Home पोल खोल कांग्रेस में अब खुली जंग: पदयात्रा के बाद SACHIN PILOT समेत मंत्रियों...

कांग्रेस में अब खुली जंग: पदयात्रा के बाद SACHIN PILOT समेत मंत्रियों ने गहलोत के खिलाफ खोला मोर्चा, पंद्रह दिन का अल्टीमेटम, तीनों मांगें न मानी तो पूरे प्रदेश में होगा Congress Government के खिलाफ आंदोलन

SHARE

राजस्थान कांग्रेस में खुली जंग अब सड़कों पर आ गई है। अपनी सरकार के खिलाफ अनशन के बाद पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अजमेर से जयपुर तक जन संघर्ष पदयात्रा निकालकर गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार और लगातार पेपर लीक में मिलीभगत को उजागर किया। पदयात्रा के समापन में जयपुर में विशाल जनसभा का आयोजन हुआ, जिसकी तुलना राहुल गांधी की सभा से की जा रही है। पायलट ने सीधे-सीधे मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार हमारी तीन मांगों को दो सप्ताह में ही पूरी करे। इन पंद्रह दिनों को सरकार के खिलाफ अल्टीमेटम समझा जाए, क्योंकि यदि ये पूरी न हुईं तो प्रदेशभर में इससे भी बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस बीच गहलोत सरकार के मंत्री ने आरोप लगा दिया कि कांग्रेस सरकार में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है। दूसरी ओर पायलट के समर्थक चाकसू विधायक के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर हुई है। पायलट गुट इसे बदले की कार्रवाई बता रहा है। पायलट की मांगों पर पलटवार करते हुए गहलोत गुट की ओर से कहा गया है कि ये तीनों ही मांगें समझ से परे हैं। आलाकमान को सरकार के खिलाफ इस तरह के आंदोलन की रिपोर्ट दी गई है।आलाकमान को डर है कि राजस्थान में भी कांग्रेस के पंजाब जैसे हालात न हो जाएं
राजस्थान में विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही माह बाकि रह गए हैं। इसे देखते हुए सियासी संग्राम तेज हो गया है। पायलट ने गत 11 अप्रैल को अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन किया था। प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इसकी रिपोर्ट आलाकमान को दी। पायलट को दिल्ली भी तलब किया गया, लेकिन दो-तीन दिन मुलाकातों के अलावा कुछ नहीं हुआ। दरअसल, पायलट के खिलाफ कार्रवाई की हिम्मत कांग्रेस आलाकमान नहीं जुटा पा रहा है। उसको लगता है कि चुनावी साल में इस तरह के कदम से हालात पंजाब जैसे हो सकते हैं। इसलिए कार्रवाई से बच रहा है, लेकिन पायलट को विरोध के कदम उठाने से रोकने में पूरी तरह असहाय बना हुआ है। यही वजह है कि पायलट अनशन के ठीक एक माह बाद ही 11 मई को जन संघर्ष यात्रा निकालने का न सिर्फ ऐलान किया, बल्कि अजमेर से शुरू करके यात्रा जयपुर भी आ पहुंची। जयपुर में एक तरह से पायलट समर्थकों ने शक्ति प्रदर्शन करके यह जताया कि पार्टी के बगैर ही पायलट और उनके समर्थक कितने जन समुदाय को एकत्रित कर सकते हैं।

अब गांधीवादी तरीका नहीं, गहलोत नहीं जागे तो प्रदेशव्यापी आंदोलन होगा
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने जनसंघर्ष यात्रा की जनसभा में अपनी ही सरकार के खिलाफ साफ तौर पर आंदोलन को और तेज करने का ऐलान कर दिया। पायलट की सभा में 14 विधायक, 14 पूर्व विधायक, 5 राज्य सरकार में बोर्ड अध्यक्ष, 7 प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारी, 10 जिला कांग्रेस अध्यक्ष, 17 विधानसभा और लोकसभा उम्मीदवारों के साथ छात्र नेता, कांग्रेस के कई प्रकोष्ठों से जुड़े नेता शामिल हुए। पायलट ने तीन मांगे रखीं और कहा कि इस महीने के आखिर तक यदि ये मांगें नहीं मानी गईं तो पूरे प्रदेश में ऐसा आंदोलन किया जाएगा, जिसे सरकार याद रखेगी। अभी तक गांधीवादी तरीके से अपनी बात रख रहे थे। लेकिन सरकार कानों में तेल डालकर बैठी है। सरकार ने अब भी जनता की आवाज को अनसुना किया तो आंदोलन को पूरे प्रदेश में फैला दिया जाएगा। पायलट ने कहा- गांव-ढाणी, शहरों में बड़ा आंदोलन होगा। न्याय करवाएंगे। हम लोगों के पास कुछ नहीं है। हम तो पैर में जूता डालकर निकल पड़े थे।सत्ता में बैठकर मलाई खाने वाले सुन लें, हम किसी से दबने वाले नहीं
अभी तक मुख्यमंत्री गहलोत ही पायलट के बारे में निकम्मा, गद्दार, कोरोना जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए सीधा वार करते रहे हैं। लेकिन जयपुर में इस बार पायलट ने भी सीधे-सीधे गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि हम बिना पद के गाली खा-खाकर संगठन के लिए काम कर रहे हैं और आप सत्ता में बैठकर मलाई खा रहे हो। पायलट ने कहा, ‘मैं किसी पद पर रहूं या न रहूं। राजस्थान की जनता की सेवा करता रहूंगा। डरने वाला नहीं हूं, दबने वाला नहीं हूं। आपके लिए लड़ा हूं और लड़कर रहूंगा।’ कहा कि कुछ लोग इस सभा को बिगाड़ने का प्रयास कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोग यह सुन लें कि मुझे किसी सीमा में न बांधें, मैं किसी एक धर्म या समाज का नहीं हूं। मैं 36 कौम का बेटा हूं। प्यार से मांगोगे तो हाथ काटकर दे देंगे, धमकाकर लोगे तो छोड़ेंगे नहीं।

करप्शन पर कार्रवाई नहीं को कांग्रेस किस मुंह से जनता से वोट मांगेगी
उन्होंने कहा, 2013 में हमारे सिर्फ 21 विधायक रह गए थे। सोनिया गांधी ने बुलाकर कहा कि राजस्थान में पार्टी का बहुत बुरा हाल हो गया है, आप जाकर अध्यक्ष बनिए। हमने इन पांच सालों में वसुंधरा सरकार का नीतियों के आधार पर कड़ा विरोध किया। सचिन पायलट सीधे गहलोत को निशाने पर लेते हुए कहा कि आज भ्रष्टाचार समाज को दीमक की तरह खा रहा है। मुख्यमंत्री गृह मंत्री, वित्त मंत्री भी हैं, मैंने कई बार कहा कि हमने जो कहा है, उसकी जांच करवाइए। हमें दुनिया को दिखाना पड़ेगा कि हम जो कहते हैं, वो करते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जनता के बीच दोबारा वोट मांगने किस मुंह से जाएगी, जब सरकार करप्शन के खिलाफ कार्रवाई ही नहीं करेगी। जांच ही नहीं कराएगी। तभी तो मिलीभगत की बात सामने आती है।पूरा राजस्थान जानता है कि किसके कहने पर कटारा को सदस्य बनाया?
आरपीएससी को भ्रष्टाचार का दलदल बताते हुए सचिन पायलट ने एक बार फिर सीएम को घेरा। आरपीएससी सदस्य कटारा को तो आपने अरेस्ट कर लिया। लेकिन ऐसे भ्रष्ट व्यक्ति को किसके कहने पर आरपीएससी के सदस्य बनाया गया, यह पता करना पड़ेगा? काबिले गौर है कि आरपीएससी में सदस्य लगाने के एकाधिकार सीएम के पास ही है। पायलट ने कहा कि इस पदयात्रा का उद्देश्य सरकार के भ्रष्टाचार की जांच कराना था। पेपर लीक पर कार्रवाई करवाना यात्रा का उद्देश्य था। सरकार को सोचना चाहिए कि जो बच्चे साल-दो साल मेहनत करते हैं, लाखों रुपए खर्च करते हैं, किराए के मकान में रहते हैं और फिर पेपर लीक हो जाता है। इसकी जड़ तक जाना होगा। कार्रवाई में भेदभाव नहीं होना चाहिए। मछली, छोटी हो या बड़ी, पकड़ना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मैं दो दशक से राजनीति में हूं। बड़े-बड़े पद मिले। कोई विरोधी भी अंगुली नहीं उठा सकता।

युवाओं के पैरों के छालों की कसम, मैं अब पीछे हटने वाला नहीं- सचिन
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन ने कहा कि युवाओं के पैरों के छालों की कसम, मैं अब पीछे हटने वाला नहीं हूं। जब तक तीनों मांगे पूरी नहीं हो जाती हैं, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। जो भी कुर्बानी देनी होगी, मैं देने को तैयार हूं। पायलट की तीन मांगें ये हैं…
1 RPSC को भंग कर नई संस्था बनाएं- अजमेर स्थित राजस्थान लोक सेवा आयोग को भंग कर नया सिस्टम बनाएं। एक कानून बनाया जाए और अध्यक्ष- मेंबर की नियुक्ति से पहले जांच की जाए, जैसे हाईकोर्ट जज की होती है।
2. पेपर लीक पर मुआवजा दें- युवाओं का भरोसा जीतना है तो जिन लोगों को पेपर लीक से नुकसान हुआ है, उन्हें उचित आर्थिक मुआवजा दिया जाए।
3. वसुंधरा सरकार की जांच- वसुंधरा सरकार के दौरान हमने और खुद सीएम गहलोत ने जो भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, उन की जांच शुरू की जाए।

मंत्री का ही ऐसा दावा- हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं
सचिन पायलट के साथ विधायकों और कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने भी गहलोत सरकार की पोल खोली। सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा सीएम गहलोत और अपनी ही सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा,’हमारी सरकार का एलाइनमेंट खराब हो चुका है। भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बिना पैसे कोई फाइल नहीं खिसकती है। मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने शांति धारीवाल पर बड़ा तंज किया। कहा- भरतसिंह चिट्ठी पर चिट्ठी लिख रहे हैं। भरतसिंह तीन साल से विधानसभा नहीं आ रहे हैं। भ्रष्टाचार तो धारीवाल और खनन मंत्री भाया कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि धारीवाल के ऑफिस से कोई फाइल पैसे बिना नहीं निकलती। गुढ़ा ने तंज किया कि हमारे मुख्यमंत्री ने पूछा शिक्षकों से ट्रांसफर पैसे से होते है तो शिक्षक बोले, हां तबादले में पैसे चलते हैं।सीएम ने पैसे लेने के आरोपी को मंत्रिमंडल से बाहर क्यों नहीं निकालते
सचिन पायलट की यात्रा में शामिल हुए मंत्री हेमाराम चौधरी ने सीएम अशोक गहलोत के आरोपों पर पलटवार किया। मंत्री चौधरी ने कहा मुख्यमंत्री ने जिस तरह के आरोप लगाए हैं, उससे आहत हूं। अगर मुख्यमंत्री पैसे लेने का आरोपी मानते हैं तो मंत्रिमंडल से बाहर कर दें। मुझे मंत्री क्यों बना रखा है? इस यात्रा में नहीं आता तो कहां जाता। हमें बुलाया नहीं था, लेकिन जनता का मूड देख हम आए हैं, हम जनता से दूर कैसे रह सकते हैं। जनसभा में अपने भाषण में मंत्री हेमाराम ने गहलोत को खूब घेरा। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस के कई नेताओं ने इस रैली में बाधा पहुंचाई। हमारे पर 10 20 ,50 और 100 करोड़ लेने के आरोप लगाए। फिर हम जैसे लोगों को मंत्री बनाकर क्यों बैठे हो। सीएम के पास जो चला जाए, वह साहूकार और जो नहीं जाए, वह बेईमान हो जाता है।सीएम चाहते हैं सचिन पार्टी छोड़ें, हम नहीं जाएंगे और छाती पर मूंद दलेंगे
चाकसू से विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा, ‘मुझे रंधावा ने बुलाया और सर्वे दिखाकर कहा कि चाकसू में तो भाजपा बोल रही है। मैंने उनसे कहा कि मेरे यहां बीजेपी बोल रही है, लेकिन जरा ये तो बताओ कि कांग्रेस कहां बोल रही है? उन्होंने कहा कि सरकार के इशारे पर ही मेरे खिलाफ बजाज नगर थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया गया है, ताकि हम पायलट का साथ छोड़ दें। नागौर की लाडनूं सीट से विधायक मुकेश भाकर ने कहा, ‘गहलोत चाहते हैं कि पायलट पार्टी छोड़कर चले जाएं। हम कहीं नहीं जाएंगे। यहीं रहकर इनकी छाती पर मूंग दलेंगे।’ पूर्व स्पीकर दीपेंद्र सिंह शेखावत ने यह शेर ‘हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वे कत्ल भी कर दें तो चर्चा नहीं होती’ पढ़कर तंज कसा। उन्होंने कहा, ‘भगवान रामचंद्र ने जब लड़ाई लड़ी तो कोई राजा साथ नहीं था, बंदर की फौज उनके साथ थी।’

 

Leave a Reply