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MODI@72 : जानिए 72वां जन्मदिन मना रहे प्रधानमंत्री मोदी के फिटनेस का राज

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज अपना 72वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस खास मौके पर भारत के साथ ही पूरी दुनिया में फैले उनके समर्थक और शुभचिंतक उनके दीर्घायु होने की कामना कर रहे हैं। वहीं प्रधानमंत्री मोदी भी इस उम्र में भी अपने समर्थकों, शुभचिंतकों और गरीबों की सेवा में लगे हुए हैं। अपने काम से एक भी दिन छुट्टी लिए बिना देश और विश्व के मानव कल्याण के लिए दिन-रात अथक परिश्रम कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कौन सी वो चीजें हैं जो प्रधानमंत्री मोदी को इतनी मेहनत करने की प्रेरणा देती है और ऊर्जावान बनाए रखती हैं। तो आइए जानते हैं प्रधानमंत्री मोदी की फिटनेस से जुड़े उन रहस्यों के बारे में जिनकी वजह से वो इस उम्र में भी युवाओं को फिटनेस के मामले में मात दे रहे हैं।

पीएम मोदी की पहल से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत 

दरअसल प्रधानमंत्री मोदी हमेशा अपने फिटनेस पर ध्यान देते हैं और योगासन कभी स्किप नहीं करते हैं, चाहे कितना ही बिजी शेड्यूल क्यों न हो। प्रधानमंत्री मोदी अपने दिन की शुरुआत योग से करते हैं। योग के प्रति उनका लगावा इतना है कि अक्सर सोशल मीडिया पर फिटनेस वीडियो पोस्ट कर योग के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ और महत्व के बारे में बताते रहते हैं। इसी लाभ को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने योग को दुनियाभर में पहचान दिलाई। उनकी पहल पर शुरू हुआ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस आज दुनिया भर में मनाया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को 185 से ज्यादा देशों का समर्थन हासिल है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर हर साल भारत में भव्य कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल होते हैं। भारत के बाहर विदेशों में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। 

प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन के खास मौके पर जानते हैं खुद को फिट रखने के लिए प्रधानमंत्री मोदी रोजाना सुबह कौन से खास योगासन करते हैं…

सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार योगासनों में सर्वश्रेष्ठ है। यह अकेला अभ्यास ही साधक को सम्पूर्ण योग व्यायाम का लाभ पहुंचाने में समर्थ है। सूर्य नमस्कार शरीर के अलग-अलग अंगों के लिए फायदेमंद है। इस योग में 12 चरण होते हैं। यह संपूर्ण शारीरिक प्रणाली के लिए एक व्यापक कसरत है जिसे बिना किसी उपकरण के किया जा सकता है। लगातार सूर्य नमस्कार अभ्यास सौर जाल के आकार को बढ़ाता है, जो रचनात्मकता, अंतर्ज्ञान, आत्मविश्वास, निर्णय लेने की क्षमता और नेतृत्व में सुधार करता है। 

पद्मासन
इस आसन को पेट को दुरुस्त और दिमाग की एकाग्रता बढ़ाने के लिए लाभकारी माना जाता है। जमीन पर बैठकर बाएं पैर की एड़ी को दाईं जंघा पर इस प्रकार रखते हैं कि एड़ी नाभि के पास आ जाएं। इसके बाद दाएं पैर को उठाकर बाईं जंघा पर इस प्रकार रखते हैं कि दोनों एड़ियां नाभि के पास आपस में मिल जाएं। इस आसन में मेरुदण्ड सहित कमर से ऊपरी भाग को पूर्णतया सीधा रखा जाता है। तत्पश्चात दोनों हाथों की हथेलियों को गोद में या घुटनों पर स्थिर रखते हुए ध्यान करते हैं। इस आसन से रक्त परिसंचरण में वृद्धि होती है। एकाग्रता बढ़ाने और ध्यान केंद्रित करने के लिए उत्तम आसन है ।

ताड़ासन
प्रधानमंत्री मोदी रोजाना ताड़ासन करते हैं। इस आसन के बारे में जानकारी पीएम मोदी ने अपने आधिकारिक अकाउंट से ट्वीट करके दी थी। पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा था- ‘सही तरीके से ताड़ासन करने से और कई अन्य आसन आसानी से होने लगते हैं।’ ये आसन शारीरिक और मानसिक संतुलन विकसित करता है।

शलभासन 
शलभासन ऐसा योगासन है जो कमरदर्द (Back Pain)) का रामबाण इलाज है। इसे सही तरीके से कमरदर्द और पेट की समस्‍या (Stomach Ailments) दूर होती है। यह आसन भी पेट के बल लेटकर किया जाता है। रोज करने से सीना चौड़ा और कमर लचीली होती है।

सुखासन
यह योग श्वास-प्रश्वास और ध्यान पर आधारित है। इस योगासन को करने से व्यक्ति के घुटने 90 डिग्री तक मुड़ते हैं। जिसकी वजह से व्यक्ति को दर्द में आराम मिलता है। यह तनाव कम करके मन को एकाग्र करके सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। इस योग को करते समय आपका सिर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी बिल्कुल सीधी होनी चाहिए। अपने दोनों पैरों को तिरछा मोड़ कर बैठें और दोनों हाथों को अपने पैरों पर रखें। इससे आपकी मेटाबॉलिज्म तेज होता है।

उष्ट्रासन
इस योगासन में हमारी पीठ स्ट्रेच होती है, सिर थोड़ा झुका हुआ रहता है और पेट उठा हुआ रहता है, इसलिए इस आसन की मदद से पेट और पीठ के निचले हिस्से का परिमार्जन होता है। यह आसन हमारे हिप्स और थाई को मजबूत बनाता है। यह आसन आपकी जांघों पर वसा कम कर देता है। यह आपके कंधे, पीठ, जांघों और बांह को मजबूत करता है, कूल्हे फ्लेक्सोर्स को खोलता है, कोख, गर्दन और पेट को भी टोन उप करने में सहायक है।

वज्रासन
इस आसन को खाना खाने के बाद किया जाता है। भोजन करने के बाद दस मिनट तक वज्रासन में बैठने से भोजन जल्दी पचने लगता है और कब्ज, गैस, अफारा आदि से छुटकारा मिलता है। यदि घुटनों में दर्द रहता हो, तो वज्रासन नहीं करना चाहिए। पेट और हाजमा सही रहने से बाल भी स्वस्थ बनते हैं। 

विराट कोहली के फिटनेस चैलेंज का दिया जवाब 

भारत के मशहूर क्रिकेटर विराट कोहली ने 23 मई, 2018 को एक्सरसाइज का एक वीडियो शेयर करते हुए अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा, क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी और पीएम नरेन्द्र मोदी को फिटनेस चैलेंज दिया था। जिसका जवाब प्रधानमंत्री मोदी ने 13 जून, 2018 को एक वीडियो पोस्ट कर दिया था। इस वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी अपने आवास पर रोज किए जाने वाले एक्‍सरसाइज और योग के बारे में बताया था। इस वीडियो में वो खुद एक्‍सरसाइज और योग करते हुए नजर आ रहे हैं। देखिए वीडियो-

3डी अवतार में योग शिक्षक

प्रधानमंत्री मोदी अपने 3डी अवतार में योग शिक्षक बनकर सामने आए। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्विटर पर कई योगासन का वीडियो शेयर किया, जिसे देखकर आप भी योगासन सीख सकते हैं और इसका लाभ उठा सकते हैं। 

शशांकासन

शशांक का अर्थ होता है खरगोश। आसन में व्यक्ति का आकार खरगोश के समान होता है, इसलिए इसे शशांकासन कहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 3डी अवतार से शशांकासन के गुर सिखाए हैं। आप भी देखिए और सीखिए शशांकासन-

त्रिकोणासन

त्रिकोणासन खड़े होकर करने वाला एक महत्वपूर्ण आसन है। ‘त्रिकोण’ का अर्थ होता है त्रिभुज और आसन का अर्थ योग है। इसका मतलब यह हुआ कि इस आसन में शरीर त्रिकोण की आकृति का हो जाता है, इसीलिए इसका नाम त्रिकोणासन रखा गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जून 2019 में अपने ट्विटर पर त्रिकोणासन का 3डी वर्जन शेयर किया। इस 3डी वीडियो में त्रिकोणासन के गुर सिखाए गए  हैं।  

त्रिकोणासन कमर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा यह छाती, कंधे, जांघ और रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है। आप भी देखिए वीडियो-

अर्ध चक्रासन 

प्रधानमंत्री मोदी ने जून 2019 में ट्विटर पर अर्ध चक्रासन योगासन का वीडियो शेयर किया। योग के इस आसन का अभ्यास करने से पीठ और गर्दन दर्द से राहत मिलती है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘पीठ को मजबूत करने के लिए, खून के शरीर में बेहतर संचार के लिए जानिए अर्ध चक्रासन का अभ्यास आपको कैसे मदद कर सकता है।’

देखिए वीडियो-

उष्ट्रासन

इस आसान को उष्ट्रासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस आसन में शरीर को ऊंट की तरह आकार दिया जाता है। उष्ट्रासन करने से शरीर को अनेक लाभ होते हैं जैसे की कमर दर्द, साइटिका, स्लिप डिस्क, महिलाओं की मासिक चक्र से जुड़ी बीमारीयां आदि। उष्ट्रासन करने से शरीर में रक्त-प्रवाह बेहतर हो जाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने जून 2019 में ट्विटर पर उष्ट्रासन का 3डी वर्जन शेयर किया। इस 3डी वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी उष्ट्रासन करते दिख रहे हैं। 

देखिए वीडियो-

सेतु बंधासन

इस आसन में शरीर को हम पुल की आकृति में बांधने का प्रयास करते हैं। योग का यह प्रकार तनाव और अवसाद को दूर करने के साथ-साथ मांसपेशियों को मजबूत करता है। यह आसन शरीर में रक्तसंचार को बेहतर करता है। यह दिल के ब्लॉकेज़ को भी खोलने, वहीं दिमाग को शांत करने और तनाव कम करने में मदद करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर एनिमेटेड वीडियो साझा किया, जिसमें सेतु बंधासन के बारे में बताया गया है। 

देखिए वीडियो-

नाड़ीशोधन प्राणायाम

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 जून 2019 को नाड़ीशोधन प्राणायाम का 3डी वीडियो शेयर किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट संदेश में कहा, ‘नाड़ीशोधन प्राणायाम अत्यंत लाभदायक है। देखिए इसकी विधि और इसके फायदे…’

आप भी देखिए वीडियो-

प्रधानमंत्री मोदी ने इसके साथ ही ध्यान पर भी एक वीडियो शेयर किया है।

योग निद्रा अभ्यास

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 मार्च, 2020 को योगासन का एक और वीडियो शेयर किया। योग निद्रा अभ्यास का वीडियो शेयर करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह शरीर को स्वस्थ और मन को प्रसन्न रखता है। अपने ट्वीट संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा, जब भी समय मिलता है, मैं हफ्ते में 1-2 बार योग निद्रा का अभ्यास करता हूं। ये शरीर को स्वस्थ और मन को प्रसन्न रखता है, साथ ही तनाव और चिंता को कम करता है। इंटरनेट पर आपको योग निद्रा के कई वीडियो मिलेंगे। अंग्रेजी और हिन्दी में 1-1 वीडियो साझा कर रहा हूं।’

कोरोना महामारी से बचने के लिए योग कवच की सलाह

कोरोना संकट के समय योग एक वरदान बनकर सामने आया है। 31 मई, 2020 को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि मौजूदा कोरोना महामारी के दौरान हर जगह लोग ‘योग’ और ‘आयुर्वेद’ के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं और इसे जीवन के तरीके के रूप में अपना रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने योग की “कम्‍युनिटी (लोगों), इम्‍युनिटी (प्रतिरक्षा) और यूनिटी (एकता) ” के लिए वकालत की। उन्होंने कहा कि वर्तमान कोरोना महामारी के दौरान, योग बेहद महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि यह वायरस श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है। योग में प्राणायाम के कई प्रकार हैं, जो श्वसन तंत्र को मजबूत करते हैं और इसके लाभकारी प्रभाव को लंबे समय तक देखा जा सकता है। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये वायरस हमारे रेस्पिरेटरी सिस्टम (श्वसन प्रणाली) को प्रभावित करता है। ऐसे में हमें इस रोग से बचने के लिए परंपरागत तरीकों की ओर लौटना चाहिए। जिनमें सबसे आसान और सबसे कारगर तरीका प्राणायाम है। प्राणायाम हमारे फेफड़ों को मजबूत करने के साथ ही रोगों से लड़ने की क्षमता को भी विकसित करता है।

आइए आपको बताते हैं किस तरह योग कोरोना महामारी की स्थिति में विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो जाता है, चूंकि इसके अभ्यास से शारीरिक और मानसिक दोनों स्वास्थ्य बेहतर होते हैं और लोगों की बीमारी से लड़ने की क्षमता में भी सुधार होता है।

नाड़ी शोधन प्राणायाम
नाड़ी शोधन मुख्यतः अनुलोम विलोम प्रणायाम को कहते हैं। नाड़ी शोधन प्राणायाम करने के लिए सुखासन में बैठना होता है। नाड़ी शोधन का अभ्यास करने से पहले आपको अपनी उंगलियों के उपयोग जरूर समझना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने 20 जून, 2019 को अपने सोशल मीडिया पर नाड़ीशोधन प्राणायाम वीडियो शेयर किया। यह प्राणायाम योग में सबसे महत्वपूर्ण होता है। आइए इसका उपयोग कैसे किया जाना चाहिए इस वीडियो में देखें…

कपालभाति प्राणायाम
इस प्राणायाम में कमर सीधी रखते हुए दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखा जाता है। धीरे-धीरे श्वास को नाक से बाहर छोड़ने और पेट को अंदर की ओर खींचने की कोशिश की जाती है। 

लाभ: शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकालने में मदद करता है। अस्थमा, वजन कम करने, कब्ज, एसिडिटी, पेट संबंधी रोग दूर होते हैं। इम्युनिटी बढ़ाता है और श्वसन मार्ग को साफ करता है। मस्तिष्क को सक्रिय करने में मदद करता है।

भस्त्रिका प्राणायाम
भस्त्रिका का शाब्दिक अर्थ धौंकनी है। धौंकनी की तरह आवाज करते हुए शुद्ध वायु को अंदर लिया जाता है और अशुद्ध वायु को बाहर फेंका जाता है। सिद्धासन में बैठकर गर्दन और रीढ को सीधा रखा जाता है। तेज गति से श्वांस ली और छोड़ी जाती है। इसमें ध्यान रखा जाता है कि श्वांस लेते समय पेट फूलना चाहिए और श्वांस छोड़ते समय पेट सिकुड़ना चाहिए।

लाभ: फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाता है। वात, पित्त, कफ के दोषों को दूर करता है। मोटापा, दमा और श्वांस रोग दूर होते हैं। स्नायु रोगों में भी लाभकारी है।

उज्जायी प्राणायाम
इसमें सुखासन में बैठकर मुंह को बंद कर नाक के छिद्रों से वायु को फेफड़ों में भरने तक सांस खींची जाती है। कुछ देर वायु को अंदर ही रखा जाता और फिर नाक के दांए छिद्र को बंद कर वायु को धीरे-धीरे बाहर निकाला जाता है। इसमें ध्यान रखा जाता है कि वायु को अंदर और बाहर खींचते समय खर्राटें की आवाज आए।

लाभ: श्वांस नलिका, थॉयराइड, स्वर तंत्र को संतुलित करता है। कई बीमारियों से बचाता है।

भ्रामरी प्राणायाम
इस प्राणायाम में सुविधाजनक आसन में बैठकर आंखें बंद कर शरीर को शिथिल किया जाता है। कानों को अंगूठे से बंद किया जाता है और चारों अंगुलियों को सिर पर रखा जाता है। लंबी और गहरी श्वांस लेकर और फिर श्वांस को मधुमक्खी के गुंजन जैसी आवाज करते हुए सांस को बाहर निकाला जाता है।
लाभ: भय, अनिद्रा, चिंता, गुस्सा और मानसिक विकारों में लाभकारी है। साइनस के रोगियों के लिए फायदेमंद।

शीतली प्राणायाम
इस प्राणायाम में आरामदायक स्थिति में बैठकर के जीभ को मोड़कर के नली का आकार दिया जाता है और मुंह के बाहर निकालकर श्वांस को पूरी क्षमता से अंदर लिया जाता है।

लाभ: रक्तचाप कम करता है। पित्त दोष, डिप्रेशन को दूर करता है। गर्मी से निजात दिलाता है। मानसिक शांति प्रदान करता है।

योगाभ्यास के बाद पीएम मोदी करते हैं नाश्ता 

प्रधानमंत्री मोदी शुद्ध शाकाहारी हैं। वे सुबह 4 बजे उठ जाते हैं। चाहे रात में कितनी देर से सोए हों, उनकी दिनचर्या सुबह शुरू हो जाती है। सुबह में योग के बाद प्रधानमंत्री मोदी नाश्ता लेते हैं। उन्हें हल्का फुल्का नाश्ता पसंद है। मोदी नाश्ते में पोहा खाना बेहद पसंद करते हैं। इसके अलावा नाश्ते में उन्‍हें सादा गुजराती खाना पसंद है। वे खिचड़ी, कढ़ी, उपमा, खाकरा आदि गुजराती व्यंजन पसंद करते हैं। लेकिन नाश्ते के साथ वो अदरक वाली चाय जरूर लेते हैं।

शुद्ध शाकाहारी, बिना मसाले वाला सादा एवं संतुलित भोजन

प्रधानमंत्री मोदी का खानपान काफी सरल और सात्विक होने के साथ ही सुपाच्‍य भोजन भी उनके पसंंदीदा भोज्‍य पदार्थों में शामिल हैं। वे बिना मसाले वाला सादा एवं संतुलित भोजन खाते हैं। दोपहर के खाने में चावल, दाल, सब्जी और दही शामिल रहती है। गेहूं की रोटी के अपेक्षा गुजराती भाकरी खाना उन्हें ज्यादा पसंद है। संसदीय कार्यवाही के दौरान दोपहर में संसद की कैंटीन से फ्रूट सलाद खाते हैं। वो अक्सर खिचड़ी,उपमा,खाकरा,कढ़ी अपने भोजन में शामिल करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी रात में 10 बजे डिनर लेते हैं। उनका खाना कुक बद्री मीना ही बनाता है। जिसे वो विदेश दौरे पर भी अपने साथ ले जाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘मैंने इतना कठिन जीवन जिया, लेकिन कभी डॉक्टर और महंगी दवाओं पर निर्भर नहीं रहा। अगर सर्दी होती है तो गर्म पानी पीता हूं। दो दिन तक उपवास करता हूं। इसके अलावा सरसों के तेल को गर्म करके रात में अपनी नाक में कुछ बूंद डाल लेता हूं।’

प्रधानमंत्री मोदी नवरात्रि में रखते हैं उपवास

प्रधानमंत्री मोदी नवरात्रि में नौ दिन उपवास रखते हैं। उनका मानना है कि उपवास से शरीर स्वस्थ रहता है। वे चैत्र और शारदीय दोनों ही नवरात्रि के दौरान वह 9-9 दिनों तक उपवास रखते हैं। उपवास के दौरान वे केवल नींबू पानी पीते हैं। शाम को वह एक बार फल खाते हैं। नवरात्रि में 9 दिनों के व्रत के बावजूद पीएम मोदी दिनचर्या में कोई खास बदलाव नहीं होता। उनकी ऊर्जा में कोई कमी नहीं दिखती और उनकी राजनीतिक गतिविधियां सामान्य रहती हैं। अगर उस दौरान विदेश यात्रा का कार्यक्रम हो तो वहां भी वह उपवास नहीं तोड़ते हैं।

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