थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित ‘विश्व हिंदू कांग्रेस’ सम्मेलन हिंदू संगठनों के बीच एकता को मजबूत करने और सनातन धर्म के खिलाफ नफरत और पूर्वाग्रहों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के संकल्प के साथ संपन्न हुआ। सम्मेलन में यह मुद्दा भी उठा कि हिंदुओं के पक्ष में ग्लोबल नैरेटिव सेट करने के लिए हिंदुओं में एकजुटता जरूरी है। वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस में प्रस्ताव पास किया गया कि हिन्दुत्व को अंग्रेजी में ‘हिन्दूइज़्म’ कहना पूरी दुनिया के हिंदू समुदाय पर और हिंदुत्व की अच्छाई पर हमला है। प्रस्ताव में कहा गया कि हिंदुत्व को हिंदूनेस कहा जा सकता है। हिंदू संगठनों के बीच एकता को मजबूत करने और सनातन धर्म के खिलाफ नफरत व पूर्वाग्रहों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के संकल्प के साथ तीन दिवसीय ‘विश्व हिंदू कांग्रेस’ का रविवार को समापन हुआ। सम्मेलन में 61 देशों के 2500 से ज्यादा प्रतिनिधि दुनिया भर से शामिल हुए। इसके साथ ही अलग अलग देशों से 30 से ज्यादा जनप्रतिनिधि वैसे भी आए, जिसमें विधायक, सांसद, मंत्री और गवर्नर शामिल रहे।
हिंदुत्व से पूरी तरह से अलग है हिंदुइज्म
वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया है कि हिंदूवाद (हिंदुइज्म) पूरी तरह से अलग है क्योंकि इसमें ‘इज्म’ जुड़ा हुआ है, जो एक दमनकारी और भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण या विश्वास के रूप में परिभाषित शब्द है। इसमें कहा गया है, ‘इसी वजह से हमारे कई बुजुर्गों ने हिंदूवाद की तुलना में हिंदुत्व शब्द को प्राथमिकता दी क्योंकि हिंदुत्व अधिक सटीक शब्द है, इसमें हिंदू शब्द के सभी अर्थ शामिल हैं। यह घोषणापत्र ऐसे समय अपनाया गया है, जब कुछ समय पहले DMK नेताओं ने ‘सनातन का उन्मूलन’ विषय पर एक सेमिनार में सनातन धर्म के बारे में कुछ विवादास्पद बयान दिए थे।
VIDEO | RSS chief Mohan Bhagwat addresses the inaugural event of the World Hindu Congress in Bangkok, Thailand.
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/d8jp61xFcR) pic.twitter.com/yCtdk3u5rK
— Press Trust of India (@PTI_News) November 24, 2023
दमन का प्रतीक है इज्म
प्रस्ताव में कहा है कि हिंदुइज़्म पूरी तरह से अलग है क्योंकि इसमें “इज़्म” जुड़ा है। “इज़्म” शब्द एक दमनकारी और भेदभावपूर्ण रवैये का प्रतीक है। उन्नीसवीं सदी के मध्य में अमेरिका में, “इज़्म” का उपयोग आध्यात्मिक या धार्मिक और सामाजिक सुधार आंदोलनों को अपमानजनक तरीके से परिभाषित करने के लिए किया गया था। प्रस्ताव में कहा गया कि “हिंदूइज़्म ” का इस्तेमाल 1877 में ईसाई ज्ञान को बढ़ावा देने वाली एक सोसाइटी ने अपनी किताब में किया था। यह बौद्धिक रूप से बेईमानी है। प्रस्ताव में कहा कि पिछले 150 सालों में क्रूर हिंदू-विरोधी आख्यानों के पीछे ऐसी शब्दावली ही वजह है।
A grand start to the World Hindu Congress 2023 in Bangkok at the Chhatrapati Shivaji Maharaj Hall. #worldhinducongress pic.twitter.com/Fpy9aQBw7T
— Dr. Vikram Sampath, FRHistS (@vikramsampath) November 24, 2023
हिंदुत्व कोई जटिल शब्द नहीं
घोषणापत्र में कहा गया कि हिंदुत्व कोई जटिल शब्द नहीं है और इसका सीधा सा मतलब हिंदू से संबंधित है। इसमें कहा गया,‘अन्य लोगों ने विकल्प के तौर पर ‘सनातन धर्म’ का इस्तेमाल किया है, जिसे संक्षिप्त में अक्सर सनातन कहा जाता है। यहां सनातन शब्द हिंदू धर्म की शाश्वत प्रकृति को इंगित करने वाले विशेषण के रूप में काम करता है।’ घोषणापत्र में कहा गया कि कई शिक्षाविद और बुद्धिजीवी अज्ञानतावश हिंदुत्व को हिंदू धर्म के विपरीत के तौर पर चित्रित करते हैं। इसमें कहा गया,‘लेकिन अधिकांश लोग हिंदू धर्म के प्रति अपनी गहरी नफरत और पूर्वाग्रहों के कारण हिंदुत्व विरोधी हैं।’
एक साथ जुड़ें पूर दुनिया के हिंदू
घोषणापत्र में कहा गया, ‘राजनीतिक एजेंडे और व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों से प्रेरित कई नेता भी उस समूह में शामिल हो गए हैं और कटुता के साथ सनातन धर्म या सनातन की आलोचना कर रहे हैं।’ विश्व हिंदू कांग्रेस ने ऐसी आलोचना की निंदा की और दुनिया भर के हिंदुओं से आग्रह किया कि वे इस तरह की कट्टरता में शामिल लोगों पर काबू पाने के लिए एकजुट हों और विजयी बनें। इससे पहले, उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए, RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत दुनिया को खुशी और संतुष्टि का रास्ता दिखाएगा जो भौतिकवाद, साम्यवाद और पूंजीवाद के प्रयोगों से लड़खड़ा रही है। उन्होंने दुनिया भर के हिंदुओं से एक-दूसरे तक पहुंचने और एक साथ दुनिया से जुड़ने की अपील की।
A momentous occasion as Dr Mohan Ji Bhagwat, PP Sarsanghchalak of the Rashtriya Swayamsevak Sangh, delivered the inaugural address. Dr. Mohan Ji delved into the theme ‘Jayasya Aayatnam Dharmah,’ sharing profound insights on the paramount role of Dharma in our journey to triumph.… pic.twitter.com/ES9vDojbzH
— World Hindu Congress (@WHCongress) November 24, 2023
काफी संख्या में जुड़ रहे हैं हिंदू
भागवत ने दुनियाभर से आए विचारकों, कार्यकर्ताओं, नेताओं और उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा,‘हमें हर हिंदू तक पहुंचना होगा, संपर्क साधना होगा। सभी हिंदू मिलकर दुनिया में सभी से संपर्क साधेंगे। हिंदू ज्यादा से ज्यादा संख्या में जुड़ रहे हैं और दुनिया के साथ जुड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।’ वर्ल्ड हिंदू फाउंडेशन के संस्थापक और वैश्विक अध्यक्ष स्वामी विज्ञानानंद ने शंख बजाकर सम्मेलन की शुरुआत की। इसमें प्रमुख रूप से आध्यात्मिक नेता माता अमृतानंदमयी देवी, VHP के महासचिव मिलिंद परांडे, WHC आयोजन समिति के अध्यक्ष सुशील सराफ, भारत सेवाश्रम संघ के कार्यकारी अध्यक्ष स्वामी पूर्णात्मानंद, हिंदू धर्म टुडे-यूएसए के प्रकाशक सतगुरु बोधिनाथ वेयलानस्वामी सहित अन्य ने हिस्सा लिया।
अगला ‘विश्व हिंदू कांग्रेस’ 2026 में मुंबई में
विश्व हिंदू कांग्रेस का पहला संस्करण साल 2014 में दिल्ली में हुआ था और दूसरा संस्करण 2018 में शिकागो में आयोजित किया गया था। 2023 में इसका तीसरा संस्करण थाईलैंड में आयोजित किया गया। गौरतलब है कि थाईलैंड में करीब 10 लाख हिंदू रहते हैं। आयोजकों ने यह भी एलान किया कि अगला ‘विश्व हिंदू कांग्रेस’ 2026 में मुंबई में आयोजित किया जाएगा।
विश्व हिंदू कांग्रेस में कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे। उस पर एक नजर-
पहले प्रधानमंत्री ने समाजवाद लाकर देश को बर्बाद कर दियाः मोहनदास पई
“This is the country which the first PM ruined by bringing his socialism, price controls, license-quota Raj. He suppressed Indian capital and Indian entrepreneurs. In Nehru’s rein, Sridhar Vembu could not have been a billionaire and started his own company”: Shri Mohandas Pai… pic.twitter.com/S0CnXGXz2Q
— World Hindu Congress (@WHCongress) November 27, 2023
मुस्लिम नहीं, भारत में हिंदू उत्पीड़ित समुदाय हैः मोहनदास पई
“Muslims in India have more rights than Hindus…Hindus are the oppressed community in India…and we are accused of being anti-minority…how can we tolerate this?”: Shri Mohandas Pai @TVMohandasPai speaking at the #WHC2023 grand panel on Saturday pic.twitter.com/NE8SQJwAJR
— World Hindu Congress (@WHCongress) November 26, 2023
हिंदू टेरर थ्योरी, अजमल कसाब समीर चौधरी के नाम से मारा जाता
“We, of course, know that 26/11 terrorist Ajmal Kasab was supposed to die as a Hindu named Sameer Chaudhary. Had it not been for the great Tukaram Omble, this Hindu Terror theory would have really gotten a boost. So the question occurs: why is a Hindu Terror theory being pushed,… pic.twitter.com/mncfVwwzl9
— World Hindu Congress (@WHCongress) November 25, 2023
एक बार मंदिर, हमेशा एक मंदिर
“If Muslim Law and Muslim concept is, once a Mosque always a Mosque, once a Waqf always a Waqf then it is a Sanatan concept also, once a TEMPLE, always a TEMPLE”: @Vishnu_Jain1 thunders at #WHC2023 pic.twitter.com/ObIeSlu2NU
— World Hindu Congress (@WHCongress) November 24, 2023
बंगाल में 2021 चुनाव के बाद हिंसा पर नुपुर जे शर्मा
In a world that often turns away, @UnSubtleDesi stands as a stark reminder of the harsh realities that demand our attention. Kudos to her for fiercely highlighting the brutal post-poll vioIence in Bengal in 2021 at #WHC2023. pic.twitter.com/BUHFDbJYRO
— desi mojito 🇮🇳 (@desimojito) November 25, 2023
सर तन से जुदा पर विवेक अग्निहोत्री
How Can someone say STSJ and get away with it ,must listen @vivekagnihotri ji 🔥#WHC2023 pic.twitter.com/PJuhILOmxS
— Right Singh (@rightwingchora) November 26, 2023
यह हमारी सांस्कृतिक चेतना, हमारी जड़ों को पुनः प्राप्त करने का समय है!
It’s time to reclaim our cultural consciousness, our roots! @vikramsampath rightly echoed the need for Bharat to rewrite its history, buried beneath the veils of manipulated truths and whitewashed narratives.#WHC2023 pic.twitter.com/blnAw1EtNA
— BALA (@erbmjha) November 25, 2023