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तमिलनाडु में सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल की देश-द्रोही हरकत पर बवाल…मैं ईसाई हूं, इसलिए तिरंगे को नहीं दूंगी सलामी…??

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प्रधानमंत्री पीएम मोदी के आह्वान पर एक ओर पूरा देश तिरंगे के रंग में रंगा था। काश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक, पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक तिरंगे के रंग में सराबोर देश में राष्ट्रभक्ति की अलौकिक भावना दिखी। हर घर तिरंगा अभियान के तहत देश के कोने-कोने में पूरी आन, बान और शान से तिरंगे को लहराता देखना सचमुच कितना अद्भुत था। दूसरी ओर राष्ट्र-विरोधी तत्व अपनी करतूत और कलुषित मानसिकता से बाज नहीं आए। तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले में एक सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने और ध्वज को सैल्यूट करने से यह कहकर इनकार कर दिया कि वो एक ईसाई है और तिरंगे को सलामी नहीं देगी। हैरानी की बात है कि देश भर में कितने ही मिशनरी स्कूल हैं, जहां कि प्रिंसिपल और फादर ईसाई हैं, लेकिन वो ऐसे मौकों पर झण्डारोहण और तिरंगे को सलामी देते हैं, लेकिन तमिलनाडु की प्रिंसिपल अपनी ही मनमानी पर उतारू है।

देश में हर घर तिरंगा को लेकर जबर्दस्त जोश, उधर तमिलनाडु के स्कूल में अपमान
देश में तिरंगे को विविधता में एकता का प्रतीक माना जाता है। तिरंगे के प्रति अतुलित सम्मान के दृश्य भारतीयों के उत्साह और उमंग को दिखाने वाले होते हैं। आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान हर घर तिरंगा में करोड़ों भारतीयों में तिरंगे के प्रति वैसा ही उत्साह नजर आया। लेकिन तमिलनाडु में एक सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल ने यह कहकर तिरंगे को सैल्यूट करने से इनकार दिया कि वह ईसाई हैं और धार्मिक मान्यता के अनुसार, झंडे को सलाम करने की अनुमति नहीं है। इस तरह की टिप्पणी पर बवाल होना ही था। इस मामले ने तूल पकड़ लिया है और मुख्य शिक्षा अधिकारी ने जांच शुरू कर दी है।

प्रिंसिपल ने तिरंगे को सलामी देने से मना किया तो सहायक प्रधानाध्यापक ने फहराया राष्ट्रीय ध्वज
दरअसल, धर्मपुरी जिले के सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल तमिलसेल्वी इसी साल रिटायर हो रही हैं। जानकारी के अनुसार, उन्हें सम्मानित करने के लिए 15 अगस्त के मौके पर खास कार्यक्रम की व्यवस्था की गई थी। इसके बावजूद जब झंडारोहण का मौका आया तो प्रिंसिपल ने देश-द्रोही रवैया अख्तियार करते हुए साफ मना कर दिया कि वो न तो राष्ट्रीय ध्वज फहराएगी और न ही तिरंगे को सलामी देगी। इसके बाद सहायक प्रधानाध्यापक द्वारा तिरंगा फहराया गया। प्रिंसिपल ने तर्क दिया कि उनकी धार्मिक मान्यता उन्हें ऐसा करने की इजाजत नहीं देती है।

आजादी के अमृत महोत्सव पर तिरंगे के अपमान की मुख्य शिक्षा अधिकारी से लिखित शिकायत
सूत्र बताते हैं कि इससे पहले भी तमिलसेल्वी ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने और तिरंगे को सलामी देने से इनकार कर दिया था। लेकिन इस बार जब देश भर में तिरंगे को लेकर देशभक्ति की भावना बह रही थी, तो प्रिंसिपल के इनकार के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। हिंदू संगठन और अभिभावकों ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया और इसकी प्रशासनिक शिक्षा अधिकारी से शिकायत की। इसके बाद धर्मपुरी के मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) को इसकी लिखित शिकायत भी सौंपी गई। इसमें साफ कहा गया कि कि सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झंडा फहराने से इनकार किया है।

प्रिंसिपल स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर बीमारी का बहाना कर लेती थी छुट्टी
इस शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्रिंसिपल पहले भी ऐसा कर चुकी हैं। उसने पूर्ववर्ती स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान जान बूझकर छुट्टी ली थी। इतना ही नहीं पिछले कई वर्षों से वह बीमारी का बहाना बताकर स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस कार्यक्रम के लिए स्कूल नहीं पहुंचती थी। लिखित शिकायत की जांच शुरू होने के बाद तमिलसेल्वी ने एक रिकॉर्ड वीडियो में तर्क दिया है कि वह ईसाई धर्म की है। वो कहती है, “हम केवल भगवान को सलाम करते हैं और किसी को नहीं। हम ध्वज का सम्मान करते हैं, लेकिन हम केवल भगवान को सलाम करेंगे। इसलिए, मैंने सहायक प्रधानाध्यापक को झंडा फहराने के लिए कहा था।”

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