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Year Ender 2022: मोदी राज में महिलाओं का हुआ सशक्तिकरण, दुनिया में सबसे ज्यादा महिला पायलट भारत में, महिलाओं के सपने को मिले नए आयाम, वोकल फॉर लोकल भी महिलाओं को कर रही सशक्त

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समृद्ध भारत के विजन के तहत देश की महिलाओं के लिए कई योजनाएं लाई गईं जिससे वे भी आत्मनिर्भर बन सकें और उनका सशक्तिकरण हो सके। यही वजह है कि मोदी सरकार ने पिछले आठ साल में महिलाओं की सशक्तिकरण के लिए कई सौगात दिए हैं। ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता’ इस विजन के तहत मोदी सरकार ने महिलाओं को सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने के लिए अनेक योजनाएं चलाकर समाज में उनकी हिस्सेदारी को मजबूत किया है। आज महिलाएं शिक्षा, सुरक्षा, बेहतर स्वास्थ्य जैसी हर सुविधाएं पा रही हैं। जन धन योजना से लेकर उज्जवला योजना तक, मुद्रा योजना से लेकर वोकल फॉर लोकल तक पीएम मोदी ऐसी योजनाएं लाईं ऐसा आह्वान किया कि आज महिलाओं का जीवन तो आसान हुआ ही है साथ ही वे अपने पैरों पर खड़े होकर आत्मनिर्भर बन रही हैं। मोदी सरकार ने तीन तलाक खत्म कर महिला सशक्तिकरण की दिशा में क्रांतिकारी कदम उठाए, जिससे आज महिलाएं शिक्षा, सुरक्षा, बेहतर स्वास्थ्य समेत हर सुविधा पा रहीं हैं। आत्मनिर्भर बनकर अपने सपनों को पूरा कर रहीं हैं। देश के आर्थिक रूप से कमजोर और गरीब लोगों का सपना होता है कि अपनी जमीन और अपना घर हो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उनको वित्तीय सहायता देकर उनके सपने को पूरा कर रहे हैं। मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की, जो गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। इन योजनाओं का लाभ लेकर आर्थिक रूप से कमजोर लोग जमीन और घर का मालिक बन रहे हैं। इन योजनाओं के लाभार्थियों में ज्यादातर महिलाएं हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना या स्वामित्व योजना से ग्रामीण इलाकों में महिलाओं का सशक्तिकरण हो रहा है। इन योजनाओं के तहत महिलाएं होम लोन लेने में पहली बार बड़ी तादाद में आगे आई हैं। आंकड़ों के मुताबिक ऐसा पहली बार हुआ है कि 16 प्रतिशत महिलाओं ने होम लोन लिया है। यहीं नहीं देश के कुछ जिलों में तो होम लोन लेने वाली महिलाओं की संख्या 80 प्रतिशत को पार कर गई है। इसी तरह पीएम मोदी ने उज्जवला योजना, नल जल योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना, फ्री सिलाई मशीन योजना, मातृत्व वंदना योजना, महिला शक्ति केंद्र योजना आदि योजनाएं शुरू की जिससे महिलाएं लाभान्वित हुई। मोदी सरकार ने महिलाओं को सशक्त करने के लिए मातृत्व अवकाश को 12 हफ्तों से बढ़ाकर 26 हफ्ते किया, वर्क प्लेस पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाए। बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों पर फांसी जैसी सजा का प्रावधान किया। सैनिक स्कूलों में बेटियों के दाखिले की शुरुआत हुई। पीएम मोदी की पहल से पहली बार देश को महिला आदिवासी राष्ट्रपति मिली है। पीएम मोदी ने वोकल फॉर लोकल पर जोर देते हुए कहा था कि यह अर्थव्यवस्था से जुड़ा बहुत अहम विषय बन गया है। आज दुनिया में वही देश चल सकता है जो अपने पैरों पर खड़ा हो।

पीएम मोदी के लिए हमीरपुर के गांव की महिलाओं ने गाना लिखा और कंपोज भी किया

पीएम मोदी के कार्यों से प्रभावित उत्तर प्रदेश के हमीरपुर की कुछ महिलाओं ने उन पर गीत लिखा और कंपोज किया है। इसमें पीएम मोदी द्वारा महिलाओं के लिए शुरू की गई योजनाओं और उनसे मिलने वाले लाभ के बारे में बताया गया है। इससे पता चलता है प्रधानमंत्री मोदी से वे कितना अगाध प्रेम करते हैं।

‘धन्यवाद मोदी जी’ लिखा पोस्टकार्ड में योजनाओं का जिक्र

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कसाईबाड़ा इलाके में रहने वाली मुस्लिम महिलाओं ने 27 सितंबर, 2022 को प्रधानमंत्री मोदी के नाम पोस्टकार्ड भेजा। ‘धन्यवाद मोदी जी’ लिखे पोस्टकार्ड में उन योजनाओं का जिक्र किया गया है, जिनसे उन्हें लाभ मिला है। इनमें मुफ्त राशन, तीन तलाक खत्म करना, मुफ्त कोरोना टीकाकरण, उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन शामिल है। इस पोस्टकार्ड के माध्यम से मुस्लिम महिलाओं ने प्रधानमंत्री मोदी में विश्वास जताया है।

दुनिया में सबसे ज्यादा महिला पायलट भारत में

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हर स्तर पर महिलाओं के सम्पूर्ण विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। मोदी सरकार महिलाओं के हाथों में एक के बाद एक क्षेत्र में कमान सौंप रही है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा महिलाओं को उचित मौका देने और उन पर भरोसा जताने से न केवल महिलाओं में आत्मविश्वास जगा है, बल्कि वे आत्मनिर्भर भी हो रही हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा महिला पायलट भारतीय हैं और खास बात यह है कि भारत में जितनी महिला पायलट हैं, इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ विमिन एयरलाइन पायलट्स की रिपोर्ट के मुताबिक यह संख्या वैश्विक औसत से ढाई गुना ज्यादा है। रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में कुल पायलटों में से 5 प्रतिशत महिलाएं हैं, जबकि भारत में महिला पायलटों का अनुपात 12.4 प्रतिशत है, जो विश्व में सबसे अधिक है। दुनिया में सबसे बड़े विमानन बाजार अमेरिका में महिला पायलटों की संख्या 5.5 प्रतिशत और ब्रिटेन में 4.7 प्रतिशत है। महिला पायलट अब भारत में दुर्लभ नहीं हैं, जब एयरलाइन उद्योग में विविधता की बात आती है तो देश एक सफलता की कहानी बन जाता है। देश में रीजनल एयरलाइंस में सबसे अधिक महिलाएं हैं। भारत में महिला पायलट का प्रतिशत अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया समेत पश्चिमी देशों की तुलना में दोगुना है।

मोदी राज में महिला सशक्तिकरण: अमेरिका से ज्यादा महिला पायलट भारत में

दुनिया में सबसे ज्यादा महिला पायलट भारतीय हैं और खास बात यह है कि भारत में जितनी महिला पायलट हैं, इंटरनैशनल सोसायटी ऑफ विमिन एयरलाइन पायलट्स की रिपोर्ट के मुताबिक यह संख्या वैश्विक औसत से ढाई गुना ज्यादा है। रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में कुल पायलटों में से 5 प्रतिशत महिलाएं हैं, जबकि भारत में महिला पायलटों का अनुपात 12.4 प्रतिशत है, जो विश्व में सबसे अधिक है। दुनिया में सबसे बड़े विमानन बाजार अमेरिका में महिला पायलटों की संख्या 5.5 प्रतिशत और ब्रिटेन में 4.7 प्रतिशत है। महिला पायलट अब भारत में दुर्लभ नहीं हैं, जब एयरलाइन उद्योग में विविधता की बात आती है तो देश एक सफलता की कहानी बन जाता है। देश में रीनजल एयरलाइंस में सबसे अधिक महिलाएं हैं। भारत में महिला पायलट का प्रतिशत अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया समेत पश्चिमी देशों की तुलना में दोगुना है।

Air india की महिला पायलटों ने रचा इतिहास, पूरी की दुनिया की सबसे लंबी उड़ान

एअर इंडिया की महिला पायलटों की एक टीम ने हाल ही में दुनिया के सबसे लंबे हवाई मार्ग नॉर्थ पोल पर उड़ान भरने का कीर्तिमान रच दिया। अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को शहर से उड़ान भरने के बाद यह टीम नॉर्थ पोल से होते हुए बेंगलुरु पहुंची। इस दौरान चार महिला पायलटों ने करीब 16,000 किलोमीटर की दूरी तय की। कैप्टन जोया अग्रवाल ने इस ऐतिहासिक उड़ान का नेतृत्व किया। उनके साथ को-पायलट के रूप में कैप्टन पापागरी तनमई, कैप्टन शिवानी और कैप्टन आकांक्षा सोनवरे भी शामिल रहीं। बेंगलूरु पहुंचने पर केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इन महिला पायलटों को जोरदार स्वागत किया गया।

काशी की शिवांगी सिंह बनीं राफेल की पहली महिला पायलट

उत्तर प्रदेश के वाराणसी की रहने वाली फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह दुनिया की सबसे बेहतरीन युद्धक विमानों में से एक राफेल की पहली महिला पायलट बन गई हैं। साल 2015 में शिवांगी का सेलेक्शन वायुसेना में फ्लाइंग अफसर के रूप में हुआ था। शिवांगी सिंह महिला पायलटों के दूसरे बैच की हिस्सा हैं जिनकी कमिशनिंग 2017 में हुई। साल 2017 में वायु सेना में फाइटर विमान उड़ाने वाली पांच महिला पायलटों में एक शिवांगी सिंह भी थीं। अब तीसरे साल ही एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए राफेल के गोल्डन एरो स्क्वाड्रन में शामिल हो गई हैं। एक महीने के तकनीकी प्रशिक्षण में क्वालीफाई करने के बाद अब वह राफेल की टीम का हिस्सा बन गई हैं।

पहली बार नौसेना के युद्धपोत पर तैनात होंगी महिला अधिकारी

देश में पहली बार दो नौसेना महिला अधिकारी को युद्धपोत में काम करने के लिए चुना गया है। भारतीय नौसेना ने सब-लेफ्टिनेंट रिति सिंह और सब-लेफ्टिनेंट कुमुदिनी त्यागी को नौसेना के युद्धपोत पर तैनात किया है। दोनों महिला अधिकारी प्रशिक्षण पूरा होने के बाद नौसेना के नए एमएच-60 आर हेलीकॉप्टरों में उड़ान भर रही हैं। यह एमएच-60 आर हेलीकॉप्टर अपनी श्रेणी में दुनिया में सबसे अत्याधुनिक मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर है। इसे दुश्मन के पोतों और पनडुब्बियों को डिटेक्ट करने और उन्हें उलझाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

सेना की पहली महिला पायलट बनीं शिवांगी स्वरूप

सब-लेफ्टिनेंट शिवांगी स्वरूप ने नौसेना की पहली महिला पायलट बनने का गौरव हासिल किया है। बिहार के मुजफ्फरपुर की शिवांगी स्वरूप अपना ऑपरेशन प्रशिक्षण पूरा कर कोच्चि बेस पर ऑपरेशन ड्यूटी में शामिल हो गईं। 24 वर्षीय शिवांगी निगरानी विमान डोर्नियर-228 को उड़ाएंगी। शिवांगी को भारतीय नौसेना अकादमी में 27 एनओसी कोर्स के तहत एसएसी (पायलट) के तौर पर शामिल किया गया था।

पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी में हुई 53% की वृद्धि

वर्ष 2013 और 2018 के बीच पुलिस बल में महिला कर्मियों की संख्या में लगभग 53 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसमें सिर्फ 2017 में 20.95 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बीपीआर एंड डी) की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार 1 जनवरी, 2018 तक देश भर के सिविल पुलिस, जिला सशस्त्र रिजर्व और सशस्त्र पुलिस में कुल 1.69 लाख महिला कर्मियों में से 27, 167 अकेले महाराष्ट्र में थीं। अगर केंद्रीय पैरा मिलिट्री फोर्सेस की बात करें तो 1 जनवरी, 2018 तक महिला कर्मियों की क्षमता 28,061 थी।

किरण उनियाल ने बनाए दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

भारतीय सेना में कार्यरत कर्नल की पत्नी किरण उनियाल ने महिला वर्ग में “तीन मिनट में एक पैर के घुटने से 263 वार” और “एक मिनट में बारी-बारी से दोनों घुटनों से 120 वार” करने के दो व्यक्तिगत गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए हैं। इसके पहले इसी वर्ग में 177 वार और 102 वार करने का रिकॉर्ड था। उनके दोनों रिकॉर्डों का लक्ष्य लड़कियों और महिलाओं को आत्म रक्षा के लिए मार्शल आर्ट को प्रोत्साहन देना है। “तीन मिनट में एक पैर के घुटने से 263 वार” का रिकॉर्ड बनाने के क्रम में उन्होंने पुरुष वर्ग के 226 वार के मौजूदा रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है। किरण उनियाल ने इसके पहले जनवरी, 2019 में “तीन मिनट में एक हाथ की कोहनी से 466 वार” करने का पहला व्यक्तिगत गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया था। श्रीमती उनियाल ने अब तक 15 विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं, जिनमें मार्शल आर्ट, फिटनेस और सामाजिक कार्य में 10 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड शामिल हैं।

विंग कमांडर शालिजा धामी बनीं देश की पहली महिला फ्लाइट कमांडर

भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर शालिजा धामी फ्लाइंग यूनिट की फ्लाइट कमांडर बनने वाली देश की पहली महिला अधिकारी बन गई हैं। हाल ही में उन्होंने हिंडन वायुसैनिक अड्डे में चेतक हेलीकॉप्टर के फ्लाइट कमांडर का प्रभार ग्रहण किया है। 15 साल से वायुसेना में रहते हुए देश के सेवा करने वाली शालिजा धामी चेतक और चीता हेलीकॉप्टरों के लिए भारतीय वायुसेना की पहली महिला योग्य फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर भी हैं। शालिजा धामी वायुसेना में फ्लाइंग ब्रांच की स्थायी कमीशन अधिकारी हैं।

तीन महिला वायुसैनिकों ने MI-17 उड़ाकर रचा इतिहास

वायुसेना की तीन महिला अधिकारियों ने एमआई-17 हेलीकॉप्टर उड़ाकर इतिहास रच दिया। फ्लाइट लेफ्टिनेंट पारुल भारद्वाज, फ्लाइंग ऑफिसर अमन निधि और फ्लाइट लेफ्टिनेंट हिना जायसवाल मिडियम लिफ्ट हेलीकॉप्टर उड़ाने वाली पहली ऑल-वीमेन टीम की सदस्य बन गईं। फ्लाइट लेफ्टिनेंट पारुल भारद्वाज एमआई 17 हेलीकॉप्टर उड़ाने वाली पहिला महिला पायलट भी हैं, जबकि हिना जायसवाल देश की पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर हैं।

वायु सेना की पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर बनीं हिना जायसवाल

वायु सेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट हिना जायसवाल ने येलाहांका वायु सेना स्टेशन में कोर्स पूरा करने के बाद पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर बनकर इतिहास रच दिया। चंडीगढ़ की रहने वाली हिना वायु सेना की इंजीनियरिंग शाखा में 5 जनवरी 2015 को सैनिक के रूप में भर्ती हुईं। हिना का फ्लाइट इंजीनियरिंग का कोर्स 15 फरवरी को पूरा हुआ।

देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनीं द्रौपदी मुर्मू

द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनीं। 64 साल की द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के मयूरभंज जिले में रहने वाले एक संथाल आदिवासी परिवार से आती हैं। राजनीति में आने से पहले वो एक स्कूल में पढ़ाती थीं। उनके पिता और दादा दोनों अपने अपने समय में सरपंच थे। वो खुद 1997 में बीजेपी से जुड़ीं और नगर पंचायत में पार्षद चुनी गईं। जल्द ही वो विधायक और ओडिशा सरकार में मंत्री भी बनीं। मई 2015 में उन्हें झारखंड का राज्यपाल बनाया गया। गोंड और भील के बाद संथाल देश के तीसरे सबसे बड़े आदिवासी समुदाय हैं। 2011 की जनगणना के मुताबिक देश में उनकी कुल आबादी 70 लाख से ज्यादा है। इनकी आबादी पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड समेत सात राज्यों में है।

मोदी राज में रिकॉर्ड संख्या में महिलाएं बनीं राज्यपाल

मोदी सरकार में साल 2014 से अब तक आठ महिला राज्यपालों और उप-राज्यपालों को नियुक्त किया गया है। इनमें से 5 एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदायों से हैं। मोदी राज में मृदुला सिन्हा, किरण बेदी, आनंदीबेन पटेल, तमिलसाई सुंदरराजन, बेबी रानी मौर्य, द्रौपदी मुर्मू, अनुसुइया उइके और नजमा हेपतुल्ला को राज्यपाल बनाया गया। आजादी के बाद जवाहर लाल नेहरू से लेकर डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में बनीं किसी भी सरकार में इतनी संख्या में महिलाओं को राज्यपाल नहीं बनाया गया था। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में अभूतपूर्व रूप से छह महिलाओं को मंत्री बनाया। आजादी के बाद किसी भी सरकार के कैबिनेट में छह महिला सदस्यों को मंत्री नहीं बनाया गया था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने सुषमा स्वराज, निर्मला सीतारमण, मेनका गांधी, स्मृति ईरानी, उमा भारती और हरसिमरत कौर बादल को कैबिनेट में शामिल किया था।

पीएम मोदी के ‘लोकल फॉर वोकल’ से प्रेरित हुईं महिलाएं, आत्मनिर्भर बनकर कर रही कमाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना ‘आत्मनिर्भर भारत’, ‘लोकल फॉर वोकल’ के साथ ‘मेक इन इंडिया’ साकार होता नजर आ रहा है। वैश्विक महामारी कोरोना से जारी जंग के बीच प्रदेश के युवा महिला उद्यमी द्वारा निर्मित वस्तुएं अब बाजार में ज्यादा बिकने लगी हैं, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर होकर परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और वोकल फार लोकल के आह्वान से प्रेरित होकर महिलाएं स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ जोड़ कर खुद को रोजगारमुखी कर रही हैं। वह अपने उत्पाद राज्य और केंद्र सरकार द्वारा लगने वाले मेलों में बिक्री के लिए लेकर आते हैं। महिलाओं ने बताया कुछ समय पहले तक वह घर में रहकर घूंघट की आड़ में अपना जीवन व्यतीत कर रही थी लेकिन बदलाव के इस दौर में महिलाओं ने घर में रहकर कई तरह के साबुन, कपड़े के थैले, जूतियां महिलाओं के सौंदर्य प्रसाधन, चूड़ी सहित अन्य घरेलू वस्तुएं बनाना शुरू किया। पहले वह अपना सामान गांव के आसपास ही बिक्री के लिए लेकर जाती थी लेकिन बदलते समय में वह अब शहरों में अपना हस्तनिर्मित घरेलू उत्पाद लेकर आती हैं और यहां बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हैं, जिसके चलते वह आज सम्मान की जिंदगी जी रही हैं। अपनी कला को निखारते हुए महिलाएं घर पर ही रचनात्मक वस्तुएं तैयार कर उसे बाजार में उतार रही हैं। बुलंद हौसलों को समेटे देश आत्मनिर्भरता से आत्मविश्वास की ओर कदम बढ़ा रहा है। यही वजह है की कई दूसरे घरों को भी आर्थिक रूप से मजबूत आधार मिल रहा है।

मोदी सरकार ने महिलाओं के लिए कई पहल और योजनाएं शुरू की हैं, जिनसे महिलाएं सशक्त और आत्मनिर्भर बन रही हैं…

मोदी सरकार ने जिन योजनाओं की शुरुआत की है, उससे आम लोगों खासकर महिलाओं के जीवन स्तर में भी सुधार आया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने सुधारवादी और परिवर्तनकारी कदमों के साथ ऐसी कई योजनाएं शुरू की हैं जो हर वर्ग और समाज के लिए लाभकारी है। खासकर किसानों, महिलाओं एवं गरीबों की तरक्की के लिए केंद्रित योजनाएं ग्रामीण भारत की तस्वीर बदलने वाली साबित हो रही है। ये योजनाएं गरीबों, वंचितों और आम लोगों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान में अहम भूमिका निभा रही हैं।

महिलाओं के संपूर्ण विकास पर जोर

“महिला, वो शक्ति है, सशक्त है, वो भारत की नारी है, न ज़्यादा में, न कम में, वो सब में बराबर की अधिकारी है।” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ये बातें 2017 के महिला दिवस के अवसर पर कही थी। उनका मानना है कि स्त्री शक्ति को सशक्त किए बिना किसी भी राष्ट्र-समाज का सम्पूर्ण विकास नहीं हो सकता है। मोदी सरकार ने पिछले चार सालों में हर स्तर पर महिलाओं के सम्पूर्ण विकास की ओर ध्यान दिया है। समाज में बराबरी दिलाने के साथ ही उन्हें सशक्त और सामर्थ्यवान करने के उपायों पर जोर दिया गया है। महिलाओं को समान अधिकार, आर्थिक अवसर, सामाजिक सहयोग, कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने विभिन्न योजनाएं और कार्यक्रम लागू किए हैं।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लाभार्थियों की संख्या एक करोड़ पार

मोदी सरकार की गर्भवती महिलाओं और स्‍तनपान कराने वाली माताओं के लिए योजना-प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना ( PMMVY) एक करोड़ से अधिक लाभार्थियों तक पहुंच गई है। इस योजना के तहत अभी तक कुल 4,000 करोड़ से अधिक की राशि दी जा चुकी है। पीएमवीवाई डायरेक्ट बेनिफिट योजना है। इसके तहत गर्भवती महिलाओं को नकद लाभ सीधे उनके बैंक खाते में भेजा जाता है ताकि वे पौष्‍टिकता आवश्‍यकताओं को बढ़ा सकें। यह योजना 01 जनवरी 2017 से लागू है। योजना के अंतर्गत उन गर्भवती महिलाओं और स्‍तनपान कराने वाली माताओं को तीन किस्‍तों में पांच हजार रुपए का नकद लाभ प्राप्‍त होता है, जिन्‍होंने प्रसव का प्रारंभिक पंजीकरण कराया है, प्रसुति जांच कराई है, बच्‍चे के जन्‍म का पंजीकरण कराया है और परिवार के पहले बच्‍चे के लिए टीकाकरण का पहला चक्र पूरा किया है। इसके साथ ही जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) के अन्‍तर्गत भी नकद प्रोत्‍साहन दिया जाता है। इस तरह औसत रूप में एक महिला को 6,000 रुपए मिलते हैं।

तीन तलाक की कुप्रथा से मुक्ति

प्रधानमंत्री मोदी आधी आबादी के हक की लड़ाई में हमेशा सबसे आगे रहे हैं। 2014 में जब पीएम मोदी ने पहली बार देश की बागडोर संभाली थी, तभी से महिला सशक्तिकरण, महिलाओं को समाज में सम्मान दिलाना, महिलाओं की आर्थिक उन्नति, महिलाओं की शिक्षा उनके एजेंडे की प्राथमिकता में रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के कारण देश के करोड़ों मुस्लिम महिलाओं को 1400 साल पुरानी तीन तलाक की कुप्रथा से मुक्ति मिली है। मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के दलदल से निकालने वाले बिल को लेकर हर बार राज्यसभा में हार का सामना करना पड़ता था, लेकिन पीएम मोदी ने कभी हार नहीं मानी। मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए पीएम मोदी हमेशा आगे रहे और इस बार आखिर उन्हें कामयाबी मिल ही गई। आज देशभर की करोड़ों मुस्लिम महिलाएं खुशी में झूम रही हैं, उन्हें तीन तलाक की बेड़ियों से आजादी मिल चुकी है।

हज के लिए ‘महरम’ की अनिवार्यता खत्म

पीएम मोदी के प्रयास से भारतीय मुस्लिम महिलाएं बिना ‘महरम’ के हज यात्रा पर जा सकती हैं। गौरतलब है कि आजादी के 70 वर्षों बाद प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर भारत की मुस्लिम महिलाओं को अकेले भी हज यात्रा पर जाने का हक मिला है।

51 हजार रुपये का ‘शादी शगुन’

केंद्र सरकार उन अल्पसंख्यक लड़कियों को 51,000 रूपये की राशि बतौर ‘शादी शगुन’ दे रही है जो स्नातक की पढ़ाई पूरी करेंगी। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की अधीनस्थ संस्था ‘मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन’ (एमएईएफ) ने मुस्लिम लड़कियों की मदद के लिए यह कदम उठाने का फैसला किया।

10वीं, 12वीं की लड़कियों को स्कॉलरशिप

नौंवी और 10वीं कक्षा में पढ़ाई करने वाली मुस्लिम बच्चियों को 10 हजार रुपये की राशि प्रदान की जा रही है। पहले 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ाई करने वाली मुस्लिम लड़कियों को 12 हजार रुपये की छात्रवृत्ति मिल रही थी। यह योजना केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की अधीनस्थ संस्था मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन के तहत शुरू की गई।

उड़ान योजनाः बालिका शिक्षा की योजनाएं

उड़ान (UDAAN) योजना बालिका शिक्षा के प्रति समर्पित है, ताकि छात्राओं के प्रवेश को बढ़ावा दिया जा सके। इसका मकसद पूर्वोत्तर राज्यों के चुनिंदा स्कूली विद्यार्थियों और इंजीनियरिंग छात्रों को उनकी छुट्टियों के दौरान आईआईटी,एनआईटी और आईआईएसईआर से जोड़ना है। यूएसटीटीएडी ने परंपरागत कला और शिल्पकारी में कौशल और प्रशिक्षण को बेहतर बनाने की मंजूरी दी है। इस योजना का उद्देश्य परंपरागत कारीगरों की क्षमता को बढ़ाना, परंपरागत कला और शिल्प का मानकीकरण, उनका दस्तावेजीकरण और उन्हें बाजार से जोड़ना है। प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी पोर्टल से सरकारी छात्रवृत्ति व बैंकों द्वारा दिए जाने वाले शिक्षा ऋण के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त होती है। इससे छात्राओं को विशेष लाभ मिला है।

महिला हेल्पलाइन

यह योजना हिंसा की शिकार महिलाओं के लिए 24 घंटे तत्काल और आपातकालीन सहायता प्रदान करने के लिए है। ये योजना विशेष रूप से परिवार, समुदाय, कार्यस्थल निजी और सार्वजनिक दोनों स्थानों पर हिंसा की शिकार सभी महिलाओं के लिए है।

मोबाइल फोन में पैनिक बटन और जीपीएस

केंद्र सरकार की ओर से सभी फीचर और स्मार्ट मोबाइल फोन में पैनिक बटन की सुविधा सुनिश्चित की गई है। मोबाइल फोन में 5 और 9 नंबर का बटन इसके लिए निर्धारित है, स्मार्ट फोन में ऑन-ऑफ बटन को तीन बार हल्के से प्रेस करना होता है। सरकार ने यह तय कर दिया है कि 1 जनवरी 2018 से सभी मोबाइल फोन में जीपीएस की सुविधा देना अनिवार्य होगा। पैनिक बटन सीधे 112 नंबर से जुड़कर सहायता उपलब्ध कराएगा।

कामकाजी महिला छात्रावास

कामकाजी महिलाओं को जरूरी सहयोग मुहैया करने के लिए कामकाजी महिलाओं के होस्टेल खोले जा रहे हैं। इन होस्टल में 19 हजार से ज्यादा महिलाएं रह सकेंगी। इसके अलावा कई और सुधार गृह भी बनाए जा रहे हैं। इन सुधार गृहों में 26000 लाभार्थ‍िंयों को फायदा मिलेगा।

वन स्टॉप सेंटर

हिंसा की श‍िकार हुई महिलाओं के लिए ‘वन स्टॉप सेंटर्स’ भी खोले जा रहे हैं। 150 से भी ज्यादा जिलों में इनकी स्थापना किया जाना है। इन केंद्रों को महिला हेल्पलाइन के साथ जोड़ा जाएगा और ये 24 घंटे आपातकालीन सेवा मुहैया कराएंगे। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की तरफ से महिला पुलिस स्वयंसेवियों की भागीदारी बढ़ाई जाएगी।

महिलाओं के लिए पुलिस फ़ोर्स में 33% आरक्षण

महिला सशक्तिकरण की दिशा में पुलिस भर्ती में महिलाओं को 33% आरक्षण देने का एक बड़ा निर्णय किया गया है। यह राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में अभी से ही अलग-अलग स्तर पर पुलिस बालों में महला आरक्षण लागू कर दिया गया है।

नारी शक्ति पुरस्कार

विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए महिलाओं और संस्थाओं को सम्मानित किया जाता है। सम्मानित की जाने वाली महिलाएं समाज सुधार, विज्ञान, बिजनेस, खेल, मनोरंजन और कला जगत जैसे अलग-अलग क्षेत्रों से संबंध रखती हैं।

ऑनलाइन शिकायत की सुविधा- She Box

कार्यस्थल पर महिला कर्मचारियों के यौन उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने और ऐसी महिलाओं की मदद के लिए ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने की सुविधा प्रदान की गई है। अब चाहे सरकारी क्षेत्र की महिला कर्मचारी हों या निजी क्षेत्र की, वह बिना की डर के ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकती हैं।

एसिड अटैक की पीड़िताओं को दिव्यांगों जैसी मदद

देश में एसिड अटैक से पीड़ित महिलाओं के लिए कोई योजना नहीं थी, पहले की किसी भी सरकार ने इसके बारे में नहीं सोचा। मोदी सरकार ने एसिट अटैक से पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए The Rights of Persons with Disabilities Act, 2016 में परिवर्तन कर एसिड अटैक को दिव्यांगता की श्रेणी में शामिल किया है। अब एसिड अटैक से पीड़ित महिलाएं को दिव्यांगों को मिलने वाली आर्थिक और दूसरी मदद जी जा सकती है।

मृत्यु प्रमाणपत्र में विधवा का नाम दर्ज करना जरूरी

पति की मृत्यु होने पर पत्नी का नाम विधवा के रूप में मृत्यु प्रमाण पत्र पर लिखना अनिवार्य कर दिया गया है। देखने में यह बहुत छोटी सी बात लगती है, लेकिन महिलाओं को अपने अधिकार पाने के लिए इससे बहुत मदद मिलेगी। अक्सर देखा जाता है कि पति की मृत्यु होने के बाद महिलाओं को अपने अधिकार पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता था, इस बदलाव के बाद महिलाओं को मदद मिलेगी।

स्वाधार गृह

समाजिक और आर्थिक सहयोग नहीं मिलने से परेशानी में रहने वाली महिलाओं को आश्रय, भोजन, कपड़ा, चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए देश भर में स्वाधार गृह स्थापित किए गए हैं। उत्तर प्रदेश के वृंदावन में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की तरफ से एक Widow Home का निर्माण कराया गया है, जिसकी क्षमता एक हजार महिलाओं को आश्रय देने की है।

महिलाओं के लिए पासपोर्ट नियमों में बदलाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोकस हमेशा महिलाओं को दैनिक जीवन में आने वाली दिक्कतों को दूर करने और उन्हें आत्मसम्मान के साथ जीने का अवसर प्रदान करने पर रहा है। पिछले वर्ष मोदी सरकार ने महिलाओं पासपोर्ट में शादी के पूर्व का उपनाम रखने की छूट प्रदान की। यानी अब महिलाओं को शादी के बाद पासपोर्ट में अपना सरनेम नहीं बदलना पड़ता है। इसके साथ ही एकल महिलाओं के लिए भी पासपोर्ट के नियम में बदलाव किया गया है। अब पासपोर्ट फार्म में या तो मां या फिर पिता का नाम लिखना जरूरी है। इसके साथ ही पासपोर्ट आवेदन के समय मैरिज सर्टिफिकेट या फिर तलाक का प्रमाण देने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। इससे महिलाओं को सम्मानजनक पहचान मिली है।

महिला जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण

इस कार्यक्रम का उद्देश्य पंचायतों की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की क्षमता, शासन संचालन और उनका कौशल बढ़ाना है, ताकि वो गांवों का प्रशासन बेहतर तरीके से चला सकें। पंचायती संस्थाओं में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को कई बार काम में मुश्किलें पेश आती हैं। इसलिए महिला सरपंचों तथा निचले स्तर पर महिला प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करने के लिए देशव्यापी कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इसका सीधा लाभ शासन-प्रशासन में महिलाओं की भागीदारी के रूप में मिल रहा है।

‘नारी’ से मिलेगी महिलाओं को शक्ति

महिलाओं को सशक्त बनाने की ऐतिहासिक पहल के तहत एक ऑनलाइन पोर्टल ‘नारी’ का शुभारंभ किया गया। इस पोर्टल को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने विकसित किया है। इस पोर्टल के माध्यम से महिलाएं सरकारी योजनाओं और पहलों की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगी।

केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाएं अब एक पोर्टल पर

महिलाओं को समान अधिकार, आर्थिक अवसर, सामाजिक सहयोग, कानूनी सहायता, आवास आदि उपलब्ध कराने के लिए केंद्र तथा राज्य सरकारों ने विभिन्न योजनाएं लागू की हैं, परंतु इनके प्रति जागरूकता का अभाव है। महिला केंद्रित योजनाओं की जानकारी विभिन्न वेबसाइट पर बिखरी हुई हैं। इन सारी सूचनाओं को एक स्थान पर सुलभ कराने के उद्देश्य से ‘नारी’ पोर्टल में महिलाओं के कल्याण के लिए 350 सरकारी योजनाओं से संबंधित व अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराई गई हैं। पोर्टल में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के लिए महत्वपूर्ण लिंक दिए गए हैं। ‘नारी’ पोर्टल में महिलाओं के जीवन से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर जानकारी उपलब्ध कराई गई है। पोषण, स्वास्थ्य जांच, बीमारी, नौकरी, साक्षात्कार, निवेश और बचत सलाह, महिलाओं के खिलाफ अपराध, कानूनी सहायता उपलब्ध कराने वालों के नम्बर, गोद लेने की सरल प्रक्रिया आदि विषयों पर टिप्स दिए गए हैं। यह पोर्टल महिलाओं को जानकारियों की शक्ति प्रदान करेगा। मंत्रालय से एनजीओ और सिविल सोसायटी के संवाद के लिए एक ई-संवाद पोर्टल भी विकसित किया गया है।

प्रधानमंत्री उज्जवला योजनाः 9 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन वितरित

“स्वच्छ ईंधन, बेहतर जीवन” के नारे के साथ मोदी सरकार ने 1 मई 2016 को प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की शुरूआत की। यह योजना एक धुआंरहित ग्रामीण भारत की परिकल्पना के साथ शुरू की गई, विशेषकर गरीबी रेखा से नीचे रह रही महिलाओं को रियायती एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था। इसके तहत गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करने वाले परिवारों को 9 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन वितरित किए जा चुके हैं। इस योजना से एलपीजी के उपयोग में वृद्धि होगी और स्वास्थ्य संबंधी विकार, वायु प्रदूषण एवं वनों की कटाई को कम करने में मदद मिलेगी। इससे सबसे बड़ा फायदा उन गरीब माताओं-बहनों को हुआ, जो धुएं में खाना बनाने को मजबूर थीं।

आयुष्मान भारतः 50 करोड़ से अधिक लोगों को 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा

23 सितंबर 2018 को लॉन्च की गई यह स्वास्थ्य बीमा योजना है। इससे सीधे तौर पर गरीबों को लाभ हो रहा है। कैंसर और हार्ट संबंधी बीमारियों में भी 50 करोड़ भारतीयों को सालाना 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मिल रहा है। इस योजना के तहत उन लोगों को लाभ मिलेगा जो वर्तमान में किसी भी सरकारी या निजी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत कवर नहीं हैं। इस तरह भारत दुनिया की पहली व्यापक स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू करने की दिशा में बढ़ रहा है। वर्तमान में 50 करोड़ से अधिक लोग (10.74 करोड़ परिवार) पहले से ही आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) के तहत कवर्ड हैं। यह योजना हर परिवार को 5 लाख रुपये का मुफ्त वार्षिक स्वास्थ्य कवर प्रदान करती है।

दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनाः 18,452 गांवों में बिजली पहुंची

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2015 को लाल किले की प्राचीर से 1,000 दिनों के अंदर अंधेरे में डूबे 18,452 गांवों में बिजली पहुंचाने की घोषणा की थी। आजादी के इतने वर्षों बाद भी देश के सैकड़ों घरों में बिजली नहीं पहुंची थी, जिसे पहुंचाने के लिए दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना शुरू की गई। तय समय से 12 दिन पहले 28 अप्रैल 2018 को यह संकल्प पूरा हुआ और देश के सभी गांव बिजली से रोशन हुए। सरकार ने इस योजना के लिए 75,893 करोड़ रुपये का आवंटन किया। इस लक्ष्य को पूरा करने में कई कठिनाइयां भी आई क्योंकि कई गांव दुर्गम इलाके में थे जहां बिजली के उपकरण पहुंचाना ही काफी कठिन था। यहां तक कि कई जगह बिजली विभाग के कर्मचारियों को सिर एवं कंधे पर बिजली उपकरण उठाकर ले जाना पड़ा और इसे इसे मिशन मोड में पूरा किया गया। मोदी सरकार ने सुदूर गांवों में हर घर बिजली पहुंचाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। इससे पीएम मोदी की छवि गरीबों और वंचित लोगों के लिए सोचने वाले के तौर पर बनी।

पीएम किसान सम्मान निधि योजनाः 12.53 करोड़ किसान रजिस्टर्ड

1 दिसम्बर 2018 से लागू यह योजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का किसानों पर खास ध्‍यान है। छोटे और सीमांत किसान परिवारों (जिनके पास 2 हेक्टेयर तक जमीन होगी) को इस योजना का लाभ मिलेगा। पीएम किसान योजना के तहत हर वित्त वर्ष में मोदी सरकार किसानों को 6000 रुपये देती है जो उनके खाते में 2000-2000 की तीन किस्तों में भेजा जाता है। इसके तहत हर साल की पहली किस्त एक अप्रैल से 31 जुलाई तक आती है, वहीं दूसरी किस्त एक अगस्त से 30 नवंबर और तीसरी किस्त एक दिसंबर से 31 मार्च के बीच किसानों के खाते में भेजी जाती है। किसान सम्मान निधि के तहत मार्च 2022 तक 11.3 करोड़ किसानों के खाते में 1.82 लाख करोड़ रुपये सीधे हस्तांतरित किये जा चुके हैं। पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत लगभग 12.53 करोड़ किसान रजिस्टर्ड हैं। पीएम किसान सम्मान निधि योजना से जुड़ी अगर कोई दिक्कत है तो आपके पास हेल्पलाइन नंबर्स पर बात करके भी इसका समाधान लेने की सुविधा है। पीएम मोदी ने कहा है कि ‘‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि” और कृषि क्षेत्र से जुड़ी अन्य योजनाएं देश के करोड़ों किसानों को ताकत दे रही हैं। देश का किसान जितना सशक्त होगा, नया भारत उतना ही समृद्ध नजर आएगा।

स्वच्छ भारत मिशनः 10 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण

सार्वभौमिक स्वच्छता के प्रयासों में तेजी लाने और स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित करने हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन का आरंभ किया था। मिशन के तहत, भारत में सभी गांवों, ग्राम पंचायतों, जिलों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने ग्रामीण भारत में 10 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण करके 2 अक्टूबर 2019, महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती तक स्वयं को “खुले में शौच से मुक्त” (ओडीएफ) घोषित किया। इसका आशय यह है कि गांव के हर परिवार की शौचालय तक पहुंच हो गई है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि खुले में शौच न करने की प्रथा स्थायी रहे, यह मिशन अब अगले चरण यानी ओडीएफ-प्लस की ओर अग्रसर है। दुनिया में अपनी तरह के इस सबसे बड़े अभियान के तहत 50 करोड़ परिवारों को लाभ हुआ। इस योजना से माताओं और बहनों का खुले में शौच के लिए जाना बंद हुआ और उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ। इस योजना के तहत पूरे देश में सफाई के लिए विशेष कार्य किए गए हैं, जिसमें शौचालय निर्माण से लेकर कचरा निस्तारण भी शामिल है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के दूसरे चरण के तहत ओडीएफ प्लस गतिविधियां ओडीएफ व्यवहार को सुदृढ़ करेंगी और गांवों में ठोस एवं तरल कचरे के सुरक्षित प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करेंगी। स्वच्छ भारत मिशन के ताजा आंकड़े के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्रों में 16 करोड़ परिवारों के लिए शौचाालय तैयार किए गए हैं। अगर एक परिवार में सदस्यों की संख्या पांच मानी जाए तो इस हिसाब से लगभग 84 करोड़ लोग इन शौचाालयों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजनाः 23 करोड़ महिलाएं लोन लेकर एंटरप्रेन्योर बनीं, लाभार्थियों में 68 फीसदी महिलाएं

मुद्रा योजना की शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 अप्रैल 2015 को की थी। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) एक गैर-कार्पोरेट, गैर-कृषि, लघु उद्यमों को 10 लाख तक की ऋण प्रदान करने के लिए शुरू की गई योजना है। महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे विभिन्न प्रयास और स्पष्ट नीतियों के तहत तकनीक और व्यवसाय की ओर प्रोत्साहित कर इन्हे आर्थिक रूप से सुदृढ़ किया जा रहा है। विशेषकर कृषि उद्योगों, बैंकिंग सेवाओं और डिजिटलीकरण की सहायता से महिलाओं के सामाजिक और वित्तीय सशक्तिकरण की शुरुआत की जा रही है। इस विकास की कड़ी में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री मुद्रा योजना क अहम रोल है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के लाभार्थियों में सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं की है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अनुसार मार्च 2022 तक मुद्रा योजना के लाभार्थियों में 68 फीसदी महिलाएं शामिल हैं। इस योजना के तहत 23 करोड़ महिला एंटरप्रेन्योर को लोन दिया गया है। इसके साथ ही देश में महिला एंटरप्रेन्योर को 500 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इस योजना के तहत केंद्र की मोदी सरकार लोगों को खुद का व्यवसाय खोलने के लिए लोन देती है। इससे देश के लोगों को आत्मनिर्भर बनने का मौका मिलेगा। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी (MUDRA) लोन स्कीम भारत सरकार की एक पहल है जो व्यक्तियों, SME और MSME को लोन प्रदान करती है। MUDRA के तहत 3 लोन योजनाएं ऑफर की जाती हैं जिनका नाम शिशु, किशोर और तरुण है। मुद्रा लोन योजना के तहत अधिकतम 10 लाख रुपए तक की लोन राशि प्रदान की जाती है। मुद्रा लोन लेने के लिए आवेदक को बैंकों या लोन संस्थानों को कोई सिक्योरिटी जमा कराने की ज़रूरत नहीं होती है। इस लोन का भुगतान 5 साल तक किया जा सकता है। देशभर में पिछले 8 सालों में सरकार ने कुल 8 लाख करोड़ का लोन मुद्रा योजना के तहत बांटा है। इससे कई एंटरप्रेन्योर (Entrepreneur) को अपना कारोबार शुरू करने में मदद मिली है।

पीएम अटल पेंशन योजनाः इस स्कीम से जुड़ी हैं 43 प्रतिशत महिलाएं

‘अटल पेंशन योजना’ की शुरुआत 9 मई, 2015 को हुई थी। इस योजना को पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा संचालित किया जाता है। अटल पेंशन स्कीम (Atal Pension Scheme) एक ऐसी सरकारी योजना है जिसमें आपके द्वारा किए गए निवेश आपकी उम्र पर निर्भर करती है। PFRDA के अनुसार इस योजना से अब तक 2.23 करोड़ लोग जुड़े हैं और इस स्कीम से जुड़ने वालों में पुरुषों और महिलाओं का अनुपात 57:43 का है। इस योजना के तहत आपको कम से कम 1,000 रुपये, 2000 रुपये, 3000 रुपये, 4000 रुपये और अधिकतम 5,000 रुपये मासिक पेंशन मिल सकती है। ये एक सुरक्षित निवेश है। अटल पेंशन योजना के तहत अंशधारकों की संख्या चार जून, 2022 तक बढ़कर 3.73 करोड़ हो गई है। किसी भी बैंक में जाकर अकाउंट ओपन करवाया जा सकता है।

प्रधानमंत्री आवास योजनाः 2 करोड़ घर लोगों को आवंटित

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की शुरुआत एक अप्रैल 2016 को हुई थी। इस योजना की लाभार्थी बड़ी संख्या में महिलाएं भी हैं। इस स्कीम के तहत 2024 तक सभी मूलभूत सुविधाओं के साथ 2.95 करोड़ घर उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है। 21 फरवरी, 2022 तक, 2.62 करोड़ घरों के आवंटित कुल लक्ष्य के मुकाबले कुल 1.73 करोड़ घरों का निर्माण पूरा किया जा चुका था। सभी का सपना होता है कि उनका अपना घर हो। देश के नागरिकों के इसी सपने को पूरा करने के लिए पीएम मोदी की पहल पर केंद्र सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awaas Yoajana) चला रही है। इस योजना के तहत सरकार उन लोगों को घर बनाने के लिए राशि प्रदान करती है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। देश के लाखों लोग अब तक पीएम आवास योजना का लाभ उठा चुके हैं। इस स्कीम के तहत मैदानी इलाकों में घर बनाने के लिए एक लाख 20 हजार रुपये और पहाड़ी इलाके के लिए एक लाख 30 हजार रुपये की राशि सरकार की ओर से दी जाती है।

प्रधानमंत्री जन-धन योजनाः योजना के तहत 31.31 करोड़ लोगों को फायदा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में जन-धन योजना की घोषणा स्वतंत्रता दिवस के मौके पर की थी। इस योजना का मकसद देश के हर नागरिक को बैंकिंग सुविधा से जोड़ना है और इस योजना के तहत 31.31 करोड़ लोगों को फायदा मिल चुका है। आर्थिक जगत के क्षेत्र में ये दुनिया की सबसे बड़ी योजना है। इसने एक सप्ताह में सबसे अधिक 1,80,96,130 बैंक खाते खोलने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया। प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत अब तक 40.35 करोड़ से अधिक खाते खोले जा चुके हैं जिनमें 1.31 लाख करोड़ रुपये जमा हुए हैं। इस योजना के तहत खोले गए कुल खातों में से 63.6 फीसदी ग्रामीण इलाकों में खोले गए हैं और 55.2 फीसदी खाताधारक महिलाएं हैं। इस योजना के ज़रिये बैंकिंग, बचत, जमा खाता, प्रेषण, ऋण, बीमा, पेंशन इत्यादि वित्तीय सेवाओं को प्रभावी ढंग से सभी तक पहुंचाना है। देश में आज भी बहुत से लोग ऐसे हैं जो अपना बैंक अकाउंट नहीं खुलवा पाते हैं और बैंक द्वारा दी जा रही बैंकिंग सुविधा से अवगत नहीं हैं। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार की गरीब परिवारों के लिए एक बहुत ही अच्छी योजना है। इसके तहत देश के आर्थिक रूप से गरीब लोग, पिछड़े वर्ग के लोगों को जीरो बैलेंस पर बैंक में खाता खोलने की सुविधा उपलब्ध कराना एवं बैंक की सुविधाओं से जोड़ना है।

जल जीवन मिशनः देश के 51 प्रतिशत ग्रामीण घरों में पहुंचा नल से जल, महिलाओं को सिर पर पानी ढोने से मिली मुक्ति

वर्ष 2024 तक देश के हर घर तक नल से स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना को साकार करने के लिए तीन साल से भी कम अवधि तथा कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन की दिक्कतों के बावजूद जल जीवन मिशन ने 6.44 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों तक नल से जल उपलब्ध करा दिया है। परिणामस्वरूप आज देश के करीब 10 करोड़ ग्रामीण घरों को नल से साफ पानी की आपूर्ति का लाभ मिल रहा है और इसके तहत अब तक 1.51 लाख गांवों में हर घर में नल से जल पहुंच चुका है। यही नहीं पीएम मोदी की दूरदर्शिता से ग्रामीण महिलाओं को सिर पर पानी ढोने से भी मुक्ति मिली है। जनता और खासतौर से महिलाओं तथा ग्रामीण समुदायों की सक्रिय भागीदारी की बदौलत, जल जीवन मिशन एक जन आंदोलन बन गया है। दीर्घकालीन पेयजल सुरक्षा, स्थानीय समुदाय और ग्राम पंचायतें एक साथ मिलकर यह काम कर रही हैं तथा वे सब मिलकर गांवों में जलापूर्ति प्रणालियों, अपने जल स्रोतों और इस्तेमालशुदा पानी के प्रबंधन की जिम्मेदारी निभा रही हैं। वर्ष 2024 तक हर ग्रामीण घर तक नल से जल पहुंचाने की मोदी सरकार की प्रतिबद्धता पूरी करने की दिशा में जल जीवन मिशन तेजी से काम कर रहा है। 15 अगस्त, 2019 को मिशन की घोषणा होने के वक्त भारत में 19.27 करोड़ ग्रामीण घरों में से केवल 3.23 करोड़ (17 प्रतिशत) घरों में ही पानी का कनेक्शन था। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ की प्रधानमंत्री की परिकल्पना के तहत छोटी सी अवधि में ही 98 जिले, 1,129 प्रखंड, 66,067 ग्राम पंचायतें और 1,36,135 गांव ‘हर घर जल’ के दायरे में आ चुके हैं। गोवा, हरियाणा, तेलंगाना, अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह, पुदुच्चेरी, दादर एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव में हर ग्रामीण घर में नल से जलापूर्ति हो रही है। पंजाब (99 प्रतिशत), हिमाचल प्रदेश (92.4 प्रतिशत), गुजरात (92 प्रतिशत) और बिहार (90 प्रतिशत) जैसे कई अन्य राज्य भी 2022 में ‘हर घर जल’ के लक्ष्य को पूरा करने के करीब हैं।

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियानः गर्भवती महिलाओं की मुफ्त स्वास्थ्य जांच

यह योजना तीन से छह महीने की गर्भवती महिलाओं के लिए है। इस के तहत हर महीने की 9 तारीख को गर्भवती महिलाओं की मुफ्त स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था की गई है। इस जांच में गर्भ में पल रहे शिशु की जांच भी शामिल है। इसे देश के सभी 650 जिलों में लागू कर दिया गया है जिसमें नकद राशि 4000 से बढ़ाकर 6000 रुपयों तक कर दी गई है।

मातृत्व अवकाशः 12 सप्ताह से बढ़ा कर 26 सप्ताह किया

वर्तमान सरकार ने नया मातृत्व लाभ संशोधित कानून एक अप्रैल 2017 से लागू कर दिया है। संशोधित कानून के तहत सरकार ने कामकाजी महिलाओं के लिए वैतनिक मातृत्व अवकाश की अवधि 12 सप्ताह से बढ़ा कर 26 सप्ताह कर दी है। इसके तहत 50 या उससे ज्यादा कर्मचारियों वाले संस्थान में एक तय दूरी पर क्रेच सुविधा मुहैया कराना अनिवार्य है। महिलाओं को मातृत्व अवकाश के समय घर से भी काम करने की छूट है। मातृत्‍व लाभ कार्यक्रम के 1 जनवरी 2017 से लागू है। योजना के अंतर्गत गर्भवती और स्‍तनपान कराने वाली माताओं को पहले दो जीवित शिशुओं के जन्‍म के लिए तीन किस्‍तों में 6000 रुपये का नकद प्रोत्‍साहन दिया जाता है।

महिला शक्ति केंद्रः 3 लाख से ज्यादा स्वयंसेवी स्कीम से जुड़े

महिला शक्ति केंद्र अलग-अलग स्तर पर काम कर रही है। इसके तहत केंद्रीय स्तर पर नॉलेज सपोर्ट और राज्य स्तर पर महिलाओं को संसाधन सहयोग मुहैया किया जा रहा है। इसके तहत राज्य सरकार, जिले और ब्लॉक स्तर पर भी महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर महिला शक्ति केंद्र को सहयोग दिए जाने का प्रावधान है। महिला शक्ति केंद्र को दूरदूराज के इलाकों में बढ़ावा देने के लिए छात्रों को भी इससे जोड़ा जा रहा है। 3 लाख से भी ज्यादा स्वयंसेवी छात्रों को इस स्कीम से जोड़ा गया है। महिला शक्ति केंद्र और महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर जागरूकता फैलाने वाले छात्रों को समाज सेवा के लिए प्रमाणपत्र भी दिए जाने की व्यवस्था की गई है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना: कन्या लिंगानुपात में सुधार

वर्ष 2011 की जनगणना में कन्या लिंगानुपात में कमी को ध्यान में रखते हुए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 जनवरी 2015 को की गई थी। केंद्र सरकार का उद्देश्य इस योजना द्वारा बेटियों के प्रति समाज में होने वाले नकारात्मक रवैये के प्रति जागरूकता फैलाना और विभिन्न योजनाओं के जरिए उनका कल्याण करना है। इसके अलावा बच्चियों को पढ़ाई के लिए प्रेरित कर महिला सशक्तिकरण की ओर अग्रसर करना भी इस योजना का मकसद है। यह योजना उन महिलाओं की काफी मदद करती है, जो घरेलू या किसी भी तरह की हिंसा से पीड़ित हैं। इसमें महिलाओं को यह सुविधा दी गई है कि मदद के समय वे कभी भी पुलिस, कानून और चिकित्सा जैसी सुविधाएं ले सकती हैं। इसके लिए महिलाओं को टोल फ्री नंबर 181 पर फोन करना होगा। जिसके बाद उन्हें सभी तरह की मदद प्रदान कराई जाएगी।

सुकन्या समृद्धि योजनाः बेटियों के सुरक्षित भविष्य के लिए 

मोदी सरकार की तरफ से लागू इस योजना की शुरुआत देश के साथ उत्तर प्रदेश में 22 जनवरी 2015 को की गई थी। यह स्कीम 10 साल से कम उम्र की बच्चियों को उच्च शिक्षा देने और उनका भविष्य सुरक्षित करने के लिए शुरू की गई थी। भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही सुकन्या समृद्धि योजना एक खास तरह की स्कीम है और इसका उद्देश्य देश में बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करना है। देश में बड़े पैमाने पर अभिभावक अपनी बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए इस स्कीम में निवेश करना पसंद करते हैं। सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के लिए चलाया जा रहा एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान है। वर्तमान समय में इस स्कीम में निवेश किए गए पैसों पर आपको सालाना 7.6 प्रतिशत का रिटर्न मिलता है। वहीं सुकन्या समृद्धि योजना में कई बड़े बदलाव हो रहे हैं। नियमों में हुए बदलाव के अंतर्गत खाते में गलत ब्याज डलने पर उसको पलटने के प्रावधान को हटाया गया है। इससे पहले नियम था कि बेटी 10 साल में ही खाते को ऑपरेट कर सकती थी। वहीं बदले गए नियमों के आधार पर बेटी 18 साल की होने से पहले खाते को ऑपरेट नहीं कर सकेगी। बेटी के 18 साल होने से पहले अभिभावक ही उसके सुकन्या समृद्धि योजना में खाते को ऑपरेट कर सकेंगे। सुकन्या समृद्धि योजना के खाते में हर साल 250 रुपये जमा करना जरूरी है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो इस स्थिति में आपके खाते को डिफॉल्ट माना जाता है। आप बैंक और पोस्ट ऑफिस की किसी भी ब्रांच में जाकर अपनी 10 साल तक की बेटी के लिए खाता खुलवाकर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

फ्री सिलाई मशीन योजनाः महिलाएं बन रही आत्मनिर्भर

फ्री सिलाई मशीन योजना का शुभारंभ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश की महिलाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए किया गया है। देश की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने और उनके इरादों को मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने मुफ्त सिलाई मशीन योजना चलाई है जिसके तहत महिलाओं को मुफ्त सिलाई मशीन दी जा रही है। सरकार का यह प्रयास है कि देश की महिलाओं को सशक्त बनाया जाए। प्रधानमंत्री ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुफ्त सिलाई मशीन परियोजना शुरू की है। जिन महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई के काम में रुचि है और इसको अपना प्रोफेशन बनाना चाहती हैं। उनके लिए यह योजना काफी फायदेमंद है। इस फ्री सिलाई मशीन योजना से महिलाएं सिलाई मशीन प्राप्त करके घर बैठे अपना काम शुरू कर सकती हैं और अच्छी आमदनी अर्जित कर सकती हैं। इस योजना का लाभ ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रो की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाएं उठा सकती हैं। 20 साल से 40 साल तक की महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकती हैं। मोदी सरकार की तरफ से उत्तर प्रदेश में भी 50 हजार से ज्यादा महिलाओं को फ्री में सिलाई मशीनें दी जा रही हैं।

अमर चित्रकथाएं याद दिलाएंगी गुमनाम बलिदानियों एवं वीरांगानाओं की शौर्य गाथाएं

हमारा देश बलिदानियों का रहा है और इन बलिदानियों में नाम सिर्फ पुरूषों का ही नहीं बल्कि महिलाओं एवं आदिवासियों का भी अग्रणी रहा है। महिलाओं ने भी अपने देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था। इसी तरह आदिवासियों की भी आजादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हालांकि इन महिला बलिदानियों एवं आदिवासी समुदाय के बलिदानियों के इतिहास को लंबे समय तक संजोने का प्रयास नहीं किया गया था। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर आजादी के अमृत काल में इन बलिदानियों के इतिहास को रोचक तरीके से संजोया जा रहा है। इसी कड़ी में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा गुमनाम महिला स्वतंत्रता सेनानियों एवं आदिवासी सेनानियों के बलिदान की कहानियों को अमर चित्रकथा के साथ मिलकर सचित्र पुस्तक के रूप में प्रकाशित कर जारी किया गया है। इसमें उन रानियों की कहानियां हैं जिन्होंने साम्राज्यवादी शासन के खिलाफ संघर्ष में साम्राज्यवादी शक्तियों से संघर्ष किया और जिन महिलाओं ने मातृभूमि के लिए अपना जीवन समर्पित किया और यहां तक कि बलिदान करने से पीछे नहीं हटीं। इसी तरह गुमनाम जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों पर सचित्र पुस्तक का प्रकाशन किया गया है। इस कॉमिक में 20 स्वतंत्रता सेनानी महिलाओं की कहानियां हैं। जिनमें रानी अब्बक्का, वेलु नाचियार, झलकारी बाई, मतंगिनी हजरा, गुलाब कौर, चकल्ली इल्लम्मा, पद्मजा नायडू, बिशनी देवी शाह, सुभद्रा कुमारी चौहान, दुर्गावती देवी, सुचेता कृपलानी, अक्कमा चेरियन, अरूणा आसफ अली, दुर्गाबाई देशमुख, रानी गायडीन्लीयु, ऊषा मेहता, पार्वती गिरी, तारकेश्वरी सिन्हा, स्नेहलता वर्मा व तिलेश्वरी बरूआ शामिल हैं।

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