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मोदी राज में अर्थव्यवस्था मजबूत: उभरते बाजारों की लिस्ट में भारत शीर्ष स्थान पर बरकरार

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना संकट काल में भी देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। मजबूत निर्यात और बेहतर मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी की बदौलत भारत दिसंबर में लगातार दूसरे महीने उभरते बाजारों (Emerging Markets) की लीग तालिक में शीर्ष पर बना हुआ है। मिंट इमर्जिंग मार्केट ट्रैकर के अनुसार कोरोना महामारी के कारण कुछ मोमेंटम खोने के बावजूद, दिसंबर में भारत में मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस एक्टिविटी सेक्टर में विस्तार हुआ और नए काम और उत्पादन की वृद्धि तेज रही। मिंट इमर्जिंग मार्केट ट्रैकर को सितंबर 2019 में लॉन्च किया गया था। मिंट इमर्जिंग मार्केट ट्रैकर लीग तालिका में भारत की स्थिति का आकलन करने के लिए 10 बड़े उभरते बाजारों में 7 हाई-फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर पर विचार करता है। मिंट इमर्जिंग मार्केट ट्रैकर के अनुसार उभरते बाजारों की लिस्ट में भारत 77 अंक के साथ शीर्ष स्थान पर बरकरार है जबकि 73 अंकों के साथ इंडोनेशिया दूसरे स्थान पर है। रूस तीसरे और चीन चौथे स्थान पर है।

आइए देखते हैं देश की अर्थव्यवस्था और विकास पर विभिन्न रेटिंग एजेंसियों का क्या कहना है…

सबसे तेज रहेगी भारत की विकास दर- यूएन
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने भारत के कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम की तारीफ करते हुए भारत की विकास दर को दुनिया में सबसे तेज गति वाला बताया है। यूएन ने कहा कि वित्त वर्ष 2022 में भारत की विकास दर 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो विश्व में सबसे तेज विकास दर होगी। यूएन ने वर्ल्ड इकोनॉमिक सिचुएशन एंड प्रोस्पेक्ट्स 2022 रिपोर्ट में कहा है कि वैश्विक विकास दर केवल चार प्रतिशत रहेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि टीकाकरण की तेज रफ्तार, सरकारी मदद और अनुकूल राजकोषीय और मौद्रिक रुख के बीच भारत की आर्थिक रिकवरी मजबूत राह पर है।

इस साल ज्यादा तेजी से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था- एनएसओ
प्रधानमंत्री मोदी की अद्भुत नेतृत्व क्षमता और उनकी नीतियों पर न सिर्फ देशवासी बल्कि विदेशी निवेशक भी भरोसा करते हैं। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच टीकाकरण में तेजी और प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह से मोर्चा संभाला है, उससे लोगों का भरोसा मजबूत हुआ है। आर्थिक गतिविधियां फिर से पटरी पर लौटने लगी हैं। इसी का असर है कि इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था के तेजी से बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था के 2021-22 में 9.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। इसके अलावा पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद विरमानी ने 11 जनवरी, 2022 को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष में 9.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है। इसकी वजह मुख्य रूप से कृषि और विनिर्माण क्षेत्रों के प्रदर्शन में सुधार को बताया जा रहा है।

एशिया की दूसरी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत
भारत वर्ष 2030 तक जापान को पीछे छोड़कर एशिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। आईएचएस मार्किट ने अपनी ताजा रिपोर्ट में दावा किया कि वर्ष 2030 तक भारतीय अर्थव्यवस्था ब्रिटेन और जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरे पायदान पर पहुंच जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक भारत की जीडीपी 2030 में बढ़कर 84 खरब डॉलर होने का अनुमान है, जो फिलहाल 27 खरब डॉलर है। वर्ष 2030 तक भारत की जीडीपी की साइज जर्मनी और ब्रिटेन से ज्यादा होकर अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यस्था बन सकती है। रिपोर्ट के अनुसार 2021-22 में भारत की विकास दर 8.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। आईएचएस मार्किट ने दावा किया कि कुल मिलाकर भारतीय अर्थव्यवस्था का भविष्य मजबूत और स्थिर दिख रहा है, जिससे अगले एक दशक तक यह सबसे तेज बढ़ती जीडीपी वाला देश बना रहेगा।

दुनिया में सबसे ऊंची वृद्धि दर्ज करने वाली अर्थव्यवस्था रहेगा भारत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना संकट काल में भी देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। इस कोरोना काल में भी भारत की वृद्धि दर दुनिया में सबसे ऊंची रहने की उम्मीद है। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की सदस्य आशिमा गोयल ने कहा है कि भारत बेहतर वृहद आर्थिक मानदंडों के आधार पर मुश्किल समय से बाहर निकल आया है। हम सामान्यीकरण की दिशा में धीरे-धीरे कदम बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आगामी बजट में सरकार द्वारा ‘मजबूती’ के पथ पर कायम रहने की घोषणा से नियंत्रण और अनुकूलता को लेकर एक अच्छा संकेत मिलेगा। आशिका गोयल ने एक साक्षात्कार में कहा कि भारत की वृद्धि दर दुनिया में सबसे ऊंची रहने की उम्मीद है। इसके अलावा महंगाई दर भी संतोषजनक स्तर पर रहेगी।

9.5 प्रतिशत रहेगी देश की विकास दर- आरबीआई
इसके पहले हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 9.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। रिजर्व बैक के गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार आर्थिक गतिविधियों में तेजी के संकेत सुधार को दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना की दूसरी लहर का असर कम हो गया और दूसरी तिमाही से आर्थिक विकास और बेहतर होगा। दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने महामारी के चलते आर्थिक वृद्धि पर ज्यादा जोर देने का फैसला किया। बैंक ने सरकार द्वारा निर्धारित 2 से 6 प्रतिशत तक मुद्रास्फीति दर के लक्ष्य को ध्यान में रखकर कदम उठाए हैं। इससे वैश्विक बाजार में तरलता की आसान स्थिति के कारण घरेलू बाजार में तेजी दिखाई दे रही है। 

इकोनॉमी को लेकर कंज्यूमर्स में उत्साह-आरबीआई
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सर्वे के अनुसार, कोरोना महामारी के बाद भविष्य की स्थितियों को लेकर लोग काफी आशावादी हैं। इसके साथ ही रिजर्व बैंक को चालू वित्त वर्ष में विकास दर 9.5 प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद है। कंज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स जो जुलाई में 48.6 था, सिंतबर में बढ़कर 57.7 हो गया है। साथ ही फ्यूचर एक्सपेक्टेशंस इंडेक्स जुलाई में 104 था, वह सितंबर में बढ़कर 107 हो गया है। यह देश की बेहतर अर्थव्यवस्था के संकेत हैं। सर्वे के अनुसार अर्थव्यवस्था और नौकरियों को लेकर सेंटीमेंट में सुधार देखने को मिल रहा है।

ज्यादातर कंपनियों के CEO को विकास दर 10 प्रतिशत तक रहने की उम्मीद
देश के ज्यादातर कंपनियों के सीईओ ने मौजूदा वित्त वर्ष में आर्थिक विकास की दर 10 प्रतिशत तक रहने का अनुमान जताया है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा सीआईआई नेशनल काउंसिल के सदस्यों के बीच कराए गए सर्वे के अनुसार करीब 56 प्रतिशत सीईओ ने चालू वित्त वर्ष में विकास दर के 9 से 10 प्रतिशत तक रहने का अनुमान लगाया है, जबकि 10 प्रतिशत ने तो इसके 10 प्रतिशत से ऊपर जाने की बात कही है। इस सर्वे में लगभग 100 सीईओ ने हिस्सा लिया। सीआईआई के अनुसार सरकार का सार्वजनिक कार्यों पर जोर, लिक्विडिटी को बढ़ावा देने के लिए समय पर दखल, हाल के समय में नियमों को आसान बनाना, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं समेत कई अन्य साहसिक सुधारों ने उच्च आर्थिक विकास पर उम्मीद बढ़ाई है।

8.2 प्रतिशत रहेगी विकास दर- बैंक ऑफ अमेरिका
अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी बैंक ऑफ अमेरिका ने कहा है कि अगले वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान भारत की विकास दर 8.2 प्रतिशत रहेगी। बैंक ऑफ अमेरिका ने अपने अनुमान में कहा है कि अगले वर्ष भारत में चीजें सामान्य होंगी और ग्रोथ रेट रफ्तार पकड़ेगी। बैंक का कहना है कि उपभोग बढ़ने से ग्रोथ को प्रोत्साहन मिलेगा।

अगले वित्त वर्ष में 9 प्रतिशत रह सकती है आर्थिक वृद्धि दर- क्रेडिट सुइस
स्विटजरलैंड की ब्रोकरेज फर्म क्रेडिट सुइस ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में गतिविधियां आश्चर्यजनक रूप से सकारात्मक रहेंगी और अगले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर नौ प्रतिशत रहने की संभावना है। फर्म का कहना है कि चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर लगभग 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। यह विभिन्न एजेंसियों के जताए गए औसतन अनुमान 8.4-9.5 प्रतिशत से ज्यादा है। क्रेडिट सुइस के अनुसार अर्थव्यवस्था में सकारात्मक गतिविधियां जारी रहने की उम्मीद है और अगले तीन से छह महीनों में कम आय वाली अधिकतर नौकरियों की स्थिति भी ठीक होने की पूरी संभावना है।

9.8 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था- गोल्डमैन सैक्स
ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विस कंपनी गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में दुनिया की सबसे तेज अर्थव्यवस्था के रूप में भारत सबसे आगे रहेगा। विकास दर के मामले में अमेरिका और चीन को पीछे छोड़ते हुए देश के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 8.5 प्रतिशत रहेगी और अगले वित्त वर्ष 2022-23 में यह बढ़कर 9.8 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। गोल्डमैन सैक्स के शांतनु सेनगुप्ता ने कहा कि भारत ने इकोनॉमी में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए काफी प्रायस किए हैं और पूरे कोविड अवधि के दौरान बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी सरप्लस में रही है और रिवर्स रेपो रेट में भी कटौती की गई।

9.5 प्रतिशत रहेगी विकास दर- यूबीएस
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना संकट काल में भी देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2021-22 में 9.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। स्विस ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 9.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया ने कहा कि मांग और टीकाकरण से चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था और रफ्तार पकड़ेगी।

इस वित्त वर्ष में 10.5 प्रतिशत या उससे अधिक वृद्धि की उम्मीद- नीति आयोग
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष में 10.5 प्रतिशत या उससे अधिक वृद्धि दर हासिल करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि विनिर्माण और सेवाओं, दोनों के लिए भारत खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) में पिछले महीने काफी तेजी आई है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था में और भी मजबूती आएगी और मुझे उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत या इससे अधिक रहेगी। मौजूदा वित्त वर्ष में अप्रैल-जून तिमाही के दौरान देश की अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड 20.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि रिटेल सेक्टर का आधुनिकीकरण बहुत तेजी से हो रहा है और सरकार इसे आगे बढ़ाएगी।

2021 में 9.5% और 2022 में 8.5% रहेगी विकास दर- आईएमएफ
मोदी सरकार के रणनीतिक सुधारों और कोरोना टीकाकरण अभियान में तेजी के कारण दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत 2021 में 9.5 प्रतिशत और 2022 में 8.5 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। खास बात यह है कि 2022 में भारत को छोड़कर किसी भी अन्य देश में यह वृद्धि दर 6 प्रतिशत से ऊपर नहीं जाने का अनुमान जताया गया है। आर्थिक विकास दर के मामले में भारत ने चीन और अमेरिका को काफी पीछे छोड़ दिया है।

आईएमएफ को भरोसा, वैश्विक अर्थव्यवस्था की अगुवाई करेगा भारत
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने कहा कि भारत की अगुवाई में दक्षिण एशिया वैश्विक वृद्धि का केंद्र बनने की दिशा में बढ़ रहा है और 2040 तक वृद्धि में इसका अकेले एक-तिहाई योगदान हो सकता है। आईएमएफ के हालिया शोध दस्तावेज में कहा गया कि बुनियादी ढांचे में सुधार और युवा कार्यबल का सफलतापूर्वक लाभ उठाकर यह 2040 तक वैश्विक वृद्धि में एक तिहाई योगदान दे सकता है। आईएमएफ की एशिया एवं प्रशांत विभाग की उप निदेशक एनी मेरी गुलडे वोल्फ ने कहा कि हम दक्षिण एशिया को वैश्विक वृद्धि केंद्र के रूप में आगे बढ़ता हुए देख रहे हैं।

वित्त वर्ष 2021-22 में 10 प्रतिशत की ग्रोथ की उम्मीद- NCAER
इकोनॉमिक थिंक टैंक NCAER ने देश की विकास दर का अनुमान बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। एनसीएईआर की महानिदेशक पूनम गुप्ता के अनुसार देश में सप्लाई सामान्य होने लगी है। सेवाओं में मांग बढ़ने के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था भी पटरी पर है। इससे वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 10 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। पूनम गुप्ता के अनुसार वैश्विक अर्थव्यवस्था में उछाल और कोविड-19 की वजह से आपूर्ति संबंधी दिक्कतें कम होने से चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के अच्छी वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है।

आर्थिक वृद्धि दर 9.5 फीसदी रहने का अनुमान-एसएंडपी
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि 2022-23 में यह 7 प्रतिशत रह सकती है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के निदेशक (सॉवरेन) एंड्रयू वुड ने कहा कि महामारी के संदर्भ में भारत की बाह्य स्थिति मजबूत हुई है। देश ने रिकॉर्ड गति से विदेशी मुद्रा भंडार जुटाया है।

दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा भारत- मूडीज
अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा है कि भारत दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था की राह पर लौट रहा है। पहली तिमाही में तेज विकास दर से यह भरोसा और मजबूत हुआ है कि 2021 में भारत 9.6 प्रतिशत वृद्धि दर हासिल कर लेगा। यह दुनिया के अन्य बड़े देशों के मुकाबले काफी ज्यादा है। भारत के बाद चीन की विकास दर 8.5 प्रतिशत का अनुमान है। मूडीज के अनुसार जी-20 देशों की विकास दर 6.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। अन्य उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों की औसत विकास दर इस साल 7.2 प्रतिशत रहेगी।

एशियाई देशों में भारत की विकास दर सबसे बेहतर रहने की संभावना
 कोरोना महामारी और तमाम विपरीत परिस्थियों के बावजूद मोदी सरकार की नीतियों के चलते देश की इकोनॉमी वृद्धि कर रही है। मोदी राज में एशियाई देशों में भारत की विकास दर सबसे बेहतर रहने की संभावना है। जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने कहा है कि साल 2021 में देश की विकास दर 12.8 प्रतिशत हो सकती है। नोमुरा की भारत और एशिया पूर्व जापान एमडी और मुख्य अर्थशास्त्री सोनल वर्मा ने कहा है कि हमने भारतीय बाजार में एक महत्वपूर्ण रैली देखी है। अंग्रेजी अखबार इकनॉमिक टाइम्स के अनुसार सोनल वर्मा ने कहा कि हमें लगता है कि भारत की वृद्धि इस वर्ष एशिया के अन्य देशों को पीछे छोड़ देगी और हम कैलेंडर वर्ष 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 12.8 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।

इक्रा का अनुमान- 8.5 प्रतिशत रह सकती है जीडीपी ग्रोथ
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा है कि कोरोना के घटते मामले और लॉकडाउन में ढील से वित्त वर्ष 2021-22 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.5 प्रतिशत रह सकती है। इक्रा की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि हमारा अनुमान है कि देश की जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2021-22 में 8.5 प्रतिशत रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर टीकाकरण अभियान में तेजी आती है, तो तीसरी और चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन अच्छा रहेगा। इससे जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 9.5 प्रतिशत तक जा सकती है। इक्रा ने कहा कि इस साल मानसून सामान्य रहने के साथ खाद्यान्न उत्पादन बेहतर रहने की उम्मीद है।

संयुक्त राष्ट्र ने 2022 के लिए जताया 10.1 प्रतिशत ग्रोथ का अनुमान
संयुक्त राष्ट्र ने साल 2021 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है। यूएन ने इसमें जनवरी के अपने अनुमान से 0.2 फीसद की बढ़ोत्तरी की है। इसके साथ ही यूएन ने साल 2022 में भारत की जीडीपी ग्रोथ का पूर्वानुमान 10.1 प्रतिशत लगाया है। यूएन ने वर्ल्ड इकोनॉमिक सिचुएशन एंड प्रोस्पेक्ट्स रिपोर्ट में कहा है कि कई देशों में बढ़ते कोरोना संक्रमण और टीकाकरण में कमी के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था की रिकवरी पर असर पड़ा है।

एडीबी ने जताया 11 प्रतिशत ग्रोथ का अनुमान
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 11 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है। ‘एशियन डेवलपमेंट आउटलुक 2021’ में एडीबी ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था के इस वित्त वर्ष में एक मजबूत वैक्सीन ड्राइव के बीच 11 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री यासुयुकी सवादा ने कहा कि एशिया में विकास हो रहा है, लेकिन कोविड 19 के बढ़ते प्रकोप से इस रिकवरी को खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में अर्थव्यवस्थाएं परिवर्तन पर हैं। यह देखना होगा कि के समय उनके वैक्सीन रोलआउट की गति और वैश्विक रिकवरी से उन्हें कितना फायदा हो रहा है।

विश्व बैंक ने जीडीपी ग्रोथ अनुमान 5.4 से बढ़ाकर किया 10.1 प्रतिशत
अर्थव्यवस्था में मौजूदा सुधार को देखते हुए विश्व बैंक ने भी अपने अनुमानों में संशोधन किया है। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को 4.7 प्रतिशत से बढ़ाकर 10.1 प्रतिशत कर दिया है। इस अनुमान के पीछे निजी उपभोग में वृद्धि एवं निवेश को कारण बताया गया है। इससे पहले जनवरी में विश्व बैंक ने ही भारत की जीडीपी वृद्धि दर को 5.4 प्रतिशत बताया था।

2021-22 में 9.5 प्रतिशत रह सकती है विकास दर-फिच
रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा है कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की विकास दर 9.5 प्रतिशत रह सकती है। फिच रेटिंग्स ने हालांकि कोरोना संकट के कारण चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था के पांच प्रतिशत सिकुड़ने का अनुमान जताया है। लेकिन फिच ने कहा कि कोरोना संकट के बाद देश की जीडीपी वृद्धि दर के वापस पटरी पर लौटने की उम्मीद है। इसके अगले साल 9.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि करने की उम्मीद है।

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