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मदरसों में बच्चों को सिखाया जाता है ईशनिंदा की सजा सिर कलम- आरिफ मोहम्मद खान

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राजस्थान के उदयपुर में मंगलवार, 28 जून की शाम टेलर कन्हैयालाल की हत्या के बाद लोग मुस्लिम समाज में बढ़ती कट्टरता को लेकर चर्चा कर रहे हैं। मुस्लिम समाज के एक तबके में बढ़ते कट्टरपंथी विचारों को लेकर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि मदरसे नफरत की जड़ हैं। उन्होंने कहा कि बचपन में ही सिखाया जा रहा है कि कोई विरोध में बोले तो सर कलम कर दो। उन्होंने कहा कि मदरसों में बच्चों को यह पढ़ाया भी जाता है कि ईशनिंदा की सजा सिर तन से जुदा करना है। इसे खुदा के कानून के तौर पर पढ़ाया जाता है।

नवभारत टाइम्स के अनुसार आरिफ मोहम्मद खान अक्सर कहते रहते हैं कि मौलाना और मदरसों ने मुसलमानों के एक तबके को कट्टर बना रखा है। आरिफ मोहम्मद ने कहा, ‘सवाल यह है कि क्या हमारे बच्चों को ईशनिंदा करने वालों का सर कलम करना पढ़ाया जा रहा है। मुस्लिम कानून कुरान से नहीं आया है, वह किसी इंसान ने लिखा है जिसमें सर कलम करने का कानून है और यह कानून बच्चों को मदरसा में पढ़ाया जा रहा है।’

इसके साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि वहां क्या पढ़ाया जाता है, उसकी जांच की जानी चाहिए। कन्हैयालाल की हत्या के मामले में केरल के राज्यपाल ने कहा कि ऐसी घटनाएं मदरसों में बच्चों को दी जा रही गलत शिक्षा के चलते हो रही हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना की असली वजह के बारे में जानने की जरूरत है। मदरसों में बच्चों को जो पढ़ाया जा रहा है, उसकी जांच होनी चाहिए।

सोशल मीडिया पर लोग इस पर चर्चा कर रहे है। आप भी देखिए यूजर्स क्या कह रहे हैं-

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