”आप ईद इसलिए नहीं मनाते हैं, क्योंकि हमारे यहां ईबलिस (शैतान) ईद नहीं मनाता। जिस दिन शैतान ईद मना लेगा उस दिन तो इस्लाम की बल्ले-बल्ले है।” समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के लिए ये बातें कही हैं। लेकिन उनकी बातों पर गौर करें तो वे ‘परदे के पीछे’ से कुछ और कहना चाह रहे हैं।
उनकी कही गई बात के दूसरे भाग पर ध्यान दें, उन्होंने कहा, ”जिस दिन शैतान ईद मना लेगा उस दिन तो इस्लाम की बल्ले-बल्ले है।”
दरअसल मुस्लिम धर्म के अनुसार इस्लाम धर्म को नहीं मानने वाले लोग शैतान होते हैं। यानि जो मुसलमान नहीं वो शैतान है!
आजम खान के बयान का मतलब समझिये
- 2.2 अरब की संख्या के साथ दुनिया की 31.5 प्रतिशत जनसंख्या का हिस्सा रखने वाली ईसाई आबादी शैतान है।
- 1.1 अरब वो आबादी जो दुनिया की जनसंख्या में 15 प्रतिशत प्रतिनिधित्व पाता है और किसी धर्म को नहीं मानता, वह भी शैतान है।
- दुनिया की एक अरब हिंदू आबादी जो कि दुनिया की जनसंख्या का 13.35 प्रतिशत है, वह भी शैतान है।
- चीन का पारंपरिक धर्म मानने वाले 39.4 करोड़ लोग जो दुनिया की आबादी का 5.5 प्रतिशत हैं, वह भी शैतान हैं।
- दुनिया भर में 37.6 करोड़ लोग बौद्ध धर्म को मानते हैं और दुनिया में 5.25 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं, शैतान हैं।
- अलग-अलग जातीय समूहों के 40 करोड़ लोग जो दुनिया की आबादी का 5.59 प्रतिशत हैं, वे भी शैतान हैं।
- दुनिया की 1.4 करोड़ आबादी जो यहूदी धर्म को मानती है, और 0.20 जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करती है, वे भी शैतान हैं।
- जापान में शिंटो धर्म को मानने वाले 40 लाख लोगों को भी आजम खान शैतान की श्रेणी में रख रहे हैं।
भारत की आबादी की सवा सौ करोड़ जनसंख्या में 97 करोड़ हिंदू, 2.8 करोड़ सिख, 2.78 लाख करोड ईसाई, 84.43 लाख बौद्ध और 44.52 लाख जैन शैतान हैं।
बकौल आजम खान तो दुनिया की महज 1.6 अरब मुस्लिम जनसंख्या ही ऐसी है जो शैतान नहीं है।
- उनकी इस बात पर गौर करें तो वे सिर्फ और सिर्फ इस्लाम का प्रचार कर रहे हैं और उसे ही श्रेष्ठ बता रहे हैं।
- आजम खान के अनुसार दुनिया की आठ अरब आबादी में से महज डेढ़ अरब को छोड़ शेष साढ़े छह अरब लोग शैतान हैं!
- आजम खान ये भी कहना चाह रहे हैं कि एक वक्त ऐसा भी आएगा जब पूरी दुनिया में इस्लाम ही इस्लाम होगा।
जाहिर है आजम खान ये भी कह रहे हैं कि आप सभी लोग अगर ईद नहीं मनाएंगे तो शैतान कहलाएंगे! साफ है शैतान-ए-आजम के दिमाग में इससे अधिक और आ भी क्या सकता है?