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डिजिटल दुनिया का सुपरपावर बनेगा भारत, जी-20 की बैठक में भरोसेमंद देशों के साथ डाटा शेयरिंग पर बन सकती है सहमति

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिजिटल इंडिया मुहिम लगातार परवान चढ़ रही है। मोदी सरकार की इस मुहिम ने बीते सालों में अनेक उपलब्धियां हासिल कीं। वहीं वर्ष 2023 भी डिजिटल इंडिया के लिए मील का पत्थर साबित होने जा रहा है। इस साल डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन (DPDP) बिल और डिजिटल इंडिया बिल के कानून बनने की पूरी उम्मीद है। दोनों बिल के कानून बन जाने पर आम लोगों के लिए डिजिटल सुविधाएं व सुरक्षा बढ़ने के साथ भारत डिजिटल दुनिया का सुपर पावर बन सकता है।

इस साल जी-20 समूह की अध्यक्षता भारत के हाथ में हैं और भारत जी-20 समूह की बैठकों में डाटा शेयरिंग को लेकर एक आपसी सहमति बनाने की कोशिश करेगा। तभी हाल में जारी डीपीडीपी के मसौदे में भरोसेमंद देशों के साथ डाटा शेयरिंग का प्रस्ताव रखा गया है। मसौदे में कहा गया है कि भारत अपने भरोसेमंद साथी देशों के साथ डाटा शेयर कर सकता है। जी-20 की बैठकों में भारत विकासशील व कई विकसित देशों को अपनी डिजिटल सेवा देने की पेशकश कर सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, जी-20 के पूर्व की बैठकों में भी आपस में डाटा शेयरिंग को लेकर चर्चा की गई, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका। इस बार भारत डाटा शेयरिंग को लेकर फ्रेमवर्क पेश कर सकता है। इससे वैश्विक डिजिटल इकोनॉमी को जबरदस्त बूस्ट मिलेगा और उसका लाभ भारत को भी मिलेगा। इसके अलावा इसका फायदा बौद्धिक संपदा और पर्सनल सूचना की सुरक्षा के साथ साइबर सुरक्षा को होगा। भरोसेमंद देशों के साथ डाटा शेयरिंग से भारतीय स्टार्टअप्स को आगे में बढ़ने में मदद मिलने के साथ डिजिटल कंपनियों को वैश्विक स्तर पर उभरने का मौका मिलेगा।

प्रस्तावित बिलों के कानून बनते ही बड़े डिजिटल प्लेटफार्म पर होने वाले साइबर फ्राड पर रोक लग जाएंगे, क्योंकि उस प्रकार के फ्राड के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाएगा। लोकल स्तर पर डाटा स्टोरेज की सुविधा बढ़ने से डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। डाटा शेयरिंग के गलत इस्तेमाल के खिलाफ सिर्फ एक ई-मेल से नियामक के पास शिकायत की जा सकेगी। सोशल मीडिया पर चलने वाले गलत कंटेंट को लेकर उपभोक्ता अपीलेट में जा सकेंगे और सोशल मीडिया प्लेटफार्म को उस प्रकार के कंटेंट को हटाना ही पड़ेगा।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने बीते साल स्वतंत्रता संग्राम के वीरों को विशेष श्रद्धांजलि देने के लिए ‘डिजिटल ज्योत’ मुहिम की शुरुआत की थी। इस मुहिम के जरिए कोई भी व्यक्ति देश के वीरों को दिल्ली के कनॉट प्लेस पर ‘स्पेशल ट्रिब्यूट’ दे सकता है। इससे देश के वीर सैनानियों के प्रति सम्मान और देशभक्ति की भावना में बढ़ोत्तरी होगी। इसके अलावा वर्ष 2022 में डिजिटल इंडिया भाषिणी की भी शुरूआत की गई। यह नागरिकों को उनकी अपनी भाषा में डिजिटल पहल से जोड़कर सशक्त बनाएगी। भाषिणी का लक्ष्य है कि सभी भारतीयों को इंटरनेट और डिजिटल सेवाएं उनकी भाषा में आसानी से उपलब्ध हो सकें और भारतीय भाषाओं में सामग्री की वृद्धि हो।

आइए देखते हैं कि मोदी सरकार की डिजिटल इंडिया मुहिम किस तरह रंग ला रही है…

डिजिटल इंडिया से पारदर्शी हुआ सरकारी तंत्र

आज देश की युवा शक्ति भारत का गौरव है, देश की आशाओं का केंद्र है। भारतीय युवाओं का संपूर्ण विकास देश की प्राथमिकता है और इन युवाओं  की प्राथमिकताओं में सर्वोच्च है- भ्रष्टाचार मुक्त सरकारी तंत्र। इसी विचार को कार्यान्वित करने के उद्देश्य के साथ वर्ष ‘डिजिटल इंडिया’ की शुरुआत की गई। सरकारी कामकाज में भागीदारीयुक्त पारदर्शिता और जिम्मेदार सरकार बनाना, नागरिकों हेतु सरकारी सेवाओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप में उन तक पहुंचाना इसके लक्ष्य रहे हैं। साथ ही साधन-संपन्न और वंचित वर्ग के बीच की खाई को पाटना भी इस सरकार के प्रमुख उद्देश्यों में शामिल है।

साकार हो रहा ‘सबका साथ सबका विकास’

मोदी सरकार इस तथ्य में विश्वास करती है कि प्रत्येक व्यक्ति, चाहे वह संपन्न वर्ग का हो या वंचित वर्ग का, सभी का समय अमूल्य है, जिसे हर जगह लंबी-लंबी लाइनों में लगकर नष्ट नहीं किया जाना चाहिए। इस विचार को क्रियान्वित करने के लिए संपूर्ण तंत्र का डिजिटलीकरण किया जाना आवश्यक है। ‘डिजिटल इंडिया’ इसी लक्ष्य की ओर एक पहल है। इस माध्यम से देश को डिजिटल के तौर पर सशक्त ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने का पूर्ण प्रयास किया जा रहा है। डिजिटल इंडिया का लाभ पहुंचाने के लिए देश में 2 दिसंबर, 2022 तक 5.49 लाख कॉमन सर्विस सेंटर का नेटवर्क स्थापित किए गए। इस उद्यमिता से गरीब, वंचित, दलित एवं महिलाओं को बड़ी संख्या में जोड़ा गया, ताकि ‘सबका साथ सबका विकास’ की अवधारणा को आगे बढ़ाया जा सके। 

डिजिटल यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव, आईसीटी और स्मार्ट क्लास की स्वीकृति

बजट-2022 में डिजिटल यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव किया गया। पीएम मोदी ने बताया कि नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी, भारत की शिक्षा व्यवस्था में अपनी तरह का अभूतपूर्व कदम है। डिजिटल यूनिवर्सिटी में देश में सीटों की समस्या को पूरी तरह खत्म करने की ताकत है। इस यूनिवर्सिटी में डिग्री, डिप्लोमा व सर्टिफिकेट सहित सभी कोर्सों की पढ़ाई होगी। सीटों पर भी किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं रहेगी। शिक्षा मंत्रालय डिजिटल यूनिवर्सिटी को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) सहित शिक्षा से जुड़े दूसरी सभी एजेंसियों और विशेषज्ञों के साथ कई बार बैठकें कर चुका है। इसको लेकर छात्रों को लंबा इंतजार नहीं करना होगा। 

समग्र शिक्षा योजना के सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) घटक के तहत, देश भर में पाठ्यक्रम-आधारित इंटरैक्टिव मल्टीमीडिया, डिजिटल पुस्तकों, वर्चुअल लैब आदि को तैयार करके उन्हें लागू करके बच्चों को कंप्यूटर साक्षरता और कंप्यूटर-आधारित शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान है। यह स्कूलों में स्मार्ट कक्षाओं और आईसीटी प्रयोगशालाओं की स्थापना का समर्थन करता है, जिसमें हार्डवेयर, शैक्षिक सॉफ्टवेयर और शिक्षण के लिए ई-सामग्री शामिल है। इसमें छठी से बारहवीं कक्षा तक के सभी सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों को शामिल करने की परिकल्पना की गई है। नवंबर 2022 तक (स्थापना के बाद से), देश भर के 1,20,614 स्कूलों और 82,120 स्कूलों में स्मार्ट कक्षाओं में आईसीटी लैब को मंजूरी दी गई।

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत

एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क होता है। यह स्वास्थ्य चाहे देश का हो या व्यक्ति का। भारत में स्वास्थ्य सेवाओं का जो इतिहास रहा है, वह सर्वविदित है। इस सत्य को बदला है मोदी सरकार ने। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उनकी सरकार देशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में जुटी है। इसी क्रम में मोदी सरकार ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की, जो आज देश भर में डिजिटल हेल्थकेयर इकोसिस्टम को मजबूत करके लोगों के जीवन को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब तक भारत में 23.08 करोड़ से अधिक आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता नंबर बनाए गए हैं। 

पहले से अधिक व्यक्तियों के साथ अब स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों जैसे कि डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स (चिकित्सा सहायक) और स्वास्थ्य सुविधाएं यानी अस्पताल, नर्सिंग होम, कल्याण केंद्र, क्लीनिक, डायग्नोस्टिक लैब, एबीडीएम में शामिल होने वाली फार्मेसियां, उनके निर्माण स्थल पर स्वास्थ्य रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण संभव है। पुराने स्वास्थ्य रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण के लिए व्यक्ति अपने रिकॉर्ड को स्कैन करने और इसे सुरक्षित रखने के लिए आभा एप या किसी अन्य व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड (पीएचआर) एप का उपयोग कर सकते हैं। इन डिजिटल रिकॉर्ड को उनके आभा से जोड़कर व्यक्ति डिजिटल रूप से पेशेवरों व सेवाओं से जुड़ने में सक्षम होंगे और भौगोलिक दूरी के बावजूद गुणवत्ता और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त कर सकेंगे।

किसानों से मिटती दूरी

मोदी सरकार ने विकास के क्रम में किसानों के, गांवों के बीच की खाई को पाटने के लिए ऐसे कई एप जारी किए हैं, जो सीधे तौर पर इस वर्ग की समस्याओं का समाधान करते हैं। जैसे- इ-पंचायत द्वारा ग्रामीण वर्ग अपने लिए बनी सरकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त करके उनका लाभ उठा सकता है। एम किसान, किसान पोर्टल, किसान सुविधा एप, पूसा कृषि, सॉयल हेल्थ कार्ड एप, इनाम, फसल बीमा मोबाइल एप, एग्री मार्केट एप, फर्टिलाइजर मोबाइल एप आदि ऐसे एप हैं, जो किसान और बाजार के बीच एक ऐसा समन्वयन स्थापित करते हैं, जिनकी सहायता से किसान घर बैठे उन्नत खेती और उसके विकास से जुड़ी सभी प्रकार की योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकता है। भूमि की उर्वरकता की जानकारी से लेकर मंडी में फसलों के उचित रेट तक का संपूर्ण ज्ञान इसमें मौजूद है। इससे किसान बिचौलियों द्वारा किए जाने वाले शोषण से भी बच सकता है।

महिला-सुरक्षा से लेकर प्रशासनिक तंत्र तक डिजिटलीकरण

महिला-सुरक्षा एक ऐसा विषय है, जिसे लंबे समय से एक सशक्त और प्रभावी समाधान की तलाश थी। ‘निर्भया एप’ और ‘हिम्मत एप’ ऐसे माध्यम के रूप में ऐसे ही विकल्प सामने आए हैं, जो किसी भी प्रकार की विपत्ति के समय महिलाओं की सुरक्षा को सशक्त बनाते हैं। ये वर्तमान समय में महिलाओं की जीवनशैली, उनके कामकाजी जीवन, उनकी सुरक्षा आदि को बल देते हैं।

मोदी शासन अपने कार्य में पारदर्शिता के प्रति आरंभ से ही कटिबद्ध है, इसलिए उसने प्रशासनिक कार्यप्रणाली के स्तर से लेकर न्याय व्यवस्था तक में सबकी भूमिका स्पष्ट करने हेतु अनेक एप जारी किए हैं। इन सबका उद्देश्य ‘हार्ड वर्क’ को ‘स्मार्ट वर्क’ में बदलना है, जो तकनीक के विकास के माध्यम से ही संभव है, क्योंकि आज विकास में भारत की दावेदारी विश्व-मंच पर है।

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