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प्रभु श्रीराम के स्वागत को तैयार अयोध्या नगरी, सरयू के घाटों पर रोशन होंगे रिकॉर्ड 24 लाख दीए, 3D इम्पैक्ट वाले राम मंदिर मॉडल के साथ प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां

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मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में सरयू नदी के किनारे राम की पैड़ी पर दीपावली पर 11 नवंबर को 21 लाख दीये जलाने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस बार यह सातवां दीपोत्सव इसलिए भी खास है कि दो महीने बाद यहां बन रहे भव्य राममंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्रतिमा का प्राण-प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के दिशा-निर्देशन में इस बार दीपावली महोत्सव यह दीपोत्सव नया रेकॉर्ड बनाएगा। दीपोत्सव को ऐतिहासिक बनाने के लिए अयोध्या में राम मंदिर मॉडल 3डी इम्पैक्ट पर बनाया जा रहा है। इस पर 1,08,000 दीये सजाए जा रहे हैं।

24 राज्यों के कलाकारों की प्रस्तुतियों में लोक-संस्कृति की दिखेगी झलक
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से अयोध्या में दीपावली के मौके पर अनुपम छटा नजर आने लगी है। दीपोत्सव के नए-नए रिकॉर्ड के साथ ही इस मौके पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम भी कराए जाते हैं, जो लोक संस्कृति की दिव्य छटा बिखरते हैं। इस बार भी दीपोत्सव में भारत की संस्कृति की झलक भी दिखाई देगी। इस दौरान 24 राज्यों के करीब 2500 कलाकार अपने प्रदेश की संस्कृति की छटा बिखरेंगे। आयोजन का मुख्य आकर्षण गुजरात का गरबा, केरल का कथकली और राजस्थान का कालबेलिया नृत्य होगा। इस दौरान रूस, श्रीलंका, नेपाल व सिंगापुर के रामलीला कलाकार भी अपने-अपने देशों में प्रचलित रामकथा का मंचन यहां करेंगे।दीए वोकल फॉर लोकल की मिसाल, 82 हजार लीटर लगेगा तेल
इस दीपोत्सव के लिए अयोध्या में सरयू नदी के सभी घाटों, मंदिरों और प्रमुख पर्यकट स्थलों पर 24 लाख दीये सजा लिए जाएंगे। यह काम मंगलवार से शुरू हो गया है। धनतेरस को देर शाम को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड टीम के साथ दीपों की काउंटिंग पूरी की जाएगी। प्रशासन और डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय को उम्मीद है कि इनमें से 21 लाख दीये जगमग होंगे। दीपोत्सव में 82 हजार लीटर तेल उपयोग में लिया जाएगा। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. प्रतिभा का कहना है कि ये दीये स्थानीय कुम्हारों से खरीदे गए हैं। उन्हें रोजगार का बड़ा अवसर मिला है।

 

अयोध्या में राम मंदिर मॉडल 3डी इम्पैक्ट पर बनाने की तैयारी
दीपोत्सव को ऐतिहासिक बनाने के लिए अयोध्या में राम मंदिर मॉडल 3डी इम्पैक्ट पर बनाया जा रहा है। इस पर 1,08,000 दीये सजाए जा रहे हैं। अवध विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सरिता द्विवेदी के मुताबिक पौराणिक कथानक पर आधारित इस मॉडल मे प्रभु श्रीराम को विजयी मुद्रा में प्रवेश करता हुआ दिखाया जाएगा। इसे 150 छात्राएं तैयार कर रही हैं। अयोध्या नहीं पहुंचने वाले लोगों के दीपदान के लिए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने ऐप लांच किया है। ‘होली (पवित्र) अयोध्या’ नामक इस ऐप के माध्यम से श्रद्धालु देश-विदेश के किसी भी कोने से अपने दीपक बुक करा सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने दीपोत्सव से पहले अयोध्या में की कैबिनेट की बैठक
दीपोत्सव से दो दिन पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी कैबिनेट के साथ अयोध्या पहुंच कर बैठक की। बैठक में धर्म और संस्कृति को बढ़ावा देने वाले 14 प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई। प्रस्तावों के अनुसार माझा जमथरा गांव में 25 एकड़ भूमि पर भारतीय मंदिर वास्तुकला संग्रहालय बनेगा। अयोध्या शोध संस्थान को अंतरराष्ट्रीय रामायण वैदिक शोध संस्थान के रूप मे विस्तारित करेंगे। मकर संक्रांति व बसंत पंचमी के मेलों का आयोजन बड़े स्तर पर किया जाएगा, जिनका खर्च सरकार वहन करेगी।

पीएम नरेन्द्र मोदी अयोध्या में 22 जनवरी को करेंगे प्राण प्रतिष्ठा

अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 अगस्त को कहा था कि ये मेरा सौभाग्य है कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मुझे आमंत्रित किया। इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने का अवसर दिया। आज पूरा भारत राममय है। पूरा देश भावुक, रोमांचित है और हर मन दीपमय है। पीएम मोदी एक बार फिर पूरे देश को ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में फैले राम भक्तों का सदियों का इंतजार खत्म कराकर उन्हें अपने आराध्य से मिलाने के पावन-पुनीत कार्य करने जा रहे हैं। उनके लोकसभा क्षेत्र काशी के प्रख्यात ज्योतिषियों द्वारा तय मुहूर्त के मुताबिक 22 जनवरी, 2024 को दिन में 11.30 से 12.30 बजे के बीच यजमान के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्राण- प्रतिष्ठा करेंगे। इसके साथ ही पांच सौ साल चल चला अतुलनीय संघर्ष प्रभु राम लला के भव्य और दिव्य मंदिर के रूप में साक्षात सामने होगा। पीएम ने मंदिर का भूमि पूजन किया और अब करेंगे भव्य-दिव्य का शुभारंभ
करोड़ों लोगों को शायद ये विश्वास ही नहीं होगा कि उनके जीते-जी इस पावन दिन को साकार होते वे देख पा रहे हैं। लेकिन मोदी है तो मुमकिन है…को सार्थक करते हुए पीएम मोदी ने न सिर्फ राम मंदिर के संघर्ष में भाग लिया, मंदिर का भूमि पूजन किया और अब भव्य-दिव्य का शुभारंभ भी करने जा रहे हैं। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में 22 जनवरी, सोमवार को प्राण- प्रतिष्ठा का मुहूर्त तय हो गया है। वाराणसी ज्योतिषियों द्वारा तय मुहूर्त के मुताबिक, दिन में 11.30 से 12.30 बजे के बीच यजमान के रूप में प्रधानमंत्री मोदी प्राण- प्रतिष्ठा करेंगे। श्रीरामलला की गर्भगृह में दो चल-अचल प्रतिमाएं प्रतिष्ठित की जाएंगी
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने तय किया है कि गर्भगृह में श्रीरामलला की दो प्रतिमाएं प्रतिष्ठित की जाएंगी। इनमें एक स्थायी रूप से विराजमान होगी, जबकि दूसरी चल प्रतिमा होगी। चल प्रतिमा को विशेष अवसरों पर मंदिर से बाहर जनता के बीच ले जाया जा सकेगा। समारोह 16 जनवरी से शुरू होगा। 21 जनवरी को मंदिर के गर्भगृह को साफ-सुथरा कर दोनों प्रतिमाओं का जलाभिषेक होगा। वाराणसी के पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित ने बताया कि देश के 100 से अधिक वैदिक विद्वान प्राण-प्रतिष्ठा समारोह संपन्न कराएंगे।सदियों के संघर्ष का प्रतिफल है अयोध्या में भव्य-दिव्य राम मंदिर
अयोध्या में आज जो मंदिर तैयार हो रहा है यह सदियों के संघर्ष का प्रतिफल है। इसीलिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 500 सालों तक चले मंदिर आंदोलन की एक-एक कड़ी को सहेजते हुए डॉक्यूमेंट्री फिल्म (वृत्तचित्र) बनाने की योजना तैयार की है। इस फिल्म में मंदिर के लिए कब-कब संघर्ष हुए, क्या-क्या मुसीबतें आई सहित बलिदानियों की गाथा भी दर्शायी जाएगी। ट्रस्टी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कामेश्वर चौपाल का कहना है कि राममंदिर आंदोलन की गाथा को एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म (वृत्तचित्र) के जरिए सहेजा जाएगा। मंदिर आंदोलन के संघर्ष की जानकारी हर किसी को होनी चाहिए। खासकर युवा पीढ़ी को जरूर यह ज्ञात होना चाहिए कि अपनी अस्मिता व सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए कितना बड़ा संघर्ष हुआ है। राममंदिर के लिए 1528 से शुरू हुए संघर्ष का प्रतिफल 6 दिसंबर 1992 को बाबरी ढांचे के ध्वस्तीकरण के बाद आया। इस संघर्ष की सुखद परिणति 9 नवंबर 2019 को भी हुई, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर-मस्जिद विवाद में राममंदिर के हक में फैसला सुनाया। ट्रस्ट का मानना है कि राममंदिर निर्माण के लिए हुए विराट संघर्ष व लाखों बलिदान के बारे में युवा पीढ़ी को भी जानकारी होनी चाहिए।राम लला के मंदिर में गर्भ गृह के अलावा पांच मंडपों का काम तेज
अयोध्या में तीन मंजिला राम मंदिर के भूतल का काम अपने अंतिम चरण में है। अगले माह तक इसे पूरा करने के लिए सहायक संरचनाओं का काम जोरों पर जारी है। मंदिर के अधिकारियों की जानकारी के अनुसार, ‘‘राम मंदिर के भूतल के निर्माण कार्य की प्रगति की हाल में निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा सहित ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्यों द्वारा समीक्षा की गई थी।’’ इसमें कहा गया है कि ‘लार्सन एंड टुब्रो’ और ‘टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स’ की इंजीनियरिंग टीमों और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रतिनिधियों ने निर्माण कार्य की समीक्षा में हिस्सा लिया। इसमें कहा गया है कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दैनिक आधार पर निर्माण कार्य की प्रगति की निगरानी की जाती है। गर्भगृह के अलावा, मंदिर में पांच मंडप – गुड मंडप, रंग मंडप, नृत्य मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप हैं। पांच मंडपों के गुंबद का आकार 34 फुट चौड़ा और 32 फुट लंबा और आंगन से ऊंचाई 69 फुट से 111 फुट तक हैअयोध्या में एयरपोर्ट भी राम मंदिर के मॉडल के तर्ज पर ही
मोदी सरकार दुनिया और देश के राम भक्तों को मंदिर के साथ एक और तोहफा देने जा रही है। दरअसल, अयोध्या के मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम एयरपोर्ट के रनवे का कार्य पूरा हो गया है। वहीं, टर्मिनल बिल्डिंग का 75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। विमानन मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो इस भव्य एयरपोर्ट का काम दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के साथ-साथ अयोध्या से घरेलू उड़ानें शुरू हो सकती हैं। अयोध्या में बन रहे एयरपोर्ट को राम मंदिर के मॉडल के तर्ज पर बनाया जा रहा है। विमानन मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि एयरपोर्ट के कुछ ट्रैक पर यह कार्य पूरा कर लिया गया है। टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण पूरा न होने के चलते अक्टूबर से विमानों का संचालन नहीं हो सकेगा। इसके लिए लोगों को दिसंबर तक इंतजार करना पड़ेगा। पहले तल का कार्य पूरा हो गया है। अयोध्या में अक्टूबर नवंबर तक विमानों के संचालन की आस लगाई जा रही थी, लेकिन टर्मिनल बिल्डिंग के निर्माण में देरी के चलते राम नगरी आने वाले यात्रियों को और इंतजार करना पड़ सकता है।राम मंदिर परिसर में संग्रहालय के लिए शीघ्र तैयार होगा प्रोजेक्ट
राम जन्मभूमि परिसर में एक संग्रहालय भी बनाया जाएगा। इस संग्रहालय में राम, रामायण व अयोध्या को लेकर अनसुनी जानकारियां होंगी। इसको लेकर एक उपसमिति बनाई गई है। जो परिसर में बनने वाले म्यूजियम को लेकर अपनी राय देगी। समिति राम से जुड़े तथ्य, साहित्य व पुरातत्व महत्व के अवशेषों पर काम करने वाले विद्वानों, इतिहासकार व लोगों को जोड़ेगी। रामकथा के मर्मज्ञ व अयोध्या के इतिहास के जानकारों से राय लेकर म्यूजियम के विस्तार के बारे में मंथन कर प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा। दूसरी ओर राममंदिर निर्माण के हर एक चरण की ट्रस्ट द्वारा पहले से ही वीडियोग्राफी कराई जा रही है। डॉक्यूमेंट्री फिल्म में मंदिर निर्माण के प्रत्येक पहलू का जिक्र किया जाएगा। फिल्म के निर्माण की जिम्मेदारी हैदराबाद तेलंगाना के निवासी विराट याज्ञिक को सौंपी गई है। इसकी मॉनीटरिंग ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि करेंगे। डॉक्यूमेंटी पर शीघ्र ही काम शुरू हो जाएगा।आइए देखते हैं प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की 20 बड़ी बातें-

1. कन्याकुमारी से क्षीर भवानी तक, कोटेश्वर से कामाख्या तक, जगन्नाथ से केदारनाथ तक, सोमनाथ से काशी विश्वनाथ तक, सम्मेद शिखर से श्रवणबेलगोला तक, बोधगया से सारनाथ तक, अमृतसर से पटना साहिब तक, अंडमान से अजमेर तक, लक्षद्वीप से लेह तक, आज पूरा भारत राममय है।

2. सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है। करोड़ों लोगों को आज यह विश्वास ही नहीं हो रहा कि वो अपने जीते-जी इस पावन दिन को देख पा रहे हैं।

3. बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा। टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस व्यतिक्रम से राम जन्मभूमि आज मुक्त हो गई है।

4. राम मंदिर के लिए कई-कई सदियों तक, कई-कई पीढ़ियों ने अखंड, अविरत, एकनिष्ठ प्रयास किए हैं। आज का यह दिन उसी तप, त्याग और संकल्प का प्रतीक है।

5. राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था, तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था।

6. राम हमारे मन में गढ़े हुए हैं, हमारे भीतर घुल-मिल गए हैं। कोई काम करना हो, तो प्रेरणा के लिए हम भगवान राम की ओर ही देखते हैं।

7. राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति का आधार हैं। श्रीराम भारत की मर्यादा हैं, श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं।

8. राम के सब काम हनुमान ही तो करते हैं। राम के आदर्शों की कलियुग में रक्षा करने की जिम्मेदारी भी हनुमान जी की ही है।

9. राम मंदिर के निर्माण की यह प्रक्रिया राष्ट्र को जोड़ने का उपक्रम है। यह महोत्सव है- विश्वास को विद्यमान से जोड़ने का, नर को नारायण से जोड़ने का, लोक को आस्था से जोड़ने का, वर्तमान को अतीत से जोड़ने का, और स्व को संस्कार से जोड़ने का।

10. आज के ये ऐतिहासिक पल युगों-युगों तक, दिग-दिगन्त तक भारत की कीर्ति पताका फहराते रहेंगे। आज का यह दिन करोड़ों रामभक्तों के संकल्प की सत्यता का प्रमाण है। आज का यह दिन सत्य, अहिंसा, आस्था और बलिदान को न्यायप्रिय भारत की एक अनुपम भेंट है।

11. जिस तरह गिलहरी से लेकर वानर और केवट से लेकर वनवासी बंधुओं को भगवान राम की विजय का माध्यम बनने का सौभाग्य मिला, उसी तरह आज देशभर के लोगों के सहयोग से राम मंदिर निर्माण का यह पुण्य-कार्य प्रारंभ हुआ है।

12. श्रीराम के काम में मर्यादा का जैसा उदाहरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए, देश ने वैसा ही उदाहरण प्रस्तुत किया है। इसी मर्यादा का अनुभव हमने तब भी किया था, जब माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया था।

13. जीवन का ऐसा कोई पहलू नहीं है, जहां हमारे राम प्रेरणा न देते हों। भारत की ऐसी कोई भावना नहीं है, जिसमें प्रभु राम झलकते न हों। भारत की आस्था में राम हैं, भारत के आदर्शों में राम हैं। भारत की दिव्यता में राम हैं, भारत के दर्शन में राम हैं।

14. अलग अलग रामायणों में, अलग अलग जगहों पर राम भिन्न-भिन्न रूपों में मिलेंगे, लेकिन राम सब जगह हैं, राम सबके हैं। इसीलिए, राम भारत की ‘अनेकता में एकता’ के सूत्र हैं।

15. श्रीराम का चरित्र सबसे अधिक जिस केंद्र बिंदु पर घूमता है, वो है सत्य पर अडिग रहना। इसीलिए श्रीराम संपूर्ण हैं। इसलिए ही वो हजारों वर्षों से भारत के लिए प्रकाश स्तंभ बने हुए हैं।

16. दुनिया में कितने ही देश राम के नाम का वंदन करते हैं, वहां के नागरिक, खुद को श्रीराम से जुड़ा हुआ मानते हैं। विश्व की सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या जिस देश में है, वो है इंडोनेशिया। वहां हमारे देश की ही तरह ‘काकाविन’ रामायण, स्वर्णद्वीप रामायण, योगेश्वर रामायण जैसी कई अनूठी रामायणें हैं। राम आज भी वहां पूजनीय हैं।

17. मुझे विश्वास है कि श्रीराम के नाम की तरह ही अयोध्या में बनने वाला यह भव्य राममंदिर भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का द्योतक होगा और अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा।

18. राम समय, स्थान और परिस्थितियों के हिसाब से बोलते हैं, सोचते हैं, करते हैं। राम हमें समय के साथ बढ़ना सिखाते हैं, चलना सिखाते हैं।

19. राम परिवर्तन के पक्षधर हैं, राम आधुनिकता के पक्षधर हैं। उनकी इन्हीं प्रेरणाओं और आदर्शों के साथ भारत आज आगे बढ़ रहा है।

20. श्रीराम की ही नीति है- “भय बिनु होइ न प्रीति”॥ इसलिए हमारा देश जितना ताकतवर होगा, उतनी ही प्रीति और शांति भी बनी रहेगी। राम की यही नीति और रीति सदियों से भारत का मार्गदर्शन करती रही है।

मंदिर वहीं बनाएंगे, और हम तारीख भी बताएंगे- अमित शाह

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब पांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन किया था, तभी दिव्य और भव्यतम मंदिर बनने का आगाज हो गया था। पांच सौ वर्षों के संघर्ष के बाद पीएम मोदी ने वो अद्भुत और अद्वितीय पल दिखाया था। पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीराम मंदिर के उद्घाटन की तारीख भी बता दी है। यह उन हिंदू विरोधी नेताओं के मुंह पर तमाचा था, जो बार-बार कहते थे- मंदिर वहीं बनाएंगे, पर तारीख नहीं बताएंगे। राहुल गांधी से लेकर केजरीवाल तक, ऐसे नेताओं की लंबी फेहरिस्त है। गृह मंत्री ने कहा, राहुल गांधी कान खोल कर सुन लें। जनवरी 2024 को अयोध्या में गगनचुंबी राम मंदिर बनकर तैयार मिलेगा। जनसभा में अमित शाह ने कांग्रेस पर भी बड़ा हमला किया। शाह ने कहा कि 2019 में जब मैं बीजेपी का अध्यक्ष था और राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष थे। तब राहुल बाबा रोज पूछते थे। मंदिर वहीं बनाएंगे, तारीख नहीं बताएंगे। बीजेपी नेता ने कहा, राहुल गांधी समेत वो नेता भी कान खोलकर सुन लें, जो मंदिर की तारीख पर भाषण दिया करते थे। अगले साल जनवरी में भव्य मंदिर बनकर तैयार होगा।

 

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