राजस्थान में बढ़ती अपराधिक वारदातें, दुष्कर्म और अवैध खनन को रोकने में नाकामी, सत्ता से लेकर संगठन में खींचतान, कुर्सी बचाने की जद्दोजहद और प्रदेश छोड़कर सोनिया-राहुल की मिजाजपुर्सी के चलते जनमानस की नजर में राजस्थान सरकार की इमेज लगातार बदरंग होती जा रही है। हैरानी की बात है कि सरकार की बिगड़ती छवि को सुधारने के लिए सकारात्मक बदलाव करने, जनता की समस्याएं दूर करे के बजाए सरकार ने फर्जी ट्विटर-फेसबुक अकाउंट बनाने के आदेश जारी कर दिए हैं। बकायदा सरकारी आदेश में कहा गया है कि इन फर्जी एफबी और ट्वीटर अकाउंट की मदद से युवाओं को सरकार की इमेज चमकाने के काम में लगाया जाए। ताकि अगले साल विधानसभा चुनाव में नाक कटने से बचाई जा सके। सरकार का काम फेक अकाउंट को रोकना है, और यहां सरकार के जिम्मेदार अधिकारी खुद ही फर्जी अकाउंट खुलवाने में लगे हैं।राजीव गांधी के नाम पर ऐसा काम, युवा मित्रों को फर्जी हैंडल बनाने में लगाया
प्रदेश की कांग्रेसी गहलोत सरकार की छवि सुधारने के ठेका सरकार ने किसी निजी संस्था को दिया हो, ऐसा भी नहीं है। आश्चर्यजनक रूप से सरकार की इमेज चमकाने के लिए राजस्थान के सांख्यिकी विभाग ने ही फर्जी ट्विटर-फेसबुक अकाउंट बनाने के आदेश जारी किए हैं। यह आदेश आर्थिक और सांख्यिकी विभाग, सवाई माधोपुर के सहायक निदेशक सतीश कुमार सहारिया ने बुधवार को जारी किया था।। राजीव गांधी युवा इंटर्नशिप प्रोग्राम में चयनित युवा मित्रों को फर्जी फेसबुक और ट्विटर हैंडल बनाने के आदेश पर विवाद हो गया।
फर्जी आईडी से सोशल मीडिया पर कमेंट करने का आदेश सोशल मीडिया पर ही वायरल
सरकारी आदेश में यह भी कहा गया कि वे इन फर्जी आईडी से कमेंट भी करें। यह कमेंट इस तरह के होने चाहिए, जो सरकार के, उसकी योजनाओं के पूरी तरह से पक्ष में हों। यह कमेंट सरकार की इमेज चमकाने का सबब बनने चाहिए। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर यह सरकारी ऑर्डर जल्द ही ट्रोल होने लगा। आदेश वायरल होने के बाद जब मामले ने तूल पकड़ा तो आनन-फानन में न सिर्फ सरकार को संशोधित आदेश जारी करना पड़ा, बल्कि आदेश जारी करने वाले सहायक निदेशक को सस्पेंड भी कर दिया गया। सरकार ने अपने बचाव के लिए उसके खिलाफ एफआईआर भी करवा दी गई।सरकारी आदेश- युवा मित्र 10-10 फर्जी एफबी व ट्वीटर अकाउंट से कमेंट करें
सहायक निदेशक सतीश कुमार सहारिया ने आदेश में लिखा कि हर युवा मित्र का खुद के नाम से एक ट्विटर अकाउंट होना चाहिए। साथ ही उस युवा मित्र को ट्विटर अकाउंट पर 10 डमी और फर्जी अकाउंट भी बनाने हैं और इन अकाउंट में कहीं भी युवा मित्र शब्द नहीं होना चाहिए। एक मोबाइल नम्बर से 10 डमी अकाउंट बन जाएंगे । सभी अकाउंट से रीट्वीट और कोट रीट्वीट करना है। इसी तरह युवा मित्र का एक फेसबुक अकाउंट होना चाहिए और उसी मोबाइल नम्बर से 5 डमी फेसबुक अकाउंट होने चाहिए। युवा मित्र अपने मुख्य अकाउंट और डमी अकाउंट से सोशल मीडिया का काम करेगा और सभी अकाउंट लाइक, शेयर और कमेंट करना है।
सरकारी आदेशों में पहली बार डमी अकाउंट बनाने के निर्देश
सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार को लेकर पहली बार ऐसा आदेश सामने आया है, जिसमें फर्जी आईडी बनाकर कमेंट और लाइक शेयर करने के निर्देश दिए गए थे। राजनीतिक दलों पर ट्रोल का ग्रुप बनाने के आरोप लगते रहे हैं ,लेकिन सरकारी विभागों में युवा इंटर्न को ही अफसर की ओर से लिखित आदेश जारी करने का यह पहली बार मामला सामने आया था। मामले के तूल पकड़ने पर सरकार ने पीछे हट गई, लेकिन भाजपा हमलावर हो गई है। बीजेपी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और इसकी शिकायत की। विवाद को बढ़ता देख सरकार ने एक्शन लिया। इस पूरे मामले में सरकारी विभागों के कामकाज और आपसी कॉर्डिनेशन पर सवाल उठने लगे हैं।
डीजीपी से शिकायत, सरकार की नकारात्मक मंशा उजागर हुई: राठौड़
उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने सीएम गहलोत ने प्रदेश में जालसाजों की फौज खड़ी करने का आरोप लगाया है। विवाद बढ़ने पर सरकार ने एक्शन ले लिया। इस आदेश के खिलाफ गुरुवार को पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर से मुलाकात कर ज्ञापन दिया और कार्रवाई की मांग की। वहीं, प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने भी इस मामले में गुरुवार को एक ट्वीट कर प्रदेश सरकार पर जालसाजों की फौज खड़ी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार की नकारात्मक मंशा साफ है। विभागों में समन्वय की कमी साफ दिखाई दे रही है। आनन-आफन में एक अधिकारी को निलंबित कर सरकार डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है।भ