प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल यानि रविवार को 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात के हजीरा में रो-पैक्स टर्मिनल का शुभारम्भ करेंगे और हजीरा एवं घोघा के बीच रो-पैक्स सेवा को हरी झंडी दिखाएंगे। यह जलमार्गों के उपयोग और उन्हें देश के आर्थिक विकास के साथ एकीकृत करने के प्रधानमंत्री के विजन की दिशा में एक अहम कदम है। प्रधानमंत्री मोदी इस कार्यक्रम के दौरान इस सेवा का उपयोग करने वाले स्थानीय लोगों के साथ संवाद भी करेंगे।
PM @narendramodi to inaugurate Ro-Pax terminal at Hazira and flag off Ro-Pax ferry service between Hazira and Ghogha in Gujarat on 8th November. #Hazira_GhoghaRoPax @PIB_India @MIB_India @mansukhmandviya @shipmin_india @CMOGuj #Gujarat
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— PIB in Gujarat (@PIBAhmedabad) November 6, 2020
आपको बता दें कि हजीरा में शुरू किए जा रहे रो-पैक्स टर्मिनल की 100 मीटर लंबाई और 40 मीटर चौड़ाई है, जिस पर अनुमानित रूप से 25 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस टर्मिनल में प्रशासनिक कार्यालय इमारत, पार्किंग क्षेत्र, सबस्टेशन और वाटर टॉवर आदि कई सुविधाएं हैं। रो-पैक्स फेरी वीसल ‘वोयेज सिम्फनी’ डीडब्ल्यूटी 2500-2700 एमटी, 12000 से 15000 जीटी विस्थापन के साथ एक तीन मंजिला जहाज है। इसकी मुख्य डेक की भार क्षमता 30 ट्रक, ऊपरी डेक की 100 यात्री कार और यात्री डेक की क्षमता 500 यात्रियों व 34 क्रू एवं आतिथ्य सेवा कर्मचारियों की है।
हजीरा-घोघा रो-पैक्स फेरी सेवा के कई फायदे होंगे। यह दक्षिणी गुजरात और सौराष्ट्र क्षेत्र के द्वार के रूप में काम करेगा। इससे घोघा और हजीरा के बीच की दूरी 370 किमी से घटकर 90 किमी रह जाएगी। इसके अलावा कार्गो ढुलाई की अवधि 10-12 घंटे से घटकर लगभग 4 घंटे होने के परिणामस्वरूप ईंधन में लगभग 9,000 लीटर प्रति दिन की भारी बचत होगी और वाहनों की रख-रखाव की लागत में खासी कमी आएगी। फेरी सेवा हजीरा-घोघा मार्ग पर प्रति दिन 3 राउंड ट्रिप के माध्यम से सालाना लगभग 5 लाख यात्रियों, 80,000 यात्री वाहनों, 50,000 दोपहिया वाहनों और 30,000 ट्रकों की ढुलाई करेगी। इससे ट्रक चालकों की थकान कम होगी और अतिरिक्त ट्रिप के ज्यादा अवसर मिलने से उनकी आय में भी इजाफा होगा।
इससे सौराष्ट्र क्षेत्र तक पहुंच आसान होने के साथ पर्यटन उद्योग को गति मिलेगी और रोजगार के नए अवसरों का सृजन होगा। फेरी सेवाओं की शुरुआत के साथ, सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र में बंदरगाह क्षेत्र, फर्नीचर और उर्वरक उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा। गुजरात विशेषकर पोरबंदर, सोमनाथ, द्वारका और पलिताना में पारिस्थितिकी पर्यटन और धार्मिक पर्यटन में खासी बढ़ोतरी होगी। इस फेरी सेवा के माध्यम से कनेक्टिविटी में सुधार से गिर के प्रसिद्ध एशियाई शेर वन्यजीव अभ्यारण्य में आने वाले पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी।