टरपंथी मोदी शासन को खत्म करना चाहते
राहुल गांधी की यह तस्वीर अमेरिकी दौरे के दौरान हुई मुलाकातों में से एक है। तस्वीर बता रही कि राहुल गांधी ने अमेरिका का दौरा किस एजेंडा के साथ किया। स्पष्ट है कि 2024 में देशद्रोही और कट्टरपंथियों का ये गिरोह भाजपा सरकार और मोदी शासन को खत्म करना चाहता है।