लोकतंत्र का रक्षक होने का दावा करने वाली कांग्रेस ने 25 जून, 1975 को देश को इमरजेंसी के दलदल में धकेल दिया। इस दौरान कांग्रेस ने लोकतंत्र का गला घोंटने का काम किया। रातों रात लोगों के मौलिक अधिकार छीन लिए गए। कांग्रेस ने न सिर्फ विपक्षी दलों के नेताओं बल्कि सच के साथ खड़े पत्रकारों का भी दमन किया। विरोध की आवाज को दबाने के लिए पूरे विपक्ष को जेल में डाल दिया गया। बड़े मीडिया संस्थानों तक के संपादकों को गिरफ्तार किया जा रहा था, उन पर पाबंदियां लगाई जा रही थीं। अलोकतांत्रिक रूप से बाबा साहेब के संविधान में संशोधन किया गया। कांग्रेस ने संवैधानिक संस्थाओं को भी कमजोर किया।
इंदिरा सरकार की अमानवीयता का आलम यह था कि दिल्ली और पश्चिमी यूपी के इलाकों में नशबंदी से इनकार करने वाले लोगों पर अत्याचार किया गया। पुलिस की गोलीबारी में कई लोग मारे गए। महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलने की बातें करने वाली कांग्रेस को उनके विचारों से भी डर लगने लगा था। उस समय इंदिरा गांधी ने किशोर कुमार के गानों को बैन कर दिया था। आपातकाल थोपने वाली कांग्रेस के काले कारनामों के बारे में जानकर हर कोई सन्न रह जाता है। केंद्र में विपक्ष में बैठी कांग्रेस लोकतंत्र की दुहाई देती है। लेकिन उसके शासित राज्यों में जिस तरह विपक्ष और मीडिया का दमन किया जाता है, उससे कहा जाता है कि समय बदल गया है, लेकिन कांग्रेस की आपातकालीन मानसिकता नहीं बदली है, वो आज भी जारी है।
आपातकाल में कांग्रेस का अत्याचार
- विपक्षी दलों का दमन कर लोकतंत्र का गला घोंटा।
- कांग्रेस ने संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया।
- सेंसरशिप से प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला किया।
- जबरन नसबंदी से मानवाधिकारों का हनन किया।
- आपातकाल के दौरान मुस्लिमों पर अत्याचार किया।
- महात्मा गांधी जैसे राष्ट्रनायकों का अपमान किया।
- किशोर कुमार जैसे कलाकारों के गाने पर पाबंदी लगायी।
वर्तमान में कांग्रेस शासित राज्यों में तानाशाही
- महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस और छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया।
- राहुल गांधी ने न्यायपालिका और चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया।
- सोनिया गांधी का बचपन का नाम लेने पर अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार कर उत्पीड़न किया गया।
- राहुल गांधी ने वीर सावरकर जैसे स्वतंत्रता सेनानी का अपमान किया।
- राजशाही मानसिकता वाली कांग्रेस ने हेमंत सोरेन जैसे मख्यमंत्रियों का अपमान किया।
- सोनिया और राहुल गांधी पर विज्ञापन देने वाली कांपनी के दफ्तर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की।
- राहुल गांधी की आलोचना करने पर कॉलेज के प्रोफेसर को बर्खास्त किया गया।
- राजीव गांधी के बारे में लिखने पर तजिंदर सिंह बग्गा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।