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कोरोना संकट: मोदी सरकार ने 33.25 करोड़ लोगों के खातों में ट्रांसफर किए 31,072 करोड़ रुपए

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130 करोड़ देशवासियों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कड़े फैसले के साथ-साथ लोगों के हितों का भी भरपूर ख्याल रखने की कोशिश कर रहे हैं। कोरोना संकट के समय डायरेक्ट ट्रांसफर बेनिफिट स्कीम के जरिए अलग-अलग योजनाओं के करीब 31,072 करोड़ रुपए, 33.25 करोड़ लोगों के खातों में ट्रांसफर किए जा चुके हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण यानि डीबीटी के माध्यम से पूरी पारदर्शिता के साथ बिना बिचौलियों के सीधे लाभार्थियों के खातों में सहायता राशि पहुंच रही है।

भारत सरकार के 13 अप्रैल 2020 तक के आंकड़ों के मुताबिक निम्न योजनाओ के तहत अब तक लोगों को मदद पहुंचाई गई है। 

  • 19.96 करोड़ महिला जन धन खाताधारकों को 9,980 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए।
  • 2.82 करोड़ वृद्ध विधवा, दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों के खातों में  1,405 करोड़ ट्रांसफर किए गए।
  • पीएम-किसान के तहत पहली किस्त के तहत 8.31 करोड़ किसानों के खातों में 16, 621 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए।
  • 2.16 करोड़ निर्माण श्रमिकों के खातों में 3,066 करोड़ हस्तारंण किए गए।    

डायरेक्ट ट्रांसफर बेनिफिट क्या है?

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) यानी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण भारत सरकार द्वारा लाई गई एक स्कीम है। इसके जरिए नागरिकों को कई प्रकार की चीजों पर अलग-अलग रूपों में सब्सिडी दी जाती है। जैसे एलपीजी, मनरेगा का भुगतान, वृद्धावस्था पेंशन योजना, स्कॉलरशिप आदि पर मिलने वाली सब्सिडी का लाभ नागरिक इसके जरिए आसानी से उठा सकते हैं। इस स्कीम के तहत सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी की रकम सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की जाती है।

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों की आज पूरी दुनिया में प्रशंसा हो रही है। वैश्विक महामारी कोरोना के प्रकोप से आज पूरी दुनिया न सिर्फ वाकिफ है बल्कि दुनिया के सामर्थ्यवान देश भी उसके आगे नतमस्तक है। वहीं कोरोना के कहर के आगे किस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत चट्टान की तरह डटा हुआ है उसे भी पूरी दुनिया ने देखी है। कोरोना के बेतरतीब प्रसार को रोकने में अगर भारत सफल रहा है तो इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया के अन्य देशों से दो कदम आगे रहना है।  

समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं बल्कि तत्काल फैसला लिया

कोरोना जैसी महामारी के संक्रमण को रोकने में भारत की तत्परता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब भारत में एक भी केस सामने नहीं आया था तभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग कराने का आदेश दे दिया था। इतना ही नहीं मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने देश में भीड़ वाली जगहों जैसे सिनेमा हॉल, मॉल आदि को बंद करने का आदेश जारी कर दिया था। वहीं दुनिया के अन्य देश कोरोना जैसे वायरस को परखने में अधिकांश समय खपाते दिखे।

कोरोना के केस बढ़ते ही संपूर्ण लॉकडाउन लागू कर दिया    

देश में जैसे ही कोरोना का मामला साढ़े पांच सौ के पास पहुंचा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च से संपूर्ण लाकडाउन करने का फैसला करते हुए देश में उसे लागू कर दिया। देश ने कभी समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया बल्कि समस्या दिखते ही तेजी से फैसले लेकर उसे रोकने का भरसक प्रयास किया।

दूसरे देशों की तुलना में भारत की स्थित सुदृढ़

वैसे तो किसी दूसरे देश के साथ तुलना करना उचित नहीं होता, फिर भी दुनिया के अन्य सामर्थ्यवान देशों में कोरोना के आंकड़े देखे तो पाएंगे कि देश की स्थिति काफी बेहतर है। देश बहुत ही संभली हुई स्थिति में है। डेढ महीने पहले कई देश भारत के साथ ही खड़े थे। लेकिन बीतते समय के साथ देश ने कोरोना को हराने के लिए जो रणनीति बनाई और अपनाई, शायद दूसरे देशों ने वैसा नहीं किया। तभी आज हमारी तुलना में दूसरे देशों में कोरोना के केस 25 से 30 गुना ज्यादा बढ़ गए हैं। उन देशों में मरने वालों की संख्या हजारों हो चुकी है। आज ही की तुलना करें तो जहां भारत में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या करीब 10 हजार दो सौ है वहीं मरने वालों की संख्या 392 तक पहुंची है। वहीं अगर इसकी तुलना दुनिया के सबसे समर्थ देश अमेरिका से करें तो वहां अभी कुल एक्टिव मरीजों की संख्या लगभग साढ़े पांच लाख पहुंच गई है जबकि मृतकों की संख्या 26064 हो गई है।

हॉलिस्टिक एप्रोच और तेज फैसले से बचा भारत

अगर आज भारत इस स्थिति में है तो इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश को बताए रास्ते और उपाय जिम्मेदार है। अगर आज देश की जनता पीएम मोदी के बताए हॉलिस्टिक एप्रोच को ना अपनाया होता तो देश किस स्थिति में होता इसका अंदाजा आप सब लगा सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने देश को जो रास्ता बताया वही आज पूरी दुनिया के लिए सही साबित हो रहा है। यानि लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के पालन का देश को बहुत लाभ मिला है। जिस सीमित संसाधनों के बीच देश जिस मार्ग पर चला है उसकी चर्चा पूरी दुनिया भर में हो रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने फिर पेश की मानवता की मिसाल

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक फलक पर एक बार फिर मानवता की मिसाल कायम की है। उन्होंने इस संकट की घड़ी में उन देशों की मदद की है जो आज तक हमें घाव देते रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन देशों को भी मरहम लगाकर वैश्विक कूटनीतिक के लिए उच्चतम मापदंड स्थापित किया है। ब्राजिल और अमेरिका के बाद अब पाकिस्तान ने भी वैश्विक महामारी कोरोना से बचने के लिए भारत से मलेरिया की हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवाई मांगी है। इतना ही नहीं इस दवाई के लिए मलेशिया और तुर्की ने भी भारत से संपर्क किया है। भारत इन देशों की मांग पर गंभीरतापूर्वक विचार किया है।

जिन देशों ने घाव दिया उन्हें भी मरहम दे रहा भारत

जो देश बीते समय में भारत के विरोधी देश के रूप में सामने आए हैं, आज वही अपनी जनता को कोरोना के कहर से बचाने के लिए भारत के सामने याचक की तरह खड़ा है। वह चाहे पाकिस्तान हो या फिर मलेशिया या फिर तुर्की सभी अपनी जनता को कोरोना से बचान के लिए भारत की मदद मांगने को मजबूर है। ऐसा भी नहीं है कि भारत ने उनकी मांगों को ठुकरा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानवता की मिसाल कायम करते हुए उन देशों को मदद करने को तैयार है।

मलेशिया ने जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण से किया इंकार

भारत के विरोधी देश के रूप में पाकिस्तान का नाम तो जगजाहिर है, लेकिन बीते कुछ दिनों में मलेशिया ने भी भारत का विरोध किया था। मलेशिया वही देश है जो आतंक को बढ़ा देने के आरोपी जाकिर नाइक के प्रत्‍यर्पण से इनकार कर दिया था। मालूम हो कि पिछले चार सालों  से जाकिर नाइक मलेशिया में ही रह रहा है। लेकिन भात के दबाव के बावजूद मलेशिया ने नाइक के प्रत्यर्ण को खारिज कर दिया था। आज वही मलेशिया अपनी पूरी जनता को कोरोना के कहर से बचाने के लिए भारत के आगे हाथ फैलाए हुए खड़ा है।

पाकिस्तान तो शुरू से रहा है विरोधी

पाकिस्तान तो भारत का शुरू से विरोधी रहा है। वह चाहे आतंकियों को प्रश्रय देना हो या सीजफायर का उल्लंघन करना हो, पाकिस्तान हर प्रकार से भारत का दुश्मन रहा है। हाल ही में देश सीएए कानून लागू करना हो या फिर जम्मू एवं कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म करना हो, पाकिस्तान ने भारत के कदम का विरोध ही नहीं किया था बल्कि उसके खिलाफ जो बन सकता था वह सब किया भी था। आज वही पाकिस्तान भारत से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा मांग रहा है। मालूम हो कि पाकिस्तान भी कोरोना से बुरी तरह प्रभावित है।

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