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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भरोसा, कोरोना काल में भी भारत आशावादी देशों में दूसरे नंबर पर, अमरीका में बढ़ी निराशा

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कोरोना काल की काली छाया से विश्व में निराशा और डर बढ़ रहा है। लोगों में वर्ष 2020 की अपेक्षा 2021 में जीवन की प्रति अनिश्चितता बढ़ गई और दुनिया से डर लगने लगा है। लेकिन भारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दोनों लहरों में शानदार कोरोना प्रबंधन और जेट स्पीड से वैक्सीनेशन कराने के चलते हिंदुस्तान में निराशा एक प्रतिशत घटी है, जबकि दूसरे देशों में यह बढ़ रही है। इसमें सबसे अधिक निराशा कोलंबिया में है। यहां 91 प्रतिशत लोगों में निराशा है। इसके बाद पेरू दक्षिण कोरिया और रही है। भारत के लोगों को यह भी उम्मीद है कि तीसरी लहर के इस मुश्किल दौर में भी केंद्र सरकार के कोरोना प्रबंधन के बेहतर प्रयासों से देश बड़ी आपदा से बचा रहेगा।

निजी और पारिवारिक सुरक्षा, दोनों मोर्चों पर भारत में अधिक आशावादिता दिखी
यह खुलासा दुनिया के 28 देशों में 16 के 74 साल के 20 हजार से अधिक लोगों पर किए गए सर्वे में हुआ है। कोरोना महामारी की मार झेलने के बावजूद दुनिया में सबसे अधिक आशावादिता में भारत दूसरे नंबर है। इस मुश्किल दौर में भारत में निराशा में एक प्रतिशत की कमी आई है। इस दौरान भारत के लोगों में न सिर्फ खुद पर भरोसा बढ़ा, बल्कि केंद्र सरकार के सर्वांगीण प्रयासों और सबका साथ-सबका विकास की नीति से मोदी सरकार पर भी भरोसा बढ़ा। निजी और पारिवारिक सुरक्षा, दोनों ही मोर्चों पर भारत में अधिक आशावादिता दिखी।

हिंदुस्तान में निराशा एक प्रतिशत घटी, अमेरिका में निराशा बढ़ी
इप्सॉस की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में निराशा का औसत 82 प्रतिशत है। मलेशिया में 9 प्रतिशत, स्वीडन में 5 प्रतिशत, कोलंबिया, नीदरलैंड व हंगरी में 2 प्रतिशत और अमेरिका में एक प्रतिशत निराशा बढ़ी है। रिपोर्ट में बताया कि चीन में 7 प्रतिशत, रूस, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया व अर्जेंटीना में चार प्रतिशत, दक्षिण कोरिया में 3 प्रतिशत, भारत और चिली में एक प्रतिशत निराशा कम हुई है।महामारी से लड़ने में भारत दूसरे नंबर पर
कोरोना महामारी के बावजूद लोगों में स्वयं पर भरोसा बढ़ा है। इस श्रेणी में दुनिया में मलेशिया 73 प्रतिशत के बाद भारत 72 प्रतिशत के साथ दूसरे पायदान पर है। रूस दसवें तो अमेरिका 20वे स्थान पर है। निजी व पारिवारिक सुरक्षा के मामले में भी केंद्र सरकार पर भरोसे के कारण भारत में दो प्रतिशत का सुधार हुआ है। अमेरिका में सबसे अधिक 6 प्रतिशत, और कोलंबिया में 4 प्रतिशत सुधार हुआ है। दक्षिण कोरिया में 9 प्रतिशत, फ्रांस में 8 प्रतिशत, जापान में 7 प्रतिशत और हंगरी में 6 प्रतिशत लोगों की सुरक्षा में कमी आई है।

 

 

डर के आगे जीत है
आशावादी देश       प्रतिशत
चीन                 86 प्रतिशत
भारत               79 प्रतिशत
सउदी अरब         73 प्रतिशत
मलेशिया           72 प्रतिशत
निराशावादी देश    प्रतिशत
कोलंबिया          91 प्रतिशत
पेरू                90 प्रतिशत
दक्षिण कोरिया    88 प्रतिशत
अमेरिका          86 प्रतिशत
चिली              86 प्रतिशत

वैश्विक स्तर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जलवा कायम

अमेरिकी डाटा रिसर्च एजेंसी मॉर्निग कंसल्ट के सर्वे में प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के सबसे लोकप्रिय और शीर्ष नेता बने हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी की अप्रूवल रेटिंग 70 प्रतिशत है और यह रेटिंग दुनिया के शीर्ष 13 नेताओं में सबसे ज्यादा है। 4 नवंबर, 2021 को अपडेट किए गए सर्वे में प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को काफी पीछे छोड़ दिया है। प्रधानमंत्री मोदी के अलावा विश्व के सिर्फ एक नेता को 60 प्रतिशत से अधिक की रेटिंग मिली है। इस लिस्ट में प्रधानमंत्री मोदी के बाद दूसरे नंबर पर मेक्सिको के राष्ट्रपति आंद्रेज मैनुएल लोपेज ओबराडोर हैं जिनकी अप्रूवल रेटिंग 66 प्रतिशत है जबकि वहीं तीसरे नंबर पर इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रागी है जिनकी रेटिंग 58 प्रतिशत है।

विश्‍व के नेताओं की अप्रूवल रेटिंग देखिए

देश का नाम राष्ट्राध्यक्ष वर्ल्ड रेटिंग
भारत नरेन्द्र मोदी 70%
मैक्सिको लोपेज ओब्रोडोर 66%
इटली मारियो द्रागी  58%
जर्मनी एंजेला मर्केल  54%
ऑस्ट्रेलिया  स्कॉट मॉरिसन  47%
अमेरिका जो बाइडेन  44%
कनाडा जस्टिन ट्रूडो  43%
जापान फुमिओ किशिदा 42%
द. कोरिया मून जे-इन 41%
ब्रिटेन बोरिस जॉनसन  40%
स्पेन पेड्रो सांचेज 37%
फ्रांस इमैनुएल मैक्रों  36%
ब्राजील जेयर बोल्सोनारो  39%

स्रोत : मॉर्निग कंसल्ट

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सिर्फ देश में ही नहीं विदेशों में भी खासे लोकप्रिय हैं। यहां तक कि पड़ोसी देश चीन में भी बड़ी संख्या में लोग उनके मुरीद हैं। लद्दाख हिंसा के तीन महीने बाद चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि अधिकांश चीनी अपने नेताओं से ज्यादा प्रधानमंत्री मोदी की कार्यप्रणाली से खुश हैं।

50 प्रतिशत चीनी लोगों ने की मोदी सरकार की तारीफ
सर्वेक्षण के मुताबिक, लगभग 50 प्रतिशत चीनी नागरिक बीजिंग के अनुकूल प्रभाव रखते हैं, जबकि 50 प्रतिशत लोगों ने भारत की मोदी सरकार की सराहना की है। लगभग 70 प्रतिशत मानते हैं कि भारत में चीन विरोधी भावना काफी ज्यादा हो गई है। 

30 प्रतिशत लोगों को संबंधों में सुधार की उम्मीद
सर्वेक्षण में शामिल 30 प्रतिशत से अधिक लोगों को लगता है कि दोनों देशों के संबंधों में सुधार होगा। नौ प्रतिशत लोगों का मानना है कि भारत-चीन के रिश्तों में सुधार अल्पावधि के लिए होगा, जबकि 25 प्रतिशत के अनुसार, दोनों देशों के संबंध लंबे समय तक मजबूत बने रहेंगे।

भारत को लुभाने में लगी हुआवेई
इस बीच, चीन की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी हुआवेई (Huawei) भारत के सभी प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों में बड़े-बड़े विज्ञापन प्रकाशित कर भारत को लुभाने की कोशिश कर रही है। हुआवेई द्वारा यह दर्शाने का प्रयास किया जा रहा है कि भारत के साथ उसका रिश्ता काफी पुराना है। वह पिछले 20 वर्षों से यहां कारोबार कर रही है और हमेशा भारत के हितों के लिए प्रतिबद्ध है।

चीनी कंपनियों से रिश्ते खत्म करने का निर्देश
दरअसल, लद्दाख हिंसा के बाद से चीनी कंपनियां भारत सरकार की हिटलिस्ट में हैं। फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत हुआवेई और अन्य चीनी कंपनियों से चरणबद्ध ढंग से रिश्ते खत्म करना चाहता है। औपचारिक प्रतिबंध के बजाय, भारत ने कथित तौर पर दूरसंचार कंपनियों को साफ कर दिया है कि चाइनीज गियर से दूर रहें।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जिस तरह केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी की पहली लहर का मुकाबला किया उससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की सराहना हुई। कोरोना के खिलाफ जंग में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू करके और वैक्सीन डिप्लोमेसी के जरिए मोदी सरकार ने विकसित देशों के मुकाबले बढ़त हासिल कर ली। इससे परेशान मोदी विरोधियों ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सरकार और देश की छवि धुमिल करने की कोशिश की। इसका खुलासा भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) द्वारा किए गए एक सर्वे से हुआ है। सर्वे के मुताबिक 82 प्रतिशत भारतीय मीडियाकर्मियों की राय में पश्चिमी मीडिया ने भारत में कोरोना महामारी की कवरेज में पक्षपात किया। 

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलने वाली केंद्र सरकार के सात साल पूरे हो गए हैं। ऐसे में कई मीडिया संस्थानों ने सरकार के प्रति देश की जनता का नजरिया जानने के लिए सर्वे किया है। ऐसा ही एक सर्वे एबीपी न्यूज और सी-वोटर ने मिलकर किया है। इस सर्वे में पीएम मोदी और उनकी सरकार की कार्यप्रणाली का देश की जनता ने जय-जय किया है। वह चाहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले की बात हो या फिर कोरोना के हालात से देश को संभालने का मामला हो, देश की जनता ने मोदी सरकार पर भरोसा जताया है और उनके निर्णय की तारीफ की है। कोरोना काल में इस वैश्विक महामारी से देश को संभालने के प्रश्न पर देश की जनता ने मुक्त कंठ से प्रधानमंत्री का यश-गान किया है। 

पीएम मोदी के हर फैसले से अधिकांश लोग संतुष्ट

मोदी सरकार के सात साल के इस कार्यकाल की एक खासियत यह रही है क सरकार के किसी भी फैसले से जनता में नाराजगी नहीं हुई। पीएम मोदी के हर फैसले से जनता संतुष्ट दिखती है। यह बात एबीपी और सी-वोटर के संयुक्त सर्वे में प्रमुखता से उभर कर सामने आई है। सर्वे की इस फाइंडिंग्स से ही आप मोदी सरकार की जनता में स्थापित लोकप्रियता का अंदाजा लगा सकते हैं। वह चाहे कोरोना की चेन तोड़ने के लिए संपूर्ण देश में लॉकडाउन लगाने का निर्णय हो या फिर विश्व स्तर पर मानवीयता को देखते हुए दुनिया के देशों को वैक्सीन देने का निर्णय हो देश के अधिकांश लोग पीएम मोदी के निर्णय के पक्ष में खड़े हैं। सर्वे के एक आंकड़ा के मुताबिक 76 प्रतिशत लोगों ने लॉकडाउन के पीएम मोदी के फैसले को सही ठहराया। जबकि 65 प्रतिशत ग्रामीण आबादी ने इसे सही बताया है।

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी बढ़ा भरोसा

कोरोना की पहली लहर से सफलतापूर्वक मुकाबला करने के लिए पूरी दुनिया ने पीएम मोदी के नेतृत्व का लोहा माना। हर देश के राष्ट्राध्यक्षों ने कोरोना का सफलता पूर्वक सामना करने के लिए और वैश्विक महामारी से दुनिया की रक्षा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। लेकिन जब भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दी और भयावहता की स्थिति में पहुंच गई तो उम्मीद की जाने लगी कि पीएम मीद एक बार फिर देश में संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा करेंगे। लेकिन पीएम मोदी ने लॉकडाउन की घोषणा नहीं कर के सभी को चौंका दिया। इस सर्वे में जो फैक्ट फाइंडिंग्स उभरकर सामने आया है उससे साबित होता है कि पीएम मोदी का फैसला जनता के हित में था।

IIMC के महानिदेशक प्रोफेसर संजय द्विवेदी के मुताबिक संस्थान के आउटरीच विभाग ने जून 2021 में यह सर्वेक्षण किया, जिसमें में देश भर से कुल 529 पत्रकारों, मीडिया शिक्षकों और मीडिया स्कॉलर्स ने हिस्सा लिया। सर्वेक्षण में शामिल 60 प्रतिशत मीडियाकर्मियों का मानना है कि पश्चिमी मीडिया द्वारा की गई कवरेज एक पूर्व निर्धारित एजेंडे के तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को खराब करने के लिए की गई। अध्ययन के तहत जब भारत में कोविड महामारी के दौरान पश्चिमी मीडिया की कवरेज पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो 71 प्रतिशत लोगों का मानना था कि पश्चिमी मीडिया की कवरेज में संतुलन का अभाव था।

सर्वेक्षण में यह भी जानने की कोशिश की गई कि महामारी के दौरान पश्चिमी मीडिया में भारत के विरुद्ध यह नकारात्मक अभियान वास्तव में कब शुरू हुआ। इसके जवाब में 38 प्रतिशत लोगों ने कहा कि यह अभियान कोरोना की दूसरी लहर के दौरान उस समय शुरू हुआ, जब भारत महामारी से लड़ने में व्यस्त था। वहीं 25 प्रतिशत मीडियाकर्मियों का मानना है कि यह पहली लहर के साथ ही शुरू हो गया था। 21 प्रतिशत लोगों का मानना है कि भारत के खिलाफ नकारात्मक अभियान तब शुरू हुआ, जब भारत ने कोविड-19 रोधी वैक्सीन के टेस्टिंग की घोषणा की। 17 प्रतिशत लोगों ने कहा कि यह नकारात्मकता तब शुरू हुई, जब भारत ने ‘वैक्सीन डिप्लोमेसी’ शुरू की। सर्वे से एक दिलचस्प और राहत देने वाली बात यह सामने आयी कि पश्चिमी मीडिया को भारत के लोगों का पूरा समर्थन नहीं मिला। करीब 63 प्रतिशत लोगों ने पश्चिमी मीडिया की नकारात्मक मुहिम से दूरी बनायी रखी और उनकी नकारात्मक खबरों को सोशल मीडिया पर साझा नहीं किया। जिस तरह पश्चिम मीडिया ने श्मशान घाटों की जलती चिताओं और ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ लोगों की तस्वीरें पेश की उनसे माहौल और भी खराब हो सकता था।

सर्वेक्षण में पश्चिमी मीडिया द्वारा भारत में महामारी की पक्षपातपूर्ण कवरेज के संभावित कारणों को जानने का भी प्रयास किया गया। 51 प्रतिशत लोगों ने इसका कारण अंतरराष्ट्रीय राजनीति को बताया, तो 47 प्रतिशत लोगों ने भारत की आंतरिक राजनीति को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। 34 प्रतिशत लोगों ने फार्मा कंपनियों के निजी स्वार्थ और 21 प्रतिशत लोगों ने एशिया की क्षेत्रीय राजनीति को इसका कारण बताया।

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलने वाली केंद्र सरकार के सात साल पूरे हो गए हैं। ऐसे में कई मीडिया संस्थानों ने सरकार के प्रति देश की जनता का नजरिया जानने के लिए सर्वे किया है। ऐसा ही एक सर्वे एबीपी न्यूज और सी-वोटर ने मिलकर किया है। इस सर्वे में पीएम मोदी और उनकी सरकार की कार्यप्रणाली का देश की जनता ने जय-जय किया है। वह चाहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले की बात हो या फिर कोरोना के हालात से देश को संभालने का मामला हो, देश की जनता ने मोदी सरकार पर भरोसा जताया है और उनके निर्णय की तारीफ की है। कोरोना काल में इस वैश्विक महामारी से देश को संभालने के प्रश्न पर देश की जनता ने मुक्त कंठ से प्रधानमंत्री का यश-गान किया है। देश के लोगों का तो यहां तक कहना है कि जिस प्रकार से पीएम मोदी ने इस कठिन दौर में देश को संभाला है उससे बेहतर ढ़ंग से कोई संभाल ही नहीं सकता है।

पीएम मोदी के हर फैसले से अधिकांश लोग संतुष्ट

मोदी सरकार के सात साल के इस कार्यकाल की एक खासियत यह रही है क सरकार के किसी भी फैसले से जनता में नाराजगी नहीं हुई। पीएम मोदी के हर फैसले से जनता संतुष्ट दिखती है। यह बात एबीपी और सी-वोटर के संयुक्त सर्वे में प्रमुखता से उभर कर सामने आई है। सर्वे की इस फाइंडिंग्स से ही आप मोदी सरकार की जनता में स्थापित लोकप्रियता का अंदाजा लगा सकते हैं। वह चाहे कोरोना की चेन तोड़ने के लिए संपूर्ण देश में लॉकडाउन लगाने का निर्णय हो या फिर विश्व स्तर पर मानवीयता को देखते हुए दुनिया के देशों को वैक्सीन देने का निर्णय हो देश के अधिकांश लोग पीएम मोदी के निर्णय के पक्ष में खड़े हैं। सर्वे के एक आंकड़ा के मुताबिक 76 प्रतिशत लोगों ने लॉकडाउन के पीएम मोदी के फैसले को सही ठहराया। जबकि 65 प्रतिशत ग्रामीण आबादी ने इसे सही बताया है।

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी बढ़ा भरोसा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कोरोना काल में भी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए हैं। अमेरिकी एजेंसी मॉर्निंग कंसल्‍ट द्वारा किए गए सर्वे में ये बात निकलकर आई है। एजेंसी के मुताबिक पीएम मोदी की कुल अप्रूवल रेटिंग 67 है। एजेंसी की रिपोर्ट में यह भी दिखाया गया है कि नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता सभी वैश्विक नेताओं में सबसे अधिक है। यह एजेंसी दुनिया भर के नेताओं और सरकार की अप्रूवल रेटिंग जारी करती है। मॉर्निंग कंसल्ट के अनुसार आपदा की इस घड़ी में भी लोगों का प्रधानमंत्री मोदी पर भरोसा कायम है। देश की जनता को पीएम मोदी के उठाए गए कदमों में विश्वास है।

मॉर्निंग कंसल्ट पॉलिटिकल इंटेलिजेंस ने ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इटली, जापान, मैक्सिको, दक्षिण कोरिया, स्पेन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका के नेताओं की अप्रूवल रेटिंग जारी की है। एजेंसी के ताजा सर्वे के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की अप्रूवल रेटिंग 55, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की 52, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल की 49, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की 48 और फ्रांस के राष्ट्रपति एमेन्यूल मैक्रां की सिर्फ 33 है।

अपनी कुशल नेतृत्व क्षमता के कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विभिन्न सर्वे और सोशल मीडिया में टॉप पर बने हुए हैं।

सबसे लंबे वक्त तक सत्ता में रहने वाले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने 14 अगस्त, 2020 को एक अनोखा रिकॉर्ड कायम किया। वे गैर कांग्रेसी पहले प्रधानमंत्री बन गए, जिन्होंने सबसे अधिक देश की सेवा की है। इस पद पर सबसे लंबे समय तक रहने वाले वे देश के चौथे प्रधानमंत्री बन गए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2268 दिन तक सेवा की, जिनका रिकॉर्ड उन्होंने तोड़ा। प्रधानमंत्री मोदी ने 26 मई 2014 को पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। उनके नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में और भी बड़ी जीत हासिल की और नरेन्द्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बने। इससे पहले अटल बिहारी वाजपेयी 3 बार भारत के प्रधानमंत्री बने। वाजपेयी पहले ऐसे गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया था। 

सबसे लंबे समय तक सेवा करने का रिकॉर्ड
गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री के रूप में सबसे अधिक समय तक देश की सेवा करने के बाद 14 अगस्त, 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम एक और रिकॉर्ड जुड़ गया। प्रधानमंत्री मोदी निर्वाचित सरकार के प्रमुख के नाते वे सबसे लंबे समय तक सत्ता में रहे हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री के कार्यकाल जोड़ा जाए तो नरेन्द्र मोदी सबसे आगे हैं। इस सूची में कई ऐसे नाम हैं जिन्होंने बतौर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में अपनी सेवाएं देश को दी हैं, लेकिन नरेन्द्र मोदी के नाम 18 साल और 306 दिनों के साथ सबसे ज्यादा वक्त तक निर्वाचित सरकार के प्रमुख के तौर पर रहने का रिकॉर्ड दर्ज हो गया। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू 16 वर्ष और 286 दिनों तक प्रधानमंत्री पद पर रहे, जबकि इंदिरा गांधी 15 वर्ष और 350 दिन तक प्रधानमंत्री रहीं। प्रधानमंत्री पद पर मनमोहन सिंह 10 वर्ष और 4 दिन तक रहे। वहीं, अटल बिहारी वाजपेयी 6 वर्ष और 77 दिनों तक इस पद पर रहे। 

अगले प्रधानमंत्री के रूप में अभी भी सबसे लोकप्रिय विकल्प
इंडिया टुडे-कार्वी इनसाइट्स मूड ऑफ द नेशन (MOTN) सर्वे के अनुसार, नरेन्द्र मोदी भारत के अगले प्रधानमंत्री के रूप में अभी भी सबसे लोकप्रिय विकल्प बने हुए हैं। 66 प्रतिशत लोगों का मानना ​​है कि नरेन्द्र मोदी को भारत का अगला प्रधानमंत्री होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी के बाद दूसरे स्थान पर राहुल गांधी का नंबर है लेकिन वह भी दहाई के आंकड़े को नहीं छू सके हैं। हालांकि 8 प्रतिशत वोटों के साथ दूसरी पसंद जरूर हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री पद के लिए तीसरा सबसे पसंदीदा नेता माना गया और उन्हें 5 प्रतिशत वोट मिले। 

देश के 50 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में प्रधानमंत्री मोदी नंबर वन
मई 2020 में फेम इंडिया-एशिया पोस्ट के सर्वे में प्रधानमंत्री मोदी देश के 50 प्रभावशाली लोगों में अव्वल बने हुए थे। सर्वे में प्रधानमंत्री मोदी को 99.6 प्रतिशत मत मिले। प्रधानमंत्री अपनी लोकप्रियता और काम को लेकर सबसे ज्यादा पसंद किए गए। सर्वे में प्रधानमंत्री मोदी के बाद दूसरे नंबर पर उत्‍तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और तीसरे नंबर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रहे। प्रभावशाली लोगों की सूची में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कांग्रेस नेता राहुल गांधी से आगे हैं। नीतीश कुमार 16वें स्‍थान पर हैं, जबकि राहुल गांधी को 21वां स्थान दिया गया है। फेम इंडिया और एशिया पोस्ट सर्वे 2020 की देश के 50 प्रभावशाली लोगों की यह सूची बनाने के लिए 12 हजार बुद्धजीवियों की राय ली गई थी।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी माना प्रधानमंत्री मोदी का लोहा
कोरोना वायरस से निपटने में मोदी सरकार के कदमों की सराहना अमेरिकी मीडिया ने भी की है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने तारीफ करते हुए कहा कि संकट के समय पूरा भारत प्रधानमंत्री मोदी के पीछे खड़ा है। अखबार ने यह भी लिखा है कि हाल के सर्वे में प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता पहले से ज्यादा बढ़ी है। यह लोकप्रियता बढ़कर 80 से 90 प्रतिशत के बीच हो गई। उनकी तुलना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से होती है, लेकिन कोरोना संकट से प्रधानमंत्री मोदी इन दोनों नेताओं की तुलना में ज्यादा प्रभावी ढंग से निपटे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है कि कोरोना वायरस के फैलने से प्रधानमंत्री मोदी कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। लेकिन देश की जनता ने इस दौर में उनकी बातों को माना।

TIMES NOW सर्वे में 71 प्रतिशत मिली रेटिंग
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में जहां तक भारत की बात है तो देश के लोगों को कोविड-19 के खिलाफ प्रधानमंत्री मोदी की रणनीति खूब पंसद आ रही है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उठाए गए कदमों से देश के ज्यादातर लोग खुश हैं। इसका खुलासा TIMES NOW और ORMAX Media के एक सर्वे में हुआ है। TIMES NOW ने यह सर्वे देश के 6 मेट्रो सिटीज दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई में किया।

 

सर्च इंजन गूगल के सर्च ट्रेंड्स में नंबर वन रहे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकप्रियता के मामले में सोशल मीडिया के बादशाह हैं। डिजिटल पहुंच के मामले में देश के विपक्षी नेता प्रधानमंत्री मोदी के सामने कहीं नहीं टिकते हैं। ऑनलाइन सर्च इंजन गूगल के सर्च ट्रेंड्स विश्लेषण से सामने आया है कि वर्ष 2020 में पीएम मोदी के सर्च का ग्राफ औसतन 72 पर रहा, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का 12 पर। प्रधानमंत्री मोदी को 29 अप्रैल को सर्वाधिक सर्च किया गया, इसके मुकाबले राहुल को सर्वाधिक सर्च करने के दिन 22 अप्रैल को ग्राफ 25 पर ही पहुंचा। जबकि इसी दिन मोदी का ग्राफ 83 पर था। अमर उजाला की खबर के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी को सर्च करने की उत्सुकता चुनाव आचार संहिता लगने के बाद तेजी से बढ़ी है। 

प्रधानमंत्री मोदी हैं देश के सबसे लोकप्रिय नेता
ऑनलाइन सेंटिमेंट एनालिसिस कंपनी चेकब्रांड की रिपोर्ट के अनुसार अगस्त से अक्टूबर के दौरान ट्विटर, गूगल सर्च और यूट्यूब जैसे मंचों पर सर्वाधिक ट्रेंड प्रधानमंत्री मोदी से जुड़े रहे। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछली तिमाही में ट्विटर, गूगल सर्च और यूट्यूब जैसे मंचों पर सर्वाधिक 2,171 ट्रेंड प्रधानमंत्री मोदी से जुड़े रहे। चेकब्रांड ने सोशल मीडिया पर शीर्ष 95 राजनीतिक नेताओं के साथ-साथ शीर्ष 500 प्रभावशाली व्यक्तियों के लिए ऑनलाइन विश्लेषण किया। इसने रिपोर्ट के प्रथम संस्करण के लिए 10 करोड़ से अधिक ऑनलाइन मतों का विश्लेषण किया। राजनेताओं की लिस्ट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी आठवें स्थान पर रहे।

आइए डालते हैं सोशल मीडिया की लोकप्रियता पर एक नजर-

ट्विटर 
प्रधानमंत्री मोदी सोशल मीडिया के भी बादशाह है। वे दुनिया में ट्विटर पर सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले सक्रिय राजनेता हैं। प्रधानमंत्री मोदी को 67.5 मिलियन यानि 6.75 करोड़ लोग फॉलो करते हैं।

इंस्टाग्राम
प्रधानमंत्री मोदी आए दिन सोशल मीडिया पर नया कीर्तिमान स्थापित करते रहे हैं। फोटो-शेयरिंग प्लेटफार्म इंस्टाग्राम पर प्रधानमंत्री मोदी 55 मिलियन से अधिक फॉलोअर के साथ इंस्टाग्राम पर प्रधानमंत्री मोदी सबसे लोकप्रिय वैश्विक नेता हैं।

फेसबुक
फेसबुक पर 4 करोड़ 60 लाख लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पेज को लाइक करते हैं।

यू-ट्यूब चैनल
प्रधानमंत्री मोदी के यू-ट्यूब चैनल के सब्सक्राइबरों की संख्या 80 लाख, 70 हजार के पार पहुंच गयी है। जाहिर है कि भारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता में लगातार इजाफा होता जा रहा है। लोग एक राजनेता के तौर पर पीएम मोदी को काफी पसंद कर रहे हैं और उनके बारे में जानना चाहते हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि पीएम मोदी राजनीति के ही नहीं सोशल मीडिया के भी किंग हैं।

 

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