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एनसीपी चीफ करा बैठे अपने किरकिरी, देखमुख के बचाव में झूठ बोलते पकड़े गए शरद पवार

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राजनीति में एनसीपी चीफ शरद पवार ने अपनी जो कुछ इज्जत कमाई थी, महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख की कुर्सी बचाने के चक्कर में उसे एक दिन में ही गंवा दिया। हाल ही में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर बेहद गंभीर आरोप लगाया कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने पुलिस अधिकारी सचिन वाजे से हर महीने 100 करोड़ की वसूली करने को कहा था। इस पर मचे सियासी घमासान को लेकर अनिल देशमुख के इस्तीके की मांग जोर पकड़ने लगी, लेकिन एनसीपी चीफ पवार ने देशमुख का बचाव करते हुए कहा कि गृहमंत्री के इस्तीफे का सवाल ही नहीं है। पवार ने सिंह के पत्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि चिट्ठी में देशमुख और वाजे के बीच मुलाकात के जिस समय का उल्लेख किया गया है उस वक्त देशमुख अस्पताल में थे।

पवार ने कहा कि पूर्व कमिश्नर ने अपने पत्र में जिक्र किया है कि फरवरी महीने में उन्हें कुछ अधिकारियों से गृह मंत्री के निर्देशों की जानकारी मिली थी, जबकि 5 से 15 फरवरी तक देशमुख कोरोना की वजह से अस्पताल में भर्ती ​थे। पवार ने देशमुख के बचाव में साफ कहा कि वे 5 से 15 फरवरी तक कोरोना होने के कारण अस्पताल में और 16 से 27 फरवरी तक क्वारंटीन में थे।

लेकिन जल्दी ही शरद पवार का झूठ पकड़ा गया। अनिल देशमुख इस दौरान कई कार्यक्रम में शामिल हुए थे। हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल में 8 फरवरी को देशमुख से मुलाकात की थी और 15 फरवरी को गृहमंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित किया था। इतना ही नहीं देशमुख ने क्वारंटीन के दौरान भी लोगों के बीच थे। इसे लेकर सोशल मीडिया पर शरद पवार की किरकिरी हो रही है।

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