प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने वैश्विक विजन से डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी कई प्रभावशाली अभियान धरातल पर उतारे हैं। इसी का सुपरिणाम है कि जहां एक और वैश्विक स्तर पर आइटी कंपनियों में भारी छंटनी हो रही है, वहीं दूसरी ओर भारत में मौजूद दिग्गज मल्टीनेशनल कंपनियों के ग्लोबल कैपिसिटी सेंटर्स (जीसीसी) में टेक व डिजाइनिंग के प्रोफेशनल्स की जमकर नियुक्तियां हो रही हैं। जीसीसी में पिछले साल के मुकाबले इस साल अब तक टेक टैलेंट्स की हायरिंग 35% से 40% बढ़ी है। इतना ही नहीं, अगले 3 से 4 साल में तो मल्टीनेशनल कंपनियों के जीसीसी में 4 लाख से अधिक इंजीनियरों और युवा प्रोफेशनल्स को नौकरी मिलने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है। इसके अलावा प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए रोजगार मेलों से भी लाखों युवाओं का नौकरी का सपना साकार हो रहा है।
ग्लोबल कंपनियों की मैन्युफैक्चरिंग वर्क भारत में कराने में दिलचस्पी
भारतीय इकोनॉमी की ताकत बनी मेक इन इंडिया के चलते दुनियाभर की एमएनसी अब भारत में ही अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की तैयारी में हैं। अब तक ज्यादातर आइटी और सर्विस सेक्टर से जुड़ी कंपनियां और ऑफशोर वर्क ही भारत आते थे। आइटी स्टाफिंग कंपनी क्वेस की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में ग्लोबल कंपनियों के मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े जीसीसी तेजी से बढ़े हैं। एमएनसी रिसर्च, डिजाइन और इंजीनियरिंग से जुड़े कामों को भी भारत भेजने लगी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक अगले कुछ ही वर्षों में भारत में एविएशन, ऑटोमोबाइल, टायर और इलेक्ट्रिकल समेत कई सेक्टरों में लाखों की संख्या में नई नौकरियां आएंगी।
आइटी ही नहीं, ऑटोमोबाइल-हार्डवेयर सेक्टर में भी होगी नौकरियों की बरसात
मल्टीनेशनल कंपनियां भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग सेंटरों को बढ़ाने में जुट गई हैं। इसके चलते नौकरियों की बहार आने की पूरी संभावना है। इनमें से ज्यादातर नौकरियां आइटी सेक्टर के साथ ही मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरों के लिए होंगी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर नित-नई जॉब को पैदा करेगा। टियर-2 और 3 शहरों के इंजीनियरिंग कॉलेजों से भी फ्रेशर्स हायर होंगे। विशेषज्ञों के अनुसार, मर्सेडीज बेंज, बॉश, मिशलीन, एबीबी, बोइंग, एयरबस, रेनॉ, फोक्सवेगन ग्रुप, स्नाइडर इलेक्ट्रिक, जॉन डिअर, कैटरपिलर, कोंटिनेंटल और कोलिंस एयरोस्पेस जैसी कंपनियां भारत में मजबूती से काम करेंगी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की यह बदलती तस्वीर बहुत उत्साहित करने वाली है। बैटरी मैनेजमेंट और हार्डवेयर क्षेत्र में भी कई नौकरियां पैदा होंगी।
Looks like there is still lots of things we not know about the Cybertruck.
On 30 Nov all will be revealed. #Tesla #ElonMusk #Cybertruckpic.twitter.com/LhDnzyEWU3
— Mr Tesla 𝕏 (@MrTeslaX) November 27, 2023
दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनियों में शुमार टेस्ला आएगी भारत
दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनियों में शुमार टेस्ला भी अब भारत आने वाली है। भारत के कार लवर्स टेस्ला कंपनी के भारत आने का इंतेजार सालों से कर रहे थे, अब उनका ये इंतजार खत्म होने वाला है। खबरों की माने तो 2024 में भारत की सड़कों पर टेस्ला की कारें दौड़ती हुई दिख सकती हैं। टेस्ला कंपनी के आने के साथ ही देश में इलेक्ट्रिकल और ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में नई नौकरियां सृजित होंगी। टेस्ला का सबसे सस्ता मॉडल 3 है जो एक लग्जरी कार है। इसकी कीमत भारतीय बाजार में 20 लाख से ज्यादा होगी, उम्मीद की जा रही है टेस्ला भारत में अपनी सस्ती कारें जैसे मॉडल Y और 3 को 2024 में लांच कर देगी।
More than 10 per human on average https://t.co/jYdhgB7N3L
— Elon Musk (@elonmusk) November 24, 2023
दो मिलियन डॉलर्स का निवेश कर भारत में लगाएगी मैन्यूफ़ैक्चरिंग प्लांट्स
टेस्ला भारत में अपनी कारों के आयात के लिए सरकार के साथ मिलकर डील को पक्का कर रही है। इसके अलावा कंपनी 2026 तक अपने मैन्यूफ़ैक्चरिंग प्लांट्स को भारत में लगा सकती है, जिसका ऐलान अगले साल जनवरी में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में हो सकता है। टेस्ला भारत में एक बड़ा निवेश करने की तैयारी में है, अपनी मैन्यूफ़ैक्चरिंग प्लांट्स के लिए कंपनी करीब 2 मिलियन डॉलर्स का निवेश करेगी। खबरों के मुताबिक टेस्ला अपने प्लांट्स महाराष्ट्र गुजरात, और तमिलनाड़ु में खोलेगी।
चीन को झटका, फॉक्सकॉन भी भारत में निवेश करेगी 13 हजार करोड़ रुपये
एपल के लिए आइफोन बनाने वाली ताईवानी कंपनी फॉक्सकॉन जिसे होन हाई प्रीसिजन इंडस्ट्री के नाम से भी जाना जाता है, भारत में विस्तार योजना के तहत 1.6 बिलियन डॉलर यानी करीब 13,000 करोड़ रुपए निवेश करने जा रही है। भारत के प्रभुत्व को देखते हुए कंपनी ने चीन को झटका देते हुए भारत के साथ हाथ मिलाए हैं। कंपनी ने सोमवार (27 नवंबर 2023) को ताईवान में एक एक्सचेंज फाइलिंग में यह जानकारी दी। कंपनी ने कहा कि ऑपरेशनल जरुरतों को पूरा करने के लिए ये निवेश किया जा रहा है। यह निवेश कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट लेकर होगा। इससे भारत के युवाओं और टेक प्रोफेशनल्स को अवसर मिलेंगे। फॉक्सकॉन का आधा से ज्यादा रेवेन्यू एपल से आता है। कंपनी आइफोन के अलावा दूसरे प्रोडक्ट्स पिछले कई वर्षों से भारत में बना रही है। आइफोन 15 की मैन्युफैक्चरिंग फॉक्सकॉन ने ही भारत में की है। फॉक्सकॉन भारत में अपने साइज को डबल करना चाहती है।अमेरिका में 163 भारतीय कंपनियों ने निवेश कर सामाजिक दायित्व भी निभाया
देश ही नहीं, विदेश में भी भारत के डंके का जोरदार शंखनाद हो रहा है। भारतीय युवाओं और उद्यमियों की प्रतिभा के चलते विदेशी कंपनियां उनके लिए पलक पांवड़े बिछा रही हैं। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की ‘इंडियन रूट्स, अमेरिकन सॉयल’ शीर्षक वाली सर्वे रिपोर्ट बताती है कि कैसे भारतीय कंपनियों ने अमेरिका में कमाल कर दिखाया है। अमरीका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने वाशिंगटन में आयोजित एक सम्मेलन में यह रिपोर्ट जारी की। इस मौके पर भारत में अमरीका के राजदूत ऐरिक गार्सेटी भी मौजूद थे। भारतीय कंपनियों के प्रतिनिधि भी इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए अमेरिका गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक जिन 163 भारतीय कंपनियों ने अमरीका में निवेश किया है, उन्होंने सामाजिक दायित्व भी बखूबी निभाया। और इस पर करीब 18.5 करोड़ डालर खर्च किए। अमरीका में शोध और विकास परियोजनाओं के लिए इन कंपनियों ने एक अरब डालर की फंडिंग की।भारतीय कंपनियों ने अमरीका में 4.25 लाख लोगों को दी नौकरियां
अमरीका में भारतीय राजदूत संधू ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय कंपनियों ने अमरीका में 4.25 लाख लोगों को नौकरियां दी। अमेरिका में भारतीय कंपनियां मजबूती, जुझारूपन और प्रतिस्पर्धा ला रही हैं। ये रोजगार पैदा कर रही हैं और स्थानीय समुदायों को समर्थन भी दे रही हैं। सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि भारतीय कंपनियों ने अमरीकी बाजार में अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया। इन क्षेत्रों में सक्रिय भारतीय कंपनियां अमरीका के सभी पचास राज्यों के अलावा वाशिंगटन डीसी और प्यूर्टो रीको में कार्यरत हैं। इनकी सक्रियता फार्मास्युटिकल्स और जीव विज्ञान, दूरसंचार, वैमानिकी और रक्षा, वित्तीय सेवा, विनिर्माण, पर्यटन और होटल, डिजाइन और इंजीनियरिंग, वाहन, खाद्य एवं कृषि ऊर्जा, खनन क्षेत्रों में है।