प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है। दुनियाभर की तमाम रेटिंग एजेंसियों की माने तो ये तेजी आगे भी कायम रहेगी। विश्व बैंक ने कहा है कि भारतीय रफ्तार की तेज रफ्तार आगे भी बनी रहेगी। विश्व बैंक ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि अगले वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की विकास दर 6.7 प्रतिशत रहेगी। विश्व बैंक की ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स में चालू वित्त वर्ष 2024-25 की विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्विस सेक्टर में वृद्धि, मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी में इसी मजबूती मिलेगी। विश्व बैंक ने यह भी कहा है कि अमेरिका, चीन को पीछे छोड़ भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। विश्व बैंक के अनुसार चीन की विकास दर चालू वित्त वर्ष में 4.5 प्रतिशत से घटकर अगले साल 4 प्रतिशत रह जाएगी। जबकि अमेरिका की विकास दर इस साल की 2.3 प्रतिशत से घटकर अगले वर्ष 2 प्रतिशत रहेगी।
आइए देखते हैं देश की अर्थव्यवस्था और विकास पर विभिन्न संस्थानों और रेटिंग एजेंसियों का क्या कहना है…
दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी हुई है। मोदी राज में आर्थिक मोर्चे पर भारत के लिए एक और अच्छी खबर है। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई- PHDCCI) ने कहा है कि भारत 2026 तक दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उद्योग मंडल पीएचडीसीसीआई ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मौजूदा वित्त वर्ष में 6.8 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में 7.7 प्रतिशत की रफ्तार से आगे बढ़ सकती है। पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष हेमंत जैन ने कहा कि पिछले 3 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था ने मजबूती से प्रगति की है और 2026 तक जापान को पीछे छोड़ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। पीएचडीसीसीआई ने यह भी कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में देश का जीडीपी 6.8 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2025-26 में 7.7 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ सकही है।
मूडीज ने बढ़ाया भारत की ग्रोथ का अनुमान
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को बढ़ाकर अब 7.1 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले मूडीज ने भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.1 बताया था फिर उसे बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया था। क्रेडिट एजेंसी ने 2025 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। इसके साथ ही 2026 के लिए 6.6 प्रतिशत ग्रोथ का अनुमान लगाया है।
फिक्की ने भी वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का जताया अनुमान
फिक्की के आर्थिक आउटलुक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। सर्वे के मुताबिक 2024-25 की पहली तिमाही में 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जबकि दूसरी तिमाही 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। फिक्की ने कहा कि लगातार चुनौतियों के बावजूद भारत की आर्थिक वृद्धि मजबूत बनी हुई है। और भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है।
7 प्रतिशत की रफ्तार से ही बढ़ेगी भारत की जीडीपी- एडीबी
मोदी सरकार पर अपना भरोसा और मजबूत करते हुए एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने साफ कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी सात प्रतिशत की ही रफ्तार से आगे बढ़ेगी। एडीबी ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी की वृद्धि के अनुमान में कोई बदलाव न करते हुए इसे 7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। एडीबी ने यह भी कहा कि भारत की राजकोषीय स्थिति उम्मीद से ज्यादा मजबूत रहने के कारण वृद्धि को बल मिल सकता है। एडीबी ने कहा है कि सामान्य से बेहतर मानसून के कारण कृषि क्षेत्र में सुधार की उम्मीद है। इसके साथ ही भारत के औद्योगिक क्षेत्र में वृद्धि दर तेज बने रहने का अनुमान है और इसे आवास क्षेत्र के नेतृत्व में निर्माण क्षेत्र की जोरदार मांग से बल मिलेगा।
आईएमएफ ने जताया 6.5 प्रतिशत वृद्धि दर का अनुमान
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। आईएमएफ ने कहा है कि भारत वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और नीतिगत अनिश्चितताओं के बावजूद दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। आईएमएफ ने अपनी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक अपडेट में कहा है कि भारत में, 2025 और 2026 में विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
2027-28 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा-आईएमएफ
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने हाल ही में एक रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर जो अनुमान व्यक्त किया, उसके मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था, जो अभी लगभग 3.75 ट्रिलियन डॉलर की है, वित्त वर्ष 2027-28 तक 5 ट्रिलियन डॉलर को पार कर जाएगी। भारत 5.2 ट्रिलियन डॉलर के साथ विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसकी वैश्विक अर्थव्यवस्था में 4 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। इस दौरान अमेरिकी अर्थव्यवस्था 31 ट्रिलियन डॉलर के साथ शीर्ष पर रहेगी और वैश्विक अर्थव्यवस्था में इसकी हिस्सेदारी 24 प्रतिशत होगी। इसके बाद चीन 25.7 ट्रिलियन डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर रहेगा और वैश्विक जीडीपी में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।
ग्लोबल ग्रोथ में भारत की होगी 18 प्रतिशत हिस्सेदारी- आईएमएफ
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का मानना है कि भारत विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर है और ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ में भारत का योगदान अगले पांच साल में मौजूदा 16 प्रतिशत बढ़कर 18 प्रतिशत हो जाएगा। आईएमएफ के एशिया-प्रशांत विभाग के निदेशक कृष्णा श्रीनिवासन के अनुसार 2028 तक दुनिया की विकास दर में भारत की हिस्सेदारी 18 प्रतिशत होगी। आईएमएफ का मानना है कि बड़े पैमाने पर पब्लिक कैपिटल एक्सपेंडिचर और रेजिलिएंट डोमेस्टिक डिमांड के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि मजबूत बनी हुई है।
चुनौतियों के बाद भी सबसे तेज रहेगी भारत की आर्थिक वृद्धि
भारत आने वाले समय में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। आईएमएफ के अनुमान के अनुसार रूस-यूक्रेन संकट, कोरोना महामारी और महंगाई जैसी चुनौतियों के बाद भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था रहेगी। आईएमएफ ने कहा है कि वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि में भारत की हिस्सेदारी 2028 तक फ्रांस और ब्रिटेन को पार कर जाने की उम्मीद है। इससे भारत वैश्विक आर्थिक विकास को चलाने में एक प्रमुख देश बन जाएगा।
आईएमएफ को भरोसा, वैश्विक अर्थव्यवस्था की अगुवाई करेगा भारत
आईएमएफ का कहना कि भारत की अगुवाई में दक्षिण एशिया वैश्विक वृद्धि का केंद्र बनने की दिशा में बढ़ रहा है और 2040 तक वृद्धि में इसका अकेले एक-तिहाई योगदान हो सकता है। आईएमएफ के हालिया शोध दस्तावेज में कहा गया कि बुनियादी ढांचे में सुधार और युवा कार्यबल का सफलतापूर्वक लाभ उठाकर यह 2040 तक वैश्विक वृद्धि में एक तिहाई योगदान दे सकता है। आईएमएफ की एशिया एवं प्रशांत विभाग की उप निदेशक एनी मेरी गुलडे वोल्फ ने कहा कि हम दक्षिण एशिया को वैश्विक वृद्धि केंद्र के रूप में आगे बढ़ता हुए देख रहे हैं।
कई वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर है भारत
इसके पहले इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) की उपप्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की कई दूसरी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन कर रही है। अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि भारत को लेकर दुनियाभर में पॉजिटिव सेंटीमेंट है। बहुत सारे बिजनेस और कंपनियां भारत को एक निवेश डेस्टिनेशन के रूप में देख रही हैं, क्योंकि वे चीन सहित दूसरे देशों से निकलने की कोशिश कर रहे हैं।
6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी जीडीपी- S&P
अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था अपनी वृद्धि से लगातार हैरान कर रही है। एशिया प्रशांत क्षेत्र के लिए जारी ताजा इकोनॉमिक आउटलुक में एसएंडपी ग्लोबल ने कहा है कि मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 में यह 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। इसके साथ ही एसएंडपी ने भारतीय अर्थव्यवस्था के 2025-26 में 6.9 प्रतिशत और 2026-27 में 7 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है।
2030 तक बनेगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था- एसएंडपी
इसके पहले रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल (S&P Global) ने कहा कि भारत साल 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। एसएंडपी ने ‘ग्लोबल क्रेडिट आउटलुक 2024: न्यू रिस्क, न्यू प्लेबुक’ रिपोर्ट में कहा कि भारत 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है और यह अगले तीन सालों में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद का आकार 3,730 अरब अमेरिकी डॉलर रहा है जो भारत 2027-28 तक 5,000 अरब डॉलर के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।
चीन नहीं, भारत बनेगा एशिया-प्रशांत का विकास इंजन
इसके पहले एसएंडपी ने ‘चाइना स्लोज इंडिया ग्रोथ’ नाम से जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि चीन नहीं, बल्कि भारत एशिया-प्रशांत का विकास इंजन बनेगा। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में उम्मीद जताई है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र का वृद्धि इंजन चीन से हटकर दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया की तरफ स्थानांतरित हो जाएगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वर्ष 2026 तक बढ़कर सात प्रतिशत तक पहुंच जाएगी, जबकि चीन के लिए इसके सुस्त पड़कर 4.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
2031 तक डबल होकर 6.7 ट्रिलियन डॉलर की होगी हमारी इकोनॉमी
एसएंडपी ने कहा है कि भारतीय इकोनॉमी साल 2031 तक बढ़कर डबल हो जाएगी। इसका आकार 3.4 लाख करोड़ डॉलर से बढ़कर 6.7 लाख करोड़ डॉलर हो जाएगा। रेटिंग एजेंसी ने अगस्त वॉल्यूम रिपोर्ट ‘लुक फॉरवर्ड इंडिया मोमेंट’ में भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर यह जानकारी साझा की है। एजेंसी ने कहा है कि विनिर्माण और सेवाओं के निर्यात और उपभोक्ता मांग के कारण यह तेजी बनी रहेगी। एसएंडपी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि अर्थव्यवस्था लगभग दोगुनी होने से प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ जाएगी। 2031 तक भारत पर कैपिटा जीडीपी 2500 से बढ़कर 4500 डॉलर तक हो जाएगी।
फिच ने वृद्धि अनुमान बढ़ाकर किया 7.2 प्रतिशत
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch) ने भारत की जीडीपी ग्रोथ को 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है। रेंटिंग एजेंसी ने अपनी वैश्विक आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट कहा कि उपभोक्ता खर्च में सुधार और बढ़े हुए निवेश को देखते हुए हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.2 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि होगी। इसके साथ ही फिच ने साल 2025-26 के लिए 6.5 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2026-27 के लिए 6.2 प्रतिशत की वृद्धिदर का अनुमान लगाया है।
विश्व की सर्वाधिक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा भारत- फिच
प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार की नीतियों का कमाल है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का हर सेक्टर बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। आज भारत विकास दर के मामले में दुनिया में नंबर वन बना हुआ है। देशी और विदेशी रेटिंग एजेंसियां भी भारत के विकास दर पर भरोसा जता रही हैं। फिच ने यह भी कहा है कि अगले कुछ सालों तक भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। फिच ने भारत के लिए ‘बीबीब-‘(BBB-) की रेटिंग बरकरार रखी है और विकास दर के अनुमान में बढ़ोतरी की है।
वैश्विक मंदी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर नहीं- फिच
फिच ने इसके पहले भारत की संप्रभु रेटिंग के परिदृश्य को स्थिर बताते हुए कहा कि देश का विकास मजबूत दिख रहा है। फिच रेटिंग्स ने भारत की दीर्घकालिक विदेशी मुद्रा जारीकर्ता डिफॉल्ट रेटिंग को स्थिर परिदृश्य के साथ ‘बीबीबी’ के स्तर पर रखा है। फिच ने कहा कि भारत की रेटिंग अन्य देशों की तुलना में मजबूत ग्रोथ और बाहरी वित्तीय लचीलापन दर्शा रही है, जिससे अर्थव्यवस्था को पिछले साल के बड़े बाहरी झटकों से पार पाने में मदद मिली है।
वित्त वर्ष 24-25 में 6.6 प्रतिशत रहेगी विकास दर- डेलॉयट
भारत को लेकर डेलॉयट इंडिया का भरोसा भी और मजबूत हुआ है। डेलॉयट इंडिया के अनुसार मौजूदा वित्तवर्ष 2024-25 में भारत के जीडीपी की वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहने की संभावना है। डेलॉयट इंडिया ने कहा है कि पिछले 2 साल से वृद्धि के मजबूत आंकड़ों ने अर्थव्यवस्था को कोविड के पहले के स्तर में आने में मदद की है। बुनियादी ढांचे पर सरकार के व्यय में तेजी से निवेश को समर्थन मिला है। इससे भारत को वृद्धि की रफ्तार तेज रखने में मदद मिली है।
2031 तक 7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत- क्रिसिल
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने वित्त वर्ष 2025 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 6.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। एजेंसी ने कहा कि महंगाई में कमी आ रही है। बेहतर कृषि उत्पादन, खाद्य महंगाई पर नियंत्रण के साथ तेल और कमोडिटी की कीमतों में नरमी से वित्त वर्ष 2025 में भी यह गिरावट जारी रहेगी। क्रिसिल ने भारत आउटलुक रिपोर्ट में कहा है कि 2031 तक भारत उच्च-मध्यम आय वाला देश बन जाएगा और अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के करीब पहुंच जाएगी। एजेंसी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमीश मेहता ने यह भी कहा है कि इस दशक के अंत तक देश की प्रति व्यक्ति आय 4,500 डॉलर के स्तर को पार कर जाएगी।
भारत की जीडीपी ग्रोथ 8 प्रतिशत तक पहुंचने की ओर अग्रसर- बार्कलेज रिसर्च
बार्कलेज रिसर्च ने कहा कि भारत की जीडीपी ग्रोथ 8 प्रतिशत तक पहुंचने की ओर अग्रसर है। बार्कलेज रिसर्च ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि उचित पॉलिसी मिक्स के साथ भारत संभावित रूप से अपनी जीडीपी ग्रोथ रेट को 8 प्रतिशत के करीब बढ़ा सकता है और इस दशक के अंत तक ग्लोबल ग्रोथ में सबसे बड़ा कंट्रीब्यूटर बन सकता है। इंडियाज ब्रेकआउट मोमेंट शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ती घरेलू बचत और सार्वजनिक गैर-बचत में गिरावट से घरेलू बचत को उस स्तर से ऊपर बढ़ाया जा सकता है जो अर्थव्यवस्था की निवेश आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त होना चाहिए। बार्कलेज रिसर्च ने यह भी कहा है कि हम उम्मीद करते हैं कि इंडस्ट्रियल सेक्टर तीन प्रमुख सब-सेक्टर्स में सबसे तेज ग्रोथ दिखाएगा।
2075 तक भारत बनेगा दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था- गोल्डमैन सैश
हाल ही में आई गोल्डमैन सैश की रिपोर्ट के अनुसार भारत 2075 तक दूनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार भारत जापान, जर्मनी और अमेरिका को पीछे छोड़ देगा। गोल्डमैन सैश के रिसर्च इकोनॉमिस्ट शांतनु सेनगुप्ता के मुताबिक भारत की आबादी में दुनिया की आबादी की तुलना में सबसे बेहतरीन मिश्रण मौजूद है। कामगारों, बच्चों और बुजुर्गों की आबादी भारत में अन्य देशों की तुलना में सबसे अच्छी है। इस कारण भारत मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने तकनीक और अनुसंधान के क्षेत्र में अन्य देशों की तुलना में कहीं बेहतर काम किया है। ये दोनों ही क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने का काम कर रहे हैं। इसके अलावा कैपिटल निवेश भारत की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में बड़ी मदद कर रहा है।
शताब्दी अंत तक भारत होगा दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति
मोदी राज में भारत इस शताब्दी के अंत तक दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरेगा। सेंटर फॉर इकोनॉमिक ऐंड बिजनेस रिसर्च ( CEBR- सीईबीआर) की ताजा वर्ल्ड इकनॉमिक लीग टेबल रिपोर्ट में कहा गया है कि सदी के अंत तक भारत की अर्थव्यवस्था का आकार चीन से 90 प्रतिशत बड़ा और अमेरिका के जीडीपी से 30 प्रतिशत बड़ा हो जाएगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि साल 2032 तक जर्मनी और जापान को पीछे छोड़कर भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसके साथ ही भारत की तेज वृद्धि दर बरकरार रहेगी और यह 2024 से 2028 के बीच औसतन 6.5 प्रतिशत रहेगी। सीईबीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में युवाओं की सबसे ज्यादा आबादी है। यहां बढ़ता का मध्य वर्ग, गतिशील उद्यम क्षेत्र और वैश्विक अर्थव्यवस्था से बढ़ता जुड़ाव वृद्धि के प्रमुख चालक बनेंगे।
UBS ने भारत के वृद्धि दर अनुमान को बढ़ाकर किया 6.3 प्रतिशत
ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस (UBS) की भारत में मुख्य अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन ने कहा कि भारत की घरेलू आर्थिक गतिविधियां उम्मीद से बेहतर चल रही हैं। निकट भविष्य में वृद्धि की गति को मौजूदा त्योहारी सीजन के दौरान उच्च घरेलू खर्च, तेज ऋण वृद्धि और कड़े चुनावी कैलेंडर से पहले ग्रामीण समर्थक सामाजिक योजनाओं के लिए सरकारी खर्च से समर्थन मिलेगा। उन्होंने ये भी कहा कि भारत की वृद्धि वित्त वर्ष 2025-26 में 6.2 प्रतिशत और 2026-27 में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत
मोदी सरकार की नीतियों के कारण भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इस बात पर ब्रोकरेज कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने भी मुहर लगा दी है। मॉर्गन स्टेनली की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत साल 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी डॉलर के आधार पर भारत की सांकेतिक जीडीपी वृद्धि वित्त वर्ष 2025 तक बढ़कर 12.4 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी और यह चीन, अमेरिका और यूरो क्षेत्र से बेहतर प्रदर्शन करेगी। यह वित्त वर्ष 2024 में सात प्रतिशत रहेगी। उच्च विकास दर के कारण भारत की अर्थव्यवस्था मजबूती से बढ़ेगी। मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि उम्मीद है कि 2027 तक सांकेतिक जीडीपी पांच लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगी, जिससे भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
साल 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत- जेपी मॉर्गन
जेपी मॉर्गन ने भी कहा है कि अब भारत के विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में ज्यादा देर नहीं है। जेपी मॉर्गन के एशिया प्रशांत इक्विटी रिसर्च के मैनेजिंग डायरेक्टर जेम्स सुलिवन की मानें तो भारत 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने यह भी कहा है कि 2030 तक भारत की जीडीपी दोगुनी से ज्यादा 7 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी। बिजनेस न्यूज चैनल CNBC-TV18 के साथ एक इंटरव्यू में सुलिवन ने कहा कि अगले कुछ सालों में भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ेगी और इसका शेयर बाजार अच्छा प्रदर्शन करेगा। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि लंबी अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़े संरचनात्मक बदलाव होंगे। सुलिवन ने कहा कि अगले कुछ महीनों में निर्यात में भी तेजी आने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि अभी जो 500 अरब डॉलर से कम का निर्यात है वो बढ़कर एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है।
2030 तक भारत की प्रति व्यक्ति आय में होगी 70% की बढ़ोतरी- स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक
स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की प्रति व्यक्ति आय 2030 तक लगभग 70 प्रतिशत यानी अगले सात साल में सात गुना बढ़ने का अनुमान है और मौजूदा स्तर 2,450 डॉलर से बढ़कर 4,000 डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2030 तक आज के डॉलर के हिसाब से भारत की प्रति व्यक्ति आय 329122.40 रुपये हो जाने की संभावना है। प्रति व्यक्ति आय के पिछले 20 साल के आंकड़ों पर नजर डाले तो 2001 के बाद से प्रति व्यक्ति आय में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2011 में 460 डॉलर से बढ़कर 1,413 डॉलर और 2021 में 2150 डॉलर हो गया। इस तरह प्रति व्यक्ति आय में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
पीएम की गारंटी 2027 तक होगी पूरी-एसबीआई रिपोर्ट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में ‘भारत मंडपम’ का उद्घाटन करते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर एक बड़ी गारंटी दी। उन्होंने कहा कि मेरे तीसरे कार्यकाल में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी के एक दिन बाद भारत का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की। इसमें दावा किया कि भारत 2027 तक दुनिया की तीससी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि देश ने 2014 के बाद से जिस रास्ते को चुना है, उससे पता चलता है कि भारत मार्च 2023 के वास्तविक जीडीपी आंकड़े के आधार पर वित्त वर्ष 2027-28 तक दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। इससे पहले की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अर्थशास्त्रियों ने कहा कि भारत दो साल पहले ही प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी को पूरा कर लेगा। पिछले अनुमान में एसबीआई ने 2029 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना जताई थी। रिपोर्ट के मुताबिक 2022-27 के दौरान अर्थव्यवस्था के आकार में 1800 अरब डॉलर की वृद्धि ऑस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था के मौजूदा आकार से ज्यादा होगी।
एशिया की दूसरी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत
भारत वर्ष 2030 तक जापान को पीछे छोड़कर एशिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। आईएचएस मार्किट ने अपनी ताजा रिपोर्ट में दावा किया कि वर्ष 2030 तक भारतीय अर्थव्यवस्था ब्रिटेन और जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरे पायदान पर पहुंच जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक भारत की जीडीपी 2030 में बढ़कर 84 खरब डॉलर होने का अनुमान है, जो फिलहाल 27 खरब डॉलर है। वर्ष 2030 तक भारत की जीडीपी की साइज जर्मनी और ब्रिटेन से ज्यादा होकर अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यस्था बन सकती है। आईएचएस मार्किट ने दावा किया कि कुल मिलाकर भारतीय अर्थव्यवस्था का भविष्य मजबूत और स्थिर दिख रहा है, जिससे अगले एक दशक तक यह सबसे तेज बढ़ती जीडीपी वाला देश बना रहेगा।
दुनिया पर मंडरा रही मंदी की आशंका, लेकिन भारत को खतरा नहीं- ब्लूमबर्ग
ब्लूमबर्ग के अर्थशास्त्रियों के बीच किए गए सर्वे के अनुसार दुनिया के कई देशों के सामने मंदी का संकट मंडरा रहा है। सर्वे की माने तो एशियाई देशों के साथ दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं पर मंदी का खतरा बढ़ता जा रहा है। कोरोना लॉकडाउन और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण यूरोपीय देशों के साथ अमेरिका, जापान और चीन जैसे देशों में मंदी का खतरा कहीं ज्यादा है। लेकिन अच्छी बात यह है कि भारत को मंदी के खतरे से पूरी तरह बाहर बताया गया है। ब्लूमबर्ग सर्वे के अनुसार भारत ही ऐसा देश है जहां, मंदी की संभावना शून्य यानी नहीं के बराबर है।