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नाना नेहरू की गलतियों का ठीकरा मोदी सरकार पर फोड़ने के चक्कर में खुद घिर गए राहुल गांधी, देखिए कैसे हो रहे हैं ट्रोल

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मोदी सरकार को घेरने के चक्कर में कांग्रेस नेता राहुल गांधी खुद घिर गए हैं। राहुल गांधी ने 2 फरवरी, 2022 को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा कि देश आज आंतरिक और बाहरी मोर्चों पर बड़े खतरे का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीति के कारण आज चीन और पाकिस्तान एक साथ आ गए हैं और देश में दो भारत बन गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने गणतंत्र दिवस समारोह में कोई विदेशी मेहमान नहीं होने पर कहा कि अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत की साख कमजोर हो गई है। लेकिन नाना जवाहर लाल नेहरू और दादी इंदिरा गांधी की गलतियों का ठीकरा मोदी सरकार पर फोड़ने के चक्कर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी ने खुद गांधी परिवार की गलतियों के पिटारे को खोल दिया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को यह पता होना चाहिए कि सन 1954 में उनके नाना नेहरू ने तिब्बत पर चीन के कब्जे को स्वीकृति देकर पंचशील समझौते पर दस्तखत किया था। नवभारत टाइम्स के अनुसार इसके बाद चीन ने 1956 में अक्साई चिन में सड़कें बनवानी शुरू कर दीं, लेकिन नेहरू के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। 1958 में चीन ने अपना नया नक्शा जारी कर अक्साई चिन के उन इलाकों को भी अपना बता दिया जहां उसने सड़क बनाई थी। साल 1959 में अक्साई चिन में हुए चीनी अतिक्रमण की बात सार्वजनिक होने पर नेहरू ने यह कहकर बचाव किया कि वहां तो घास का एक तिनका भी नहीं उगता है। इतना ही नहीं चीन-पाकिस्तान की दोस्ती की मिसाल काराकोरम हाइवे निर्माण की प्रक्रिया 1959 में ठीक उसी वक्त शुरू हुई जब अक्साई चिन में चीन की सड़कें बन रही थीं। 1979 में काराकोरम हाइवे को जनता के लिए खोल दिया गया। राहुल गांधी को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि जब कांग्रेसी शासन के दौरान 2008 में भारत और अमेरिका के बीच परमाणु समझौता हुआ तो तत्कालीन पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी चीन गए और दोनों देशों के बीच 13 बिंदुओं पर सहमति बनी जिनमें परमाणु सहयोग भी शामिल था।

ऐसे में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट करते हुए राहुल को हकीकत से दो-चार कराया। उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी ने लोकसभा में आरोप लगया कि मोदी सरकार ने पाकिस्तान और चीन को करीब लाया। शायद उन्हें इतिहास के कुछ तथ्य जान लेना चाहिए। 1963 में पाकिस्तान ने अवैध रूप से शक्सगाम घाटी को चीन को सौंप दिया। चीन ने 1970 के दशक में पीओके के रास्ते से काराकोरम हाइवे का निर्माण किया। दोनों देशों के बीच 1970 के दशक से घनिष्ठ परमाणु सहयोग भी रहा है। 2013 में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा शुरू हुआ। तो, आप आत्ममंथन करें: क्या चीन और पाकिस्तान तब दूर थे?’

एक अन्य ट्वीट में एस जयशंकर ने गणतंत्र दिवस समारोह में कोई विदेशी मेहमान नहीं होने पर राहुल को जवाब देते हुए लिखा, ‘लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा कि हमें गणतंत्र दिवस के लिए कोई विदेशी अतिथि नहीं मिला। भारत में रहने वाले जानते हैं कि हम कोरोना की लहर का सामना कर रहे हैं। जिन पांच मध्य एशियाई देशों के राष्ट्रपतियों को आना था, उन्होंने 27 जनवरी को एक वर्चुअल समित किया। क्या राहुल गांधी इसे भी भूल गए हैं?’

इसके साथ ही संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए राहुल गांधी से पूछा, ‘क्या यह अज्ञानता है या फिर राहुल गांधी का सोचा-समझा अंधापन? देश की आजादी के तुरंत बाद से कांग्रेस की नीतियों के कारण चीन और पाकिस्तान घनिष्ठ हो गए। शायद मि. फर्जी गांधी को पता नहीं है कि पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी ने चीन के बारे में क्या कहा था। क्या मि. गांधी भारत सरकार को बताए बिना चीनी मंत्री के साथ अपनी मीटिंग पर सफाई दे पाएंगे। क्या वो मानेंगे कि वो चीनी प्रचारक हैं?’

इसके बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ट्रोल करने लगे। सोशल मीडिया पर #राहुलगांधी_जवाब_दो #RahulGandhi #Pappu #RaGa हैशटैग ट्रेंड करने लगा। आप भी देखिए…

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