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मोदी सरकार ने दी पांच राज्यों के 7,287 गांवों में मोबाइल सेवाओं के साथ सुदूर इलाकों में 32,152 किलोमीटर सड़क निर्माण को मंजूरी

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मोदी सरकार ने 17 नवंबर को पांच राज्यों के 7,287 गांवों में मोबाइल सेवाओं के साथ देश के सुदूर इलाकों में 32,152 किलोमीटर सड़क निर्माण को मंजूरी दे दी। बुधवार कोकेंद्रीय मंत्रिमंडल ने पांच राज्यों के 7,287 गांवों में मोबाइल संपर्क के प्रावधान के लिए सार्वभौमिक सेवा दायित्व निधि (यूएसओएफ) के उपयोग को मंजूरी दे दी जिसकी अनुमानित लागत 6,466 करोड़ रुपये है। इसके साथ ही देश के सुदूर क्षेत्रों एवं जनजातीय इलाकों में 32,152 किलोमीटर सड़क निर्माण करने को भी मंजूरी प्रदान की गई। इस पर 33,822 करोड़ रुपये खर्च होगा।

जो गांव मोबाइल सेवा के दायरे में नहीं हैं, उन गांवों में मोबाइल सेवा के प्रावधान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल समिति ने पांच राज्यों आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र और ओडिशा के आकांक्षी जिलों के जो गांव मोबाइल सेवा के दायरे में नहीं हैं, उन गांवों में मोबाइल सेवा के प्रावधान के लिए मंजूरी दे दी है। इस परियोजना के तहत आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र और ओडिशा के 44 आकांक्षी जिलों के 7,287 गांव, जो मोबाइल सेवा के दायरे में नहीं हैं, उन गांवों में 4 जी मोबाइल सेवाएं दी जाएगी, जिसकी अनुमानित लागत 6,466 करोड़ रुपये है। इस परियोजना का वित्तपोषण सार्वभौमिक सेवा दायित्व निधि (यूएसओएफ) से किया जाएगा। जिन गांवों में ये सेवाएं मौजूद नहीं हैं, उन चिह्नित गांवों में 4जी मोबाइल सेवा के प्रावधान से सम्बंधित कार्य को खुली प्रतिस्पर्धात्मक बोली प्रक्रिया के जरिये आवंटित किया जाएगा। यह प्रक्रिया यूएसओएफ की मौजूदा प्रणाली के तहत पूरी की जायेगी।

पीएमजीएसवाई-I, II और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के लिए सड़क संपर्क परियोजना को मंजूरी
प्रधानमंत्री मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने सड़कों और पुलों के निर्माण के शेषकार्यों को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-I और II को सितंबर, 2022 तक जारी रखने से संबंधित ग्रामीण विकास मंत्रालय के ग्रामीण विकास विभाग के प्रस्तावों को अपनी मंजूरी दे दी है। सीसीईए ने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के लिए सड़क संपर्क परियोजना (आरसीपीएलडब्ल्यूईए) को मार्च, 2023 तक जारी रखने के लिए भी अपनी मंजूरी दी।

केन्द्र सरकार ने मैदानी क्षेत्रों में 500 से अधिक जनसंख्या वाली और उत्तर-पूर्व तथा हिमालयी राज्यों में 250 से अधिक जनसंख्या वाली सड़क से वंचित बस्तियों को कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए पीएमजीएसवाई-I की शुरुआत की। चयनित वामपंथी उग्रवाद ब्लॉकों में, 100 से अधिक जनसंख्या वाली बस्तियों को भी कनेक्टिविटी प्रदान की जानी थी। ऐसी कुल 1,84,444 बस्तियों में से केवल 2,432 बस्तियां शेष हैं। कुल स्वीकृत 6,45,627 किलोमीटर लंबी सड़कों और 7,523 पुलों में से 20,950 किलोमीटर लंबी सड़कों और 1,974 पुलों के कार्यों को पूरा करना शेष है। इस प्रकार, अब ये कार्य पूरे हो जाएंगे।

पीएमजीएसवाई- II के तहत, 50,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़क नेटवर्क में 49,885 किलोमीटर लंबी सड़कों और 765 एलएसबी स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से केवल 4,240 किलोमीटर लंबी सड़कों और 254 पुलों का कार्य शेष हैं। इस प्रकार, अब ये कार्य पूरे हो जाएंगे।

उत्तर-पूर्व और पर्वतीय राज्यों में कोविड लॉकडाउन, ज्यादा समय तक बारिश होने,सर्दी, वन संबंधी मुद्दों के कारण पीएमजीएसवाई- I और II के तहत अधिकांश कार्य लंबित हैं। ये राज्य केंद्र सरकार से ग्रामीण अर्थव्यवस्था से संबंधित इन महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने के लिए समय बढ़ाने का अनुरोध करते रहे हैं। इन राज्यों को शेष कार्यों को पूरा करने में मदद करने के लिए समयसीमा को सितंबर, 2022 तक बढ़ाया गया है।

9 राज्यों के 44 वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में कनेक्टिविटी में सुधार के लिए वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों की सड़क संपर्क परियोजना(आरसीपीएलडब्ल्यूईए) 2016 में शुरू की गई थी। 5,714 किलोमीटर लंबी सड़कों और 358 पुलों का कार्य पूरा होना बाकी है और अन्य 1,887 किलोमीटर लंबी सड़कों तथा 40 पुलों को मंजूरी दी जा रही है। इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए योजना को मार्च, 2023 तक बढ़ाया जा रहा है, जो संचार और सुरक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं।

 

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