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राममय हुआ पूरा देश,अब सब दिशाओं से अयोध्या आ रही हैं ये अद्भुत और अनुपम चीजें, प्राण-प्रतिष्ठा और राम लला के लिए आएंगी काम, जानिए कहां से आया गाय का घी, नगाड़ा, घंटा, ताला, अगरबत्ती और…

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अयोध्या को त्रेता युग में राजा राम के आगमन की खुशी में दीपों और फूलों से सजाया गया था। बंदनवार बनाए गए। अब एक बार फिर राम लला की अभूतपूर्व प्राण-प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या दुल्हन की तरह सज ही रही है। विकास के चौतरफा पंखों पर सवार अयोध्या धाम से लेकर महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट तक राम भक्तों की अगवानी में पलक-पांवड़े बिछाए है। अयोध्या के लता मंगेश्कर चौराहे की तरह सब ओर श्री रामचंद्र कृपाल भजमन, मेरे राम आएंगे जैसे भजन गुंजाएमान हो रहे हैं। अयोध्या ही नहीं राम लला के स्वागत के लिए पूरा भारतवर्ष राममय हो रहा है। कहीं राम पूजा के लिए घी-अगरबत्ती तैयार हो रहे हैं, तो कहीं से आभूषण, पूजा सामग्री और सबसे वजनी घंटा अयोध्या आ रहा है। यहां तक कि कई देशों में राम मंदिर बनने की खुशी में धार्मिक समारोहों की तैयारी है। प्रभु राम की ससुराल नेपाल में तो अलग ही छटा बिखर रही है। रामलाल के इस भव्य स्वागत के लिए लोग अलग-अलग जगह से पूजा की और खानपान की चीजें भेज रहे हैं ताकि उनके द्वारा किया गया प्रयास इस महा-आयोजन से जुड़ सके।देशभर के 5 लाख मंदिरों में होगा रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का LIVE
राम मंदिर करोड़ों लोगों की आस्था का प्रतीक है। इसी विश्वास के साथ इस मंदिर को तैयार किया गया है जिसे बनने में 500 साल का समय लगा है। अब अयोध्या में राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारियां धूमधाम और जोरों-शोरो से की जा रही है। राम मंदिर का न्योता देश के हर घर में भेजा जा रहा है, ताकि इस दिन का वह लाइव रहकर साक्षी बन सके। साथ ही 22 जनवरी के बाद ज्यादा से ज्यादा राम भक्त अपने प्रभु का अयोध्या जाकर दर्शन कर सकें। क्योंकि यह कई पीढ़ियों का सपना था कि अयोध्या में राम जी का मंदिर बने। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए पूरी अयोध्या नगरी ही नहीं देश-विदेश में भी धार्मिक स्थलों पर तैयारी चल रही है। 22 जनवरी को अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 5 लाख मंदिरों में एलईडी के माध्यम से सीधा प्रसारण दिखाया जाएगा, ताकि बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बन सकें। भारत ही नहीं बल्कि अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, मॉरीशस, आयरलैंड, फिजी, इंडोनेशिया और जर्मनी देशों के मंदिरों और अन्य स्थल पर बड़े पैमाने पर रामलला का कार्यक्रमों का लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा। न्यूयॉर्क शहर में प्रसिद्ध टाइम्स स्क्वायर पर श्रीराम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम दिखेगा।

 

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के लिए जैसे-जैसे 22 जनवरी की तिथि नजकीक आ रही है, वैसे-वैसे भक्तों का उत्साह, उमंग, आस्था और जोश बढ़ता जा रहा है। अपने राम लला के लिए देश-दुनिया से कई चीजें आ रही हैं। चलिए जानते हैं किन-किन जगह से क्या खास चीजें भेजी जा रही हैं।

राम मंदिर की शोभा बढ़ाएगा 2100 किलो का घंटा
राम मंदिर में लगने के लिए एक घंटा भी तैयार किया गया है, जो कि इस मंदिर की शोभा बढ़ाएगा। इस घंटे को बनाने में करीब 2 साल का समय लगा है। इसे अष्टधातु से तैयार किया गया है। इससे निकलने वाले आवाज काफी अद्भूत होगी, जो दूर-दूर तक लोगों को सुनाई देगी। इस घंटे को बनाने में करीब 25 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। इसका वजन 2100 किलो है। इस घंटे की ऊंचाई 6 फीट और चौड़ाई 5 फीट है। ये घंटा जलेसर में तैयार किया गया है।

जोधपुर से 600 किलो घी, 11 रथों में 108 कलश
रामलला की पहली आरती के लिए जोधपुर से घी भेजा गया है। श्रीश्री महर्षि संदीपनी राम धर्म गौशाला के संचालक महर्षि संदीपनी महाराज के मुताबिक 22 जनवरी 2024 में रामलला राम मंदिर में विराजेंगे। रामलला की आरती और हवन में हमारी गौशाला में तैयार घी का इस्तेमाल किया जाएगा। यह सौभाग्य की बात है कि जोधपुर से रामकाज के लिए घी भेजा है। गौशाला से 11 विशेष रथ रवाना किए गए हैं। इन रथों को गौशाला में ही 6 महीने से तैयार किया जा रहा था। हर रथ पर 3.5 लाख रुपए लागत आई है। इन रथों में 108 स्टील के कलश रखे हैं, जिनमें कुल 600 किलो घी है। यह घी खास तौर से रामलला की पहली आरती और हवन के लिए ही हम 9 साल से तैयार करके इकट्‌ठा कर रहे थे।

108 फीट लंबी अगरबत्ती एक माह से ज्यादा जलेगी
गुजरात से एक ऐसी धूपबत्ती भेजी गई है, जो 108 फीट लंबी है और जिसका वजन 3,610 किलोग्राम बताया जा रहा है। ये सिर्फ इस खास अवसर के लिए तैयार कि गई है। इसे रोड के जरिए अयोध्या भेजा गया। अब ये प्राण प्रतिष्ठा के दिन जलाई जाएगी। ऐसा कहा जा रहा है कि ये धूपबत्ती करीब-करीब होली के पर्व तक जलेगी। इस ऐतिहासिक अगरबत्ती को बनाने में कई महीनों का समय लगा है।

उज्जैन में 51 किलो की अगरबत्ती, भोपाल में राम नामी दीपक
उज्जैन के उन्हेल रोड पर ग्राम सोंडग में 51 किलो की बड़ी अगरबत्ती बनाई जा रही है। इस अगरबत्ती को प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन अंगारेश्वर मंदिर में प्रज्वलित किया जाएगा। इसका निर्माण काय के गोबर, गाय के घी, चंदन, गूगल फूलों व अन्य सुगंधित पदाथों के प्रयोग से महिला कारीगरों द्वारा किया जा रहा है। भोपाल में युवा भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन को खास बनाने की तैयारी में जुट गए हैं। युवाओं ने राम नाम वाले दीपक बना रहे हैं। इन दीपक को 22 जनवरी को घर घर राम के नाम का दीपक जलाने के लिए वितरित किया जाएगा। मंदिरों में पूजा अर्चना का आयोजन किया जाएगा।

ओडिशा में दुनिया का सबसे बड़ा दीया किया गया तैयार
अयोध्या के राम लला मंदिर में जलने के लिए कई सारे दीये लगाए जाएंगे। लेकिन ये दीया बेहद खास होने वाला है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये दुनिया (रामलला की मूर्ति) का सबसे बड़ा दीया कहा जा रहा है जिसे राउरकेला ओडिशा में तैयार किया गया है। इसे बनाने में कई महीने लगे हैं। 22 जनवरी से पहले इसे अयोध्या पहुंचा दिया जाएगा, ताकि प्राण प्रतिष्ठा के दिन इसे प्रजवल्ति किया जा सके।

श्री महाकाल मंदिर से राम लला मंदिर आएंगे 5 लाख लड्डू
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल में कहा कि हम तो सौभाग्यशाली है। अयोध्या बुला रही है और भक्त जा रहे हैं। हम वह द्दश्य देखेंगे। दो हजार साल पहले भी सम्राट विक्रमादित्य ने अयोध्या में राम का मंदिर बनवाया था। उसी मंदिर को पांच सौ साल पहले बाबर ने तोड़ा है। जब दोबारा मंदिर का निर्माण हो रहा है तो इसमें मध्य प्रदेश कैसे पीछे रह सकता है। विक्रमादित्य की नगरी और महाकाल मंदिर उज्जैन से अयोध्या में श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के पावन समारोह पर 5 लाख लड्डू भेजे जायेंगे। बाबा महाकाल का प्रसाद अयोध्या जाएगा।

गुजरात ने दरियापुर से आया 500 किलो का नगाड़ा
गुजरात से विशेष रथ से 500 किलोग्राम का विशाल नगाड़ा बुधवार को अयोध्या लाया गया और इसे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को सौंपा गया। चंपत राय के मुताबिक इस नगाड़े को उचित स्थान पर स्थापित किया जाएगा। गुजरात विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्र मंत्री अशोक रावल ने पत्र भेजकर नगाड़ा स्वीकार करने की सिफारिश की है। नगाड़ा लेकर अयोध्या आए चिराग पटेल ने बताया,“ इस पर सोने और चांदी की परत चढ़ाई गई है। ढांचे में लोहे और तांबे की प्लेट का भी इस्तेमाल किया गया है। इसका निर्माण डबगर समाज के लोगों ने किया है। हिंदू संस्कृति के प्रतीक इस विशाल नगाड़े का निर्माण कर्णावती महानगर के दरियापुर में किया गया है।”

 

सूरत से आ रही है माता सीता की विशेष साड़ी और हार
देश में कपड़े का हब कहे जाने वाले गुजरात के सूरत शहर में तैयार की गयी एक विशेष साड़ी को 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए भेजा जा रहा है। सूरत में कपड़ा उद्योग से जुड़े कारोबारी ललित शर्मा ने कहा कि इस साड़ी पर भगवान राम और अयोध्या मंदिर की तस्वीरें उकेरी गयी हैं और इसे माता सीता के लिए तैयार किया गया है। साड़ी तैयार करने वाले कपड़ा कारोबारी राकेश जैन ने कहा कि यह वस्त्र माता जानकी के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘पूरी दुनिया में खुशी का माहौल है क्योंकि भगवान राम का कई वर्षों बाद अयोध्या मंदिर में अभिषेक किया जा रहा है। माता जानकी और भगवान हनुमान सबसे ज्यादा प्रसन्न हैं।’’

400 किलो का ताला खोलने के लिए 30 किलो की चाबी
तालानगरी अलीगढ़ से राम लला मंदिर के लिए चार सौ किलो का पीतल और स्टील का ताला भेजा जा रहा है। ज्वालापुरी गली नंबर पांच निवासी ताला कारीगर सत्यप्रकाश शर्मा एवं उनकी पत्नी रुक्मिणी शर्मा ने इसे अपने हाथों से बनाया है। दंपति के मुताबिक उनका वर्षों पुराना सपना साकार हो गया है। दंपती ने बताया कि यह दुनिया का सबसे वजनी ताला है। जिसकी तीन फुट चार इंच लंबी चाबी 30 किलोग्राम की है। इसे बनाने में उनके रिश्तेदार शिवराज और उनके बच्चों ने भी मदद की है।

नेपाल से 3 हजार उपहार, श्रीलंका की अशोक वाटिका से चट्टान
नेपाल के जनकपुर में मां सीता की जन्मभूमि से भगवान राम के लिए 3,000 से अधिक उपहार अयोध्या पहुंचे हैं। चांदी के खड़ाऊं, आभूषण और कपड़ों सहित तमाम उपहारों को इस सप्ताह जनकपुर धाम रामजानकी मंदिर से लगभग 30 वाहनों के काफिले में अयोध्या लाया गया। श्रीलंका का एक प्रतिनिधिमंडल भी अशोक वाटिका से एक विशेष उपहार के साथ अयोध्या आया। इस प्रतिनिधिमंडल ने महाकाव्य रामायण में वर्णित अशोक वाटिका की एक चट्टान भेंट की है।

जयपुर से सीता रसोई के लिए सरसों के तेल के 2100 पीपे भेजे
अयोध्या में होने वाले श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह जयपुर की भी अहम भागीदारी रहने वाली है। जयपुर में तैयार किए गए सरसों के तेल से अयोध्या की सीता रसोई में पकवान तैयार होंगे। प्रसाद और भोजन ने 2100 पीपे तेल जयपुर से अयोध्या भेजे गए हैं। एक शोभा यात्रा के रूप में विशेष वाहन तैयार किया गया जिस पर भगवा पताका सजाई गई। साधु संतों के सानिध्य में इस विशेष वाहन के साथ हाथी, घोड़े और ऊंट का लवाजमा भी रवाना किया गया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तेल के पीपे अयोध्या ले जाने वाली शोभायात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

 

 

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