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राजस्थान में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीद में घोटाला, 35-40 हजार वाले कंसंट्रेटर 1 लाख रुपये में खरीदे गए, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने राहुल को घेरा

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कांग्रेस के इतिहास के पन्ने पलटा जाए तो अंत में निष्कर्ष निकलेगा कि कांग्रेस और भ्रष्टाचार एक-दूसरे के पर्यायवाची शब्द है। अगर कांग्रेसी घोटाला नहीं करे तो उनका जीवित रहना मुश्किल है। जिस तरह मछली पानी से अलग होकर छटपटाने लगती है, उसी तरह कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार सत्ता और घोटाला करने से वंचित होने पर बेचैन हो उठता है। राजस्थान इसका एक और प्रमाण है। जहां कांग्रेस की गहलोत सरकार ने दूसरी लहर के दौरान आनन-फानन में 20 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे, जिसमें बड़ा घोटाला सामने आया है।

दरअसल राज्य की गहलोत सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दलालों के माध्यम से निजी कंपनियों से 20 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदा। लेकिन हैरानी की बात यह है कि 35-40 हजार रुपये वाले कंसंट्रेटर को एक लाख रुपये में खरीदा गया। इसमें एक और हैरान करने वाली बात है कि ज्यादातर कंसंट्रेटर 2 मई को कोरोना पीक गुजरने के महीने भर बाद खरीदे गए। अब ये अस्पतालों में कबाड़ में पड़े हुए हैं।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 11 जिलों के 65 स्वास्थ्य केंद्रों पर  1300 से ज्यादा कंसंट्रेटर के बारे में जानकारी हासिल की गई। कीमतों की पड़ताल के लिए कंसंट्रेटर सप्लाई करने वाली कंपनियों से भी बात की गई। जो कंसंट्रेटर एक लाख रुपये में खरीदे गए थे, वे कंसंट्रेटर कंपनियां 35-40 हजार रुपये में देने को तैयार थी।

भास्कर टीम ने विधायक कोष से खरीदे गए 948 कंसंट्रेटर की भी पड़ताल की, इसमें औसतन कीमत 1.06 लाख रुपये बताई गई। ग्रामीण विकास व पंचायतराज विभाग की वेबसाइट के अनुसार भीलवाड़ा, राजसमंद, कोटा, नागौर, झुंझुनूं, अलवर, बारां और चित्तौड़ के कई विस क्षेत्रों में कंसंट्रेटर एक लाख से सवा लाख रुपये तक में खरीदे गए। भ्रष्टाचार और अनियमितता का आलम यह था कि कंसंट्रेटर खरीदते समय यह भी ख्याल नहीं रखा कि जिन कंपनियों से वो कंसंट्रेटर खरीद रहे हैं उनका पहले घोटालों में नाम आ चुका है। 5 साल पहले हुए एनएचएम घोटाले में कमिशन बांटने वाले व्यक्ति की फर्म के माध्यम से कंसंट्रेटर खरीदे गए हैं।

सरकार का तर्क है कि ये कंसंट्रेटर संकट के वक्त खरीदे गए। लेकिन इनकी सप्लाई दूसरी लहर लगभग खत्म होने के बाद की गई। यहां तक कि कई विधायकों ने विधायक कोष से खरीदे गए कंंसंट्रेटर की क्वालिटी पर सवाल उठाते हुए उन्हें वापस लौटा दिया। अजमेर (दक्षिण) के विधायक अनिता भदेल ने कहा कि मेरे विधायक कोष के 25 लाख रुपये में जो कंसंट्रेटर खरीदे गए हैं उन पर न किसी कंपनी का नाम है न कोई गारंटी कार्ड। ये 10 लीटर प्रति मिनट पर 30% ऑक्सीजन बनाते हैं। ये अस्पताल में तो क्या घर पर उपयोग के भी काबिल नहीं हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीद में अनियमितता वाली दैनिक भास्कर की इस खबर को ट्वीट कर राजस्थान सरकार और राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि पहले पंजाब, अब राजस्थान। कांग्रेस शासित राज्यों में महामारी में मुनाफाखोरी प्रचलन में है। राजस्थान सरकार की ओर से बढ़ी हुई कीमत पर खरीदे गए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भ्रष्टाचार के बारे में बताते हैं। राहुल गांधी जी श्वेत पत्र के षड्यंत्रों को छोड़िए और इन काले, संदिग्ध व्यवहारों पर ध्यान दीजिए।

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