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अपने जन्मदिन पर श्योपुर पहुंचकर पीएम मोदी रचेंगे इतिहास, आजादी के बाद पहली बार किसी प्रधानमंत्री के आने को लेकर स्थानीय लोगों में खासा उत्साह

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने 72वें जन्मदिन को खास और यादगार बनाने के लिए इस बार मध्यप्रदेश के श्योपुर जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा ऐतिहासिक होगा, क्योंकि आजादी के बाद श्योपुर आने वाले वह पहले प्रधानमंत्री होंगे। श्योपुर के लोग प्रधानमंत्री मोदी के पहली बार जिले के दौरे पर आने और कूनो नेशनल पार्क में चीतों के स्वागत को लेकर काफी उत्साहित हैं। मध्यप्रदेश सरकार प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर उन्हें चीतों की सौगात देने वाली है। 

श्योपुर के लोग बेसब्री से प्रधानमंत्री मोदी के आने का इंतजार कर रहे हैं। लोगों को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री के आने के बाद जिले की तस्वीर बदलेगी।श्योपुर के स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पूरे जिले के लिए गर्व का क्षण है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री मोदी पहली बार यहां आ रहे हैं और अपने साथ ऐसी सौगात ला रहे हैं, जिससे पूरे जिले की पहचान विश्व पटल पर स्थापित होगी। 

कूनो नेशनल पार्क से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित टिकटोली गांव की 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला राम बटोही कहती हैं कि उन्होंने अपनी आंखों से अब तक देश के किसी प्रधानमंत्री को नहीं देखा है। पहली बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी यहां आ रहे हैं, तो उम्मीद है कि उन्हें देख पाऊंगी। इससे राम बटोही काफी खुश नजर आ रही हैं। 

वर्तमान में श्योपुर में कोई भी बड़ा उद्योग और रोजगार के साधन नहीं हैं, जिसके चलते लोग रोजगार के लिए दूसरे राज्य और अन्य जिलों में भटकते रहते हैं। वहीं, युवाओं के लिए रोजगार के साधन भी उपलब्ध नहीं हैं। जिसके चलते जिला अन्य जिलों से पिछड़ा है। यही कारण है कि यह जिला मध्यप्रदेश के पिछड़े जिलों में शामिल है। 

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी अपने जन्मदिन पर श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में चीतों के प्रोजेक्ट का शुभारंभ करेंगे और करीब तीन चीते बाड़े में छोड़ेंगे। प्रदेश में अफ्रीका से आठ चीते लाए गए हैं, जो कि फ्लाइट से राजस्थान के बाद सीधे मध्यप्रदेश पहुंचे। कार्यक्रम को लेकर कूनो अभ्यारण्य में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं। 

कूनो-पालपुर नेशनल पार्क 748 वर्ग किलोमीटर में फैला है। यह छह हजार 800 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले खुले वन क्षेत्र का हिस्सा है। चीतों को लाने के बाद उन्हें सॉफ्ट रिलीज में रखा जाएगा। दो से तीन महीने बाड़े में रहेंगे। ताकि वे यहां के वातावरण में ढल जाए। इससे उनकी बेहतर निगरानी भी हो सकेगी। चार से पांच वर्ग किमी के बाड़े को चारों तरफ से फेंसिंग से कवर किया गया है। चीता का सिर छोटा, शरीर पतला और टांगे लंबी होती हैं। यह उसे दौड़ने में रफ्तार पकड़ने में मददगार होती है। चीता 120 किमी की रफ्तार से दौड़ सकता है।

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