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मोदी सरकार को सत्ता से हटाने के लिए अमेरिका रच रहा है साजिशें, CIA पूरी ताकत से जुटा, अंतर्राष्ट्रीय मीडिया प्रोपेगेंडा फैला रहा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जिस तरह से नया भारत अपने पौराणिक वैभव के साथ विज्ञान और टेक्नोलॉजी के साथ आगे बढ़ रहा है वह दुनिया के कुछ देशों को नागवार गुजर रहा है। दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका को अलग मिर्ची लगी हुई है क्योंकि नया भारत उसकी हां में हां नहीं मिला रहा है बल्कि उसे आंख भी दिखा रहा है। अमेरिका से हथियार खरीदने की जगह भारत ने रूस को चुना, इससे वह तिलमिलाया हुआ है। उसकी सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि आज वह सरकार में किसी मंत्री या नेता को ‘खरीद’ भी नहीं पा रह है। जैसा कि वह कांग्रेस के शासन काल में किया करता था। जैसा कि उसने 1994 में इसरो के वैज्ञानिक नंबी नारायण पर जासूसी का आरोप लगवाकर किया था। उस वक्त नंबी नारायण के नेतृत्व में भारत क्रायोजेनिक बनाने के अंतिम चरण में पहुंच गया था। 1994 में नंबी पर आरोप लगाया गया कि जिस क्रायोजेनिक इंजन तकनीक पर वो काम कर रहे थे, उसकी तकनीक उन्होंने लीक करा दी है। नारायणन समेत तीन साइंटिस्ट गिरफ्तार कर लिए गए। उन पर आरोप लगा कि वो ये तकनीक पाकिस्तान को बेच रहे थे। हालांकि ये आरोप बाद में खारिज हो गया। पुलिस को लाख कोशिश के बाद भी कुछ ऐसा नहीं मिला, जिसे आपत्तिजनक कहा जा सके। अमेरिका अपनी चाल में सफल रहा था और भारत अपने अंतरिक्ष अभियान में 15-20 साल पीछे चला गया। इसी तरह आज भारत UPI पेमेंट सिस्टम दुनिया में धूम मचा रहा है और इससे अमेरिकी कंपनी वीजा मास्टरकार्ड व्यापक नुकसान होने वाला है। पीएम मोदी के नेतृत्व में नया भारत जिस तरह से मजबूत हो रहा है वह अमेरिका नहीं सुहा रहा है और अब वह मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए साजिशें रच रहा है। इसके लिए वह देश के विपक्षी दलों, देशविरोधी गतिविधियों में शामिल तत्वों, लेफ्ट-लिबरल गैंग, खान मार्केट गैंग और अर्बन नक्सलियों को हर तरह से मदद पहुंचा रहा है।

इस संबंध में दडायरेक्टरीचडॉटकॉम ने एक लेख प्रकाशित किया है जिसमें मोदी शासन के खिलाफ अमेरिका साजिश का पर्दाफाश किया गया है। लेख में कहा गया है कि मोदी शासन को सत्ता से हटाने के लिए अमेरिका पूरी ताकत से मेहनत कर रहा है। इसके लिए हिलेरी-ओबामा भी इस साजिश का हिस्सा हैं जो कि बाइडन के पीछे की वास्तविक शक्ति हैं। पीएम मोदी के साथ समस्या यह नहीं है कि वह एक हिंदू राष्ट्रवादी हैं, बल्कि यह है कि उन्हें खरीदा नहीं जा सकता। अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA जिन्हें खरीद नहीं पाता उनसे घृणा करती है। यहां यह याद रखने की बात है कि कैसे CIA ने भारत के क्रायोजेनिक इंजन के विकास को बर्बाद कर दिया? नंबी नारायणन और अन्य को खरीदा नहीं जा सकता था – इसलिए उन्होंने कांग्रेस में शक्तिशाली भारतीय राजनेताओं के साथ मिलकर इसरो वैज्ञानिकों को बदनाम करने के लिए महिला जासूस का इस्तेमाल किया। कोर्ट ने अब इसरो के वैज्ञानिकों को बरी कर दिया है – लेकिन बहुमूल्य समय नष्ट हो गया और वैज्ञानिकों की एक पीढ़ी को काम करने से रोक दिया गया।

विक्टोरिया नुलैंडः यूएस डीप स्टेट का शासन परिवर्तन एजेंट

ओबामा हिलेरी कैबल (The Obama Hillary Cabal) आर्म्स, फार्मा और ऑयल लॉबी को नियंत्रित करती है और इसमें 3 महिलाएं हैं: सुसान राइस, सामंथा पावर और विक्टोरिया नुलैंड। विक्टोरिया को यूएस डीप स्टेट के शासन परिवर्तन एजेंट के रूप में जाना जाता है। 2013 में यूक्रेन में EUROMAIDAN विरोध प्रदर्शन के पीछे विक्टोरिया का ही हाथ था। आप देख सकते हैं कि वह किसी देश के लिए कितनी खतरनाक रूप से काम कर सकती है। मार्च 2022 में दिल्ली की अपनी यात्रा पर, वह खुले तौर पर LeLi गिरोह, पत्रिकाओं, जनहित याचिका कार्यकर्ताओं से मिलीं और तमिलनाडु राज्य के नेताओं के साथ गुप्त बैठकें कीं। कोई आश्चर्य नहीं कि पप्पू और डीएमके यूनियन ऑफ स्टेट्स मॉडल की बात कर रहे हैं। इस तरह आने वाले दिनों में कुछ नए नैरेटिव सामने आएं तो इसमें किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

विक्टोरिया नुलैंड की भारता यात्रा का मकसद

विक्टोरिया नुलैंड की यात्रा के दौरान मुख्य उद्देश्य “थोरियम”(THORIUM) थी, तमिलनाडु का अर्थ थोरियम और थोरियम का अर्थ तमिलनाडु है। सीआईए भारत में एजेंटों को नहीं खोना चाहती। वही नूलैंड भारत में है जो हमें रूस के खिलाफ अमेरिका का समर्थन करने के लिए कह रही है। और भारत में रहते हुए वह कई सीएए विरोधी समूहों / लोगों से मिली – क्यों? उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की वकील करुणा नंदी के साथ काफी समय बिताया। अब करुणा को यह कहने के लिए जाना जाता है कि “तीन तलाक पसंद की स्वतंत्रता है। अगर कोई हिंदू पुरुष अपनी पत्नी से कह सकता है कि “मैं तुम्हें तलाक देना चाहता हूं” तो एक मुसलमान को तीन तलाक कहने का अधिकार क्यों नहीं। सचमुच? मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार तीन तलाक का अंत तलाक में होता है। इसके साथ ही वह सीएए के खिलाफ रही हैं और किसान आंदोलन का समर्थन किया है। वह उन प्रभावशाली लोगों से मिल रही हैं जो पीएम मोदी के खिलाफ हैं ताकि आवश्यक धन CIA द्वारा उन तक पहुंचाया जा सके।

फोर्ड फाउंडेशन को वित्त पोषित करता है CIA, केजरीवाल हैं फोर्ड फाउंडेशन अवार्डी 

दिल्ली और पंजाब में अब अरविंद केजरीवाल के रूप में CIA द्वारा वित्त पोषित फोर्ड फाउंडेशन अवार्डी के पार्टी की सरकारें हैं। विक्टोरिया नुलैंड के बाद, भारत की यात्रा करने वाली संयुक्त राज्य अमेरिका की अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी की प्रशासक सामंथा पावर हैं। इस बार टारगेट हमारी सबसे बड़ी ताकत होगी- फूड। एनजीओ/आंदोलनजीवी द्वारा खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में अराजकता पैदा करने के लिए बड़े विरोध की उम्मीद है। कैबल चाहता है कि इस खाद्य श्रृंखला को तोड़ा जाए। ऐसा वे शास्त्री जी के समय से कई बार कर चुके हैं।

आर्म्स लॉबी ने भारतीयों के वीजा पर लगाया लगाम

भारत के खिलाफ प्रतिबंध: वीजा से इनकार। यह आर्म्स लॉबी की सक्रियता है। विदेश मंत्री जयशंकर के शब्दों ने उनके जख्मों पर नमक छिड़क दिया है… भारतीयों को वीजा क्लियर करने में अमेरिका को 800 दिन लग रहे हैं जबकि चीनियों को वीजा क्लियर करने में 2 दिन लग रहे हैं। कैबल की नापाक साजिशें के तहत सबसे पहले WHO ने 4 भारतीय फार्मा कंपनियों का लाइसेंस रद्द कर दिया। इसके साथ ही डब्ल्यूएचओ ने भारत के फार्मास्यूटिकल्स द्वारा बनाए गए 4 खांसी और ठंडे सिरप पर अलर्ट जारी किया। इसे गंभीर गुर्दे की खराबी और गाम्बिया में बच्चों के बीच 66 मौतों से जोड़ दिया गया। डब्ल्यूएचओ के हवाले से रायटर ने खबर दी कि कंपनी और नियामक अधिकारियों के साथ आगे की जांच की जा रही है।

इसके बाद ओएनजीसी और बीपीसीएल को मध्य पूर्व और लैटिन अमेरिका में कुछ परियोजनाओं से बाहर करने के लिए मजबूर करने वाली तेल लॉबी हो सकती है। मुंबई में नए अमेरिकी महावाणिज्यदूत हैंकी, एक विशेषज्ञ हैं जो मिस्र में हुए आंदोलन के पीछे मुख्य ताकतों में से एक थे। वह ‘द नूलैंड स्कूल ऑफ रिजीम चेंज’ का छात्र है।

यूक्रेन में EUROMAIDAN विरोध प्रदर्शन

यह विरोध यूक्रेन सरकार के अचानक निर्णय बदले जाने के बाद हुआ। इसके तहत यूक्रेन ने यूरोपीय संघ-यूक्रेन एसोसिएशन समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किया और रूस के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने को चुना। CIA को यह मंजूर नहीं था। फरवरी 2014 में यूक्रेनी राजधानी में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच घातक संघर्ष, निर्वाचित राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच को हटाने और यूक्रेनी सरकार को उखाड़ फेंकने में परिणत हुआ। तत्काल यूक्रेन में अमेरिकी समर्थक राष्ट्रपति थे और हंटर बाइडेन (वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति के बेटे) यूक्रेन में जा पहुंचे और व्यवसायों को तोड़ दिया या उनमें भागीदार बन गए। ये नूलैंड और अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़े कारोबारी थे।

क्यों अमेरिका व कुछ देश नरेंद्र मोदी से नफरत करते हैं?

एनसीबी ने अब तक लगभग 8 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली 80000 किलोग्राम नशीली दवाओं को नष्ट कर दिया है। जिन लोगों ने 8 लाख करोड़ रुपये की ड्रग्स खो दी, क्या वे मोदी से नफरत नहीं करेंगे?

ईडी अब तक भ्रष्टों के पास से 1,20,000 करोड़ रुपये का काला धन जब्त कर चुका है। क्या काला धन गंवाने वाले मोदी से नफरत नहीं करेंगे?

मोदी ने फाइजर और मॉडर्न से कोरोना वैक्सीन आयात नहीं किया। उन्होंने स्वदेशी टीके विकसित करने में मदद की और भारत से फाइजर के अपेक्षित व्यवसाय को नष्ट कर दिया। मोदी योग, आयुर्वेद, स्वच्छता और निवारक इलाज पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। क्या यह अंतरराष्ट्रीय फार्मा लॉबी मोदी से नफरत नहीं करेगी?

मोदी ने हथियारों के सौदागरों से ख़रीदना बंद कर दिया और सीधे फ़्रांस से राफेल ख़रीद लिया। मोदी ने भारत में रक्षा उपकरण बनाना शुरू किया और रक्षा खरीद कम की। क्या बेहद ताकतवर अंतरराष्ट्रीय रक्षा लॉबी मोदी से नफरत नहीं करेगी?

मोदी ने मध्य पूर्व से महंगा तेल खरीदना बंद कर दिया और रूस से भारी मात्रा में रियायती दर पर खरीदना शुरू कर दिया। क्या यह मध्य पूर्व का तेल माफिया मोदी से नफरत नहीं करेगा?

मोदी भारत की सड़ी-गली व्यवस्था को साफ कर रहे हैं। 75 साल से हमारा खून चूस रहे भ्रष्टाचारी मोदी के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। वे मोदी को रोकने के लिए कुछ भी करेंगे। दुनिया 3 शक्तिशाली लॉबी द्वारा शासित है – डिफेंस लॉबी, ऑयल लॉबी और फार्मा लॉबी। मोदी इन तीनों लॉबी के खिलाफ एक साथ जंग छेड़ रहे हैं। अब आप समझ सकते हैं कि ये लोग मोदी से इतनी नफरत क्यों करते हैं।

मोदी सरकार 2024 में भी चुनाव जीतेगी और ये भ्रष्ट लोग समाप्त हो जाएंगे। मोदी के पास एक ही ताकत है और वो है भारत की जनता। उसके साथ खड़े हो जाओ।

अंतर्राष्ट्रीय मीडिया, NYT लगातार चला रहा मोदी विरोध का प्रोपेगेंडा

पीएम मोदी को सत्ता हटाने की साजिश रच रहा पश्चिमी मीडिया भारत की छवि खराब करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ता है, फिर चाहे वह कोविड काल हो, किसान आंदोलन हो, चीन के साथ सीमा विवाद हो या फिर भारत में होने वाले कोई दंगे हों। अमेरिकी अखबार न्यूयार्क टाइम्स (NYT) भारत की छवि करने वाले मीडिया संगठनों में सबसे आगे है। इसका सबसे बड़ा सबूत 1 जुलाई 2021 को तब देखने को मिला जब NYT ने जॉब रिक्रूटमेंट पोस्ट निकाली। दिल्ली में साउथ एशिया बिजनेस संवाददाता के लिए नौकरी निकाली गई थी। इसमें नौकरी के लिए शर्तें बेहद आपत्तिजनक थी। पत्रकारों के लिए आवेदन में ‘एंटी इंडिया’ सोच होना, ‘हिंदू विरोधी’ सोच होना और ‘एंटी मोदी’ होना भी जरूरी था। अब इससे साफ हो जाता है कि NYT का भारत के प्रति नजरिया क्या है और किस एजेंडे को वह आगे बढ़ा रहा है। न्यूयॉर्क टाइम्स का मोदी विरोध कोई नई बात नहीं है। वह पहले भी अपने लेख में कह चुका है कि पीएम नरेंद्र मोदी से भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि को खतरा है। न्यूयॉर्क टाइम्स NRC के विरोध में रिपोर्ट छापता है, न्यूयॉर्क टाइम्स लेख लिखकर कहता है कि भारत हिंदू राष्ट्र बनने के करीब पहुंच रहा है? अनुच्छेद 370 की समाप्ति को लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स में रिपोर्ट छपती है कि कश्मीर में हजारों मुस्लिम हिरासत में हैं। ये वही न्यूयॉर्क टाइम्स है, जो भारत के मिशन मंगलयान का पहले मजाक उड़ाता है और फिर मिशन सफल होने पर माफी मांग चुका है। सोचिए ऐसा क्यों था कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले को न्यूयॉर्क टाइम्स ने आतंकवादी हमले की बजाए सिर्फ विस्फोट बताया था? न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया कि पुलवामा में आतंकवादी हमला नहीं, ब्लास्ट हुआ।

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