कोरोना प्रकोप से निपटने को लेकर नरेन्द्र मोदी सरकार के प्रयासों की आज पूरी दुनिया में प्रशंसा हो रही है। जहां अमेरिका, इटली और स्पेन समेत कई देशों में यह बीमारी महामारी बन चुकी है, वहीं भारत में स्थिति नियंत्रण में है। WHO के COVID-19 के विशेष प्रतिनिधिन डेविड नबैरो ने एनडीटीवी के साथ बातचीत में भारत की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर विश्व के अन्य देशों ने जहां लापरवाही बरती,वहीं भारत ने कड़े उठाए हैं और कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत अन्य देशों से आगे है।
"India has a chance of getting on top of this virus and getting ahead of it. Other countries were slow and didn't have any plan because they thought this is not a big problem. But India imposed the strong measures quite quickly", says Dr David Nabarro, Special Envoy COVID-19, WHO pic.twitter.com/Q4ih8tdwDR
— BJP (@BJP4India) April 2, 2020
उन्होंने कहा कि हम बिना किसी कारण किसी की प्रशंसा नहीं करते हैं। हम उन देशों की बात कर रहे हैं जो कार्रवाई कर स्थिति को गंभीरता से ले रहे हैं। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आप जितनी जल्दी कार्रवाई करेंगे, उतना ही सफल होंगे और भारत जानता है कि यह कैसे करना है।
"We don't often praise without reason. We do praise countries that are taking the situation seriously by acting quickly! The quicker you get on to this, the shorter the pain will be. India knows how to do that!", Dr David Nabarro, Special Envoy COVID-19, WHO on India's response. pic.twitter.com/Uzz4fCcW7C
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दहाई में कोरोना से मौत की संख्या
देश में 2088 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है जबकि 156 मरीज ठीक होकर घर भी लौट गए। कोविड-19 के कारण मरने वालों की तादाद अब तक दहाई अंकों में ही सीमित है। बीमारी से एक मौत भी दुखद है, लेकिन इस भयावह महामारी में सिर्फ 56 मौतों के साथ भारत अमेरिका और यूरोप के देशों से बेहतर स्थिति में है।
अमेरिका में स्थिति बिगड़ी
दुनिया के सबसे संपन्न देश अमेरिका की स्थिति खराब है। वहां गुरुवार को बीते 24 घंटों में ही 1,169 लोगों की मौत हो गई। इससे पहले इटली में 27 मार्च को 969 लोगों की मौत हो गई थी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बीमारी से 1 लाख से ज्यादा अमेरिकी जान गंवा सकते हैं।
कोरोना से निपटने की दिशा में भारत की कूटनीति
कोरोना के खतरे से निपटने की दिशा में भारत की कूटनीति ने दुनिया के सामने एक नई मिशाल पेश की है। ईरान, चीन, इटली और यूरोप के तमाम देशों में रहने वाले भारतीयों को देश वापस लाया गया, जबकि उन्हें वहां से लाने में बहुत ज्यादा मुसीबतें सामने आई थीं। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सार्क देशों की एक विशेष बैठक बुलाकर इस वैश्विक महामारी से लड़ने की साझेदारी का नेतृत्व भी किया है। उन्होंने सार्क, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और खाड़ी देशों के प्रमुखों से बात कर इससे निपटने और आपसी सहयोग बढ़ाने को लेकर पहल की।