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ऑपरेशन अजय : इजरायल में फंसे भारतीयों की सुरक्षित घर वापसी, जुबां पर पीएम मोदी और भारत माता की जय

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार भारतवासियों की सुरक्षा और समृद्धि के लिए समर्पित है। देश हो या विदेश, जब-जब भारतवासियों पर संकट आया, प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार ने मदद के लिए आगे बढ़कर काम किया। एक बार फिर इजरायल में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वतन वापसी के लिए ‘ऑपरेशन अजय’ लॉन्च किया है। फिलिस्तीन के आतंकवादी संगठन हमास के हमले के बाद इजरायल में हालात काफी खराब हो चुके हैं। ऐसी स्थिति में ‘ऑपरेशन अजय’ के तहत एयर इंडिया के विशेष विमान से भारतियों को लाया जा रहा है। भारतीयों का पहला जत्था जब विमान में सवार हुआ, तो उनके चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। विमान में सवार भारतीयों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए। साथ ही इस ऑपरेशन के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया।

212 यात्रियों के पहले जत्थे को केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर ने किया स्वागत

‘ऑपरेशन अजय’ के तहत शुक्रवार (13 अक्टूबर, 2023) की सुबह 212 भारतीयों के पहले जत्थे को लेकर एयर इंडिया का विशेष विमान इजरायल के बेन गुरियन हवाई अड्डे से दिल्ली पहुंचा। दिल्ली एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इजरायल से लौटे भारतीयों का स्वागत किया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार किसी भी भारतीय को कभी नहीं छोड़ेगी। हमारी सरकार, हमारे प्रधानमंत्री हर भारतीय की रक्षा करने, उन्हें सुरक्षित घर वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि हम विदेश मंत्री डॉ. एस.जयशंकर और उनकी टीम के साथ ही एयर इंडिया की इस उड़ान के चालक दल के लिए भी आभारी हैं।

 

छात्रा ने सुरक्षित वापसी के लिए पीएम मोदी को दिया धन्यवाद

ऑपरेशन अजय के तहत इजरायल से भारत लौटने पर लोगों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वो अब सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। भारत लौटे एक नागरिक ने कहा कि इजरायल में युद्ध शुरू होने के बाद हमें भारत से हमारे परिवार और दोस्तों के फोन आने लगे थे। सभी हमारे लिए चिंतित थे। उन्होंने कहा कि हमारे लिए इस ऑपरेशन के तहत इजरायल से सुरक्षित लाए जाने के लिए भारत सरकार और भारत के विदेश मंत्रालय को धन्यवाद देता हूं। वहीं दिल्ली लौटीं भारतीय छात्रा द्युति बनर्जी ने पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। द्युति ने कहा कि हमें एक सूचना मिली और 24 घंटे के भीतर सब कुछ व्यवस्थित हो गया।

भारत सरकार की सक्रियता की हो रही तारीफ 

इजरायल के हालात पर भारत सरकार की पैनी नजर है। हमास के हमले के बाद पहले दिन से ही भारतीयों को सुरक्षित निकालने की तैयारियां शुरू कर दी गई थीं। अडवाइजरी जारी करने के साथ ही भारतीय दूतावास को सक्रिय कर दिया गया। इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया। दूतावास ने भारतीयों से संपर्क स्थापित किया और हर तरह से सहयोग करने का भरोसा दिया। इज़रायल से भारत लौटी एक महिला ने कहा कि जब हमास ने हमला  शुरू किया तो दूतावास सक्रिय हो गया, उसके दूसरे दिन से ही हम भारत सरकार के संपर्क में थे। वे व्हाट्सएप समूहों पर सक्रिय थे और हमारे साथ संपर्क में थे। वे हमारे साथ सहयोग कर रहे थे, सारी जानकारी मुहैया करा रहे थे।

भारत सरकार वहन कर रही है इजरायल से वापसी का खर्च

गौरतलब है कि ‘ऑपरेशन अजय’ के तहत भारत लाए जा रहे यात्रियों से कोई किराया नहीं लिया जा रहा है। भारत सरकार उनकी वापसी का खर्च वहन कर रही है। इजरायल से भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए विदेश मंत्रालय ने व्यापक तैयारियां की हैं। विदेश मंत्रालय के मुताबिक हालात को देखते हुए जो जरूरी होगा, वो कदम उठाया जाएगा। फिलहाल प्राथमिकता उन्हीं भारतीयों को सकुशल वापस लाने की है, जो लौटना चाहते हैं। जैसे-जैसे लौटने के आग्रह मिलते रहेंगे, उसी हिसाब से उड़ानें तय की जाएंगी। इस ऑपरेशन में चार्टर विमानों का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन सभी विकल्प खुले हुए हैं। जरूरत पड़ने पर भारतीय वायुसेना की मदद भी ली जा सकती है।

‘ऑपरेशन अजय’ की तैयारियों की लगातार हो रही समीक्षा 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक करीब 18 हजार भारतीय इजरालय में हैं। उनसे भारतीय दूतावास में रजिस्टर कराने और अडवाइजरी पर ध्यान की अपील की गई है। वेस्ट बैंक और गाजा में भारतीय नागरिकों के फंसे होने की खबर पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि दर्जन भर लोग वैस्ट बैंक में और 3 से 4 लोग गाजा में हैं। वहां से अभी तक किसी भारतीय की मौत की खबर नहीं आई है। हालांकि कुछ घायल हुए है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ‘ऑपरेशन अजय’ की तैयारियों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं।

सूडान संकट, रूस- यूक्रेन युद्ध, कोरोना महामारी समेत ऐसे कितने ही मौके आए, जबकि पीएम मोदी विदेशों में फंसे भारतीयों के लिए संकटमोचक के रूप में सामने आए…

ऑपरेशन कावेरी : सूडान से लौटे भारतीयों ने कहा, ‘मोदी है तो भरोसा है’
भारत के 130 करोड़ लोगों के भरोसे का नाम नरेन्द्र मोदी हैं। जब-जब विदेशों में भारतीयों पर संकट आया प्रधानमंत्री मोदी ने देवदूत बनकर उनकी मदद की। इससे विदेशों में रहने वाले भारतीयों का भरोसा और मजबूत होता गया। इसकी झलक गृहयुद्ध से जूझ रहे सूडान में भी देखने को मिला था। जहां फंसे भारतीयों ने प्रधानमंत्री मोदी से बचाने की गुहार लगाई थी। इसके बाद तुरंत प्रधानमंत्री संकटमोचक बनकर सामने आए और फंसे भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन कावेरी की शुरुआत की थी। सूडान से सकुशल अपने वतन लौटें लोगों ने जहां ऑपरेशन कावेरी को लेकर मोदी सरकार की जय-जयकार की थी, वहीं महिलाएं प्रधानमंत्री मोदी को दीर्घायु होने की कामना कर रही थी। 

दरअसल ऑपरेशन कावेरी के तहत भारतीयों को सूडान से सऊदी के शहर जेद्दाह होते हुए भारत लाया गया था। सूडानी आर्मी और पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्सेस के बीच 72 घंटे का सीजफायर बढ़ाने पर सहमति बनने के बाद भारत ने वहां फंसे अपने नागरिकों को बाहर निकालने के प्रयास तेज कर दिए थे। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के मुताबिक भारतीय वायुसेना के सी-130जे विमान पोर्ट सूडान से जेद्दाह के लिए उड़ान भर रहे थे। भारतीयों के 11 जत्थों को सूडान से सुरक्षित जेद्दाह पहुंचाया गया था,जहां भारतीयों के स्वागत के लिए केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन जेद्दाह में मौजूद थे। 

सूडान से अपने वतन पहुंचने पर भारतवासियों ने राहत की सांस ली थी और प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया था। भारत लौटे निशा मेहता ने प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया किया था। उन्होंने कहा था कि हम अपने देश में लौटकर बहुत खुश है। एक अन्य व्यक्ति अवतार सिंह ने कहा था कि हिंदुस्तान वापस लौटकर उन्हें बेहद खुशी हो रही हैं। वहीं भारत लौटी एक बुजुर्ग महिला यात्री ने भावुक होते हुए कहा था, “भारत देश महान है। प्रधानमंत्री मोदी हजार साल जिएं।” 

ऑपरेशन गंगा : 2022 में युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए चलाया गया 

रूस – यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेन से अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के मामले में भारत सबसे आगे दिखाई दिया। मोदी सरकार द्वारा शुरू किया गया ‘ऑपरेशन गंगा’ काफी सफल रहा। 20000 के करीब भारतीय छात्रों और नागरिकों को वतन वापस लाया गया। यूक्रेन संकट पर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 28 फरवरी, 2022 की शाम को एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इसमें ‘ऑपरेशन गंगा’ को तेज करने पर जोर दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने देश के नागरिकों की सुरक्षा को लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी बात की और उन्हें अपनी चिंताओं से अवगत कराया। ‘ऑपरेशन गंगा’को सफल बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने पूरी ताकत झोंक दी। उन्होंने यूक्रेन से भारतीयों को सुरक्षित निकालने के काम को पूरी गंभीरता से लिया और तत्काल फैसले लेकर अधिकारियों और मंत्रियों को जिम्मेदारियां सौंपी।

ऑपरेशन देवी शक्ति : 2021 में अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाया गया

हिंसाग्रस्त अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए बड़े पैमाने पर चलाए गए राहत और बचाव अभियान को ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’ नाम दिया गया था। इस ऑपरेशन का नाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘ऑपरेशन देवी शक्ति रखा था। अफगानिस्तान में फंसे हजारों भारतीय नागरिकों सहित वहां के हिन्दुओं और सिखों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देवदूत बनकर सामने आए थे। एयर फोर्स और एअर इंडिया की फ्लाइट के जरिये काबुल एयरपोर्ट से 23 अगस्त, 2021 तक 700 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था। इसके साथ ही भारतीय विदेश मंत्रालय और भारतीय वायुसेना के प्रयासों की बदौलत श्री गुरु ग्रंथ साहिब की 3 प्रतियों को सुरक्षित काबुल एयरपोर्ट तक पहुंचाया गया। इसके बाद श्री गुरु ग्रंथ साहिब की 3 प्रतियों के साथ 46 अफगान सिख और हिंदुओं को भी भारतीय वायुसेना के विमान से सुरक्षित भारत रवाना किया गया।

‘वंदे भारत’ मिशन :  मई 2020 में लॉकडाउन के कारण विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए चलाया गया

प्रधामनमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने मई 2020 में लॉकडाउन के कारण विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए वंदे भारत मिशन चलाया था। इस दौरान एयर इंडिया के दो विमान यूएई में फंसे 363 भारतीयों को वापस लेकर आए। दूसरे दिन यानी शुक्रवार को सिंगापुर, लंदन, ढाका, रियाद और सैन फ्रांसिस्को से एयर इंडिया की फ्लाइट्स बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों को दिल्ली और मुंबई के एयरपोर्ट पर लेकर आईं। वंदे भारत मिशन के तहत एयर इंडिया के विमानों से 12 देशों में फंसे करीब एक लाख 93 हजार भारतीय नागरिकों को वापस लाया गया था। 

ऑपरेशन संकट मोचन : 2016 में साउथ सूडान में फंसे 600 भारतीयों को निकाला गया

साउथ सूडान में फंसे अपने 600 नागिरकों को निकालने के लिए मोदी सरकार ने दो C-17 विमान जुबा भेजा था। भारत सरकार ने इसे ऑपरेशन संकटमोचन का नाम दिया था और इस अभियान का नेतृत्व तत्कालीन विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने किया था। साउथ सूडान के जूबा शहर के कई हिस्सों में पूर्व विद्रोही और सैनिकों के बीच भारी संघर्ष हुआ था। भारतीय वायुसेना का विमान युद्धग्रस्त दक्षिणी सूडान से सैकड़ों लोगों को लेकर वापस देश पहुंचा था। दक्षिण सूडान से लाए गए लोगों में 600 भारतीय नागरिकों के अलावा नेपाली नागरिक भी शामिल थे। उस समय वीके सिंह ने यह भी कहा था कि वे दक्षिण सूडान के विदेश मंत्री और उप-राष्ट्रपति से मिलकर बात की तो उन्हें वादा किया गया कि स्थिति खराब होने की हालत में हर संभव मदद की जाएगी।

ऑपरेशन राहत : 2015 के यमन संकट के दौरान 41 देशों के नागरिकों के साथ 4640 भारतीयों को निकाला गया

तत्कालीन विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह के नेतृत्व में यमन में ‘ऑपरेशन राहत’ चलाया गया था। यमन के ‘वार जोन’ से 4640 भारतीय निकाले गए थे। 10 दिन चले ऑपरेशन में भारतीय सेना के जांबाजों ने 5600 लोगों को बाहर निकाला था, जिनमें 41 देशों के 960 नागरिक भी शामिल थे। सिर्फ सना से ही भारतीय वायुसेना ने 2900 लोगों की एयर लिफ्ट किया था और 18 स्पेशल विमानों से स्वदेश लाया था। 9 अप्रैल को आखिरी दिन 630 लोगों को सना से एयरलिफ्ट किया गया था। भारतीय नेवी ने कुल 1670 लोगों को अदन, अलहुदायदाह और अल-मुकाला से लोगों को निकाला था आखिरी दिन 9 अप्रैल को INS सुमित्रा ने 349 लोगों की नई जिंदगी दी थी। इनमें 46 भारतीय और 303 विदेशी थे। 1 अप्रैल से 9 अप्रैल, 2015 की सुबह तक भारतीय वायुसेना के विमानों ने तकरीबन 18 उड़ानों के जरिए ऑरपेशन राहत को सफलता के अंजाम तक पहुंचाया था।

ऑपरेशन मैत्री : 2015 में नेपाल भूकंप के दौरान भारतीयों को बाहर निकालने के लिए चलाया गया

मोदी सरकार ने 2015 में पड़ोसी देश नेपाल में आए भूकंप के दौरान ‘ऑपरेशन मैत्री’ चलाया था। दो दिनों तक आए लगातार भूकंप को देखते हुए भारत ने वहां मदद पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार की तत्परता से भूकंप आने के मात्र छह घंटे बाद ही नेपाल पहुंचकर भारतीय सेना ने राहत कार्य की मुहिम शुरू कर दी थी। भारतीय वायु सेना के सी-130 जे और सी-17 ग्लोबमास्टर-3 जैसे बड़े विमान ना सिर्फ बड़ी मात्रा में राहत सामग्री और बचाव व राहत दल के लोगों के साथ पहुंचे थे, बल्कि वहां फंसे हिंदुस्तानियों को वापस लाने में भी जुटे थे। इसी तरह नेपाल में मुस्तैद भारतीय दल घायलों को निकालने, अस्पताल पहुंचाने और प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने से लेकर इस आपदा से हुए नुकसान का हवाई सर्वे करने तक नेपाल की लगातार मदद की थी। भारत के मौजूदा विदेश मंत्री और विदेश मंत्रालय के तत्कालीन सचिव एस. जयशंकर ने बताया था कि भूकंप से तबाह नेपाल में राहत कार्य के लिए 13 सैन्य विमान और तीन नागरिक विमान भेजे गए थे। 

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