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राहुल गांधी और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की भाषा एक जैसी क्यों है?

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मई 2022 में कैंब्रिज विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ बातचीत में भारत को राज्यों का संघ के रूप में वर्णित किया। कांग्रेस नेता ने कहा कि “भारत एक राष्ट्र नहीं है, बल्कि राज्यों का एक संघ है।” इस पर कइयों ने आपत्ति जताई थी। आईआरटीएस एसोसिएशन के एक सिविल सेवक और कैम्ब्रिज में सार्वजनिक नीति के विद्वान सिद्धार्थ वर्मा ने राहुल गांधी को टोकते हुए कहा था कि भारत राज्यों का संघ नहीं बल्कि राष्ट्र है। हालांकि राहुल गांधी अपनी बात पर अड़े रहे। इस पर वर्मा ने कहा था कि आपका विचार न केवल त्रुटिपूर्ण और गलत है, बल्कि विनाशकारी भी है। फरवरी 2022 में भी राहुल गांधी ने भारतीय संसद में कहा था कि भारत सिर्फ “राज्यों का संघ” है, न कि एक राष्ट्र। जिस तरह राहुल गांधी भारत को राष्ट्र नहीं मानते उसी तरह खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह का कहना है कि वह भारत की परिभाषा नहीं मानता और पंजाब एक अलग देश है। खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह जब इस तरह की बात करता है तो यह समझ में आता है कि वह भटका हुआ युवक है और विदेशी हाथों में खेल रहा है। लेकिन राहुल गांधी भी अगर वही भाषा बोल रहे हैं तो इसका सीधा मतलब यही है कि वह भी विदेशी ताकतों के इशारे पर नाच रहे हैं।

अमृतपाल ने कहा- भारत की परिभाषा से सहमत नहीं, भारत राज्यों का एक संघ है

वारिस पंजाब दे संगठन का मुखिया अमृतपाल हिंसा ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा, ‘हिंसा बड़ी पवित्र चीज होती है। 1947 के पहले कोई भारत नहीं था। इंडिया इज ए यूनियन ऑफ स्टेट्स (भारत राज्यों का एक संघ है)। मैं भारत की परिभाषा से सहमत नहीं हूं। पंजाब एक अलग तरह का भाव है। पंजाब में एक अलग तरह की ऊर्जा है। पंजाब एक अलग देश है।’ जब अमृतपाल से कहा गया कि सिखों ने भारत के लिए बहुत सारे बलिदान दिए हैं तो इस पर उसने कहा कि सिखों ने देश के लिए जान दी लेकिन बदले में उन्हें क्या मिला। 1984 का नरसंहार। एक राज्य के तीन टुकड़े। 1984 में एयर मार्शल अर्जुन सिंह के घर पर भीड़ पहुंच गई और मारने की कोशिश की। पुलिस ने उनके हाथ से हथियार छीन लिया था।

संविधान में लिखे राष्ट्र की बात नहीं मानते राहुल गांधी

कैंब्रिज विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में सिद्धार्थ वर्मा ने राहुल गांधी से सवाल जवाब करते हुए कहा था कि, “आपने संविधान के अनुच्छेद 1 का हवाला देते हुए कहा कि इंडिया यानि भारत, राज्यों का एक संघ है। यदि आप पन्नों को पीछे पलटते हैं और प्रस्तावना पढ़ते हैं, तो यह भारत को एक राष्ट्र के रूप में उल्लेख करता है। वर्मा ने राहुल गांधी से कहा, भारत अपने आप में दुनिया की सबसे पुरानी जीवित सभ्यताओं में से एक है। और यह शब्द वेदों में दर्ज है।

चाणक्य ने भारत को कहा था- राष्ट्र, राहुल ढूंढ रहे नेशन

सिद्धार्थ वर्मा ने राहुल गांधी से कहा था- यहां तक ​​कि चाणक्य ने तक्षशिला में पढ़ाने के दौरान अपने छात्रों के लिए भारत को एक राष्ट्र के रूप में वर्णित किया। सिद्धार्थ वर्मा के सवाल पर राहुल गांधी ने जवाब देते हुए कहा, क्या चाणक्य ने अपने छात्रों को भारत के विचार का वर्णन करते समय “नेशन” शब्द का इस्तेमाल किया था। इस पर, वर्मा ने जवाब दिया कि चाणक्य ने “राष्ट्र” शब्द का इस्तेमाल किया, जो भारत की विशेषता के लिए “नेशन” के लिए एक संस्कृत शब्द है। हालांकि, राहुल ने जोर देकर कहा कि “राष्ट्र” का अर्थ “राज्य” है, न कि “राष्ट्र”।

राहुल गांधी ने कहा था- राष्ट्र शब्द एक पश्चिमी अवधारणा है

सिद्धार्थ वर्मा के साथ चर्चा में राष्ट्र को स्पष्ट करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि “राष्ट्र शब्द एक पश्चिमी अवधारणा है”, राष्ट्र-राज्यों की अवधारणा पश्चिम में उत्पन्न हुई थी और भारत सिर्फ राज्यों का एक संघ था। इस पर वर्मा ने उनका यह कहते हुए प्रतिवाद किया, “इसलिए जब मैं राष्ट्र के बारे में बात करता हूं, तो मैं केवल राजनीतिक संस्थाओं के बारे में बात नहीं करता क्योंकि हमारे पास दुनिया भर में ये प्रयोग हुए हैं। आपके पास यूएसएसआर था, आपके पास यूगोस्लाविया था, आपके पास संयुक्त अरब गणराज्य था। इसलिए जब तक राष्ट्रों में एक मजबूत सामाजिक-सांस्कृतिक और भावनात्मक बंधन और एक मिश्रित संस्कृति नहीं होती, एक संविधान एक राष्ट्र नहीं बना सकता है। राष्ट्र संविधान बना सकता है।

राहुल गांधी क्यों मिटाना चाहते हैं हजारों वर्षों का इतिहास?

सिद्धार्थ वर्मा ने राहुल से पूछा था, “मेरा आपसे सवाल यह है कि एक राजनीतिक नेता के रूप में, आपको नहीं लगता कि भारत के बारे में आपका विचार न केवल त्रुटिपूर्ण और गलत है, बल्कि विनाशकारी भी है क्योंकि यह हजारों वर्षों के इतिहास को मिटाने का प्रयास करता है।”

राहुल गांधी को भारत से प्यार नहीं है, वे केवल सत्ता हासिल कर मलाई खाना चाहते हैं। वह जब-तब भारत को नीचा और कमजोर दिखाने वाले बयान देते रहे हैं। इस पर एक नजर-

राहुल भारत को बदनाम करने वाले ब्रिटिश सांसद कोरबिन मिले

राहुल गांधी ने 2022 में अपने लंदन दौरे के दौरान ब्रिटिश सांसद जेरेमी कोरबिन (Jeremy Corbyn) से भी मुलाकात की थी। कोरबिन वही शख्स हैं जो भारत को बदनाम करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। वह भारत से कश्मीर के अलगाव की पैरवी करते हैं और स्पष्ट रूप से हिंदू विरोधी हैं। आखिर राहुल गांधी जैसे नेता किस हद तक अपने देश के खिलाफ जा सकता है, यह अपने आप में सवाल है।

देश हो या विदेश राहुल गांधी भारत को हमेशा क्यों दिखाते हैं कमजोर

जब कोई विदेशी नेता भारत आता है तो क्या वह अपने देश की बुराई करता है? कोई विदेशी नेता भारत आकर अपने देश की अंदरूनी बातों पर कभी चर्चा नहीं करता। जबकि राहुल गांधी दुनिया में एकमात्र ऐसे नेता हैं जो देश हो या विदेश अपने देश की प्रगति की बात न करके हमेशा भारत को कमज़ोर दिखाने की कोशिश करते हैं। 2022 में लंदन में राहुल ने यही किया था। यहां तक कि उन्होंने भारत की तुलना यूक्रेन से कर दी थी। उन्होंने कहा था- ”जो रूस यूक्रेन में कर रहा है ठीक वही पैटर्न चीन भारत में डोकलाम और लद्दाख में दिखा रहा है। चीन ने भारत में डोकलाम और लद्दाख में अपनी सेना तैनात कर रखी है और अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख को भारत का हिस्सा मानने से इंकार करता है।” यहां सवाल उठता है कि चीन ने राहुल गांधी को ऐसा क्या दे दिया है कि वे लंदन जाकर भी भारत की प्रगति की बात करने के बजाए चीन की तारीफों के पुल बांधते हैं।

चीनी सैनिक हमारे जवानों को अरुणाचल में पीट रहे

भारत जोड़ो यात्रा के 100 दिन पूरे होने पर राहुल गांधी ने 19 दिसंबर 2022 को जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प को लेकर ऐसा बयान दिया, जिससे वे चौतरफा घिर गए हैं। उन्होंने कहा, ‘चीनी सैनिक हमारे जवानों को अरुणाचल प्रदेश में पीट रहे हैं’।

उरी अटैकः कांग्रेस ने किया पाकिस्तानी आतंकियों का बचाव

साल 2016 में हुए उरी अटैक पर भी कांग्रेस विवादित बयान देकर अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार चुकी है। उरी अटैक पर कांग्रेस ने कहा था ‘सरकार की गलत नीति से जितने लोग मार गए हैं, उससे आधे तो पाकिस्तानी आतंकियों ने उरी हमले में नहीं मारे थे।

राहुल ने देश के प्रधानमंत्री को चोर कहा, फिर माफी मांगी

राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान राफेल मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चोर कहा था। उनके ‘चौकीदार चोर है’ जैसे शब्द का इस्तेमाल करने के बाद राहुल के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया। बाद में अपनी इस टिप्पणी पर खेद जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगी।

‘मेक इन इंडिया’ को ‘रेप इन इंडिया’ बता दिया

राहुल गांधी ने झारखंड की एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ के प्रोजेक्ट को ‘रेप इन इंडिया’ बता दिया था। उनके इस बयान पर लोकसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ था।

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