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कश्मीर को अस्थिर करने की नापाक हरकतें अब भी जारी, दिल्ली से हवाला एजेंट गिरफ्तार, कश्मीर के आतंकियों के लिए जुटाता था फंड

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जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद बीते तीन साल में जम्मू-कश्मीर की तस्वीर लगातार बदल रही है। सालों से अटके काम अब तेजी से पूरे हो रहे हैं। राज्य में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिला है। बुनियादी ढांचे के विकास, कनेक्टिविटी में सुधार और बेहतर कानून व्यवस्था के कारण केंद्र शासित प्रदेश में पर्यटकों की तादाद में लगातार वृद्धि हो रही है। इससे वहां के स्थानीय निवासियों में भी खुशहाली आ रही है। लेकिन घाटी के शांत माहौल को दोबारा खराब करने के लिए बॉर्डर पार से साजिश रची जा रही है। कश्मीर में अस्थिरता फैलाने के लिए चीन भी कम जिम्मेदार नहीं है। अंतरराष्ट्रीय मंच से लेकर भारत की सीमाओं तक पाकिस्तान के नापाक प्लान में वह सीधा भागीदार बन गया है। जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा से जुड़े आला अधिकारियों का कहना है कि चीन की पाकिस्तान की एजेंसियों के साथ मिलीभगत के कई प्रमाण घाटी में लगातार मिल रहे हैं। चीन परदे के पीछे से लगातार आतंकी संगठनों का मनोबल घाटी में बढ़ा रहा है। सबसे दुखद बात यह है कि चीन और पाकिस्तान की इस साजिश में देश के भीतर मौजूद कुछ उपद्रवी तत्व भी शामिल हो रहे हैं और देश को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। अब इसी कड़ी में दिल्ली पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम ने पुरानी दिल्ली के तुर्कमान गेट इलाके से आतंकियों को हवाला के जरिये फंड मुहैया कराने वाले हवाला कारोबारी को गिरफ्तार किया है। आरोपी मोहम्मद यासीन तुर्कमान गेट इलाके का रहने वाला है।

लश्कर ए तैयबा के लिए धन जुटाता था मोहम्मद यासीन

मोहम्मद यासीन मुख्य रूप से कुख्यात आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा और अल बद्र के लिए विदेशों से आए धन को जुटाता था और फिर उसे कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इसे हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से 24 लाख रुपये मिले थे। इसमें से इसने 17 लाख रुपये अलग-अलग कोरियर माध्यमों से कश्मीर पहुंचाए थे। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इसके पास से सात लाख रुपये भी बरामद किए हैं।

जम्मू में अब्दुल हामिद मीर के पास 10 लाख रुपये मिले

स्पेशल सेल के विशेष आयुक्त हरगोविंद सिंह धालीवाल के मुताबिक 17 अगस्त को जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा जम्मू बस स्टैंड के पास से अब्दुल हामिद मीर नाम के एक आतंकी गिरफ्तार किया गया था। उसके पास 10 लाख रुपये मिले। इससे पूछताछ से पता चला कि उक्त रकम उसे दिल्ली के मोहम्मद यासीन के जरिये मिले।

दिल्ली में यासीन के पास से 7 लाख रुपये मिले

जम्मू से मिली सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने छापेमारी कर यासीन को दिल्ली में उसके घर के पास से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से सात लाख रुपये और एक मोबाइल फोन बरामद किया गया। पूछताछ में पता चला कि यासीन मीना बाजार में कपड़ों का काम करता है और हवाला के लेन देन में भी शामिल है। विदेशों से धन प्राप्त कर एकत्र करने के बाद उसे जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भेजता था।

बड़े हवाला रैकेट की कड़ी है यासीन

पूछताछ के दौरान पता चला है कि मोहम्मद यासीन एक गार्मेंट व्यापारी है। वो मीना बाजार से अपना काम करता था। लेकिन गार्मेंट वाला काम दुनिया को दिखाने के लिए था, असल में विदेशों से आ रहे पैसों को जम्मू-कश्मीर भेजने का काम कर रहा था। एक बड़ा हवाला रैकेट चल रहा था जिसकी एक कड़ी खुद वो था। पूछताछ में मोहम्मद ने बताया है कि ये पैसा दक्षिण अफ्रीका से भारत के सूरत और मुंबई आता था। फिर वहां दिल्ली उसके पास और फिर आखिर में जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के पास जाता था।

हाल में हवाला के जरिये यासीन को मिले 24 लाख रुपये

हाल के दिनों में मोहम्मद यासीन को हवाला के जरिए 24 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे। उसमें से 17 लाख रुपये तो जम्मू-कश्मीर भेज भी दिए गए। दो अलग-अलग कोरियर के जरिए उस पैसे को घाटी भेजा गया।इससे पहले अब्दुल हामिद नाम के आतंकी को भी 10 लाख रुपये भेजे गए थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अब्दुल को गिरफ्तार कर लिया है।

चीनी ड्रोन और तकनीक का इस्तेमाल

कश्मीर में अस्थिरता फैलाने के लिए पाकिस्तान की नापाक साजिश से तो सभी परिचित हैं लेकिन अब कई सबूतों से यह साफ हो गया है कि पाकिस्तानी आतंकियो को चीनी मदद मिल रही है। यानी भारत को अस्थिर करने में चीन कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। पाकिस्तान सीमा से आए ड्रोन, मुठभेड़ में मारे गए आतंकियो के पास से चीनी हथियार, सुरंग में चीनी तकनीक का इस्तेमाल आदि तथ्य साफ चीनी मिलीभगत की ओर इशारा करते हैं। चीन की ओर से हथियार, ड्रोन आईएसआई को दिए जाने के पुख्ता इनपुट एजेंसियों को मिले हैं।

पाकिस्तान को तुर्की से भी मदद

पाकिस्तान को तुर्की से भी अत्याधुनिक ड्रोन और हथियार मिल रहे हैं। ये ड्रोन रात और दिन हर वक्त कार्रवाई में सक्षम हैं। अब पाकिस्तान इन ड्रोन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ कर रहा है।

म्यांमार सीमा से भी चीन का दखल

एजेंसियों को मिले इनपुट के मुताबिक, पाकिस्तान सीमा के अलावा म्यांमार सीमा पर भी हथियारबंद उग्रवादी गुटों को चीनी सेना मदद कर रही है। म्यांमार सीमा पर हथियारों की आपूर्ति करके और उग्रवादियों को ठिकाने प्रदान करके चीनी सेना द्वारा मदद की जा रही है।

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