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आतंकवाद पर पीएम मोदी का प्रचंड प्रहार, अखिलेश की आतंकियों से हमदर्दी, सपा सरकार ने वापस लिए आतंकी हमले से जुड़े 19 केस

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अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट मामले में स्पेशल कोर्ट का फैसला आने बाद पूरे देश में एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर बहस शुरू हो गई कि किस सरकार ने अब तक आतंकवाद पर गहरी चोट की है और किसने आतंकियों से हमदर्दी दिखाई है। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस संकल्प की चर्चा हो रही है, जिसमें उन्होंने खून से सनी मिट्टी हाथ में लेकर अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट के आरोपियों को पाताल से भी खोजकर सजा दिलाने की कसम खाई थी। वो कसम शुक्रवार (18 फरवरी, 2022) को पूरी हो गई, जब स्पेशल कोर्ट ने अबतक के इतिहास में सबसे बड़ी सजा सुनाते हुए 49 दोषियों में से 38 को फांसी और 11 को उम्रकैद की सजा सुनाई। यह फैसला गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और देश के मौजूदा प्रधानमंत्री मोदी की दृढ़ इच्छा शक्ति की वजह से 14 साल बाद संभव हो पाया।

26 जुलाई, 2008 को हुए ब्लास्ट के दिन अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना मुख्यमंत्री मोदी घटना स्थल पर पहुंचे और पुलिस के अधिकारियों को सख्त एक्शन लेने का निर्देश दिया। उन्होंने जांच एजेंसियों को ना सिर्फ फ्री हैंड दिया, बल्कि जरूरी संसाधन भी दिलाए। गुजरात पुलिस की सक्रिय भूमिका ने बाद में पूरे देश में सिमी और इंडियान मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के नेटवर्क को खत्म करने में मदद की। आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में प्रधानमंत्री मोदी ने सेनापति की भूमिका निभाई है। उन्होंने देश की कमान संभालते ही जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाकर आतंकवाद और आतंकियों को प्रश्रय देने वालों पर प्रचंड प्रहार किया। इसका नतीजा है कि 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद से आतंकी हमले में तेजी से कमी आई है।

पीएम मोदी की आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति

  • 2016 में उरी हमला का बदला पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक कर लिया।
  • पुलवामा हमले का बदाला 2019 में पाकिस्तान पर एय़र स्ट्राइक कर लिया।
  • गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन विधेयक, 2019 पारित किया।
  • आतंकवादियों के खिलाफ तीव्र कार्रवाई करने के लिए सेना को खुली छूट दी।
  • पाकिस्तान को अलग-थलग करने का जिम्मा स्वयं पीएम मोदी ने उठाया।
  • हर देश की यात्रा और वैश्विक संगठन की बैठकों में आतंकवाद का मुद्दा उठाया।
  • अमेरिका ने पाक को आतंकवादियों की शरणस्थली वाले देशों की सूची में डाला।
  • फाइनेंशियर एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला।

अखिलेश राज में आतंकियों का ‘हॉटस्पॉट’ था उत्तर प्रदेश

आतंकवाद के खिलाफ कांग्रेस, समाजवादी पार्टी समेत दूसरी विपक्षी पार्टियों की नीतियां देश हित में नहीं रही हैं। इन लोगों ने जहां सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के सबूत मांगे, वहीं अखिलेश सरकार ने आतंकियों से हमदर्दी जताते हुए 19 मामलों में केस वापस लिया था। यूपी में सपा की सरकार के दौरान 2006 में काशी और 2007 में गोरखपुर में आतंकी हमले हुए। 2007 में ही लखनऊ और अयोध्या में बम धमाके हुए। जहां गुजरात सरकार आतंकियों के खिलाफ लड़ रही थी, वहीं बीएसपी और एसपी की सरकार में उत्तर प्रदेश आतंकियों का ‘हॉटस्पॉट’ बना हुआ था। इंडियन मुजाहिदीन,सिमी और आईएसआई की आतंकी गतिविधियां चरम पर थीं। अहमदाबाद सीरियल बम ब्‍लास्‍ट केस में कोर्ट ने जिन 49 दोषियों को सजा सुनाई, उनमें 8 यूपी के हैं। इनमें से फांसी की सजा पाये 6 अखिलेश यादव के लोकसभा क्षेत्र आजमगढ़ के सरायमीर के रहने वाले हैं। फांसी की सजा पाये एक आतंकवादी मोहम्मद सैफ के परिवार का संबंध समाजवादी पार्टी से है।

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