Home विपक्ष विशेष गहलोत सरकार में भ्रष्टाचार को बढ़ावा, ACB के नए DG ने...

गहलोत सरकार में भ्रष्टाचार को बढ़ावा, ACB के नए DG ने भ्रष्टाचारियों के फायदे का जारी किया तुगलकी फरमान, अब घूसखोरों की उजागर नहीं होगी पहचान!

SHARE

राजस्थान की गहलोत सरकार एक ऐसा रिकॉर्ड बनाने जा रही है, जो अभी तक किसी ने नहीं बनाया है। कांग्रेस सरकार के इस रिकॉर्ड में घूसखोर अफसरों और कर्मचारियों को भ्रष्टाचार करने की ‘खुली छूट’ मिल जाएगी! सरकार के अधीन भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के डीजी ने तुगलकी फरमान जारी किया है। इसके तरह एसीबी अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि ट्रैप किए गए किसी भी घूसघोर अधिकारी-कर्मचारी की पहचान उजागर न की जाए। अभी तक ऐसे भ्रष्टाचारियों को घूस लेते वक्त यह डर रहता था कि कहीं पकड़े गए तो उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हो जाएगी। वो किसी को मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहेंगे। लेकिन सरकारी आदेश से उन्हें खुलकर घूस लेने की इजाजत दे दी है और पहचान उजागर होने के डर को भी खत्म कर दिया है।प्रियदर्शी ने कार्यवाहक डीजी का नया कार्यभार संभालते ही किया नया धमाका
राज्य की गहलोत सरकार ने हाल ही में आईपीएस हेमंत प्रियदर्शी को एसीबी के डीजी पद का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। कार्मिक विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किया। बीएल सोनी के रिटायरमेंट के बाद से यह पद खाली हुआ था। इसके बाद इस पद को लेकर कई नामों की चर्चा चल रही थी। हेमंत प्रियदर्शी को सीनियरिटी के आधार पर चार्ज सौंपा गया। हेमंत प्रियदर्शी राजस्थान कैडर के 1992 बैच के अफसर हैं। इस समय वे ACB में अतिरिक्त महानिदेशक के पद पर तैनात हैं। हेमंत प्रियदर्शी के साथ दिनेश एमएन भी अतिरिक्त डीजी के पद पर हैं। लेकिन हेमंत प्रियदर्शी, आईपीएस दिनेश से वरिष्ठ हैं, इसलिए वरिष्ठता के आधार पर प्रियदर्शी को डीजी का अतिरिक्त कार्य सौंपा गया। प्रियदर्शी ने नया कार्यभार संभालते ही नया धमाका कर दिया। उन्होंने ऐसा आदेश जारी किया है, जिससे भ्रष्टाचार का निरोध होने के बजाए इसको बढ़ावा ही मिलेगा।अब भ्रष्ट कर्मचारियों को ट्रैप के बाद उनके नाम और फोटो जारी नहीं करेगी एसीबी
आईपीएस हेमंत प्रियदर्शी ने ऐसा आदेश DG ACB का अतिरिक्त चार्ज लेते ही दिया है। इस आदेश में कहा गया है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो अब भ्रष्ट अधिकारियों-कर्मचारियों को ट्रैप करने के बाद उनके नाम और फोटो जारी नहीं करेगी। यानी घूसखोरों की पहचान ही उजागर नहीं की जाएगी। सिर्फ विभाग का नाम और पद की जानकारी सार्वजनिक की जाएगी। इससे समाज को पता ही नहीं चलेगा कि एसीबी ने किस घूसखोर को पकड़ा है। आदेश में साफ कहा है कि जब तक आरोपी पर अपराध सिद्ध नहीं हो जाता, तब तक उसकी फोटो और नाम मीडिया में या किसी अन्य व्यक्ति को नहीं दिया जाएगा। साथ ही, जिस भी आरोपी को पकड़ा जाएगा, उसकी सुरक्षा और मानवाधिकार की जिम्मेदारी ट्रैप करने वाले अधिकारी की रहेगी।गहलोत सरकार के आदेश की मूल भावना ही भ्रष्टाचारियों को बचाने की है
गहलोत सरकार के इस आदेश पर सवाल उठने ही थे, क्योंकि इसकी मूल भावना ही भ्रष्टाचारियों को बचाने की है। एक तरफ इस आदेश के पहले एसीबी ही पूरी कार्रवाई की फोटोग्राफी के साथ वीडियोग्राफी कराकर बाकायदा फुटेज और फोटो मीडिया को जारी भी करती थी। इसका मकसद यह होता था कि जिसे पकड़ा गया है, उसके कारनामों से अधिक से अधिक लोग वाकिफ हो सकें। घूसघोर का चेहरा सबसे सामने उजागर हो सके और दूसरे अधिकारी-कर्मचारी भी डरकर ऐसे घृणित कार्य से दूर ही रहें। फोटो-वीडियो सामने आने के बाद ACB के प्रति भी आम जनता का विश्वास बढ़ता था। धीरे-धीरे समय बदला और ACB के अधिकारियों ने कार्रवाई के बाद मौके पर मीडिया को बुलाना शुरू कर दिया। पूरी कार्रवाई मीडिया को दिखाई जाती थी, ताकि पूरी डिटेल के साथ रिपोर्ट आम लोगों के सामने आ सके।

पहले तो ACB खुद बनवाती थी वीडियो, सर्च तक की फोटो-वीडियो मीडिया को देती थी
आरोपियों के घर-ऑफिस पर चल रहे सर्च तक की फोटो-वीडियो एसीबी जारी करती थी। अब नए आदेश को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। सवाल उठने लगा है कि अभी तक जो हो रहा था, वह गलत हो रहा था। आरोपियों की फोटो और नाम छुपाकर एसीबी क्या करना चाहती है। इसको लेकर कोई साफ जवाब नहीं मिल पा रहा है। इस नए आदेश के बाबत डीजी एसीबी का अतिरिक्त चार्ज संभालने वाले हेमंत प्रियदर्शी से बात करने के लिए उनका मोबाइल नंबर मिलाया गया। कई बार पूरी रिंग जाने के बाद भी फोन रिसीव नहीं हुआ।

उपनेता प्रतिपक्ष राठौड़ का सरकार पर निशाना- एसीबी भ्रष्टाचारियों की ढाल बनेगी
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्ववीट कर एसीबी के आदेश को लेकर गहलोत सरकार पर निशाना साधा है। राठौड़ ने लिखा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तथाकथित मॉडल स्टेट राजस्थान में भ्रष्टाचारियों को अभयदान देने के लिए अब उनके फोटो व नाम को मीडिया में उजागर नहीं करने का तुगलकी फरमान निकालकर प्रेस की स्वतंत्रता का हनन किया जा रहा है। राठौड़ ने कहा है कि अपने नीतिगत दस्तावेज जनघोषणा पत्र के पेज 36 के बिन्दु संख्या 28 में ‘जीरो करप्शन, जीरो टॉलरेंस’ के सिद्धांत पर काम करने के वादे को धूल में मिला चुकी गहलोत सरकार का यह आदेश इस बात का प्रमाण है कि एसीबी अब भ्रष्टाचारियों की ढाल बनकर काम करेगी।एसीबी के तुगलकी आदेश को सरकार तत्काल वापस कराए- भाजपा प्रवक्ता
एंटी करप्शन ब्यूरो के नए डीजी के आदेश पर भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार किया है। भाजपा के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता राम लाल शर्मा ने इसे तुगलकी फरमान बताते हुए भ्रष्टाचारियों को बचाने का अवसर देने का आरोप लगाया है। शर्मा ने सरकार से मांग की है कि इस आदेश को तुरंत वापस करवाए। एसीबी के नए कार्यवाहक मुखिया हेमंत प्रियदर्शी ने ट्रेप होने वाले घूसखोर का नाम सार्वजनिक नहीं करने के आदेश जारी किए हैं। राम लाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान पुलिस में एसीबी एडीजी का यह फरमान किसी भी रूप में सही नहीं है। घूसखोर का नाम सार्वजनिक नहीं किया जाएगा तो घूस लेने वाले में डर नहीं होगा। हमारा सामाजिक ताना-बाना ऐसा कि व्यक्ति को गलत रास्ते पर जाने और नाम उजागर होने की आशंका के डर से ही अपराध से बचता है। ऐसे में एसीबी घूसखोर की वास्तविकता सामने नहीं लाएगी तो घूसखोरों में भय नहीं रह पाएगा। सरकार को यह आदेश तत्काल रूप से वापस लेकर भ्रष्टाचार पर अंकुश के सारे उपाय करने चाहिए।

Leave a Reply