मध्य प्रदेश का इंदौर शहर 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के रंग में रंगा है। इसमें शामिल होने के लिए दुनियाभर से प्रवासी पहुंचे हैं। सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी और गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली बतौर अतिथि इस कार्यक्रम में मौजूद थे। जिन्होंने अपने-अपने देशों के भारत के साथ प्राचीन संबंधों पर अपने विचार लोगों के सामने रखे।
पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में भारतवंशियों का स्वागत करते हुए, उन्हें देश का ब्रांड एंबेसडर बताया। पीएम मोदी ने कहा, ‘दुनिया के इतने अलग-अलग देशों में जब भारत के लोग एक कॉमन फ़ैक्टर की तरह दिखते हैं, तो ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना के साक्षात् दर्शन होते हैं। दुनिया के अलग-अलग देशों में जब सबसे शांतिप्रिय, लोकतांत्रिक और अनुशासित नागरिकों की चर्चा होती है, तो Mother of Democracy होने का भारतीय गौरव और बढ़ जाता है।‘
इस बार प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 4 साल बाद अपने मूल स्वरूप में हो रहा है। पीएम मोदी ने इस मौके पर इंदौर का खास तौर पर जिक्र किया। देश में हो रहे तेज विकास की बात करते हुए पीएम मोदी ने हाल के वर्षों में हासिल की गई उपलब्धियों को असाधारण और अभूतपूर्व बताया।
उन्होंने कहा आज का भारत कोविड महामारी के बीच कुछ महीनों में ही स्वदेशी वैक्सीन बना लेता है, अपने नागरिकों को 220 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज़ मुफ्त लगाने का रिकॉर्ड बनाता है, वैश्विक अस्थिरता के बीच भी उभरती अर्थव्यवस्था बनता है, विश्व की बड़ी इकॉनमीज़ से Compete करता है, टॉप-5 इकॉनॉमी में शामिल होता है, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप ecosystem बनता है, मोबाइल Manufacturing जैसे क्षेत्रों में, इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ का डंका बजता है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज जब भारत अपने दम पर तेजस फाइटर प्लेन, एयरक्राफ्ट करियर INS विक्रांत और अरिहंत जैसी न्यूक्लियर सबमरीन बनाता है। तो दुनिया यह जानना और समझना चाहती है कि भारत क्या कर रहा है, कैसे कर रहा है!
इस वर्ष के प्रवासी भारतीय दिवस को कई मायनों में खास बताते हुए उन्होंने कहा कि देश अमृत काल में प्रवेश कर चुका है और आने वाले दिनों में दुनिया के मंच पर भारत को ताकत और बढ़ने वाली है, ऐसे में ऐसे में विदेशों में रहने वाले प्रवासी भारतीयों की जिम्मेदारी भी काफी बढ़ जाती है।
पीएम मोदी ने भारत की G 20 अध्यक्षता को लेकर विदेशों में रहने वाले भारतवंशियों से एक आग्रह करते हुए कहा, ‘हमें G-20 केवल एक diplomatic event नहीं, बल्कि जन-भागीदारी का एक ऐतिहासिक आयोजन बनाना है। इस दौरान विश्व के विभिन्न देश, भारत के जन-जन के मन में ‘अतिथि देवो भवः’ की भावना का दर्शन करेंगे। आप भी अपने देश से आ रहे प्रतिनिधियों से मिलकर उन्हें भारत के बारे में बता सकते हैं। इससे उन्हें भारत पहुंचने से पहले ही अपनत्व और स्वागत का अहसास होगा।‘
पीएम मोदी ने इस अवसर पर प्रवासी भारतीयों के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि इससे सशक्त और समर्थ भारत की आवाज भी सुनाई देती है। भारत के युवाओं के सामर्थ्य का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि यह दुनिया के विकास का इंजन बन सकती है।
पीएम मोदी ने प्रवासी युवाओं को भारत में उनकी जड़ों से जोड़ने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी बताया, उन्होंने कहा,‘नेक्स्ट जेनेरेशन प्रवासी युवाओं में भी भारत को लेकर उत्साह बढ़ा है। वो अपने माता-पिता के देश के बारे में जानना चाहते हैं, अपनी जड़ों से जुड़ना चाहते हैं। ये हम सबकी ज़िम्मेदारी है कि हम इन युवाओं को न केवल देश के बारे में गहराई से बताएं, बल्कि उन्हें भारत दिखाएँ भी!’
युवाओं के समर्थ्य पर भरोसा जताते हुए पीएम ने कहा कि पारंपरिक बोध और आधुनिक नजर के साथ ये युवा future world को भारत के बारे में कहीं ज्यादा प्रभावी ढंग से बता पाएंगे। जितनी युवाओं में जिज्ञासा बढ़ेगी, उतना ही भारत से जुड़ा पर्यटन बढ़ेगा, भारत से जुड़ी रिसर्च बढ़ेगी, भारत का गौरव बढ़ेगा।