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हिमाचल में कांग्रेस की सरकार ने जनता को नए साल में दिया महंगाई का तोहफा! डीजल के दाम बढ़ाए

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कांग्रेस पार्टी ने रेवड़ियां बरसा कर चुनावी बाजी तो जीत ली है, मगर इसे लागू करने के लिए खजाने में धन ही नहीं है। कहां तो महंगाई से निजात दिलाने और बिजली फ्री देने का था वादा और कहां सरकार बनने के एक महीने में ही डीजल के दाम बढ़ा दिए गए। कांग्रेस ने जिन गारंटी का वादा किया है अगर इसे लागू किया जाए तो सरकारी खजाने में हर साल 4000 करोड़ रुपये चाहिए। कर्ज में डूबे पहाड़ी राज्य के लिए हर साल इतनी बड़ी राशि का इंतजाम करना, किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। अब गारंटियों की बात तो दूर कांग्रेस सरकार ने हिमाचल के लोगों को नए साल का तोहफा महंगाई के रूप में दिया है। हिमाचल में सुक्खू सरकार ने डीजल पर तीन रुपये वैट बढ़ा दिए हैं जिसके बाद अब 83.02 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर डीजल की कीमत 86.05 रुपये प्रति लीटर हो गया। हिमाचल में डीजल के दाम बढ़ने से से जहां एक तरफ महंगाई बढ़ेगी वहीं बस ऑपरेटरों और ट्रांसपोर्टरों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। ट्रांसपोटर्स का मानना है कि कोरोना के कारण ट्रांसपोर्ट-टैक्सी कारोबार को हुए नुकसान से अभी उबरे भी नहीं थे कि डीजल की कीमतें बढ़ने से भारी नुकसान होगा। कांग्रेस पार्टी ने चुनाव से पहले गारंटी कार्ड जारी किया था। उसमें कई सारे वादे किए गए थे। इनमें पुरानी पेंशन लागू करना, 18 से 60 वर्ष की आयु की महिलाओं को हर माह 1500 रुपये, गाय-भैंस पालकों से रोजाना दस लीटर दूध खरीदना और युवा स्टार्टअप के लिए सभी विधानसभा क्षेत्रों में दस-दस करोड़ रुपये का ऋण वितरण आदि शामिल थे। लेकिन सरकार बने एक महीने हो गए हैं और गारंटी पर अमल की बात तो दूर उलटे डीजल के दाम बढ़ाकर महंगाई बढ़ाने का काम किया गया है।

कांग्रेस ने मेनिफेस्टो में 10 गारंटी का किया था वादा

कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में सत्ता में आने के बाद 10 गारंटी योजनाओं का वादा किया था। कांग्रेस ने जिन 10 गारंटी योजनाओं के जरिये महिलाओं से लेकर युवाओं तक को रिझाने के लिए पेंशन से लेकर रोजगार तक को शामिल किया था। कांग्रेस ने राज्य के बागवानों को भी अपनी फसल की कीमत लगाने का मौका देने का वादा किया था। पशु पालन को बढ़ावा देने के लिए गोबर खरीदी और दूध व्यापार के लिए भी गारंटी में शामिल किया गया था। महंगाई की मार झेल रहे लोगों के लिए बिजली यूनिट भी फ्री देने का वादा किया गया था।

कांग्रेस की 10 गारंटी

1. पुरानी पेंशन स्कीम बहाल होगी।
2. महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये दिए जाएंगे।
3. महंगाई की मार से बचाने के लिए राज्य में 300 यूनिट बिजली फ्री दी जाएगी।
4. बेरोजगारी से निपटने के लिए युवाओं को 5 लाख रोजगार की सौगात दी जाएगी।
5. बागवानों के फलों की कीमत तय करने का अधिकार होगा।
6. युवाओं के लिए 680 करोड़ का स्टार्टअप फंड भी जारी किया जाएगा।
7. मोबाइल क्लिनिक से हर गांव-गांव तक पहुंचेगी स्वास्थ्य सुविधाएं और मुफ्त इलाज।
8. हर विधानसभा में खुलेंगे 4 इंग्लिश मीडियम स्कूल।
9. गाय-भैंस पालकों से हर दिन 10 लीटर दूध खरीदा जाएगा।
10. 2 रुपये किलो में गोबर की खरीद की जाएगी।

डीजल के दाम बढ़ने पर बस ऑपरेटर बोले- अब खड़ी करनी पड़ेंगी बसें

हिमाचल में डीजल के दाम बढ़ने से बस ऑपरेटरों और ट्रांसपोर्टरों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। प्रदेश सरकार की ओर से वैट की दरों में की गई बढ़ोतरी से डीजल के दाम एकमुश्त 3 रुपये प्रति लीटर तक बढ़े हैं। शिमला निजी बस ऑपरेटर यूनियन के महासचिव सुनील चौहान का कहना है कि सर्दियों में बसों को पहले ही यात्री नहीं मिल रहे। पूरे दिन बसें चलाने के बाद शाम को 300 से 500 रुपये कैश बच रहा है। डीजल महंगा होने के बाद अब 500 रुपये भी नहीं बचेंगे। हमें अपनी बसें खड़ी करनी पड़ेंगी। न्यूनतम किराया 7 से घटा कर 5 रुपये करने पर भी बस ऑपरेटरों ने विरोध दर्ज करवाया था। उधर, डीजल के रेट बढ़ने से ट्रांसपोर्टरों की भी परेशानी बढ़ गई है।

पुरानी पेंशन के लिए सालाना 600 करोड़ रुपये चाहिए

कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में सरकारी कर्मियों से पुरानी पेंशन बहाल करने का वादा किया था। हिमाचल प्रदेश में तकरीबन हर विधानसभा क्षेत्र में दस पंद्रह हजार सरकारी कर्मचारी हैं। सेवारत्त और रिटायर्ड कर्मियों की संख्या देखें तो वह लगभग साढ़े चार लाख के आसपास है। हर साल पंद्रह-बीस प्रतिशत कर्मी रिटायर होते हैं तो कुछ नए पद भी भरे जाते हैं। हिमाचल प्रदेश में मौजूदा स्थितियों में पुरानी पेंशन लागू होती है तो हर साल सरकारी खजाने पर लगभग 600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। पुरानी पेंशन में केवल बेसिक तय होता है। उसमें डीआर ‘महंगाई राहत’ जुड़ती रहती है। पे कमीशन के जरिए पेंशन रिवाइज होती रहती है। अगर पेंशन का डीआर बकाया है तो उसका एरियर मिल जाता है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश की सरकार का खर्च बढ़ जाएगा।

महिलाओं को 1500 रुपये, मतलब 2700 करोड़ सालाना चाहिए

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की दस गारंटी में महिलाओं के लिए भी घोषणा की गई थी। इसमें कहा गया था कि 18 से 60 वर्ष की आयु की महिलाओं को हर माह 1500 रुपये की सुनिश्चित आय दी जाएगी। विधानसभा चुनाव के आंकड़ों के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में महिलाओं की संख्या 27,36,306 है। इनमें से 21,01,483 महिलाओं ने वोट डाला है। चूंकि इस गारंटी में शामिल होने के लिए आयु तय की गई है, ऐसे में 15 लाख महिलाएं भी यह राशि लेने के लिए योग्य हैं तो इसके लिए हर माह 225 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके लिए सरकारी खजाने पर सालाना 2700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

स्टार्टअप निधि के लिए 680 करोड़ रुपये जुटाने होंगे

कांग्रेस घोषणापत्र के मुताबिक प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में दस करोड़ रुपये की स्टार्टअप निधि प्रदान की जाएगी। इसके लिए भी 680 करोड़ रुपये जुटाने होंगे। पांच लाख युवाओं को नौकरी देनी है। गाय-भैंस पालकों से रोजाना दस लीटर दूध खरीदना है। सरकार, जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए दो रुपये किलो गोबर खरीदेगी। इस पर भी खर्च आएगा। हर विधानसभा क्षेत्र में चार अंग्रेजी माध्यम वाले स्कूल खुलेंगे। हर गांव में अस्पताल की गाड़ी पहुंचेगी। हर माह तीन सौ यूनिट बिजली फ्री मिलेगी। इन सभी कार्यों के लिए अतिरिक्त बजट का इंतजाम करना होगा।

हिमाचल में कांग्रेस की सरकार अब संसाधन होने पर महिलाओं को देगी 1500 रुपये

हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पता चल गया कि जो गारंटी दी गई थी वो अभी पूरी नहीं की जा सकती है। इसके बाद उन्होंने कहा कि अब संसाधन होने पर सरकार महिलाओं 1500 रुपये देगी। इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद कहा, “हम जनता की उम्मीदों और किए गए वादों को पूरा करेंगे। हम इसे पहली कैबिनेट बैठक में करेंगे। कर्मचारियों के लिए ओ.पी.एस., महिलाओं के लिए 1500 रुपये, एक लाख नौकरियां, प्रियंका गांधी जी ने जो घोषणाएं की हैं, ये सब लागू हो जाएगा।” वहीं एक अन्य वीडियो में सीएम सुक्खू ने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान कहा, “हमने वादा किया था, इसलिए हमें व्यवस्था करनी होगी। वर्तमान में, हम 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी पुरुषों और महिलाओं को 1500 रुपये दे रहे हैं। अब, हमें करना होगा।” 18 से 60 साल की महिलाओं को दें और हम उस दिशा में सोच रहे हैं। हमने एक महीने में इसे पूरा करने का वादा नहीं किया है। हमने पांच साल के लिए वादा किया है और हमारी गारंटी योजना पांच साल के लिए है। हमारे संसाधन बढ़ रहे हैं और फिर हम उन्हें 1500 रुपये दे सकते हैं।”

सुक्खू ने कहा- हमारी गारंटी योजना पांच साल की है

चुनाव से पहले कांग्रेस ने कहा था कि सरकार बनने पर पहली कैबिनेट की बैठक में पुरानी पेंशन योजना, 1 लाख नौकरियां, महिलाओं को 1,500 रुपये देने का जो वादा किया गया है उसे हम लागू करेंगे। सरकार बन जाने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, ”हमने कोई एक महीने का वादा नहीं किया है। हमने पांच साल का वादा किया है। हमारी गारंटी योजना पांच साल की है। संसाधन बढ़ने पर ही 18 से 60 साल की महिलाओं को 1500 रुपये दिए जाएंगे।” कांग्रेस पार्टी अब कह रही, हमने कोई एक महीने में देने का वादा नहीं किया

सोशल मीडिया पर लोगों ने कहा- हिमाचल वाले ठग लिए गए

सुक्खू के इस बयान पर बाद कि हमने पांच साल की गारंटी दी है। इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर भी लोगों ने अपनी बातें रखी थी। एक यूजर ने लिखा- हिमाचल वाले राजस्थान वासियों की तरह फिर ठग लिये गये। जो वेतन 1 को मिलता था वो भी अब सबको अलग अलग तारीख को मिलेगा। 1500 रुपये महिलाओं को देने का वादा किया था वो तो तब दिया जायेगा जब संसाधन होंगे। खुद की बनाई डिस का स्वाद भी नही लेने देगी यह कोंग्रेस। एक अन्य यूजर ने लिखा- कांग्रेस ने हमेशा की तरह हिमाचल की महिलाओं को भी धोखा दे दिया। 1500/– रु. प्र.म. देने का वादा करके वोट तो ले लिए लेकिन अब अपने चरित्र के अनुसार वादे से मुकर रही है। कह रही है हमने कोई एक महीने में वादा नहीं किया है, हमने 5 साल का वादा किया है। संसाधन बढ़ने पर ही रुपये मिलेंगे। एक अन्य यूजर ने लिखा-हिमाचल कांग्रेस ने वादा किया था सरकार बनने पर सभी महिलाओ को ₹1500 रुपये महीना देगी। अब बोल रही है 60 साल से ऊपर की महिलाओं को देगी वो भी तब जब सरकार के खजाने में बढ़ोतरी होगी। अभी 5 साल है सब्र कीजिए। गोलमाल है भाई सब गोलमाल है।

पीएम मोदी ने रेवड़ी कल्चर के झांसे में आने से किया था आगाह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि रेवड़ी कल्चर देश के विकास के लिए बहुत खतरनाक है। उन्होंने देशवासियों से रेवड़ी कल्चर से सावधान रहने की बात कही थी क्योंकि ये देश के लिए घातक है। पीएम मोदी ने कहा था कि हमारे बुजुर्गों ने कहा था कि आमदनी अठन्नी खर्चा रूपैया वाली नीति सही नहीं है। आमदनी से ज्यादा खर्च करने पर आम आदमी हो या सरकार कर्ज के बोझ तले दब जाती है। ऐसे में न तो व्यक्ति का विकास हो सकता है और न ही सरकारें लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए विकास कार्य करवा सकती हैं।

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