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पीएम मोदी ने बिहार के गांव से लॉन्च किया ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’, प्रवासी मजदूरों को मिलेगा काम, नीतीश कुमार ने की तारीफ

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कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान अपने राज्य लौटे लाखों प्रवासी मजदूरों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बड़ी राहत दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने 50 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली गरीब कल्याण रोजगार अभियान का शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेन्स के जरिए शुभारंभ किया। इस दौरान पांच राज्यों- बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा के मुख्यमंत्री मौजूद रहे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी मौजूद रहे।

प्रधानमंत्री मोदी ने बाहर से लौटे लोगों से की बात
योजना की शुरुआत के लिए बिहार के खगड़िया जिला का चयन किया गया था। वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए योजना की शुरुआत के दौरान खगड़िया जिला के डीएम आलोक रंजन घोष ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। बेलदौर प्रखंड के तेलिहर गांव के मुखिया अजय ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जो अच्छी व्यवस्था की गई, उसके लिए मैं प्रधानमंत्री का धन्यवाद करता हूं। प्रधानमंत्री मोदी के पूछने पर मुखिया ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान करीब 475 लोग तेलिहर गांव लौटे, जिनके लिए सारी व्यवस्थाएं की गई। इसके लिए प्रधानमंत्री ने मुखिया को धन्यवाद किया।
 
सीता नाम की एक महिला से प्रधानमंत्री मोदी ने पूछा कि कहां तक शिक्षा हुई। इस पर सीता ने बताया कि वह इंटर तक शिक्षा ली हैं। लॉकडाउन के दौरान सीता अपने पति के साथ दिल्ली में थी। काम बंद होने पर पूरा परिवार श्रमिक ट्रेन से गांव लौटी। प्रधानमंत्री ने सीता से पूछा आपकी कोई शिकायत नहीं है मेरे लिए। प्रधानमंत्री मोदी के पूछने पर सीता ने बताया कि वह मधुमक्खी पालन के लिए सोच रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा देश मोम और मधु दोनों बाहर से लाता है। अगर आप यह काम शुरू करती है, तो देश का भला होगा।
 
हरियाणा के गुरुग्राम से बिहार लौटे जर्नादन ने बताया कि वह राज मिस्त्री हैं। पिछले 12 साल से गुरुग्राम में काम करते थे। जर्नादन ने बताया कि ट्रेन में काफी अच्छी सुविधा थी। प्रधानमंत्री मोदी के पूछने पर जर्नादन ने कहा कि अब गांव में ही नली-गली का काम मिल गया है।
 
चंदन नामक शख्स ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि राजस्थान के अजमेर में सात महीने से थे। उसके पहले आसाम में थे। चंदन टावर लगाने का काम करते हैं। चंदन ने बताया कि लॉकडाउन में फ्री में अनाज मिलने से काफी मदद मिली। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि टॉवर लगाने का काम 21वीं सदी के लिए काफी उपयोगी है। आज शुरू की गई इस योजना से आप जैसे कुशल लोगों का काफी भला होगा।
पीएम मोदी ने बिहार रेजीमेंट की तारीफ की
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लद्दाख में हमारे वीरों ने जो बलिदान दिया, आज जब मैं बिहार के लोगों से बातकर रहा हूं तो ये कहना चाहूंगा कि ये पराक्रम बिहार रेजीमेंट का है। हर बिहारी को इसपर गर्व होना चाहिए। जिन लोगों ने बलिदान दिया है उनके प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं। उनके परिजनों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि ये देश आपके साथ है। देश सेना के साथ है।
नीतीश कुमार ने की पीएम मोदी की तारीफ 
इससे पहले योजना के शुभारंभ के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मैं गरीब कल्याण रोजगार अभियान के लिए प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करता हूं। दूसरे राज्यों में काम करने वाले बिहार के लोगों को काफी कष्ट हुआ। हमने करीब 21 लाख लोगों को एक-एक हजार रुपये दिए। केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई ट्रेन सेवा से करीब 20 लाख लोग बिहार लौटे। क्वारंटीन सेंटरों में आए लोगों से बातचीत में पता चला कि ये लोग बाहर नहीं जाना चाहते हैं। तो हमने भी उन्हें घर पर ही रोजगार देने के बारे में सोचा है। केंद्र की योजना राहत देने वाली है। बिहार के 38 में से 32 जिलों का चयन रोजगार कल्याण योजना के लिए चुना गया है। इस योजना की शुरुआत के लिए खगड़िया जिले का चुनाव करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद।
116 जिलों के प्रवासी मोजदूरों को मिलेगा लाभ 
बता दें कि कोरोना संकट काल में बड़े पैमाने पर प्रवासी मजदूरों ने घर वापसी की है। ऐसे में मजदूरों के पास रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। इस हालात के बीच मोदी सरकार ने प्रवासी मजदूरों को उनके गांव और जिले में ही रोजगार देने लिए गरीब कल्याण रोजगार अभियान शुरू करने का फैसला लिया। इस अभियान को देश के छह राज्यों के 116 जिलों में शुरू किया गया है।

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