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पंजाब में कृषि कानून विरोधी किसानों ने बीजेपी नेताओं को बनाया बंधक, होम मिनिस्ट्री और कोर्ट के दखल के बाद छुड़ाए गए नेता, मूकदर्शक बनी रही पुलिस

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तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान नेता और उनके समर्थक जबरदस्ती अपनी मांग मनवाने के लिए गुंडागर्दी पर उतर आए हैं। पंजाब के पटियाला में भाजपा की बैठक के दौरान किसानों के विरोध प्रदर्शन ने देर रात हिंसक रूप ले लिया। किसानों ने राजपुरा में भाजपा के जिला सचिव डा. अजय चौधरी, अन्य नेताओं व उनके परिवार को घर में बंधक बना दिया और घर की बिजली काट दी। देर रात हाई कोर्ट को भाजपा नेताओं को छुड़ाने के लिए आदेश देना पड़ा। केंद्रीय गृहमंत्रालय और हाई कोर्ट के दखल के बाद सोमवार को सुबह 4 बजे पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया और भाजपा नेताओं को मुक्त कराया।

इसी बीच पंजाब भाजपा की ओर से रात में ही पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया और हालात को देखते हुए हाई कोर्ट से इस मामले में हस्‍तक्षेप कर बंधक बने भाजपा नेताओं को छुड़ाने की अपील की गई। याचिका में कहा गया कि किसानों ने नेताओं को अवैध रूप से हिरासत में लिया हुआ है। कोर्ट ने रविवार रात को पुलिस को निर्देश दिए कि याचिकाकर्ताओं को वहां से सुरक्षित निकाला जाए। इसके अलावा कोर्ट ने इस मामले को लेकर एक रिपोर्ट भी सौंपने को कहा। 

प्रदर्शनकारियों के बीच घिरे बीजेपी नेताओं ने पार्टी की स्टेट और सेंट्रल यूनिट के नेताओं को फोन किए। भाजपा के एक नेता के मुताबिक जब इस हालात का पता होम मिनिस्ट्री को लगा तो फिर उसने दखल दिया और तब जाकर पुलिस एक्टिव हुई। इस दौरान उग्र हो रहे किसान प्रदर्शनकारियों के रुख से भाजपा नेता सांसत में रहे। भाजपा ने इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाया है। भाजपा नेताओं ने पुलिस पर मूकदर्शक बने रहने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनक‍ारियों को रोकने और वहां से हटाने का कोई प्रयास नहींं किया।

हाईकोर्ट और केंद्रीय गृहमंत्रालय के दबाव के बाद इस मामले में पुलिस ने तीन नामजद के साथ 150 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। राजपुरा के सिटी थाना पुलिस ने झड़प के दौरान जख्मी हुए सिपाही भूपिंदर सिंह के बयानों पर यह मामला दर्ज किया। इस केस में मनजीत घुमाना, हैप्पी हसनपुर और विवेक जीरकपुर के अलावा डेढ़ सौ अज्ञात लोगों को आरोपित की लिस्ट में शामिल किया गया है। फिलहाल अभी किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इसकी पुष्टि करते हुए सीटी राजपुरा थाना के इंचार्ज गुरप्रीत सिंह ने कहा कि भूपिंदर सिंह की हालत खतरे से बाहर है।

वहीं, इस मामले को लेकर राज्य में राजनीति गरमा गई है। भाजपा नेता राज्यभर में सड़कों पर उतर आए हैं। भाजपा नेता आज किसानों पर एफआइआर दर्ज करने की मांग को लेकर सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से भी मिले। गौरतलब है कि पटियाला जिला प्रशासन और पुलिस ने भारी मशक्कत के बाद यहां किसानों का धरना हटवाया और घर में बंधक बने हुए भाजपा नेताओं को सुबह पांच बजे मुक्त कराया। इस दौरान भाजपा नेता करीब 12 घंटे घर में ही बंधक बने रहे। चाहे पुलिस ने इन्हें मुक्त करवाने के लिए प्रयास किए, लेकिन बंधक बनाने वाले किसानों के खिलाफ कोई पुख्ता कार्रवाई नहीं की। राजपुरा की घटना से पहले भी भाजपा नेताओं पर कई बार हमले हो चुके हैं। 

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