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पीएम मोदी अपने सारे मेडिकल बिल खुद भरते हैं, पीएम के स्वास्थ्य पर 2014 से सरकार का एक पैसा खर्च नहीं हुआ, RTI से मिली जानकारी

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दुनिया के सबसे प्रसिद्ध नेताओं में शुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुरू से ही वीआईपी कल्चर के विरोधी रहे हैं। प्रधानमंत्री सिर्फ वीआईपी कल्चर को खत्म करने की बात ही नहीं करते हैं, बल्कि पालन भी करते हैं। पीएम मोदी की सादगी की मिसाल अक्सर देखने को मिलती रही है। यह बात पहले सामने आ चुकी है कि वे अपने भोजन और कपड़े पर खुद खर्च करते हैं और इस सरकार का एक पैसा भी खर्च नहीं होता है। अब RTI के जरिये एक नई जानकारी सामने आई है कि पीएम मोदी अपनी स्वास्थ्य सेवाओं का खर्च खुद उठाते हैं। उनके मेडिकल बिल का भुगतान सरकारी खजाने से नहीं किया जाता है। प्रधानमंत्री के रूप में यह देश के लोगों के लिए एक बड़ी मिसाल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी विनम्रता से सभी को कायल बना लेते हैं। चाहे देवी-देवताओं के सामने दंडवत देना हो या किसी जनसभा में जनता का अभिभावदन, उनका अंदाज ही निराला है। पीएम मोदी की इसी सादगी और विजन की वजह से आज उन्हें लाखों लोग फॉलो करते हैं। उनकी एक अपील पर देश के लोग तिरंगा थाम लेते हैं, दीप जलाते हैं और थाली बजाते हैं।

पीएम मोदी के स्वास्थ्य पर सरकार का एक पैसा खर्च नहीं

महाराष्ट्र के पुणे के निवासी प्रफुल्ल सारदा ने RTI के जरिए प्रधानमंत्री कार्यालय से पूछा कि साल 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उनके मेडिकल पर कितना खर्च हुआ है। RTI के जवाब से खुलासा हुआ कि पीएम के स्वास्थ्य की देखभाल पर एक रुपए का भी खर्च नहीं हुआ है। RTI के जवाब में PMO ने कहा कि उसके द्वारा प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य पर खर्च को लेकर मेनटेन किए जाने वाले डिटेल के अनुसार कोई खर्च नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री कार्यालय के सचिव बिनोद बिहारी सिंह ने RTI का जवाब देते हुए कहा कि सरकारी बजट का एक रुपया भी पीएम के व्यक्तिगत चिकित्सा उपचार के भुगतान में उपयोग नहीं किया जाता है। पीएमओ ने साफ कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के स्वास्थ्य पर देश और विदेश में 2014 से अब तक कोई व्यय नहीं किया गया है।”

पीएम मोदी की सादगी से शासन में हमारा विश्वास बढ़ाः प्रफुल्ल सारदा

आरटीआई कार्यकर्ता प्रफुल्ल ने कहा कि करदाताओं के पैसे का इस्तेमाल PMO के किसी भी निजी काम के लिए नहीं किया जा रहा है। इससे शासन में हमारा विश्वास बढ़ा है। सांसदों और विधायकों को भी अपने निजी चिकित्सा खर्च को वहन करके उसी रास्ते का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जी ने फिट इंडिया अभियान के माध्यम से न केवल एक मजबूत संदेश दिया, बल्कि वे खुद एक उदाहरण पेश कर 135 करोड़ भारतीयों को फिट रहने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी के भोजन पर नहीं होता सरकारी खर्च

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपना जीवन बड़ी सादगी से जीते हैं। आम तौर पर प्रधानमंत्री पद पर आसीन व्यक्ति का सारा खर्च केंद्र सरकार ही वहन करती है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी इस मामले में अलग सोच रखते हैं। उनका मानना है कि सक्षम व्यक्ति न केवल अपना खर्च खुद वहन करें, बल्कि जरूरतमंदों की मदद के लिए भी आगे आएं। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी अपने भोजन और कपड़ा के लिए भारत सरकार के पैसे का इस्तेमाल नहीं करते हैं। वो अपने भोजन का खर्च खुद उठाते हैं। दरअसल हाल ही में एक आरटीआई में प्रधानमंत्री मोदी के ऊपर होने वाले भोजन के खर्च को लेकर सवाल पूछा गया था। इस बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय के केंद्रीय सूचना अधिकारी ने विस्तार से जवाब दिया है। आरटीआई के जवाब में अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी अपने खाने का खर्च खुद उठाते हैं। उनके खाने पर सरकार का कोई खर्च नहीं होता है। यहां तक कि देश या विदेश में यात्रा के दौरान भी विमान में घर का बना खाना पैक कराकर ले जाते हैं और खाते हैं। इसमें अधिकतर खिचड़ी होती है।

कपड़ों के खर्च का भुगतान स्वयं करते हैं पीएम मोदी

एक आरटीआई प्रधानमंत्री मोदी के कपड़ों पर होने वाले खर्च को लेकर भी लगाई गई थी, तब पीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री अपने कपड़ों के खर्च का भुगतान स्वयं करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के निजी कपड़ों पर होनेवाला खर्च प्रधानमंत्री अपनी सैलरी से ही उठाते हैं। इसके लिए सरकारी कार्यालय की तरफ से कोई रकम खर्च नहीं की जाती है। सूचना के अधिकार के तहत इस जवाब के बाद आरटीआई कार्यकर्ता रोहित सभरवाल ने कहा था, ‘बहुत से लोगों को अब तक ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी के कपड़ों पर सरकारी खजाने से बड़ी रकम खर्च की गई है। आरटीआई से मिली जानकारी से लोगों का यह भ्रम दूर होगा।’

संसद भवन की कैंटीन में पीएम ने खुद किया भुगतान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2 मार्च, 2015 को बजट सत्र के दौरान संसद भवन की कैंटीन में पहुंचकर सभी को चौंका दिया था। यह पहली बार था जब किसी प्रधानमंत्री ने कैंटीन में भोजन किया था। यह उनकी सादगी ही थी कि उन्होंने पानी भी आरओ का ही लिया। पीएम ने शाकाहारी भोजन थाली का खुद ही 29 रुपये का भुगतान किया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सादगी और विनम्रता से भरी कुछ घटनाएं-

पीएम मोदी की सादगी की दुनिया दीवानी, रूस में सोफे की जगह कुर्सी पर बैठना पसंद किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सादगी की दुनिया कायल हो गई। वर्ष 2019 में रूस की यात्रा के दौरान व्लादिवोस्तोक में एक फोटो सेशन के लिए विशेष रूप से रखे गए एक सोफे पर बैठने से पीएम मोदी ने मना कर दिया। उन्होंने इसके बजाय दूसरों के साथ एक कुर्सी पर बैठने का विकल्प चुना। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किए है, जिसमें दिख रहा है कि पीएम मोदी का फोटो सत्र में अधिकारी स्वागत कर रहे हैं। प्रधानमंत्री को सोफे की बजाय कुर्सी का चयन करते हुए देखा गया। इसके बाद अधिकारियों ने आरामदायक सोफे की जगह एक साधारण कुर्सी रख दी और मोदी ने उस पर बैठकर तस्वीर खिंचवाई। पीयूष गोयल ने वीडियो के साथ ट्वीट किया- पीएम नरेंद्र मोदी की सादगी को आज देखा गया। उन्हें अपने लिए किए गए विशेष इंतजाम को हटवाकर रूस में अन्य लोगों के साथ कुर्सी में बैठने के विकल्प को चुना।

हाथ में छाता लिए जब संसद पहुंचे पीएम मोदी, तस्वीर देख बोले लोग- आप हो सादगी की मिसाल

पिछले साल 19 जुलाई 2021 को मॉनसून सत्र के लिए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे उस वक्त बारिश हो रही थी। संसद परिसर में खुद हाथ में छाता लिए हुए पीएम मोदी मीडिया के सामने आए। इस तस्वीर पर भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सादा जीवन उच्च विचार के सिद्धांत को चरितार्थ करते देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। सोशल मीडिया पर वरुण रस्तोगी नाम के एक यूजर ने लिखा कि दिल जीत लिया मोदी जी। एक अन्य यूजर पूनम वर्मा ने लिखा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने छाता अपने हाथों से पकड़ कर रखा है और मीडिया से रूबरू हो रहे हैं। इसीलिए तो हम कहते हैं कि हर कोई नरेंद्र मोदी नहीं बन सकता। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री का बारिश के दौरान स्वयं छाता पकड़कर खड़े होना सरल व्यक्तित्व को प्रदर्शित करता है।

राजस्थान की जनता के सामने दंडवत हो गए प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 सितंबर 2022 को आबूरोड में राजस्थान की जनता को दंडवत होकर नमन किया। पीएम मोदी शुक्रवार देर रात आबूरोड आए। प्रदेश की जनता का प्यार देखकर पीएम मोदी ने कहा कि मैं इस प्यार को सूद समेत वापस लौटाऊंगारात के 10 बजने की वजह से पीएम मोदी ने लाउडस्पीकर पर लोगों को संबोधित नहीं किया। जनसभा में शामिल जनता को उन्होंने घुटनों के बल बैठकर तीन बार नमन किया। पीएम मोदी के इस अभिवादन से जनता भावविभोर हो उठी। पीएम मोदी के जनसभा में पहुंचने पर पंडाल मोदी मोदी के नारों से गूंज उठा।

एंबुलेंस को रास्ता देने के लिए पीएम मोदी ने रोका काफिला

गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 सितंबर 2022 को एक एंबुलेंस को रास्ता देने के लिए अपना काफिला रोक दिया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। अहमदाबाद की सभा खत्म करके वापस लौटते वक्त अहमदाबाद से गांधीनगर के रास्ते में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना काफिला एक एंबुलेंस को रास्ता देने के लिए रोक दिया। एंबुलेंस के गुजर जाने के बाद ही काफिला आगे बढ़ा।

नॉर्मल ट्रैफिक से गुजर कर एयरपोर्ट पहुंचे पीएम

प्रधानमंत्री मोदी ने 2018 में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की आगवानी के लिए भी वीवीआईपी कल्चर को दरकिनार कर सामान्य ट्रैफिक में लोककल्याण मार्ग से लेकर दिल्ली एयरपोर्ट कर का सफर तय किया था। प्रधानमंत्री आवास लोक कल्याण मार्ग से लेकर एयरपोर्ट तक पीएम का काफिला आम लोगों की गाड़ियों के बीच से ही गुजरता रहा। कहीं भी पीएम मोदी के लिए सामान्य ट्रैफिक को नहीं रोका गया और न ही कोई बदलाव किया गया।

पीएम मोदी काफिले को छोड़ पैदल वोट डालने पहुंचे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (5 दिसंबर 2022) को गुजरात के अहमदाबाद में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में अपना वोट डाला। उन्होंने अहमदाबाद के रानिप स्थित निशान पब्लिक स्कूल में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इससे पहले वह गांधीनगर राजभवन से वोट डालने के लिए निकले। पीएम मोदी ने वोट डालने से पहले स्कूल जाते समय रास्ते में लोगों का अभिवादन भी किया। पीएम मोदी के आगमन को लेकर बड़ी तादाद में लोग अपने प्रिय नेता की एक झलक पाने के लिए सड़क के दोनों ओर खड़े थे। यह देखकर पीएम मोदी ने अपने काफिले को बीच रास्ते में ही रोक दिया और पैदल मतदान स्थल के लिए निकल पड़े और सभी लोगों का अभिवादन किया। पीएम मोदी ने VVIP Culture के खिलाफ बड़ा संदेश देते हुए पोलिंग बूथ पर कतार में आम लोगों के साथ खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार किया और फिर वोट डाला। मतदान के बाद भी वह कार में बैठने के बजाय पैदल ही निकल पड़े और लोगों का अभिवादन किया। मतदान के बाद पीएम मोदी अपने भाई के घर तक पैदल पहुंचे और उनसे मुलाकात की। वहीं बड़ी तादाद में खड़े मीडियाकर्मियों को भी उन्होंने निराश नहीं किया। मीडिया से उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का पर्व गुजरात, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के लोगों द्वारा बड़ी धूमधाम से मनाया गया है। मैं देश की जनता का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने के लिए मैं चुनाव आयोग को भी बधाई देना चाहता हूं।

स्वामी शिवानंद ने दंडवत प्रणाम किया तो सम्मान में PM मोदी भी हुए नतमस्तक

वाराणसी के 126 साल के स्वामी शिवानंद 21 मार्च 2022 को पद्मश्री अवॉर्ड लेने पहुंचे। लेकिन, माहौल उस वक्त भावुक हो गया जब शिवानंद अवॉर्ड लेने से पहले पीएम मोदी को नमस्कार करने घुटनों के बल बैठ गए। शिवानंद के ये भाव देखकर पीएम मोदी भी अपनी कुर्सी से उठकर शिवानंद के सम्मान में झुक गए। स्वामी शिवानंद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सामने भी घुटनों पर बैठ गए। लेकिन राष्ट्रपति कोविंद ने उन्हें झुककर उठाया। स्वामी शिवानंद को भारतीय जीवन पद्धति और योग के के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए पद्मश्री सम्मान दिया गया है। राष्ट्रपति भवन में 126 साल के स्वामी ने अपनी फिटनेस से सबको चौंका दिया। 1925 में उनके गुरु ने उन्हें विश्व भ्रमण का निर्देश दिया। 29 साल के शिवा लंदन गए और लगातार 34 साल तक भ्रमण ही करते रहे। अमेरिका, यूरोप, आस्ट्रेलिया, रूस आदि देशों की यात्रा से लौटकर जब वह स्वदेश आए तो भारत तब तक अपना 9वां गणतंत्र दिवस मना रहा था। बाबा आज भी ब्रह्मचर्य के नियम का पालन करते हैं। उबला भोजन और सब्जी ही खाते हैं।

पीएम मोदी ने उन्नाव में मंच पर छुए जिलाध्यक्ष के पैर

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में प्रधानमंत्री मोदी ने 20 फरवरी 2022 को जनसभा की। इस दौरान एक ऐसा वाकया हुआ जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने चंदनखेड़ा में हुई जनसभा में मंच पर मौजूद जिलाध्यक्ष के पैर छू लिए। दरअसल उन्नाव के चंदनखेड़ा में जनसभा के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और जिलाध्यक्ष अवधेश कटियार ने प्रधानमंत्री को राम दरबार का स्मृति चिह्न भेंट किया। इसी दौरान जिलाध्यक्ष ने प्रधानमंत्री के पैर छू लिए, इस पर प्रधानमंत्री ने उन्हें ऐसा करने से मना किया। उन्होंने कहा कि वह संगठन के प्रत्येक पदाधिकारी और कार्यकर्ता का आदर करते हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री झुके और जिलाध्यक्ष के पैर छू लिए। जिलाध्यक्ष ने बताया कि प्रधानमंत्री ने पैर छूने से मना किया और फिर खुद झुककर अभिवादन किया।

‘एवरी पर्सन इज इंपौर्टेंट’ की सोच

दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कहना है कि भारत का हर नागरिक वीआईपी है, इसीलिए कुछ गिने-चुने लोगों को खास सुविधाएं भोगने का अधिकार नहीं है। उन्होंने 30 अप्रैल, 2017 को मन की बात में प्रधानमंत्री ने एक नए शब्द ‘EPI’ का सृजन कर साफ कर दिया कि न्यू इंडिया में वीआईपी कल्चर की कोई जगह नहीं होगी। यहां ‘EVERY PERSON IS IMPOROTANT’ है। दरअसल वे चाहते हैं कि देश का हर नागरिक स्वयं को सिस्टम से जुड़ा हुआ अनुभव करे।

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