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पंजाब की जनता की आवाज- पूरा पंजाब रो रहा है, हमने AAP को वोट देकर बहुत गलत किया, AAP को वोट देने का मतलब बच्चों का भविष्य खराब करना

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी झूठे वादों की राजनीति करने में देश में सबसे टॉप पार्टी बन गई है। दिल्ली की जनता इनके झूठे वादो से तो पीड़ित ही है अब पंजाब के लोगों को यह बात समझ आ गई है कि केजरीवाल की पार्टी को जिताकर उन्होंने कितनी बड़ी भूल की है। आज पूरा पंजाब रो रहा है। विकास की बात तो छोड़िए, वहां कानून-व्यवस्था खत्म हो चुकी है, दिनदहाड़े हत्या हो रही है, समूचा पंजाब नशे की गिरफ्त में है, किसान, टीचर लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं और उनकी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। केजरीवाल ने जिन वादों का लॉलीपॉप थमाकर पंजाब में जीत दर्ज की थी, अब वे वादे हवा-हवाई हो गए हैं। जब पंजाब में AAP की सरकार नहीं थी तब केजरीवाल ने पराली को सोना बताया था और अब सरकार बन गई है तो इसका समाधान उनके पास नहीं है। अब वह इसके समाधान के लिए केंद्र सरकार से मदद मांग रहे हैं। केजरीवाल के झूठे वादों की राजनीति अब पंजाब की जनता को समझ आ गई है इसीलिए वह सड़कों पर है। अब पंजाब लोग खुद कह रहे हैं- पूरा पंजाब रो रहा है, हमने AAP को वोट देकर बहुत गलत किया, AAP को वोट देने का मतलब बच्चों का भविष्य खराब करना है।

प्रदूषण से कराह रही दिल्ली की जनता, पराली को सोना बताने वाले केजरीवाल को अब नहीं मिल रहा समाधान

दिल्ली में प्रदूषण से लोगों का जीना दूभर हो गया है। प्रदूषण हमारी जिंदगी पर कितना असर डाल रहा है, इस पर कुछ समय पहले एक रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया है कि प्रदूषण का बढ़ता लेवल हर दिल्ली वाले की जिंदगी 10 साल कम कर रहा है। लेकिन सात से अधिक वर्षों से दिल्ली की सत्ता पर काबिज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इसका कोई समाधान नहीं निकाल पाए हैं। जब पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं थी तब वह साल दर साल दिल्ली में प्रदूषण के लिए पंजाब को जिम्मेदार ठहरा कर पल्ला झाड़ लेते थे। पंजाब में AAP की सरकार बनने के पहले दिल्ली प्रदूषण के लिए पंजाब की पराली जिम्मेदार थी, तब केजरीवाल को पराली से सोना, कोयला, बिजली, गत्ता फैक्टरी सब बनाने आता था। जब पंजाब में उनकी सरकार नहीं थी तब उन्होंने पराली के निपटान के कई समाधान पेश किए थे। लेकिन अब जब सरकार उन्हीं की है तो उन समाधान पर काम क्यों नहीं हो रहा है। कल तक दिल्ली के प्रदूषण के लिए पंजाब को जिम्मेदार ठहराने वाले केजरीवाल के सुर अब बदल गए हैं। अब वह फिर वही बात दोहरा रहे हैं कि केंद्र सरकार को इसका समाधान निकालना चाहिए।

केजरीवाल ने रिश्ते की लाज नहीं रखी, पंजाब में जिसे बहन बनाया उसे ही दिया धोखा

पंजाब चुनाव के दौरान केजरीवाल ने स्थायी नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे टीचर्स और अन्य कर्मचारियों को स्थायी करने के सपने दिखाए। लेकिन जब सपने को सच में बदलने की बारी आई तो उन अस्थायी टीचर्स और कर्मचारियों को तारीख पे तारीख मिली। जब टीचर्स ने प्रदर्शन किया तो उन्हें पुलिस की लाठियां खानी पड़ी। इससे नाराज टीचर्स और कर्मचारी केजरीवाल के चुनाव पूर्व किए गए वादे की याद दिला कर इन दिनों प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब चुनाव के दौरान भी टीचर सिप्पी शर्मा ने पानी टंकी पर चढ़कर प्रदर्शन किया था और उस दौरान केजरीवाल ने उसे बहन बोलकर नीचे उतरने की अपील की और वादा किया कि सरकार बनते ही उसकी मांग पूरी की जाएगी। लेकिन अब पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बने सात महीने हो चुके हैं और उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया।

पंजाब में सरकार बने 8 महीने हुए, वादा नहीं हुआ पूरा

पंजाब के सोहाना स्थित पानी की टंकी पर चढ़ी दो PTI टीचर नौकरी नहीं मिलने पर लगातार पंजाब सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। कांग्रेस सरकार के समय से विरोध कर रही फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर, सिप्पी शर्मा ने कहा कि AAP की पंजाब सरकार 8 महीने से उन्हें गोली दे रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले दिल्ली के CM एवं AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मोहाली, पानी की टंकी के पास आकर उन्हें AAP की सरकार बनने पर सभी 646 PTI को नौकरी देने का भरोसा दिया था। लेकिन नौकरी के नाम पर उनसे धोखा किया गया है। पंजाब में अब तक की सरकारों से खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही सिप्पी शर्मा पेट्रोल से भरी बोतल लेकर पानी की टंकी पर चढ़ी। इसका पता लगने पर स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंची। लेकिन सिप्पी शर्मा ने विरोध खत्म करने से इनकार कर दिया। उन्होंने CM भगवंत मान, दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल और शिक्षा मंत्री से मेरिट लिस्ट जारी करने की अपील की है।

केजरीवाल ने कहा था- मुझे शर्म आ रही है पूरे समाज पर, अब शर्म कहां गई?

पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मोहाली में कुछ टीचर्स पानी की टंकी पर चढ़ गए थे। ये संविदा शिक्षक तत्कालीन चन्नी सरकार से सेवाओं को नियमित करने सहित कई मागों को लेकर दबाव बना रहे थे। जिनसे बातचीत करने अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान पहुंचे थे। इस दौरान केजरीवाल ने सिप्पी शर्मा को कहा था कि वह उन्हें अपना भाई मानती है, तो नीचे आ जाए। केजरीवाल ने पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सरकार बहरी हो चुकी है और कोई आपकी बात नहीं सुनने वाला। केजरीवाल ने प्रदर्शनकारी टीचर्स से कहा था, “मैं आपसे गुजारिश करने के लिए आया हूं, मुझे शर्म आ रही है पूरे समाज पर, पूरी व्यवस्था के ऊपर कि हमारे शिक्षकों को आज ऐसे टंकी के ऊपर बैठकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है। मैं आपसे विनती करने आया हूं कि आप लोग नीचे आ जाओ, मैं आपसे वादा करता हूं कि हमारी सरकार आने के बाद दिल्ली में जैसे शिक्षकों की सारी परेशानियां दूर हो गईं। वैसे ही पंजाब में भी सारी सुविधाएं दी जाएंगी।”

केजरीवाल के स्वास्थ्य मॉडल की पोल खुली, पंजाब के पठानकोट में गर्भवती की डिलिवरी बरामदे में हुई

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल स्वास्थ्य मॉडल की ढोल पीटते रहते हैं। पंजाब में इस साल जब आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो वहां के मुख्यमंत्री भगवंत मान दिल्ली के स्वास्थ्य मॉडल को देखने राष्ट्रीय राजधानी भी पहुंचे और फोटो खिंचाने के साथ ड्रामेबाजी भी हुई। लेकिन असलियत में आम आदमी पार्टी का स्वास्थ्य मॉडल क्या है इसकी पोल खुल गई है। पंजाब के पठानकोट में सितंबर 2022 में देर रात सिविल अस्पताल में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई। सिविल अस्पताल में रात 2 बजे डिलीवरी के लिए आई महिला को इमरजेंसी में तैनात स्टाफ ने बिना चेकअप के अमृतसर अस्पताल रेफर कर दिया। महिला की हालत खराब होने के चलते पति ने स्टाफ के सामने लाख मिन्नतें की, लेकिन उनका दिल नहीं पसीजा, उलटे उन्होंने उसे वहां से भगाने का प्रयास किया। करीब दो घंटे तड़पने के बाद महिला ने अस्पताल के बरामदे में ही बच्चे को जन्म दे दिया। पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया , जिस पर लोग केजरीवाल के स्वास्थ्य मॉडल को कोस रहे हैं।

पंजाब में केजरीवाल की गारंटी- तीन महीने के अंदर नशा खत्म कर देंगे, 8 महीने हो गए, गारंटी की हवा निकल गई

पंजाब चुनाव के दौरान केजरीवाल ने कहा था कि कभी पंजाब के नौजवानों का पूरी दुनिया में डंका बोलता था लेकिन पंजाब के घर-घर में नशा पहुंच गया और नौजवानों को इससे बहुत नुकसान पहुंचा है। केजरीवाल ने कहा था कि कुछ बच्चे कनाडा चले गए और बाकी जवानी नशे में डूबी हुई है। गांव-गांव के अंदर खुलेआम नशा बिक रहा है। पिछली बार जब कांग्रेस की सरकार आई थी, तब उन्होंने कहा था कि हम नशा बंद करेंगे। लेकिन कोई नशा बंद नहीं हुआ और आज भी नशा उसी तरह बिक रहा है। क्योंकि इन सबकी सांठगांठ हैं। सारी पार्टियों की और नशा बेचने वाले सारे गिरोह की आपस में सांठगांठ हैं। हम इस पूरे सिंडिकेट को खत्म करेंगे। नशा बेचने वाले पूरे गिरोह को खत्म करेंगे। नशा माफिया को खत्म करेंगे और नशे से अपने बच्चों को बाहर निकाल कर पंजाब को नशा मुक्त करेंगे। लेकिन तीन महीने में ड्रग्स का नशा खत्म करने का उनका वादा खोखला ही साबित हुआ और अब आठ महीने हो गए हैं उल्टे नशा बढ़ ही गया है। दूसरी तरफ शराब सस्ती कर दी गई है।

पंजाब में नशा खत्म करने की गारंटी की हवा निकल गई

नशा खत्म करने की गारंटी करने वाले केजरीवाल ने दिल्ली की तरह पंजाब में भी आबकारी नीति (Liquor Policy) में कुछ बदलाव किए गए हैं, जिसके बाद शराब करीब 40 प्रतिशत सस्ती हो गई। पंजाब की नई सरकार ने अपनी पहली आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है, जिसमें कई नियमों में बदलाव किया गया है। इन नियमों के बदलाव के बाद अब शराब की रेट के साथ ही कंपनियों के प्रोडक्शन को लेकर कुछ बदलाव होने वाले है। साल 2022-23 की नई आबकारी नीति को मंजूरी मिलने के बाद बताया जा रहा है कि शराब की कीमतें करीब आधी हो गई हैं।

पंजाब के युवा एक दिन में ड्रग्स पर करीब 17 करोड़ रुपए करते हैं खर्च

नशे की गिरफ्त में फंसे पंजाब के युवा करीब एक दिन में ड्रग्स पर करीब 17 करोड़ रुपए खर्च करते हैं। यानी युवा एक महीने में करीब 6500 करोड़ रुपए ड्रग्स पर लुटा रहे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पंजाब में नशे के व्यापार का आकार कितना बड़ा होगा। भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब में ड्रग्स का इस्तेमाल करने वालों की संख्या 2,32,856 है। सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि सर्वाधिक 53 फीसदी (123413) लोग हेरोइन और चिट्टे का नशा करते हैं। हेरोइन और चिट्टे का नशा करने के लिए औसतन एक युवक को 1400 रुपए प्रतिदिन की आवश्यकता पड़ती है। इस हिसाब से पंजाब में नशे की गिरफ्त में फंसे युवक एक दिन में करीब 17 करोड़ रुपए चिट्टे और हेरोइन पर खर्च करते हैं। साल में यह राशि 6300 करोड़ रुपए के करीब बनती है।

केजरीवाल ने कहा था-पंजाब में 24 घंटे पानी का इंतजाम करेंगे, चुनाव बाद कहा- यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी

पंजाब चुनाव से पहले केजरीवाल ने कहा था पंजाब के कई जिलों में पानी की किल्लत है। हम सत्ता में आएंगे तो 24 घंटे पानी का इंतजाम करेंगे। लेकिन अब चुनाव के बाद कह रहे हैं पानी की समस्या दूर करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर के मुद्दे पर बुरी तरह घिर चुकी आम आदमी पार्टी के मुखिया ने अब पीएम नरेंद्र मोदी से मांग की कि वह इसका समाधान करें।

दिल्ली से पंजाब तक बापू की तस्वीर हटाई, पहले अपमान और बाद में गांधी समाधि पर जा बैठते हैं केजरीवाल!

यह केजरीवाल की तुच्छ मानसिकता को ही दर्शाती है कि जिस बापू को उन्होंने दिल्ली और पंजाब सरकार के दफ्तरों से बेदखल कर दिया अब घोटालों, भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने एवं ड्रामेबाजी के लिए बापू की शरण में पहुंच जाते हैं। सोशल मीडिया पर केजरीवाल के राजघाट जाने को लोग नौटंकी करार दे रहे हैं। महात्मा गांधी जी के आदर्शों को ताक पर रख कर, राजघाट पर जा कर ड्रामा करने वाले केजरीवाल के हाथ शराब घोटाले में पूरी तरह सने हुए हैं। गांधी जी की समाधि पर जाकर घोटाले को सही ठहराने की कोशिश अरविंद केजरीवाल की तुच्छ मानसिकता को दर्शाती है।

‘विज्ञापनबाज सरकारों’ ने जनता के टैक्स के 1200 करोड़ से ज्यादा रुपये विज्ञापनों पर फूंके

आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली की हो या पंजाब की, इन्हें यदि विज्ञापनबाजी की सरकारें कहें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। केजरीवाल दिल्ली में ऐसा कई बार कर चुके हैं कि काम कुछ लाख का होता है और उसके गुणगान के लिए विज्ञापनों पर करोड़ों खर्च कर दिए जाते हैं। केजरीवाल के नक्शेकदम पर चलते हुए पंजाब में मान सरकार भी अपनी मशहूरी के लिए जनता के करोड़ों रुपये विज्ञापनों पर पानी की तरह बहा रही है। अपने राज्य में ही नहीं, बल्कि गुजरात और हिमाचल में छवि बनाने के लिए करोड़ों के विज्ञापन दिए जा रहे हैं। कभी पॉलिटिकल एडवरटाइजमेंट की आलोचना करने वाले केजरीवाल और उनकी पार्टी अब विज्ञापनबाजी में सबसे आगे है।

अरविंद केजरीवाल की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है। वो कहते कुछ हैं और दिखावे के लिए करते कुछ और ही हैं। केजरीवाल ने इस साल जनवरी में पंजाब चुनाव प्रचार के दौरान भी कहा था- “कोरोना के चलते चुनाव आयोग ने डोर टू डोर कैंपेनिंग के लिए कहा है और हम तो डोर टू डोर ही करते हैं। दूसरे दल तो खूब पैसे खर्चते हैं। बड़े-बड़े विज्ञापन देते हैं। ऐसे विज्ञापन देना आम आदमी पार्टी को नहीं आता। हमारे पास तो विज्ञापनों के लिए पैसे ही नहीं हैं, क्योंकि हम ईमानदार पार्टी हैं।” केजरीवाल के शब्दों में यदि विज्ञापन न देना ईमानदारी की परिभाषा है तो साफ कह सकते हैं कि दिल्ली और पंजाब की सरकारें बेईमानी पर उतर आई हैं। यदि यह कहें कि उन्होंने तो बेईमानी की नदियां ही बहा दीं हैं तो ज्यादा तर्कसंगत होगा।

काम से कई गुना ज्यादा विज्ञापनों पर खर्च, कहां से आता है केजरीवाल के पास इतना पैसा- यादव

दिल्ली से लेकर पंजाब और अब बिहार तक में नेताओं ने विज्ञापन वाली आप सरकार की आलोचना की है। बिहार की जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव बयानबाजी को लेकर अक्सर चर्चा में बने रहते हैं। इस बार पप्पू यादव के निशाने पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आ गए हैं। अरविंद केजरीवाल पर हमलावर होते हुए पप्पू यादव ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री काम तो मुश्किल से 40 करोड़ रुपये का करते हैं, लेकिन इसके विज्ञापन पर 400 करोड़ रूपये खर्च कर देते हैं। समझ में नहीं आता कि उनके पास इतना पैसा आता कहां से है। यादव ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जब भी गुजरात जाते हैं तो 40 लाख रुपये पंजाब का खर्च करवाते हैं।

केजरीवाल ने आठ साल में एक हजार करोड़ से ज्यादा रुपये विज्ञापनों पर फूंके- कुमार

इससे पहले कांग्रेस नेता अजोय कुमार ने आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने केजरीवाल सरकार पर अखबारों और चैनलों को करोड़ों के विज्ञापन देने के नाम पर हमला बोला। कांग्रेस नेता कुमार ने कहा कि साल 2015 में AAP ने टीवी और अखबारों को 81 करोड़ रुपये का विज्ञापन दिया था। जबकि 2017-18 में 117 करोड़ रुपये का विज्ञापन दिया था। वहीं, 2019 में पार्टी ने 200 करोड़ और 2021-22 में 490 करोड़ रुपये के आसपास का विज्ञापन दिया है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार और पंजाब सरकार ने अब तक विज्ञापन पर 1200 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने पंजाब की मान सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा, ‘पिछले 6 महीने से पंजाब सरकार कर्मचारियों को सैलरी नहीं दे पा रही है, लेकिन चैनलों और अखबारों को करोड़ों के विज्ञापन दिए जा रहे हैं। चैनलों के मालिक खुश हैं। खासतौर से गुजरात में। पिछले 2 महीनों में भगवंत मान ने गुजरात टीवी चैनलों और अखबारों में विज्ञापन देकर 36 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं।

चुनावी लाभ के लिए पंजाब के करदाताओं के पैसे का बाहरी राज्यों में उपयोग

पंजाब में कांग्रेस नेता परगट सिंह ने कहा है कि दरअसल आप सरकार किसी राजनीतिक दल के रूप में नहीं, बल्कि पीआर एजेंसी की तरह काम कर रही है, जिसका काम सिर्फ लुभावने विज्ञापन देना है। उसको जनता की परेशानियों या राज्य की आर्थिक सेहत से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि भगवंत मान सरकार ने 60 दिन में 38 करोड़ रुपए विज्ञापन पर खर्च किए हैं। उन्होंने कहा कि आप पार्टी पंजाब के करदाताओं के पैसे का इस्तेमाल पंजाब के बाहर के राज्यों में चुनावी लाभ के लिए कर रही है। यह पंजाब और उसके लोगों के साथ विश्वासघात है। पंजाब कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि राज्य का खजाना भरने के दावे करके सत्ता में आई आप खुद ही इसे खाली करने में जुटी है।

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