नोटबंदी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जनता ने खुले दिल से समर्थन दिया है। ये बात एक और सर्वे में साबित हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जनता के मजबूत समर्थन पर लोकल सर्कल्स के ताजा सर्वे ने मुहर लगायी है जिसे इंडिया टुडे ने प्रकाशित किया है।
खास बात ये है कि पूरे 50 दिन तक पीएम नरेन्द्र मोदी को जनता का व्यापक समर्थन मिलता रहा। ये समर्थन 97 फीसदी तक पहुंच गया। इस सर्वे में 3.5 लाख लोगों की राय शामिल की गयी है और ये राय पूरे 50 दिन तक ली गयी। खास बात ये है कि सर्वे में 1 लाख लोगों ने नोटबंदी पर हुई डिबेट और चर्चा में हिस्सा लिया। इन सबके आधार पर ये नतीजे निकाले गये हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए सबसे उत्साहजनक बात ये है कि 97 फीसदी लोगों ने उनके प्रति समर्थन की अपनी राय बिल्कुल नहीं बदली। वो नोटबंदी के मकसद को 18 नवंबर को भी सही बता रहे थे और 29 दिसंबर तक भी उनकी राय वही रही। इस तरह 97 फीसदी लोग मजबूती के साथ अपने पीएम के साथ खड़े दिखे।
नोटबंदी को लागू करने के तरीके पर जरूर लोग परेशान दिखे। जहां 18 नवंबर वाले हफ्ते में 51 फीसदी लोगों का मानना था कि नोटबंदी को लागू करने का तरीका सही नहीं है, वहीं 29 दिसंबर आते-आते महज 30 फीसदी लोग ऐसे रह गये जो कह रहे थे कि नोटबंदी को सही तरीके से लागू किया गया।
खास बात ये है कि 75 फीसदी लोगों ने नोटबंदी से जुड़ी परेशानियों के लिए नरेन्द्र मोदी को क्लीन चिट दी। ये लोग आरबीआई, स्थानीय बैंक और वित्त मंत्रालय को कैश क्रंच से निबटने में नाकाम रहने का आरोप लगा रहे थे।
नोटों की सप्लाई को लेकर भी असंतोष नहीं दिखा। लगभग 60 फीसदी लोग मान रहे थे कि 2000 के नोटों की सप्लाई ठीक-ठाक थी और वे नोटों की बदली आसानी से कर पा रहे थे।
आम लोग भी नए नोटों की जमाखोरी करते दिखे। 14 फीसदी लोग 2000 रुपये के नोटों को इमर्जेंसी के वक्त के लिए बचा रहे थे। 45 फीसदी लोग ऐसे थे जो 2000 के नोट को तब के लिए रख रहे थे जब ऐसा करना बिल्कुल जरूरी हो जाए। इस तरह दिसम्बर में 59 फीसदी लोग 2000 के नोटों की जमाखोरी कर रहे थे।
इकॉनोमिक टाइम्स के सर्वे में भी मोदी को मिला था डिस्टिंक्शन
नोटबंदी के एक महीने गुजरने पर सर्वे हुए थे और तबू भी आम जनता नरेंद्र मोदी से बेहद खुश नजर आ रही थी। इकोनॉमिक टाइम्स में लोगों से अलग-अलग तरीके के कई सवाल पूछे गए हैंं। इन सवालों में मोदी सरकार न सिर्फ पास हुई, बल्कि आउटस्टैंडिंग परफोर्मेंस दिया।
आश्चर्य की बात ये है कि जिन लोगों को कतार में खड़े रहना पड़ा, उनकी भी राय यही रही कि नोटबंदी बिल्कुल सही है। ऐसे 80 फीसदी शहरी लोगों ने नोटबंदी को सही ठहराया है, जबकि गांवों में ऐसे 77 फीसदी लोगों ने नोटबंदी को हरी झंडी दी। वैसे लोग जो कतार में नहीं लगे, उनमें 97 फीसदी शहरी लोग नोटबंदी के पक्ष में दिखे, जबकि 91 फीसदी ऐसे ग्रामीणों ने नोटबंदी को सही ठहराया।
ये भी कम अहम बात नहीं है कि नोटबंदी पर सबसे ज्यादा समर्थन बिहार से मिला है। बिहार में 89 फीसदी शहरी और 74 फीसदी ग्रामीण लोगों ने नोटबंदी को सही ठहराया है तो दिल्ली में यह आंकड़ा 79 फीसदी और 71 फीसदी है। यूपी में 83 फीसदी शहरी और 80 फीसदी ग्रामीण लोग नोटबंदी के हक में हैं। कुल मिलाकर देश के 81 फीसदी शहरी लोग नोटबंदी चाहते हैं जबकि 73 फीसदी ग्रामीणों की भी यही राय है।
Dainikbhaskar.com पोल में 85% लोगों ने नोट बंदी को बताया सही
इससे पहले दैनिक भास्कर डॉट कॉम के पोल में भी लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नोटबंदी पर अपनी मुहर लगायी थी। पोल में लोगों से दो तरह के सवाल पूछे गए। पहला सवाल था- नोटबंदी का फैसला सही कदम है? इसके जवाब में 85% लोगों ने इस फैसले को सही माना।
दूसरे सवाल में रीडर्स से नोटबंदी के बाद उठाए गए कदमों की रेटिंग देने की अपील की गई थी।
पोल में शामिल 79.7% लोगों ने इसे बहुत बढ़िया या बढ़िया करार दिया।
इस पोल में दो लाख लोगों ने हिस्सा लिया।
Inshorts के सर्वे में 82% सरकार के साथ
82 प्रतिशत ने कहा उन्हें कैश की दिक्कत है, लाइन में लगना पड़ रहा है, लेकिन वो मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के सपोर्ट में हैं।
HuffPost-BW-CVoter सर्वे में 87% ने कहा, काले धन पर करारी चोट
सी वोटर ने 21 नवंबर को 252 संसदीय क्षेत्रों में 1,212 लोगों से बातचीत करके सर्वे किया।
87 फीसदी ने माना कि ये फैसला काला धन रखने वालों पर करारी चोट है। 85 फीसदी ने काले धन के खिलाफ नोट बंदी के फैसले को लड़ने लायक बताया।
66.30 फीसदी लोगों ने इसे अच्छा कदम बताया, 27.40 फीसदी लोगों ने नोट बंदी के फैसले को सही बताया लेकिन उसे सही से लागू नहीं किया गया। 4.80 फीसदी लोगों ने इस फैसले को बेकार बताया जबकि 1.50 लोगों ने फैसले पर कुछ भी नहीं कहा है।
CVoter का सर्वे – 87% ने कहा, परेशानी तो है लेकिन भविष्य अच्छा
सर्वे एजेंसी सी वोटर के सर्वे में 80 फीसदी लोग नोटबंदी के फैसले से खुश हैं। 87 फीसदी लोगों ने माना कि परेशानी तो है लेकिन इस फैसले से भविष्य अच्छा होगा।
65.17 फीसदी लोगों ने कहा कि नोट बंदी के लिए सरकार की प्लानिंग ठीक है और लागू भी सही से कर रही है।
83.3 फीसदी निम्न आय वर्ग के लोगों ने माना कि नोट बंदी का फैसला अच्छा है जबकि 90 फीसदी उच्च आय वर्ग के लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया।
23.8 फीसदी शहरी, 24.3 फीसदी अर्द्ध शहरी और 36 फीसदी ग्रामीणों ने माना कि नोट बंदी का फैसला सही था लेकिन उसे सही तरीके लागू नहीं किया गया।
जागरण का सर्वे, 86% परेशानी के बावजूद फैसले के पक्ष में
84.8% ने कहा सरकार ने नोटबंदी कर अच्छा कदम उठाया
86.1 फीसदी लोग परेशानी के बावजूद नोटबंदी के फैसले के साथ खड़े हैं।
66.1% ने कहा इसका आने वाले चुनाव में बीजेपी के लिए अच्छा असर पड़ेगा।
www.livehindustan.com के सर्वे में कम हुए नोटबंदी के समर्थक
8 नवंबर के तुरंत बाद हुए सर्वे में 78 फीसदी लोगों ने फैसले का समर्थन किया था। इसमें 10,660 लोगों ने भाग लिया था।
सात दिन बाद 15 नवंबर को हुए सर्वे में 62 फीसदी लोग नोटबंदी के समर्थन में थे। इसमें 11,142 लोगों ने लिया भाग।
18 नवंबर को केवल 46 फीसदी लोग ही नोटबंदी के समर्थन में रहे। 5,780 लोगों ने भाग लिया।
LocalCircles का सर्वे – 79% ने किया सपोर्ट
79 % ने लोगों ने नोटबंदी का समर्थन किया। 3% ने विरोध किया। 18% का मानना है कि फैसला सही है, लेकिन उन्हें परेशानी हो रही है।
इस सर्वे में 10,000 लोगों ने भाग लिया। 200 शहर सर्वे में शामिल किया गया।
SHADI.COM के सर्वे में ज्यादातर ने कहा शादी में दिक्कत नहीं
इस ऑनलाइन सर्वे में 13,200 लोगों ने भाग लिया। सर्वे में भाग लेने वाले 25-32 साल के युवा और सभी कुंवारे हैं।
41 फीसदी युवक जबकि 39 फीसदी युवतियों ने कहा कि नोटबंदी से शादी पर कोई प्रभाव नहीं। 20.3 फीसदी युवक और 24.5 फीसदी युवतियों ने बताया शादी पर नोट बंदी का थोड़ा असर पड़ा।
37 फीसदी लोगों ने कहा कि शादी एडवांस बुकिंग से मैनेज कर चुके थे। 35 फीसदी लोगों ने माना कि उन्होंने शादी के खर्चे में कटौती की। कुछ लोगों ने कोर्ट मैरिज की।
सिर्फ 17.8 फीसदी युवकों जबकि 7.6 फीसदी युवतियों ने माना कि नकदी की कमी की वजह से शादी स्थगित की है।