भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक रिश्तों को और मजबूत करने के लिए मंगलवार (22 नवंबर) को एक बड़ा कदम उठाया गया। ऑस्ट्रेलियाई संसद ने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को मंजूरी दे दी। अब दोनों देश आपसी सहमति से फैसला करेंगे कि यह समझौता किस तारीख से लागू होगा। इस समझौते से जहां भारत-ऑस्ट्रेलिया के द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि होगी, वहीं भारत में कम से कम 10 लाख अतिरिक्त नौकरियां मिल सकती हैं। इसके अलावा इससे निवेश के लिए पर्याप्त अवसर पैदा होंगे और स्टार्ट-अप को बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद है।
भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार के लिए ऐतिहासिक क्षण
ऑस्ट्रेलियाई संसद द्वारा एफटीए को मंजूरी देने के बाद वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि दोनों देशों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को हासिल करने के लिए दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों को बधाई देना चाहता हूं। ये विश्व मंच पर साझा हितों वाले दो लोकतंत्र हैं। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ”खुशी है कि भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते को ऑस्ट्रेलियाई संसद ने पारित कर दिया है।” उन्होंने आगे लिखा, ”हमारी गहरी दोस्ती के चलते, यह हमारे लिए व्यापार संबंधों को पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ाने और बड़े पैमाने पर आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए मंच तैयार करता है।”
Passing of the historic #IndAusECTA by Australian Parliament is a huge endorsement of PM @NarendraModi ji’s leadership.
Unanimous support from stakeholders, reinforces the trust people & industry repose in him for prioritising their well being.
? https://t.co/JmYMlBqkgw pic.twitter.com/gUfZlOuPxc
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) November 22, 2022
45-50 बिलियन डॉलर तक द्विपक्षीय व्यापार की उम्मीद
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार अगले पांच-छह वर्षों में लगभग 45-50 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक जा सकता है। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि इस सौदे के तहत ऑस्ट्रेलिया द्वारा कुछ टैरिफ लाइनों पर 100 प्रतिशत शुल्क समाप्त कर दिया जाएगा। वहीं एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक एफटीए लागू होने के बाद कपड़ा, चमड़ा, फर्नीचर, आभूषण और मशीनरी सहित भारत के 6,000 से अधिक उत्पादों को ऑस्ट्रेलियाई बाजार में शुल्क मुक्त पहुंच मिलेगी।
निवेश में वृद्धि के साथ 10 लाख अतिरिक्त नौकरियां मिलेंगी
पीयूष गोयल ने कहा कि दोनों देशों के बीच होने वाला आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता कपड़ा, रत्न और आभूषण और फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र को बढ़ावा देगा। इससे भारत में कम से कम 10 लाख अतिरिक्त नौकरियां मिल सकती हैं। इससे स्टार्ट-अप को बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद है। यह भारतीयों के लिए रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करेगा। इस समझौते से उन क्षेत्रों को सबसे अधिक लाभ होगा जो श्रम प्रधान हैं, यानी जहां अधिक लोगों को काम करने की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन के अलावा इस समझौते से निवेश के लिए पर्याप्त अवसर पैदा होंगे।
समझौते से भारत में सेवा क्षेत्र के लिए नए अवसर भी खुलेंगे
गोयल ने कहा कि यह समझौता भारत में सेवा क्षेत्र के लिए नए अवसर भी खोलेगा और छात्रों को ऑस्ट्रेलिया में काम करने का अवसर प्रदान करके उन्हें अत्यधिक लाभ पहुंचाएगा। उन्होंने बताया कि भारतीय योग शिक्षकों और रसोइयों के लिए 1,800 का वार्षिक वीजा कोटा स्थापित किया जाना है। ईसीटीए दोनों देशों के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करने और सुधारने के लिए एक संस्थागत तंत्र प्रदान करता है। साल 2026-27 तक भारत का व्यापारिक निर्यात 10 अरब डॉलर बढ़ने की संभावना है।
किसी विकसित देश के साथ एक दशक बाद होने वाला पहला व्यापार समझौता
गौरतलब है कि भारत-ऑस्ट्रेलिया मुक्त व्यापार समझौते पर 2 अप्रैल, 2022 को हस्तक्षर किए गए थे। फिलहाल दोनों पक्ष अपनी घरेलू प्रक्रियाएं पूरी करने में व्यस्त हैं। यह आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता किसी विकसित देश के साथ एक दशक से अधिक समय के बाद किया जाने वाला भारत का पहला व्यापार समझौता है। इसके तहत ऑस्ट्रेलिया लगभग 96.4 प्रतिशत निर्यात (मूल्य के आधार पर) के लिए भारत को शून्य सीमा शुल्क पहुंच की पेशकश कर रहा है। इसमें कई उत्पाद ऐसे हैं, जिस पर वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में चार से पांच प्रतिशत का सीमा शुल्क लगता है। वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 8.3 अरब डॉलर का माल निर्यात और 16.75 अरब डॉलर का आयात किया था।