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सरहदें होंगी और सुरक्षित : ‘प्रचंड’ और ‘तेजस’ का तेज बढ़ाएगा भारतीय सशस्त्र सेनाओं की ताकत, मोदी सरकार ने दी 2.23 लाख करोड़ की खरीद को मंजूरी 

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक ओर आत्मनिर्भर और विकसित भारत बनाने के लिए अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर नित-नए रिकॉर्ड बना रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर सामरिक क्षेत्र में उनके विजन और सेना को दिये जा रहे हौसले से सरहदें और ज्यादा सुरक्षित हो रही हैं। वरना एक दशक पहले यूपीए सरकार की पॉलिसी पैरालिसिस ने देश को बहुत नुकसान पहुंचाया था। तब आलम यह था कि सालों तक सैन्य क्षेत्र के सौदे और रक्षा समझौते ही ताक पर रख दिए गए थे। सेना के आधुनिकीकरण की बात तो दूर, सेना के इस्तेमाल के लिए खरीददारी भी भारी पड़ती नजर आती थी। जब से पीएम मोदी ने सत्ता संभाली है, तो साफ कर दिया है कि अब एक मजबूत रक्षा कवच रहेगा और एक मजबूत सेना आत्मविश्वास से भरे भारत का प्रतीक होगी। पीएम मोदी न सिर्फ सेना के आधुनिकीकरण के लिए बल्कि सुधारों पर भी फोकस कर रहे हैं। आज भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना है, जिसके पास अति आधुनिक हथियार हैं। चीन और पाकिस्तान से सटे मोर्चों पर दोहरी सामरिक चुनौती के मद्देनजर रक्षा अधिग्रहण परिषद ने भारतीय सशस्त्र सेनाओं की ताकत बढ़ाने के लिए 2.23 लाख करोड़ रुपए की रक्षा खरीद को मंजूरी दी है। इसमें से 2.20 लाख करोड़ रुपए की खरीद स्वदेशी कंपनियों से होगी।हल्के लड़ाकू विमान तेजस एमके-1ए और प्रचंड हेलिकॉप्टर की होगी खरीद
पीएम मोदी ने तमाम रक्षा दलालों और कंपनी के स्तर पर चर्चा छोड़ कर सीधे फ्रांस सरकार के स्तर पर बातचीत कर राफेल की खरीद की राह प्रशस्त की थी। साथ ही मेक इन इंडिया को बढावा देने के लिए इसके कल पूर्जे भारत में बनाने का समझौता भी कराया। राफेल और लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट तेजस ने भारतीय वायुसेना की क्षमता को कई गुना बढ़ा दिया। रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत का नारा बुलंद किया। हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में वायुसेना के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से 97 हल्के लड़ाकू विमान तेजस एमके-1ए की खरीद को मंजूरी दी गई। एचएएल से सेना और वायुसेना के लिए 156 हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर प्रचंड के खरीद प्रस्ताव भी मंजूर किए गए। इनमें से 90 प्रचंड हेलिकॉप्टर थलसेना, जबकि 66 वायुसेना के लिए खरीदे जाने हैं। एचएएल से स्वदेशी तौर पर सुखोई-30 एमकेआइ विमान के उन्नयन के लिए उपकरण खरीद को स्वीकृति प्रदान की गई।

सेना को अत्याधुनिक बनाने को कई तरह के साजो-सामान की खरीद को मंजूरी
थल सेना के तोपखाना में अब सेवा अवधि पूरी कर चुकी इंडियन फील्ड गन (आइएफजी) की जगह टोव्ड गन सिस्टम लेगा। परिषद की बैठक में टीडीएस के खरीद प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया। इसके अलावा 155 मिमी आर्टिलरी गन में उपयोग के लिए 155 मिमी नबलेस प्रोजेक्टाइल को मंजूरी दी गई। यह प्रोजेक्टाइल की मारक क्षमता और सुरक्षा बढ़ाएगा। टी-90 टैंकों के लिए स्वचालित लक्ष्य ट्रैकर और डिजिटल बेसाल्टिक कंप्यूटर तथा टैंक व बख्तरबंद गाडियों पर दुश्मन का वार बेअसर करने के लिए एंटी-टैंक युद्ध सामग्री, एरिया डेनियल म्यूनिशन (एडीएम) टाइप-2 और टाइप-3 की खरीद को भी मंजूरी दी गई है।सैन्य क्षेत्र में यह स्वदेशी निर्माताओं को मिलने वाला अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर
दोहरी सामरिक चुनौती के मद्देनजर रक्षा अधिग्रहण परिषद ने भारतीय सशस्त्र सेनाओं की ताकत बढ़ाने के लिए 2.23 लाख करोड़ रुपए की रक्षा खरीद को मंजूरी दी है। यह अब तक स्वदेशी निर्माताओं को मिलने वाला सबसे बड़ा ऑर्डर होगा। परिषद ने नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए लड़ाकू पोत के हल्के प्लेटफॉर्म से सतह पर मार करने वाली मध्यम रेंज की एंटी शिप मिसाइल (एमआरएएसएचएम) की खरीद के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। एमआरएएसएचएम नौसेना के जहाजों पर प्राथमिक आक्रामक हथियार होगा। परिषद में मिली रक्षा उत्पादों की एओएन के बाद अब निर्माताओं के साथ कीमत निर्धारण के लिए नेगोशिएशन किया जाएगा। अंतिम कीमत निर्धारित हो जाने के बाद प्रस्ताव अंतिम निर्णय के लिए रक्षा मामलों की कैबिनेट समिति के समक्ष रखें जाएंगे। वहां से मंजूरी के बाद खरीद प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।

 

मोदी सरकार ने चीन से लगी 4000 किमी लंबी सीमा पर इंफ्रास्ट्रकचर पर दिया जोर
इससे पहले पीएम मोदी के दिशा निर्देशन में भारत में निर्मित जंगी जहाजों और पनडुब्बियों ने नेवी की मारक क्षमता को और बढाया। सेना के पास अब भारत में बने टैंक, मिसाइल और हैंड ग्रेनेड हैं जो आत्मनिर्भर भारत के नारे को चार चांद लगा रहे हैं। सुरक्षा के लिए साजो-सामान का इंतजाम करने के साथ साथ मोदी सरकार ने चीन से लगी 4000 किमी लंबी सीमा पर इंफ्रास्ट्रकचर पर जोर दिया और सभी सीमाओं पर सड़क से लेकर रेल, वायुमार्ग के रास्ते जल्दी से जल्दी पहुंचने का रास्ता भी बनाने पर जोर दिया। इसके शानदार नतीजे देश के सामने हैं। अब अगर चीन आंखें तरेरता है तो भारत की सेना उनकी आंखों में आंखे डाल कर बात करती है तो दूसरी तरफ पाकिस्तान की बोलती बंद है। आलम ये है कि पहले जहां सीमा पार से हुई गोलीबारी का जवाब देने के लिए दिल्ली से पूछना पड़ता था, अब सीमा पर मौजूद कमांडर को खुद ही निर्णय लेने का अधिकार मिल गया है। इससे आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी के साथ ही सरहदें और सुरक्षित हुई हैं। 

दुनिया को भरोसा दिलाने के लिए पीएम मोदी ने भरी थी स्वदेशी तेजस में उड़ान!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमटेड (HAL) की फैसिलिटी के दौरे पर गए थे। यहां उन्होंने तेजस के मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटी और अन्य सुविधाओं की समीक्षा की। इस दौरान पीएम मोदी ने एक को-पायलट की भूमिका निभाते हुए मेड-इन-इंडिया फाइटर जेट तेजस में उड़ान भरी। तेजस भारत की आत्मनिर्भरता की झलक है। तेजस भारत द्वारा विकसित किया जा रहा एक हल्का व कई तरह की भूमिकाओं वाला जेट लड़ाकू विमान है। यह HAL द्वारा विकसित एक सीट और एक जेट इंजन वाला, अनेक भूमिकाओं को निभाने में सक्षम एक हल्का युद्धक विमान है। इस विमान ने दुनिया को भारतीय टेक्नोलॉजी की खूबियों से परिचित कराया है। यही वजह है कि दुनिया के बड़े-बड़े देश इसमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं। पीएम मोदी ने तेजस में उड़ान इसलिए भरी जिससे कि दुनिया के देशों में तेजस प्रति विश्वास बहाल हो सके और दुनिया के देश इसे खरीदने के लिए आगे आएं। पीएम मोदी के उड़ान भरने से यह साबित हो गया कि तेजस सुरक्षित फाइटर जेट है। लेकिन नकारात्मकता में जीने वाली कांग्रेस को पीएम मोदी की फोटो देखकर मिर्ची लग गई और उसने इस पर भी तंज कसते हुए इसे चुनावी फोटो सेशन करार दिया। पीएम मोदी रक्षा में आत्मनिर्भरता को महत्व दे रहे हैं और फाइटर जेट पर उड़ान भरने वाले भारत के पहले पीएम बन गए हैं लेकिन कांग्रेस इसे पचा नहीं पा रही है।

आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में विश्व में किसी से कम नहींः पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 नवंबर, 2023 को तेजस में उड़ान भरने के बाद कहा कि हमारी मेहनत और लगन के कारण हम आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में विश्व में किसी से कम नहीं हैं। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय वायुसेना, DRDO और HAL के साथ ही समस्त भारतवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी।

पीएम मोदी ने 45 मिनट तक तेजस में उड़ान भरी
पीएम मोदी की तेजस विमान में कुल 45 मिनट की सॉर्टी रही। यानी पीएम मोदी ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस में 45 मिनट तक उड़ान भरी और इस दौरान आसमान में उड़ान भरते वक्त कुछ देर के लिए सारे कंट्रोल को भी खुद ऑपरेट किया। पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने सफलतापूर्वक तेजस की उड़ान भरी और उन्हें इसके लिए गर्व है।

पीएम मोदी की तस्वीरें देख कांग्रेस जल-भुन गई
पीएम मोदी की तेजस में उड़ान भरने की तस्वीरें सामने आते ही कांग्रेस और लेफ्ट लिबरल गैंग को मिर्ची लग गई। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इन तस्वीरों पर तंज कसते हुए इसे चुनावी फोटो सेशन बताया। उन्होंने तेजस की सफलता का श्रेय लेने की भी कोशिश की। उन्होंने कहा कि तेजस को 2011 में यूपीए काल में मंजूरी मिली थी. सोशल मीडिया पर उन्होंने कहा, ”तेजस हमारी स्वदेशी वैज्ञानिक और तकनीकी ताकत व क्षमता की एक और मिसाल है, जो दशकों के मजबूत संकल्प का नतीजा है।” जब तक पीएम मोदी ने तेजस में बैठकर उड़ान नहीं भरी तब तक जयराम रमेश को तेजस के बारे में कुछ पता नहीं था,कोई ट्वीट नहीं किया। जैसे ही मोदी को तेजस में देखा तो जयराम के दिमाग की बत्ती जल उठी और लिख दी तेजस की पूरी कहानी।

पीएम मोदी का रक्षा उत्पादों के स्वदेशी उत्पादन पर जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रक्षा उत्पादों के स्वदेशी उत्पादन पर जोर दे रहे हैं और उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला है कि कैसे उनकी सरकार ने भारत में उनके विनिर्माण और उनके निर्यात को बढ़ावा दिया है। कई देशों ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस को खरीदने में रुचि दिखाई है और अमेरिकी रक्षा दिग्गज जीई एयरोस्पेस ने प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान Mk-II-तेजस के लिए संयुक्त रूप से इंजन बनाने के लिए एचएएल के साथ एक समझौता किया था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अप्रैल में कहा था कि वित्त वर्ष 2022-2023 में भारत का रक्षा निर्यात 15,920 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा था कि यह देश के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।

 

 

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