2019 लोकसभा चुनाव के समय मंदिर मंदिर भटकने वाले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने राममंदिर शिलान्यास के ऐतिहासिक मौके पर एक भी बयान या ट्वीट नहीं किया है, जबकि कल अयोध्या में भूमि पूजन को लेकर बड़ा कार्यक्रम होने वाला है। राहुल गांधी और सोनिया गांधी की बात छोड़ दीजिए कांग्रेस के ऑफिसियल ट्विटर हैंडल से भी राम मंदिर शिलान्यास को लेकर एक भी ट्वीट नहीं किया गया है। तो इसका अर्थ ये लगाया जाय कि भगवान राम को काल्पनिक मानने वाली कांग्रेस क्या राम जन्मभूमि शिलान्यास से नाराज है? हालांकि कांग्रेस ने सिर्फ यूपी के प्रभारी प्रियंका से बयान जारी करवाया है जिसे सिर्फ खानापूर्ति के रूप में देखा जा रहा है।
यहां यह भी गौर करने वाली बात है कि चीन मुद्दे को लेकर राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस पार्टी लगातार अफवाहें फैला रही हैं। राहुल गांधी प्रतिदिन ट्वीट कर सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन जहां कोरोड़ों हिन्दुओं की आस्था का प्रश्न है तो राहुल गांधी ने बयान देना तो दूर एक ट्वीट भी करना उचित नहीं समझा।
राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में खुद को जनेऊधारी हिंदू कर मतदाताओं को धोखा देने की कोशिश की थी लेकिन हकीकत यह है कि राहुल गांधी किस तरह हिंदू आस्था का मजाक उड़ाने में अपनी शान समझते हैं। आइए, आपको बताते हैं कि कांग्रेस और उनके नेताओं ने कब-कब हिन्दू धर्म का मजाक उड़ाया।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने किया हिंदू आस्था से खिलवाड़
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सिर्फ जनेऊधारी हिंदू होने का नाटक करते हैं,असल में उनकी हिंदू धर्म में कोई आस्था नहीं है। पिछले दिनों मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान जबलपुर में कांग्रेस पार्टी ने राहुल के शिव भक्त की तरह है नर्मदा भक्त होने का जमकर प्रचार किया। राहुल गांधी के लिए मां नर्मदा की आरती का भी आयोजन किया गया। पर यहां अपनी राजनीतिक चमकाने के लिए राहुल गांधी ने हिंदू आस्था का अपमान किया और मां नर्मदा की शाम को होने वाली आरती दोपहर में ही कर दी। दरअसल, राहुल गांधी को सिर्फ हिंदुओं को प्रभावित करने के लिए आरती का नाटक करना था, असर में तो उन्हें रोड शो करना था।
दोपहर में संध्या आरती ! हाँ, बिल्कुल. पार्टी अगर काँग्रेस हो और हिन्दू राहुल गाँधी हो, तो यह भी हो सकता है.
दरअसल इसी मेथड पर इस परिवार ने देश को लगातार ठगा है लेकिन आज सूचना क्रांति के इस एडवांस दौर में इनकी तरकीबें मिनटों में नाकामयाब हो जाती हैं. @BJP4India @naqvimukhtar pic.twitter.com/LN54vjXQDh
— VikashPreetamSinha (@VikashPreetam) 7 October 2018
दोपहर में मां नर्मदा की आरती कर राहुल गांधी ने फिर साबित कर दिया है कि उनकी हिंदू संस्कारों में कोई आस्था नहीं है। सोशल मीडिया पर राहुल की इस हरकत के लिए लोगों ने जमकर लताड़ लगाई है।
ढोंगी हिन्दु है नक़ली गांधी
— SANJEEV KUMAR (@sanjeevsg52) 7 October 2018
राहुल ऐसे तो नजर उतारी जाती है ।
— Ramesh Gehlot (@rkg093) 7 October 2018
राहुल गांधी क्यों हैं ‘फर्जी’ हिंदू , जानिए हकीकत
सोशल मीडिया पर राहुल गांधी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। 17 सितंबर को भोपाल में कार्यकर्ता संवाद के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा सवाल करती हैं कि कार्यकर्ता आपके कैलास मानसरोवर यात्रा के संस्मरण जानना चाहते हैं। ये सुनते ही राहुल गांधी कुछ बोल ही नहीं पाए। ऐसा लगा जैसे वे कैलास यात्रा के बारे में कुछ जानते ही न हों। थोड़ी देर तो बगल में खड़े मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अवाक रह गए और एक दूसरे का मुंह देखने लगे। राहुल को चुप देख कर उन्होंने कुछ समझाने की भी कोशिश की, लेकिन इसी बीच कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मोदी जिंदाबाद के नारे लगाने भी शुरू कर दिए।
काफी सोचने के बाद राहुल ने जो जवाब दिया वह भी काफी चौंकाने वाला है। उन्होंने कहा, ‘’जो एक बार कैलास पर्वत और मानसरोवर चला जाता है वापस आने पर सब-कुछ बदल जाता है। सोच बदल जाती है और गहराई आ जाती है।‘’ जाहिर है राहुल के जवाब में उनका ‘झूठ’ छिपा हुआ है क्योंकि यात्रा वे यात्रा के संस्मरण बता ही नहीं पाए।
एक महिला ने राहुल गांधी जी से भोपाल रैली में पूछा कि आप अपनी कैलाश यात्रा के बारे कुछ अनुभव कार्यकर्ताओं के साथ साझा करे,
ये सुनते ही राहुल जी कुछ बोल ही नही पाये तबतक जनता ने मोदी जी जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिये ??
मतलब ये यात्रा पे गये ही नही थे ?? pic.twitter.com/OEQr20NlpE— Sumit Katiyar (@iSKatiyar) September 17, 2018
See and hear for yourself! pic.twitter.com/ABXSRf3e03
— M.J. Akbar (@mjakbar) September 18, 2018
“Jo Kailash…,jo parvat hai…huh…jo Maansarovar hai….” Kamaal hai Rahul Gandhi. Who talks like that? You have plastered posters in MP which address you as ‘SHIV BHAKT RAHUL GANDHI’ – But you haw & hum, stammer, have to think so hard to talk abt a yatra you made? Or did you? https://t.co/mGEVfAiLE3
— Seema Trivedi (@SeemaTrivedi6) September 18, 2018
आपको बता दें कि राहुल गांधी ने दावा किया था कि वे 31 अगस्त से 9 सितंबर के बीच कैलास मानसरोवर यात्रा पर गए थे। यात्रा शुरू करने से पहले नेपाल में सूअर और चिकेन कुरकुरे खाने को लेकर भी काफी विवाद हो चुका है। इतना ही नहीं लोग यह भी जानना चाहते हैं कि जिस कैलास मानसरोवर की यात्रा में कम से कम 21 दिन लगते हैं, कांग्रेस अध्यक्ष ने 9 दिनों में ही अपनी यात्रा कैसे पूरी कर ली?
इसलिए ‘ढोंगी’ हिंदू हैं राहुल गांधी
मार्च 2017
काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा के दौरान नमाज की मुद्रा बना ली
नवंबर, 2017
सोमनाथ मंदिर के एंट्री रजिस्टर में अपने नाम के आगे ‘M’ लिखा
जुलाई, 2018
मुस्लिम बुद्धिजीवियों से राहुल ने कहा- ‘’कांग्रेस एक मुस्लिम पार्टी’’
फरवरी, 2018
कर्नाटक में हंपी के विरुपाक्ष शिव मंदिर में जाने से किया इनकार
अगस्त, 2014
मंदिर दर्शन को जाने वाले हिंदुओं को लड़कियां छेड़ने वाला बताया
जुलाई, 2009
विकिलीक्स को बताया कि अलकायदा-लश्कर से खतरनाक हैं हिंदू
कांग्रेस के डीएनए में हिंदू धर्म का अपमान करना है। आगे आपको दिखाते हैं किस तरह हिंदुओं की आस्था से खेलती रही है कांग्रेस पार्टी
बहरहाल, एक नहीं ऐसे अनेकों मामले हैं जो ये साबित करते हैं कि कांग्रेस पार्टी लगातार हिंदू आस्था से खिलवाड़ करती रही है। उसे न तो सनातन संस्कृति से प्रेम है और न ही साधु-संतों के प्रति सम्मान का भाव है।
शंकराचार्य के विरुद्ध कांग्रेस की साजिश
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी अपनी किताब ‘द कोलिशन इयर्स’ में ये खुलासा किया है कि 2004 में शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती की गिरफ्तारी के पीछे सोनिया गांधी हाथ था। जाहिर है इसके मूल में हिंदू विरोध ही था। दरअसल दक्षिण भारत में बेरोक-टोक ईसाई धर्म का प्रचार चल सके इसके लिए वेटिकन के इशारे पर शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को साजिश के तहत गिरफ्तार करवाया गया। हालांकि 2013 में वे बाइज्जत बरी किए गए, लेकिन उन्हें बेकसूर ही 10 वर्षों तक हिंदू होने की सजा भुगतनी पड़ी और जेल के सलाखों के पीछे रहना पड़ा।
राम सेतु को तोड़ने का बनाया था प्लान
वर्ष 2013 में जब सुप्रीम कोर्ट में सेतु समुद्रम प्रोजेक्ट पर बहस चल रही थी तो कांग्रेस पार्टी ने अपनी असल सोच को जगजाहिर किया था। पार्टी ने एक शपथ पत्र के आधार पर भगवान श्रीराम के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया था। इस शपथ पत्र में कांग्रेस की ओर से कहा गया था कि भगवान श्रीराम कभी पैदा ही नहीं हुए थे, यह केवल कोरी कल्पना ही है। साफ है कि कांग्रेस ने व्यावसायिक हित के लिए देश के करोड़ों हिंदुओं की आस्था पर कुठराघात करने की तैयारी कर ली थी। जिस राम सेतु के अस्तित्व को NASA ने भी स्वीकार किया है, जिस राम सेतु को अमेरिकी वैज्ञानिकों ने भी MAN MAID यानि मानव निर्मित माना है, उसे कांग्रेस पार्टी तोड़ने जा रही थी।
राम मंदिर के विरोध की कांग्रेस की नीति
अयोध्या में राम मंदिर बनाने के मामले को कांग्रेस ने हमेशा से ही उलझाए रखा है। जबकि देश का हर नागरिक अब राम जन्म भूमि पर मंदिर बनने का सपना देख रहा है। अब यह कोई नहीं चाहता कि अयोध्या का हल नहीं निकले, लेकिन कांग्रेस की भूमिका को लेकर कई प्रकार के सवाल खड़े हो रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कांग्रेसी मानसिकता को उजागर करते हुए अभी हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय में कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर अब जुलाई 2019 के बाद सुनवाई हो। सिब्बल के बयान से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस ने लम्बे समय से राम के नाम पर घिनौनी राजनीति का प्रदर्शन किया है।
भगवान राम की तीन तलाक से की तुलना
16 मई, 2016 को सुनवाई के दौरान कांग्रेस नेता और AIMPLB के वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि जिस तरह राम हिंदुओं के लिए आस्था का सवाल है उसी तरह तीन तलाक और हलाला मुसलमानों की आस्था का मसला है। साफ है कि कांग्रेस और उसके नेतृत्व की हिंदुओं की प्रति उनकी सोच को ही दर्शाती है।
सोमनाथ मंदिर पुनर्निर्माण का विरोध
हिंदुओं के सबसे अहम मंदिरों में से एक सोमनाथ मंदिर को दोबारा बनाने का जवाहरलाल नेहरू ने विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि सरकारी खजाने का पैसा मंदिरों पर खर्च नहीं होना चाहिए। दरअसल उन्हें डर था कि इससे मुस्लिमों में नाराजगी बढ़ेगी।