पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को हाईकोर्ट से जबरदस्त झटका लगा है। पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने पुलिस से हिंसा के सभी पीड़ितों के मामले दर्ज करने को कहा है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को पीड़ितों को इलाज और राशन मुहैया कराने का आदेश दिया है। भले ही पीड़ितों के पास राशन कार्ड उपलब्ध न हो।
इतना ही नहीं कोर्ट ने बंगाल के मुख्य सचिव को चुनाव के बाद हुई हिंसा से संबंधित सभी दस्तावेजों को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया। कोर्ट ने बीजेपी कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की कमांड अस्पताल कोलकाता में दूसरी अटॉप्सी कराए जाने के आदेश भी दिए हैं। कोर्ट ने मामले में जाधवपुर के डीएम और एसपी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा कि उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए।
जाहिर है कि बंगाल में 2 मई, 2021 को चुनाव नतीजों में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज की थी। 293 सीटों पर हुए चुनाव में टीएमसी ने 213 में जीत हासिल की थी, जबकि बीजेपी के खाते में 77 सीटें आई थीं। चुनाव नतीजे सामने आने के बाद ही राज्य में हिंसा भड़क गई थी और टीएमसी कार्यकर्ताओं पर भाजपा समर्थकों के खिलाफ लूटपाट, मारपीट, आगजनी की गई थी। इस हिंसा में बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे, हजारों लोग को पलायन पर मजबूर होना पड़ा था।
अभी हाल ही में बंगाल के जाधवपुर में एनएचआरसी की टीम पर हमला हुआ था। बंगाल में हिंसा की वारदातों पर एक नजर-
बंगाल में ममता का आतंक राज : जाधवपुर में जले मिले 40 बीजेपी कार्यकर्ताओं और दलितों के घर, एनएचआरसी टीम पर टीएमसी के गुंडों का हमला
पश्चिम बंगाल में इस समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी के गुंडों का आतंक चरम पर है। आम आदमी से लेकर सुप्रीम कोर्ट के जज तक सब डरे हुए हैं। खौफ इतना है कि सुप्रीम कोर्ट के दो जजों ने बंगाल से जुड़े मामलों की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद जिस तरह आगजनी, पत्थरबाजी, बलात्कार और हत्या की घटनाएं हो रही हैं, उनकी हकीकत जानकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। जाधवपुर में 40 से अधिक बीजेपी कार्यकर्ताओं और दलितों के घर जला दिए गए। जब कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के बाद ‘राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)’ द्वारा गठित एक टीम इन घटनाओं की जांच करने गई तो इस टीम को भी नहीं बख्शा गया।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद पोस्ट पोल वॉइलेन्स की जाँच कर रही टीम क्व सदस्य के नाते आज जब मैं जाधवपुर पहुंचा तो मैंने 40 से ज़्यादा घर टूटे हुए व जले हुए पाए और उसके रहने वालों का कोई अता पता नहीं था कुछ लोकल गुंडों ने हमारा भी घेराव किया हमें काम नहीं करने दिया पथराव की भी कोशिश की pic.twitter.com/kogy4GB3DI
— Atif Rasheed (@AtifBjp) June 29, 2021
टीएमसी के गुंडों ने जांच टीम को चारों तरफ से घेर लिया, धमकाया और पत्थरबाजी का भी प्रयास किया। यहां तक कि सीआईएसएफ के जवानों पर भी हमला किया। इससे पता चलता है कि टीएमसी के गुंडों के हौसले कितने बढ़े हुए है। स्थानीय पुलिस हमला होते ही वहां से गयाब हो गई। पुलिस टीएमसी के कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही है और बीजेपी कार्यकर्ताओं को सुरक्षा देने में नाकाम रही है। शिकायत के बावजूद पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है। इसका नतीजा है कि बीजेपी कार्यकर्ता पलायन कर चुके हैं, जिनका दो महीने से कोई अता-पता नहीं है।
वेस्ट बंगाल के जाधवपुर मे दलित समाज के जले हुए टूटे हुए घरों की तस्वीरें इन घरों के लोग यहाँ से दो महीने से पलायन कर चुके हैँ गुनाह सिर्फ इतना अपनी मर्ज़ी से वोट देना हम सच जानने गए तो हम पर भी हमला किया गया यह लोग हमें मारने को चढ़ रहे हैँ तो वह ग़रीब,दलित का क्या हाल किया होगा! pic.twitter.com/6RAR1IRAM6
— Atif Rasheed (@AtifBjp) June 29, 2021
जांच टीम के सदस्य और एनएमसी के उपाध्यक्ष आतिफ रशीद ने आपबीती सुनायी, जो काफी खौफनाक है। उन्होंनने कहा, “मैं NHRC की जांच टीम के सदस्य के नाते जाधवपुर में दंगा प्रभावित इलाक़े का दौरा करने गया था। वहां गुंडों द्वारा मेरे साथ अभद्र बर्ताव किया गया। मैंने वहां पर 40 से ज़्यादा घर टूटे हुए पाए और उनकी रिकॉर्डिंग की, जिसके बाद ये लोग खुल्लम-खुल्ला मुझे भी धमकी दे रहे थे। जब यह घटना मेरे साथ हुई, तब स्थानीय पुलिस चुप-चाप ग़ायब हो गई, ताकि ये लोग खुल कर मेरे साथ बुरा सुलूक कर सकें।”
बंगाल में बीजेपी की महिला मोर्चा उपाध्यक्ष रेखा मैती पर फिर जानलेवा हमला, गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती, पुलिस ने बयान बदलने का बनाया दबाव
पश्चिम बंगाल में एक महिला मुख्यमंत्री होते हुए भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। तृणमूल कांग्रेस के गुंडे महिला बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी निशाना बनाने से बाज नहीं आ रहे हैं। उन्हें ना तो लोकतंत्र की मर्यादा का ख्याल और ना ही सुप्रीम कोर्ट और संविधान का डर है। हाल ही में बेखौफ टीएमसी के गुंडों ने पूर्वी मिदनापुर के पताशपुर में बीजेपी महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष रेखा मैती पर निर्मम तरीके से हमला किया था। मैती गंभीर हालत में अस्पताल में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है। अब बीजेपी के कार्यकर्ता उनकी आर्थिक मदद करने में जुटे हैं।
This is the VP of Mohila Morcha of Pataspur , Rekha Maiti, who was beaten brutally yesterday by TMC goons.She’ s under terrible physical & mental trauma . Her condition is serious. @PMOIndia @AmitShah @smritiirani @MrsGandhi @VanathiBJP @VijayaRahatkar @ pic.twitter.com/cZvLqSAccF
— Raakhi Mitra ?? (@TheUntamedFire) June 12, 2021
बीजेपी कार्यकर्ता देवदत्त माजी ने रेखा मैती की हमले के बाद की तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, “ईस्ट मिदनापुर के पताशपुर में ये रेखा मैती हैं। टीएमसी की हिंसा की पीड़िता। 2018 से इन्हें नरक भोगना पड़ रहा है। उस समय ये 6 माह गर्भवती थीं, तब इन्हें इतनी बेरहमी से पीटा गया था कि इनका मिसकैरिज हो गया था। अब ये और इनका परिवार फिर से बीजेपी का साथ देने का खामियाजा भुगत रहा है। मैं इनके परिवार की मदद करने की कोशिश में लगा हूं।” देवदत्त द्वारा शेयर चार तस्वीरों में एक तस्वीर उस अमॉउंट की भी है, जो उन्होंने रेखा मैती के परिवार के लिए दी हैं।
She is Rekha Maiti, Pataspur, EastMidnapore, VICTIM of TMC Violence
From 2018 she is going through HELL.
She was kicked so hard that she had a MISCARRIAGE when she was 6 mnth PREGNANT.
Now again she & her family paying the price for doing BJP.
I am trying to support the Family. pic.twitter.com/K2Wyk3QQgk— Devdutta Maji (President of SinghaBahini) (@MajiDevDutta) June 20, 2021
देवदत्त माजी के मुताबिक पुलिस ने रेखा के साथ अमानवीय बर्ताव किया। पुलिस ने रेखा पर आरोपियों के खिलाफ की गई मूल शिकायत को बदलने के लिए दबाव बनाया। यहां तक कि उसे मेडिकल जांच के लिए भी नहीं ले गई। रेखा के परिजन उसे गंभीर हालत में अस्पताल ले गए। वहां भी उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया। देवदत्त माजी ने इस मामले में हिन्दुओं से मदद की अपील की है।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम के बाद यानि 2 मई से शुरू हुई राजनीतिक हिंसा का क्रम अब तक जारी है। इसी कड़ी में गत 11 जून को पूर्व मेदिनीपुर के पताशपुर विधानसभा की बीजेपी महिला मोर्चा की उपाध्यक्षा रेखा मैती पर तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने जानलेवा हमला किया और मरने वाली हालत में छोड़कर चले गए। मैती को बाद में नजदीक के अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उनकी हालात नाजुक बनी हुई है।