प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार, 26 जून को आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत करीब सवा करोड़ मजदूरों को रोजगार मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम सभी ने अपने व्यक्तिगत जीवन में अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं। हमारे सामाजिक जीवन में भी, गांव में, शहर में, अलग-अलग तरह की कठिनाइयां आती ही रहती हैं। लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि योगी जी के नेतृत्व में, जिस तरह आपदा को अवसर में बदला गया है, जिस तरह वो जी-जान से जुटे हैं, देश के अन्य राज्यों को भी इस योजना से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा, वो भी इससे प्रेरणा पाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज जब दुनिया में कोरोना का इतना बड़ा संकट है, तब उत्तर प्रदेश ने जो साहस दिखाया, जो सूझबूझ दिखाई, जो सफलता पाई, जिस तरह कोरोना से मोर्चा लिया, जिस तरह स्थितियों को संभाला, वो अभूतपूर्व है, प्रशंसनीय है। चाहे यूपी के डॉक्टर हों, पैरामेडिकल स्टाफ हो, सफाई कर्मचारी हों, पुलिसकर्मी हों, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हो, बैंक और पोस्टऑफिस के साथी हों, परिवहन विभाग के साथी हों, श्रमिक साथी हों, हर किसी ने पूरी निष्ठा के साथ अपना योगदान दिया है। जो मेहनत यूपी की सरकार ने की है, हम कह सकते हैं कि एक प्रकार से अब तक कम से कम 85 हजार लोगों का जीवन बचाने में वो कामयाब हुई है! आज अगर हम अपने नागरिकों का जीवन बचा पा रहे हैं, तो ये भी बहुत संतोष की बात है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान, गरीबों को भोजन की दिक्कत न हो, इसके लिए जिस तरह योगी सरकार ने काम किया है, वो भी अभूतपूर्व है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत यूपी ने बहुत तेज़ी से गरीबों और गांव लौटे श्रमिक साथियों तक मुफ्त राशन पहुंचाया। जिनके पास राशन कार्ड नहीं था, उनके लिए भी यूपी सरकार ने सरकारी राशन की दुकान के दरवाजे खोल दिए। इतना ही नहीं, उत्तर प्रदेश के सवा तीन करोड़ गरीब महिलाओं के जनधन खाते में लगभग 5 हजार करोड़ रुपए भी सीधे ट्रांफफर किए गए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भरता के रास्ते पर तेज गति से ले जाने का अभियान हो या फिर गरीब कल्याण रोजगार अभियान हो, उत्तर प्रदेश यहां भी बहुत आगे चल रहा है। गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत श्रमिकों को आय़ के साधन बढ़ाने के लिए गांवों में अनेक कार्य शुरू करवाए जा रहे हैं। इसमें से करीब 60 लाख को गांव के विकास से जुड़ी योजनाओं में तो करीब 40 लाख को छोटे उद्योगों यानि MSMEs में रोज़गार दिया जा रहा है। इसके अलावा स्वरोज़गार के लिए हज़ारों उद्यमियों को मुद्रा योजना के तहत करीब 10 हज़ार करोड़ रुपए का ऋण आबंटित किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सवा करोड़ कामगारों की, कर्मचारियों की पहचान करना, 30 लाख से ज्यादा श्रमिकों के कौशल का, अनुभव का डेटा तैयार करना और उनके रोज़गार की समुचित व्यवस्था करना, ये दिखाता है कि उत्तर प्रदेश सरकार की तैयारी कितनी सघन रही है, कितनी व्यापक रही है। अब आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत जब पूरे देश में ऐसे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए उद्योगों के क्लस्टर बनाए जा रहे हैं, तब उत्तर प्रदेश को बहुत अधिक लाभ होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब जो 3 कानून केंद्र सरकार लेकर आई है, उनसे किसानों को मंडी से बाहर भी अपनी उपज बेचने का अधिकार मिल गया है। यानि जहां बेहतर दाम मिलेंगे, वहां किसान अपना सामान बेचेगा। दूसरा, अब किसान अगर चाहे तो अब बुआई के समय ही अपनी फसल का दाम तय कर सकता है। इसके अलावा हमारे पशुपालकों के लिए अनेक नए कदम उठाए जा रहे हैं। दो दिन पहले ही पशुपालकों और डेयरी सेक्टर के लिए 15 हजार करोड़ रुपए का एक विशेष इंफ्रास्ट्रक्चर फंड बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि बौद्ध सर्किट के लिहाज़ से अहम कुशीनगर एयरपोर्ट को इंटरनेशनल एयरपोर्ट घोषित किया गया है। इससे पूर्वांचल में हवाई कनेक्टिविटी और सशक्त होगी और देश-विदेश में महात्मा बुद्ध पर आस्था रखने वाले करोड़ों श्रद्धालु अब आसानी से उत्तर प्रदेश आ सकेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सिर्फ तीन साल में यूपी में गरीबों के लिए 30 लाख से ज्यादा पक्के घर बनाए गए हैं। सिर्फ तीन साल की मेहनत से यूपी ने खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है। सिर्फ तीन साल में पारदर्शी तरीके से यूपी ने 3 लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी दी है। बिजली, पानी, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। नई सड़कों और एक्सप्रेसवे के निर्माण में यूपी आगे चल रहा है। और सबसे बड़ी बात ये है कि आज उत्तर प्रदेश में शांति है, कानून का राज कायम हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भी, जब अन्य राज्य कोरोना से लड़ाई में जूझ रहे हैं, यूपी ने अपने विकास के लिए इतनी बड़ी योजना शुरू कर दी है। एक प्रकार से आपदा से बने हर अवसर को यूपी साकार कर रहा है।
कोरोना महामारी के कारण बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक अपने-अपने राज्य वापस लौट चुके हैं। उत्तर प्रदेश में भी लगभग 30 लाख प्रवासी श्रमिक अपने-अपने घर वापस लौट चुके हैं। कोरोना को फैलने से रोकने की चुनौती इन श्रमिकों को आजीविका के साधन उपलब्ध कराने की जरूरत के कारण और भी अधिक बढ़ गई। ऐसी स्थिति में भारत सरकार ने विभिन्न सेक्टरों में विकास को नई गति प्रदान करने के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा की है। यह अभियान रोजगार प्रदान करने, स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए औद्योगिक संघों और अन्य संगठनों के साथ साझेदारी करने पर विशेष रूप से केंद्रित है।
इस अभियान के शुभारंभ के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य के संबंधित मंत्रालयों के मंत्रियों ने भी वर्चुअल लॉन्चिंग में शामिल हुए।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान लाभार्थियों से भी बातचीत की, इनमें गोंडा में एक स्व सहायता समूह का नेतृत्व करने वाली विनीता पाल, बहराइच जिले से प्रधानमंत्री आवास योजना के एक लाभार्थी तिलक राम, संत कबीर नगर जिले के एक उद्यमी अमरेन्द्र कुमार शामिल थे। उन्होंने प्रवासी श्रमिकों कुर्बान अली, मुंबई से लौटे गोरखपुर जिले के नागेंद्र सिंह, जालौन जिले के दीपू के साथ भी बातचीत की।