Home समाचार ये नया भारत है, अब बड़ा ही करेगा! देश का सबसे बड़ा...

ये नया भारत है, अब बड़ा ही करेगा! देश का सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर ITPO कॉम्प्लेक्स तैयार, दुनिया की टॉप 10 कन्वेंशन कॉम्प्लेक्स में शामिल

SHARE

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश नित नए कीर्तिमान गढ़ रहा है। पीएम मोदी ने देशवासियों में ऐसा आत्मविश्वास जगाया है कि अब वे छोटी सफलताओं से खुश नहीं होते। अब वे कुछ बड़ा करना चाहते हैं। यही वजह है कि भारत के नाम नए-नए रिकार्ड दर्ज हो रहे हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन गई और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। यह पीएम मोदी की प्रेरणा ही है कि आज भारत के नाम दुनिया का सबसे लंबा रेलवे प्लेटफार्म, सबसे ऊंची प्रतिमा, सबसे लंबी हाईवे टनल, सबसे ऊंचा रेल ब्रिज, सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम, सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट, सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग का रिकार्ड दर्ज हो चुका है। अब भारत के नाम एक और रिकार्ड दर्ज हुआ है। देश का सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर नई दिल्ली के प्रगति मैदान में बनकर तैयार हुआ है। यह सिडनी के ओपेरा हाउस से बड़ा है और यहां 7000 लोगों के बैठने की कैपेसिटी है। इस कॉम्प्लेक्स ने दुनिया के टॉप 10 प्रदर्शनी और कन्वेंशन कॉम्प्लेक्स में अपनी जगह बनाई है, जो जर्मनी में हनोवर प्रदर्शनी केंद्र और शंघाई में राष्ट्रीय प्रदर्शनी और कन्वेंशन सेंटर जैसे बड़े नामों को टक्कर देता है।

दुनिया के टॉप 10 कन्वेंशन कॉम्प्लेक्स में शामिल
दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित भारत का यह ITPO कॉम्प्लेक्स दुनिया के टॉप 10 कन्वेंशन कॉम्प्लेक्स में शामिल हो गया है। यह जर्मनी के हनोवर एग्जीबिशन सेंटर और शंघाई के नेशनल एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर को टक्कर देता है। पीएम नरेंद्र मोदी 26 जुलाई को नई दिल्ली में रिडेवलेप किए गए ITPO (इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गेनाइजेशन) कॉम्प्लेक्स का इनॉगरेशन कर सकते हैं।

जी-20 के समापन समारोह के लिए तैयार आईटीपीओ कॉम्प्लेक्स
प्रगति मैदान में नए सिरे से तैयार भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) कॉम्प्लेक्स सितंबर में भारत के नेतृत्व में जी-20 नेताओं की बैठक की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार है। जी-20 नेताओं का शिखर सम्मेलन 9-10 सितंबर को होगा जो देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित जी-20 बैठकों का समापन होगा।

लगभग 123 एकड़ क्षेत्र में बना है यह परिसर
प्रगति मैदान पुनर्विकास परियोजना के तहत IECC (एकीकृत प्रदर्शनी एवं कन्वेंशन सेंटर) को एक आधुनिक परिसर के तौर पर तैयार किया गया है। परियोजना की कुल लागत 2,254 करोड़ रुपये है। वाणिज्य मंत्रालय ने बताया कि लगभग 123 एकड़ क्षेत्र के साथ यह परिसर दुनिया के शीर्ष 10 प्रदर्शनी और सम्मेलन परिसरों में से एक है। सम्मेलन केंद्र के ‘लेवल-3’ पर 7,000 लोगों के बैठने की क्षमता है, इस तरह यह ऑस्ट्रेलिया के ऐतिहासिक सिडनी ओपेरा हाउस से अधिक बड़ा है, जहां तकरीबन 5,500 लोगों के बैठने की व्यवस्था है।

अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के लिए उपयुक्त स्थान
इस कन्वेंशन सेंटर को वैश्विक पैमाने पर बड़े सम्मेलन, अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए उपयुक्त स्थान बनाती है। प्रदर्शनी सभागारों में उत्पाद, नवोन्मेष और नये विचारों का प्रदर्शन करने के लिए सात आधुनिक स्थल हैं।

एम्फीथिएटर तीन PVR थिएटरों के बराबर
इस कन्वेंशन सेंटर में 3,000 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता वाला एक एम्फीथिएटर है, जो तीन PVR थिएटरों के बराबर है। यहां 5,500 से ज्यादा वाहनों के लिए पार्किंग की जगह भी है।

पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत किस तरह एक के बाद एक रिकार्ड कायम कर रहा है उस पर एक नजर-

ITPO कन्वेंशन कॉम्प्लेक्स दुनिया के टॉप 10 कॉम्प्लेक्स में शामिल
दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित भारत का यह ITPO कॉम्प्लेक्स दुनिया के टॉप 10 कन्वेंशन कॉम्प्लेक्स में शामिल हो गया है। यह जर्मनी के हनोवर एग्जीबिशन सेंटर और शंघाई के नेशनल एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर को टक्कर देता है। यह कॉम्प्लेक्स ऑस्ट्रेलिया के ऐतिहासिक सिडनी ओपेरा हाउस से अधिक बड़ा है। ओपेरा हाउस में जहां तकरीबन 5,500 लोगों के बैठने की व्यवस्था है वहीं ITPO कॉम्प्लेक्स में 7,000 लोगों के बैठने की क्षमता है। इस तरह यह जर्मनी के हनोवर एग्जीबिशन सेंटर और शंघाई के नेशनल एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर को टक्कर देता है।

सूरत की डायमंड एक्सचेंज दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग
गुजरात का सूरत शहर वैसे तो अपने डायमंड कारोबार के लिए जाना जाता है लेकिन अब सूरत के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। सूरत में चार साल में तैयार हुए सबसे बड़े डायमंड एक्सचेंज के ऑफिस ने अमेरिका के पेंटागन की बिल्डिंग को पीछे छोड़ दिया है। अमेरिका के पेंटागन को अभी तक दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग माना जाता था। यानि कि इस बिल्डिंग में सबसे ज्यादा कर्मचारी एक साथ काम करते थे लेकिन अब सूरत के डायमंड एक्सचेंज को ये तमगा मिला है। पेंटागन को पीछे छोड़कर डायमंड एक्सचेंज की बिल्डिंग दुनिया की सबसे बड़ी बिल्डिंग बन गई है।

हुबली स्टेशन पर दुनिया का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म
दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे प्लेटफार्म भारत के कर्नाटक राज्य के हुबली में है, जिसकी कुल लम्बाई 1,505 मीटर है। इससे पहले उत्तरप्रदेश के गोरखपुर रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म दुनिया का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म था जिसकी लंबाई 1366.33 मीटर है लेकिन अब यह प्लेटफार्म दूसरे नंबर पर आ गया है। हुबली रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म नंबर 8 दुनिया का सबसे लंबा रेलवे प्लेटफॉर्म है। इसकी लंबाई 1507 मीटर है। यानी यह डेढ़ किलोमीटर से भी ज्यादा लंबा है। पीएम मोदी ने 12 मार्च 2023 को इस प्लेटफॉर्म को देश को समर्पित किया है। इस रेलवे स्टेशन का पूरा नाम सिद्धारूढ़ स्वामीजी हुबली स्टेशन है। कर्नाटक के हुबली रेलवे स्टेशन का नाम दुनिया के सबसे लंबे रेलवे प्लेटफॉर्म के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में दर्ज हो गया है। यह भारतीय रेलवे में दक्षिण-पश्चिम रेलवे जोन का जंक्शन है। पीएम मोदी ने इस पुनर्निर्मित रेलवे स्टेशन को देश को समर्पित किया है।

दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’
देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के सम्मान में तैयार 182 मीटर ऊंची दुनिया की सबसे विशालकाय प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का 31 अक्टूबर 2018 को अनावरण किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की जयंती पर इसका अनावरण किया। खास बात ये है कि ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के अनावरण के लिए देशभर की 30 छोटी-बड़ी नदियों का जल लाया गया था, जिसमें गंगा, यमुना, सरस्वती, सिंधु, कावेरी, नर्मदा, ताप्ती, गोदावरी और ब्रह्मपुत्र आदि शामिल हैं। पीएम मोदी ने इन्हीं 30 नदियों के जल से प्रतिमा के पास स्थित शिवलिंग का अभिषेक किया। इस दौरान 30 ब्राह्मणों ने मंत्रों का जाप भी किया। मूर्ति के निर्माण में 70,000 टन सीमेंट, 18,500 टन मजबूत लोहा, 6,000 टन स्टील और 1,700 मीट्रिक टन कांसे का प्रयोग किया गया है।

विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम, नरेंद्र मोदी स्टेडियम
विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम अहमदाबाद के मोटेरा इलाके में स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम है। इसका उद्घाटन 2020 में किया गया और इसमें 1,32,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता है, जो दुनिया के किसी भी क्रिकेट स्टेडियम की तुलना में सबसे अधिक है। यह भारत का सबसे बड़ा स्टेडियम है। नरेन्द्र मोदी स्टेडियम को 700 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है जो कि 63 एकड़ पर फैला एक विशाल मैदान है। इस मैदान में 76 कार्पोरेट बॉक्स, 4 ड्रेसिंग रूम के अलावा 3 प्रेक्टिस ग्राउंड भी बनाया गए हैं। एक साथ 4 ड्रेसिंग रूम वाला यह दुनिया का पहला स्टेडियम हैं, बारिश का पानी को बाहर निकलने के लिए यहां आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया हैं, जिसके चलते यहां बारिश बंद होने के आधे घंटे के भीतर मैच मैच शुरू किया जा सकता है।

विश्व की सबसे लंबी सुरंग- अटल सुरंग
अटल सुरंग 10,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित विश्व की सबसे लंबी सुरंग है। यह टनल मनाली को लेह से जोड़ती है। यह सुरंग मनाली और लेह के बीच की दूरी को 46 किलोमीटर तक कम करती है और यात्रा के समय को भी 4 से 5 घंटे कम कर देती है। यह 9.02 किलोमीटर लंबी सुरंग है, जो कि मनाली को पूरे साल लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़े रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। सुरंग को समुद्र तल से 3,000 मीटर (10,000 फीट) की ऊंचाई पर हिमालय की पीर पंजाल श्रेणी में आधुनिक तकनीक के साथ बनाया गया है। टनल के भीतर सुरक्षा पर भी खास ध्यान दिया गया है। यह करीब 10.5 मीटर चौड़ी और 5.52 मीटर ऊंची है। पीएम मोदी ने 3 अक्टूबर 2020 को किया इसका उद्घाटन किया था। यह देश की पहली ऐसी सुरंग है जिसमें मुख्य सुरंग के भीतर ही बचाव सुरंग बनाई गई है। दुनिया की सबसे लंबी अटल सुरंग को आधिकारिक तौर पर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा 10 हजार फीट से ऊपर दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग’ के रूप में प्रमाणित किया गया है।

चिनाब रेल आर्क पुल दुनिया का सबसे ऊंचा पुल
चिनाब रेल पुल आर्क पुल की कैटेगरी में यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल है। चिनाब नदी पर बना रेलवे ब्रिज 3 किलोमीटर लंबा और 1,178 मीटर ऊंचा है। जम्मू कश्मीर के दो हिस्सों को जोड़ते इस पुल का एक हिस्सा रेयासी (Reasi) और दूसरा हिस्सा बक्कल, उधमपुर में है। यह पुल पेरिस के एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है। चेनाब रेल पुल नदी तल से 359 मीटर ऊंचा है। बादलों के ऊपर और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के बीच शान से खड़ा यह पुल 260 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बहने वाले हवा का भी मुकाबला कर सकता है। इस पुल को इस तरह बनाया गया है कि अगर रिक्टर स्केल पर 8 की तीव्रता से भी भूकंप आए तो इसका बाल भी बांका नहीं होने वाला। निर्माण कंपनी का दावा है कि यह पुल करीब 120 साल तक खड़ा रह सकता है। इस पुल पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ सकती है। चिनाब रेलवे पुल में कुल 17 पिलर हैं। इसमें 28,660 मिट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है।

दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्‍लांट ओंकारेश्‍वर डैम पर
मध्य प्रदेश में दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट बन रहा है। यह फ्लोटिंग सोलर पावर प्‍लांट ओंकारेश्वर डैम पर बनाया जा रहा है। दुनिया में अब तक केवल 10 फ्लोटिंग पावर प्लांट हैं। ओंकारेश्वर दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्लांट है, इसकी सबसे बड़ी खासियतों में से एक ये भी है कि इसको बनाने में कोई विस्थापन नहीं होगा। ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट की ये परियोजना 600 मेगावाट क्षमता की होगी। पहले चरण में 278 मेगावॉट का प्रोजेक्ट है। परियोजना का निर्माण दो चरणों में हो रहा है। इस पावर प्लांट से 12 लाख मीट्रिक टन कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को रोका जा सकेगा। इस परियोजना में नर्मदा नदी के बैक वाटर पर करीब 2 हजार हेक्टेयर में सोलर पैनल्स लगेंगे। हर साल करीब 1200 मिलियन यूनिट सोलर बिजली का उत्पादन होगा। इस प्लांट से बिजली के अलावा कई फायदे होंगे। भोपाल को 124 दिन पीने के पानी की जितनी जरूरत होगी उतना पानी बच जाएगा।

Leave a Reply